15 अगस्त पर निबंध हिंदी में | स्‍वतंत्रता दिवस Independence Day Essay in Hindi

75th independence day essay in hindi

इस वर्ष हम सब भारत की आजादी के 76 वर्ष पूरे होने पर आजादी का अमृत महोत्सव मना रहे हैं। इस अवसर पर सरकार के द्वारा हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है जिसमे भारतवासियों को 13 से 15 अगस्त तक अपने अपने घरों में तिरंगा लगाना है। जैसा कि सबको पता है कि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश ब्रिटिश शासन से पूरी तरह आज़ाद हुआ था। तब से इस दिन को हम सभी भारतवासी बहुत ही उत्साह और गौरव के साथ मनाते हैं। आज़ादी मिलने के बाद से हर वर्ष हम इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। 15 अगस्त यानी कि स्वंत्रता दिवस को देश में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में घोषित किया गया है। इस दिन सभी सरकारी कार्यालय जैसे बैंक, पोस्ट ऑफिस, अन्य सभी कार्यालय आदि में अवकाश होता है। इसके साथ ही सभी स्कूल, कॉलेजों और ऑफिसों में तिरंगा फहराया जाता है और कहीं-कहीं इस अवसर पर निबंध आदि प्रतियोगिता आयोजित की जाती है। यह पोस्ट ऐसे ही प्रतियोगियों के लिए है जो भी प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए 15 अगस्त पर निबंध की तलाश कर रहे हैं। स्वतंत्रता दिवस पर आधारित किसी भी निबंध प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए आप यहां से Independence Day Essay in Hindi प्राप्त कर सकते हैं।

15 अगस्त पर निबंध

15 अगस्त 1947 भारत के लिए बहुत भाग्यशाली दिन था। इस दिन अंग्रजों की लगभग 200 वर्ष गुलामी के बाद हमारे देश को आज़ादी प्राप्त हुई थी। भारत को आज़ादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों को अपनी जान गवानी पड़ी थी। स्वतंत्रता सेनानियों के कठिन संघर्ष के बाद भारत अंग्रजों की हुकूमत से आज़ाद हुआ था। तब से ले कर आज तक 15 अगस्त को हम स्वतंत्रता दिवस मानते हैं।

स्वंत्रता दिवस को भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इसके एक दिन पहले भारत के राष्ट्रपति देश के समक्ष संबोधित करते हैं। जिसे रेडियो के साथ कई टीवी चैनेल्स में भी दिखया जाता है। स्वतंत्रता दिवस को हर वर्ष देश के प्रधानमंत्री लाल किला पर तिरंगा फहराते हैं। तिरंगा फहराने के बाद राष्ट्र गान गाया जाता है और 21 बार गोलियां चला कर सलामी भी दी जाती है। इसके साथ ही भारतीय सशस्त्र बल, अर्धसैनिक बल और एनसीसी कैडेड परेड करते हैं। इस दिन लाल किला से टीवी के डी डी नेशनल चैनल और आल इंडिया रेडियो के माध्यम से सीधा प्रसारण किया जाता है। आतंकवाद के खतरे को ध्यान में रखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम भी किये जाते हैं।

केवल देश की राजधानी के साथ देश के अन्य सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी सम्मान के साथ अपने राज्य में तिरंगा फहराते हैं। 15 अगस्त को हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती और उनका सम्मान किया जाता है। इस दिन देशभक्ति के गीत और नारे लगाये जाते हैं। वहीं कुछ लोग पतंग उड़ा कर आजादी का पर्व मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर और अधिक –

  • 15 अगस्त पर कविता, शायरी, मैसेज, कोट्स
  • 15 अगस्त पर भाषण हिन्दी में 
  • 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में
  • 15 अगस्त की इमेज

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 500 शब्दों में

भारत में हर वर्ष 15 अगस्त को स्वत्रंता दिवस मनाया जाता है। प्रत्येक व्यक्ति के लिए स्वतंत्रता का विशेष महत्व होता इसलिए हर भारतीय के लिए यह दिन बहुत महत्व रखता है। 15 अगस्त 1947 को भारत को अंग्रजों की परतंत्रता के बाद स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी। स्वतंत्रता दिवस को हम राष्ट्रीय त्योहार के रूप में मानते हैं।

कई वर्षों के विद्रोहों के बाद ही हमने स्वतंत्रता प्राप्त की और 14 व 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को भारत एक स्वतंत्र देश बन गया। दिल्ली के लाल किले में पंडित जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार भारत के झंडे को फहराया था। उन्होंने मध्यरात्रि के स्ट्रोक पर “ट्रास्ट विस्ट डेस्टिनी” भाषण दिया। पूरे राष्ट्र ने उन्हें अत्यंत खुशी और संतुष्टि के साथ सुना। तब से हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस पर, प्रधानमंत्री पुरानी दिल्ली में लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और जनता को संबोधित करते हैं। इसके साथ ही तिरंगे को 21 तोपों की सलामी भी दी जाती है।

15 अगस्त को ही आज़ादी का दिन क्यों चुना गया इसके पीछे भी एक अपनी कहानी है। 1947 में भारत में लार्ड माउंटबेटन को गवर्नर के पद पर नियुक्त किया गया था। 15 अगस्त उनका सौभाग्यशाली दिन था क्योकि इससे पहले 15 अगस्त को ही द्वितीय विश्व युद्ध में जापान ने ब्रिटेन के समक्ष समर्पण किया था। अतः इसलिए लार्ड माउंटबेटन ने पहले से ही 15 अगस्त को भारत की आज़ादी का दिन निर्धारित कर रखा था।

इस दिन सभी सरकारी दफ्तर, कार्यालयों में तिरंगा फहराया जाता है और राष्ट्रगान “जन-गण-मन” गया जाता है। स्कूल, कालेजो में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती हैं। मंगल पांडे, सुभाषचंद्र चंद्र बोस, भगतसिंह, रामप्रसाद बिस्मिल, रानी लक्ष्मीबाई, महात्मा गांधी, अशफाक उल्ला खां, चन्द्रशेखर आजाद, सुखदेव, राजगुरु आदि कई स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानियों को याद किया जाता है।

कुछ भारतीय पतंग उड़ा कर तो कुछ कबूतर उड़ा कर आज़ादी मानते हैं। प्रतिवर्ष स्वतंत्रता दिवस मनाना भारत के स्वतंत्रता के इतिहास को जिंदा रखता है और आजादी का सही मतलब लोगों को समझाता है।

स्‍वतंत्रता दिवस लेखन हिंदी में

  • स्‍वतंत्रता दिवस भाषण
  • स्‍वतंत्रता दिवस निबंध
  • स्‍वतंत्रता दिवस सन्देश
  • स्‍वतंत्रता दिवस शायरियाँ

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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay On Independence Day in Hindi)

15 अगस्त भारत के इतिहास में एक ऐतिहासिक और बहुत ही महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि इस दिन हमें अंग्रेजो से 200 वर्षो की गुलामी से आजादी मिली थी इसी दिन देश के नागरिकों ने आजाद भारत में सांस ली उनके लिए ते एहसास ऐसा था जैसा मानो उन्होंने साक्षात भगवान के दर्शन कर लिए हैं।

आजाद भारत में 15 अगस्त 1947 ईस्वी को पहली बार भारत का तिरंगा फहराया गया और लोगों को संबोधित करते हुए देश के तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने कहा था कि भारत अब आजाद हो चुका है और हम सब मिलकर एक नया भारत बनाएंगे। साल 2023 में भारत के स्वतंत्रता दिवस की 76वीं वर्षगांठ के शुभ अवसर पर भारत ‘ आजादी का अमृत महोत्सव ‘ माना रहा है। 

independence day essay in hindi

ऐसे में अगर आप स्वंतंत्रता संग्राम पर निबंध लिखना चाहते हैं तो आप सही आर्टिकल पर पहुंच गए हैं क्योंकि हम आज आपको बताएंगे कि हम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम पर निबंध कैसे लिखेंगे अगर आप इसके बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं तो इस आर्टिकल स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2023 (Essay On Independence Day in Hindi) को आखिर तक पढ़े आइए जानते हैं। 

Table of Contents

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 300 शब्द (Essay on 75th Independence Day in 300 words)

15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली जिसके बाद उस दिन पहली बार देश में अंग्रेजों के झंडे को उतारकर भारत में अपना तिरंगा झंडा आकाश में फहराया और सभी लोगों ने इस दिन को काफी हर्षोल्लास के साथ मनाया क्योंकि भारत 200 वर्षों तक अंग्रेजों के चंगुल में रहा और ना जाने हमारे कितने वीर जवानों सपूतों ने अपना बलिदान दिया इसके बाद इस आजादी को हम लोगों ने पाया था। 

अंग्रेजो से आजादी मिलते ही देश के हर एक नागरिक में इस बात को लेकर खुशी थी अब हम आजाद भारत में सांस लेंगे। अब आजादी को 76 वर्ष हो गए है। स्वंतंत्रता दिवस के इस शुभ दिन को हम सभी भारतीय इसे अपने तरीके से मनाते है कुछ लोग अपने दोस्तों और परिवार वालों के साथ कहीं घूमने के लिए जाते हैं।

इसके अलावा लोग अपने घरों में देश भक्ति गाने सुनते हैं और उसके बाद ध्वजारोहण करते हैं इस  दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले से देश को संबोधित करते हैं और साथ में देशवासियों को इस बात का आश्वासन देते हैं कि आने वाले दिनों में भारत किस किस क्षेत्र में क्या-क्या कार्य करने वाला है और देश कैसे और भी मजबूत हो उसके यह देश के नागरिकों को किस प्रकार देश के हित के लिए काम करना होगा उसके बारे में और देश को मंत्र देते हैं। 

ताकि देश का हर नागरिक अपने देश के प्रति उसका क्या कर्तव्य है उसके बारे में जान सके इसके अलावा इस दिन देश के प्रत्येक राज्य के सरकारी और गैरसरकारी संस्थानों, सरकारी ऑफिस में अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिसमें लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और देश को आजाद कराने में अपने जान की आहुति देने वाले वीर सपूतों की गाथा को लोगो की बिच सुनाते है ताकि लोगों को स्वतंत्रता दिवस के महत्व के बारे में और भी ज्यादा जागरूक किया जा सके।

  • गणतंत्र दिवस क्यों मनाया जाता है? और ये 26 जनवरी को ही क्यों मनाते है
  • संविधान दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2 (400 शब्द) (Essay on 15 August in 400 words)

15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ तब देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से देश को संबोधित करते हुए कहा की गुलामी के बाद ये वो समय है जब हम अपना संकल्प निभाएंगे और अपने दुर्भाग्य का अंत करेंगे। इसके बाद से भारत में जितने भी प्रधानमंत्री हुए उन्होंने इस प्रथा का अनुसरण किया और उस दिन देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर भारतीय ध्वज का झंडारोहण करते हैं उसके बाद देश को संबोधित किये। 

इस दिन देश में विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं भारत को आजाद करवाने में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका महात्मा गांधी के द्वारा निभाया गया था। जिन्होंने अपने महत्वपूर्ण हथियार सत्य और अहिंसा के द्वारा ब्रिटिश सरकार को भारत देश से उखाड़ फेंका और भारत को अंग्रेजों के चंगुल से आजाद करवाया। 

जिसके कारण ने महात्मा गांधी को भारत का राष्ट्रपिता कहा जाता है इसके अलावा देश की आजादी के लिए भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, सुभाष चंद्र बोस, खुदीराम बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल जैसे कई वीर सपूतों ने अपना सर्वस्व निछावर कर दिया। 

राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड निकाला जाता है जिसमें भारत के सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया जाता है।

ताकि देश के प्रत्येक नागरिक को मालूम चल सके कि देश हमारा सैन्य शक्ति की दृष्टिकोण से कितना मजबूत है और देश के दुश्मन भी जान सके कि भारत पर बुरी नजर रखने वाले देश का भारत क्या हाल कर सकता है। 

इसके अलावा इस दिन विभिन्न राज्य के द्वारा झांकियां भी प्रस्तुत की जाती हैं और जिस राज्य का झांकी सबसे अच्छा होता है उसे सरकार की तरफ से उस राज्य को पुरस्कृत भी किया जाता है। इसके अलावा इस दिन देश के छोटे-छोटे बच्चे सांस्कृतिक कार्यक्रम में भाग लेकर राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाते हैं। 

भारत के राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी के तौर पर होते हैं कुछ लोग सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते रहते हैं। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित होकर कुछ लोग 15 अगस्त के दिन देशभक्ति से संबंधित फिल्में देखते हैं साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेकर लोगो को स्वतंत्रता दिवस के महत्व के बारे में बताते है। 

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 3 (500 शब्द) – स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास (History of Independence day in 500 words)

निचे स्वतंत्रता दिवस पर 500 शब्दों का निबंध लिखा गया है। 

स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास (History of Indian Independence Day)

भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था लेकिन जब अंग्रेज भारत में व्यापारी बनकर आए तो अंग्रेजो को लगा कि भारत में तो अपार खजाना है और ऐसे में अगर वह भारत को गुलाम बना लेते हैं तो भारत में मौजूद सभी खजानो पर उनका अधिकार होगा इसी को ध्यान में रखते हुए उन्होंने सबसे पहले भारत के गरीब जनता को कर्ज देना शुरू किया।

और उसके बाद कर्ज के चंगुल में जब फस जाते थे तो उनके जमीन उन्होंने हड़पना चालू कर दिया इसके बाद उन्होंने भारत के राजाओं की कमजोरी का लाभ उठाया और उन्होंने उन्हें आपस में लड़ा कर कमजोर किया और उसके बाद उनके राज्य पर भी उनका अधिकार होता चला गया। 

इस तरह देखते देखते पूरे भारत में अंग्रेजी शासन की नींव पड़ गई और अंग्रेज भारत के आमजन पर विभिन्न प्रकार के अत्याचार किया करते थे नील की खेती जबरदस्ती करवाते थे मनमाना Tax वसूल किया करते थे और अगर कोई अंग्रेजो के खिलाफ बोलता है तो उसे गिरफ्तार करते नहीं तो गोलियों से मार दिया करते थे।

इसका ज्वलंत उदाहरण जलियांवाला हत्याकांड है जहां पर अंग्रेजों ने भारतीयों पर ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हजारो भारतीयों को मौत के घाट उतार दिया आज भी जलियांवाला बाग हत्याकांड भारत के इतिहास में एक काला दिन के तौर पर दर्ज किया गया है इसके अलावा अंग्रेजों ने भारत के सबसे कीमती चीज कोहिनूर हीरा को लूटा है जो आज उनकी रानी की ताज कि शोभा बढ़ा रहा है।

स्वतंत्रता सेनानियों का आजादी में योगदान

भारत की आजादी में भारत के हर एक नागरिक ने अपनी भूमिका निभाई है और कई लोगों ने तो अपनी जान तक देश के लिए कुर्बान किया है लेकिन देश के आजादी में कुछ लोगों ने ऐसी भूमिका निभाई इन्होंने देश को आजादी करवाने में एड़ी चोटी का जोर लगा दिया।

भारत के आजादी में महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सरदार बल्लभ भाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद, बिस्मिल्लाह खान इत्यादि महापुरुषों ने मिलकर अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी तब जाकर हमारा देश आजाद हुआ। 

कुछ लोगों ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलकर अंग्रेजो के खिलाफ लड़ाई लड़ी और कुछ ने क्रांतिकारी और अहिंसा का रास्ता अपनाया इनमें से प्रमुख क्रांतिकारी नेताओं में भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, मंगल पांडे, खुदीराम बोस, सुखदेव जैसे वीर महापुरुषों के नाम आते हैं सभी के सामूहिक प्रयास और इच्छाशक्ति के द्वारा ही भारत को 15 अगस्त 1947 को आजादी मिली। 

आजादी का ये पर्व कैसे मनाया जाता है?

स्वतंत्र भारत में इस पर्व को मनाने के तरीके अलग-अलग हैं। सवंतंत्रता दिवस के हफ्ते भर पहले से बाजारों में रौनक आ जाती है, कहीं पर तीन रंगों की रंगोली तो कहीं पर है तीन रंगों की लाइट इसके अलावा बाजार में भारतीय तिरंगे भी खूब बिक्री किए जाते हैं जिसे बच्चों को खरीद कर दिया जाता है और जब बच्चे अपने हाथ में तिरंगे लेकर चलते हैं तो ऐसा देखकर लगता है कि मानव भारत का भविष्य चल रहा है। 

इसके अलावा इस दिन स्कूल और कॉलेज में तिरंगा फहराया जाता है और साथ में मिठाइयां भी बांटी जाती हैं इसके अलावा पूरा देश हर्षोल्लास के साथ 15 अगस्त के पावन पर्व को मनाता है और इस दिन पूरा देश दुल्हन की तरह सजा हुआ आपको दिखाई पड़ेगा। 

15 अगस्त के दिन पूरा देश एकजुट हो जाता है चाहे वो किसी भी धर्म मजहब का हो उनमे किसी प्रकार का कोई भेदभाव ना दिखाई नहीं पड़ती है सबसे बड़ी बात है कि 15 अगस्त 2023 को भारत अपना 76 स्वतंत्रा दिवस मनाएगा जिस को ध्यान में रखते हुए देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने भारत में “हर घर तिरंगा अभियान” की शुरुआत की है। 

स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन 

  • स्वतंत्रता दिवस समारोह मुख्य रूप से लाल किले पर मनाया जाता है।
  • सभी भारतीयों देश के सम्मान में तिरंगे को सलाम करते और राष्ट्रीय गान गाते हैं।
  • स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देश के प्रधानमंत्री के द्वारा देश को संबोधित किया जाता है और लाल तिरंगे पर ध्वजारोहण का काम भी प्रधानमंत्री के द्वारा ही होता है। 
  • इस दिन राष्ट्रीय गीत और राष्ट्रगान गाया जाता है। 
  • 15 अगस्त के दिन पूरा देश हर्षोल्लास के साथ इस राष्ट्रीय पर्व को मनाता है। 
  • स्वतंत्रता दिवस पर सभी धर्म एक साथ मिलकर भारत के तिरंगे को अपने हाथ में लेकर उसे सलाम करते हैं इसलिए इस दिन किसी प्रकार का भेदभाव दिखाई नहीं पड़ता है। 
  • स्वंतंत्रता दिवस भारतीय लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहारों में से एक है जिसे भारतीय पूरे सम्मान के साथ मनाते हैं।
  • भारत के सभी राज्यों, शहरों, गांवों और कस्बों में लोग झंडा फहराते हैं और वीर महापुरुषों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। 
  •  केवल भारत में ही नहीं, दुनिया भर में बेस लाखों भारतीय लोग इस झंडारोहण समारोह का हिस्सा बनते हैं और इसका आनंद लेते हैं।
  • टीवी चैनल पर राष्ट्रगान और राष्ट्रभक्ति से जुड़े फिल्में से प्रसारित की जाती है। 

FAQs – स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay On Independence Day in Hindi)

Q. स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है.

Ans – सवतंत्रता दिवस प्रत्येक साल 15 अगस्त को मनाया जाता है।

Q.15 अगस्त 2023 को भारत के आजाद हुए कितने साल हो जाएंगे?

Ans – 76 वर्ष

Q. स्वतंत्रता दिवस को झण्डा कहां फहराया जाता है?

Ans – स्वंतंत्रता दिवस के दिन लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराया जाता है।

Q. स्वतंत्रता दिवस पर झण्डा कौन फहराता है?

Ans – देश के प्रधानमंत्री

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75th independence day essay in hindi

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Independence Day Essay In Hindi 2022: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें जानिए

Independence day essay in hindi 2022 / स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में: 15 अगस्त 1947 को भारत को ब्रिटिश शासन से पूर्ण आजादी मिली। भारत में 74वां स्वतंत्रता दिवस 2021 मनाया जाएगा।.

Independence Day Essay In Hindi 2022 / स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें 2022: सन 1947 में 15 अगस्त (15 August 1947) के दिन भारत को ब्रिटिश शासन से पूर्ण आजादी मिली। तब से हर साल भारत 15 अगस्त (15 August 2021) को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता है। इस वर्ष भारत ने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में 75 साल पूरे किए हैं। इसलिए भारत में 75वां स्वतंत्रता दिवस 2022 (75th Independence Day 2022) मनाया जाएगा। स्वतंत्रता दिवस भारत का राष्ट्रीय पर्व है, इसलिए 15 अगस्त (15 August) को राजपत्रित अवकाश (Gazetted Holiday) रखा जाता है। पूरी दुनिया कोरोनावायरस महामारी ( Covid-19 ) की चपेट में है, ऐसे में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) ने देश को 'आत्मनिर्भर भारत' का नारा दिया, जिसे अब केंद्र सरकार ने 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस 2022 की थीम ( Independence Day 2022 Theme ) "फर्स्ट नेशन ऑलवेज फर्स्ट" (First Nation Always First) बना दिया है। इस वर्ष लाल किले (Red Fort) पर स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day Celebration) का आयोजन किया जाएगा। 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस पर पीएम मोदी का भाषण (PM Modi Speech On Independence Day 2021) भी ऑनलाइन प्रसारित किया जाएगा। लोग एक दूसरे को 15 अगस्त पर स्वतंत्रता दिवस कोट्स (Independence Day Quotes), स्वतंत्रता दिवस फोटो (Independence Day Photo), स्वतंत्रता दिवस पोस्टर (Independence Day Poster), स्वतंत्रता दिवस ड्राइंग (Independence Day Drawing), स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं संदेश (Independence Day Wishes), स्वतंत्रता दिवस शायरी (Independence Day Shayari), स्वतंत्रता दिवस वीडियो (Independence Day Video), स्वतंत्रता दिवस स्टेटस (Independence Day Status), स्वतंत्रता दिवस वीडियो स्टेटस (Independence Day Video Status), स्वतंत्रता दिवस वॉलपेपर (Independence Day Wallpaper), स्वतंत्रता दिवस एचडी इमेज (Independence Day HD Images), स्वतंत्रता दिवस जिफ (Independence Day GIF), 15 अगस्त पर शायरी ( 15 August Shayari In Hindi ), 15 अगस्त शायरी के कोट्स (15 August Quotes In Hindi) और 15 अगस्त के स्टेटस (15 August Status In Hindi) भेजते हैं। लेकिन हम आपके लिए सबसे बेस्ट स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें इसकी जानकारी लेकर आये हैं। जिसके माध्यम से आप स्कूल, कॉलेज, ऑफिस या किसी मंच पर 15 अगस्त पर निबंध (15 August Essay In Hindi) पढ़ सकते हैं। इसके अलावा छात्र स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी (Independence Day Essay In Hindi) में लिखने की प्रेक्टिस भी कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay On Independence Day In Hindi 2021), स्वतंत्रता दिवस पर भाषण ( Independence Day Speech In Hindi 2022 ) और स्वतंत्रता दिवस पर लेख ( Independence Day Article In Hindi 2022 ) कैसे लिखें पढ़ें...

Independence Day Essay In Hindi 2022: 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में कैसे लिखें जानिए

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Independence Day Speech In Hindi 2022: स्वतंत्रता दिवस पर ऐतिहासिक भाषण

स्वतंत्रता दिवस पर क्या होता है? (How To Celebrate Indepedence Day Of India) हर साल, भारत के प्रधान मंत्री दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और राष्ट्र के नाम सन्देश देते हैं, जिसके बाद एक सैन्य परेड होती है। भारत के राष्ट्रपति राष्ट्र भी देश के नाम एक संदेश देते हैं। इस अवसर पर, इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है। यह दिन पूरे भारत में राष्ट्रीय अवकाश के रूप में मनाया जाता है, जिसमें कार्यालय, बैंक और डाकघर बंद रहते हैं। सभी भारतीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में ध्वजारोहण समारोह, परेड और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस की तैयारी एक महीने पहले से शुरू हो जाती है। स्कूल और कॉलेज सांस्कृतिक कार्यक्रमों, प्रतियोगिताओं, वाद-विवाद, भाषणों और प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताओं का आयोजन करते हैं।

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भारतीय स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है? (Why Celebrate Indepedence Day Of India) भारतीय स्वतंत्रता दिवस हमेशा 15 अगस्त को मनाया जाता है। 15 अगस्त 1947 के दिन भारत को 200 साल ब्रिटिश राज की गुलामी से आजादी मिली थी। इसलिए भारत इस दिन को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाता है। यह भारत का राष्ट्रीय दिवस है। 'आई-डे' के रूप में भी जाना जाता है, यह सार्वजनिक अवकाश 1947 की तारीख को चिह्नित करता है, जब भारत एक स्वतंत्र देश बन गया था। यह अवकाश भारत में ड्राई डे की होता है, जब शराब की बिक्री की अनुमति नहीं होती।

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भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास (History Of Indepedence Day Of India) अंग्रेजों ने भारतीय उपमहाद्वीप पर अपना पहला चौकी 1619 में सूरत के उत्तर-पश्चिमी तट पर स्थापित किया। उस शताब्दी के अंत तक, ईस्ट इंडिया कंपनी ने मद्रास, बॉम्बे और कलकत्ता में तीन और स्थायी व्यापारिक स्टेशन खोले थे। उन्नीसवीं सदी के मध्य तक, ब्रिटिशों ने इस क्षेत्र में अपने प्रभाव का विस्तार जारी रखा, भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश के वर्तमान समय के अधिकांश हिस्सों पर उनका नियंत्रण था। 1857 में, विद्रोही भारतीय सैनिकों द्वारा उत्तरी भारत में एक विद्रोह, ब्रिटिश सरकार को ईस्ट इंडिया कंपनी से क्राउन के लिए सभी राजनीतिक शक्ति को स्थानांतरित करने का नेतृत्व किया। अंग्रेजों ने स्थानीय शासकों के साथ संधियों के माध्यम से आराम करते हुए भारत के अधिकांश हिस्सों को सीधे नियंत्रित करना शुरू कर दिया। उन्नीसवीं शताब्दी के उत्तरार्ध में, ब्रिटिश वायसराय को सलाह देने और भारतीय सदस्यों के साथ प्रांतीय परिषदों की स्थापना के लिए भारतीय पार्षदों की नियुक्ति द्वारा ब्रिटिश भारत में स्व-शासन की ओर प्रारंभिक कदम उठाए गए थे। 1920 में, भारतीय नेता मोहनदास करम चंद गांधी ने ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन के खिलाफ अभियान के लिए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के राजनीतिक दल को एक जन आंदोलन में बदल दिया। पार्टी ने स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए संसदीय और अहिंसक प्रतिरोध और असहयोग दोनों का इस्तेमाल किया। अन्य नेताओं, विशेष रूप से सुभाष चंद्र बोस ने भी आंदोलन के लिए एक सैन्य दृष्टिकोण अपनाया। इस आंदोलन का समापन ब्रिटिश साम्राज्य और भारत और पाकिस्तान के गठन से उपमहाद्वीप की स्वतंत्रता में हुआ। इस प्रकार, 15 अगस्त 1947 को, भारत राष्ट्रमंडल के भीतर एक प्रभुत्व बन गया। हिंदुओं और मुसलमानों के बीच घर्षण ने ब्रिटिश भारत का विभाजन करने के लिए पूर्वी और पश्चिमी पाकिस्तान का निर्माण किया। भारत 26 जनवरी 1950 को अपना संविधान घोषित करने के बाद राष्ट्रमंडल के भीतर एक गणतंत्र बन गया, जो अब गणतंत्र दिवस के रूप में जाना जाता है।

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स्वतंत्रता दिवस का महत्व (What Is Independence Day Importance Significance) 1757 में, ईस्ट इंडिया कंपनी ने प्लासी के युद्ध में बंगाल के अंतिम नवाब को हराया, जिसने भारत में ब्रिटिश शासन की शुरुआत को चिह्नित किया। भारतीय विद्रोह या स्वतंत्रता का पहला युद्ध 1857 में हुआ था जो ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक प्रमुख असफल विद्रोह था। वर्ष 1885 में, भारत की पहली राजनीतिक पार्टी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का गठन किया गया था। और 1918 में प्रथम विश्व युद्ध के समापन के बाद, भारतीय कार्यकर्ताओं ने स्व-शासन या 'स्वराज' का आह्वान किया। 1929 में, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लाहौर की एक सभा में 'पूर्ण स्वराज' या भारत की स्वतंत्रता की घोषणा की। अंत में, ब्रिटिश सरकार और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के बीच सत्र और बैठकों की एक श्रृंखला के बाद, लॉर्ड माउंटबेटन, जिन्होंने पूर्व-स्वतंत्र भारत के अंतिम वायसराय के रूप में कार्य किया, ने प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की। 15 अगस्त 1947 को, लॉर्ड माउंटबेटन ने ब्रिटिश भारत को दो नए स्वतंत्र राष्ट्रों में विभाजित किया; भारत और पाकिस्तान। इसके बाद से हर साल 15 अगस्त को के दिन, भारत का राष्ट्रीय ध्वज कई सार्वजनिक स्थानों पर फहराया जाता है; प्रधान मंत्री ने इस ऐतिहासिक कार्यक्रम को मनाने के लिए दिल्ली के लाल किले में राष्ट्रीय ध्वज फहराया। ध्वजारोहण समारोह के साथ ही परेड और लोक-नृत्य की प्रस्तुतियां भी होती हैं। राष्ट्र के विभिन्न हिस्सों में कई उत्सव होते हैं। स्कूलों और कॉलेजों सहित शैक्षणिक संस्थान, इस दिन के ऐतिहासिक महत्व के बारे में छात्रों को ज्ञान प्रदान करने के लिए एक विशेष समारोह की मेजबानी करते हैं। इस अवसर को मनाने के लिए बच्चे तिरंगे वाली पतंग उड़ाते हैं।

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स्वतंत्रता दिवस का प्रतीक (What Is The Symbols Of Independence Day Of India) पतंगबाजी का खेल स्वतंत्रता दिवस का प्रतीक है। आसमान को भारत की स्वतंत्र आत्मा का प्रतीक बनाने के लिए छतों और खेतों से उड़ाई गई अनगिनत पतंगों के साथ बिताया गया है। बाजार में तिरंगे सहित विभिन्न शैलियों, आकारों और रंगों की पतंगें उपलब्ध हैं। दिल्ली में लाल किला भारत में एक महत्वपूर्ण स्वतंत्रता दिवस प्रतीक भी है क्योंकि यह भारतीय प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने 15 अगस्त 1947 को भारत के ध्वज का अनावरण किया था। भारत का राष्ट्रीय ध्वज शीर्ष पर गहरे केसरिया (केसरिया) का एक क्षैतिज तिरंगा है, मध्य में सफेद और बराबर अनुपात में गहरे हरे रंग में है। ध्वज की चौड़ाई की लंबाई का अनुपात दो से तीन है। सफेद बैंड के केंद्र में एक नौसेना-नीला पहिया चक्र का प्रतिनिधित्व करता है। इसका डिज़ाइन उस पहिये का है जो अशोक के सारनाथ शेर राजधानी के एबेकस पर दिखाई देता है। इसका व्यास सफेद बैंड की चौड़ाई के बराबर है और इसमें 24 प्रवक्ता हैं।

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75th independence day essay in hindi

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध Essay on Independence Day in Hindi

इस लेख में हमने स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी (Essay on Independence Day in Hindi) में लिखा है। अगर आप 15 अगस्त पर बेहतरीन निबंध की तलाश कर रहें हैं तो आप सही स्थान पर हैं। आज हमने इस लेख में स्वतंत्रता दिवस क्या है, इतिहास, महत्व, समारोह, सेनानियों का योगदान, तथा 10 लाइन के बारे मे लिखा गया है 

Table of Contents

प्रस्तावना  स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी (Essay on Independence Day in Hindi)

दुनिया के अधिकतर देश ब्रिटेन के गुलाम रहे हैं जिसमें भारत भी एक था। क्योंकि ब्रिटेन एक सक्षम देश था और दुनिया के ज्यादातर रिसर्च और खोजे ब्रिटेन में ही हुआ करती थी। 

विश्व के तमाम देशों ने स्वतंत्रता पाने के लिए बहुत संघर्ष किए हैं। भारत पर मुगलों के शासन के बाद अंग्रेजों का शासन कई वर्षों तक रहा। जिसे अंत में देश के महान क्रांतिकारियों द्वारा समाप्त किया गया और भारत स्वतंत्र हुआ।

आजादी का दिन किसी भी भारतीय के लिए भावुक पल होता है। क्योंकि भारत को आजाद हुए अभी कुछ ही दशक हुए है। 

स्वतंत्रता के इस खास दिन पूरे भारत में राष्ट्रीय अवकाश रहता है। प्रतिवर्ष राष्ट्रीय स्तर पर मनाए जाने वाले इस त्योहार के दिन दिल्ली के लाल किला पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा झंडा फहराया जाता है और भारतीय सैनिकों द्वारा परेड निकाली जाती है जिसमें भारतीय संस्कृति और ताकत का प्रदर्शन किया जाता है।

स्वतंत्रता दिवस क्या है? What is Independence Day in Hindi

15 अगस्त 1947 के दिन भारत को ब्रिटिश  हुकूमत से आजादी मिली जिसकी खुशी में हर वर्ष भारतीयों द्वारा यह दिन राष्ट्रीय त्यौहार के रूप में मनाया जाता है।

इतने वर्षों तक विदेशियों की हुकूमत और त्रासदी के बाद स्वतंत्रता एक सपने जैसा लगता था जिसे भारत के अमर और वीर क्रांतिकारियों ने सच कर दिखाया  था।

भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, सुभाष चंद्र बोस, चंद्रशेखर आजाद , महात्मा गांधी, लाला लाजपत राय जैसे कई अन्य क्रांतिकारियों ने एकजुट मिलकर अंग्रेजों की हुकूमत से हिंदुस्तान को आजादी दिलाई थी। 

15 अगस्त का यह सुनहरा दिन केवल एक दिन नहीं है बल्कि उन सभी भारतवासियों की भावनाएं और संघर्ष  है, जिसके लिए उन्होंने हंसते-हंसते देश के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे।

इस खास दिन को भारत के लिए शहीद हुए उन सभी महान क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है तथा देश भक्ति के समारोह आयोजित किए जाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास History of Independence day in Hindi

विश्व युद्ध होने से पहले ब्रिटेन का पूरी दुनिया में बहुत दबदबा था। भारत जैसे कई अन्य देशों  को ब्रिटेन ने गुलाम बना रखा था और वहां के लोगों पर अत्याचार करता था।

भारत में ब्रिटेन की तानाशाही अधिक चलती थी कि उसके खिलाफ बोलने पर हर किसी को मौत की सजा सुना दी जाती थी।

देश की आजादी की नींव सबसे पहले 1857 मंगल पांडे ने रखी थी जिससे 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के नाम से जाना जाता है। मंगल पांडे ब्रिटिश सेना में अपनी सेवा देते थे किंतु  वह पूरी तरह से देशभक्त थे।

विद्रोह करने पर जब अंग्रेजी हुकूमत ने मंगल पांडे को सजा दिया तो उनके पक्ष में पूरे भारत में जन सैलाब उमड़ पड़ा और कई हिंसक दंगे भी  हुए। 

भारत के एक महान क्रांतिकारी वीर सावरकर द्वारा लिखी गई पुस्तक 1857 का स्वतंत्रता संग्राम ब्रिटिश हुकूमत के बीच बेहद चर्चित विषय रहा जिसके कारण उन्हें कालापानी की सजा भी सुनाई गई थी।

द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन धीरे धीरे बहुत कमजोर पड़ने लगा था इसका फायदा उठाकर भारत को एक स्वतंत्र देश बनाने के लिए सुभाष चंद्र बोस ने बेहद संघर्ष के बाद आजाद हिंद फौज की रचना की।

सुभाष चंद्र बोस का मानना था कि आजादी कभी भी प्यार से मांग कर प्राप्त नहीं की जा सकती बल्कि गुलामी की जंजीरों को तोड़ कर आजादी को छीनना पड़ता है। 

दूसरी तरफ कई क्रांतिकारियों द्वारा विभिन्न आंदोलनों को दिशा दी जा रही थी। 1919 के जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद युद्ध स्तर पर आंदोलन किए जाने लगे जिसमें गांधी जी की भूमिका महत्वपूर्ण थी।

1920 में सविनय अवज्ञा आंदोलन द्वारा देश में विदेशी चीजों की होली जलाई जा रही थी। इसके बाद कई प्रयासों के बाद 1942 में ब्रिटिश हुकूमत के समक्ष भारत छोड़ो आंदोलन चलाया गया।

विश्व युद्ध के बाद ब्रिटेन बहुत कमजोर हो गया था और भारत में आजाद हिन्द फ़ौज और सेना में विद्रोह के बाद मजबूरन 15 अगस्त 1947 को भारत को आजाद करना ही पड़ा।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व Importance of Independence day in Hindi

पूरी दुनिया में सबसे अनमोल और सर्वोपरि स्वतंत्रता है, जिसमें हर व्यक्ति को अपनी इच्छा के अनुसार काम करने  की छूट होती है।

स्वतंत्रता के बिना जीवन नश्वर होता है यदि किसी व्यक्ति से उसकी स्वतंत्रता छीन ली जाए तो यह एक हत्या के बराबर अपराध होता है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर सभी महान क्रांतिकारियों को याद किया जाता है जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के अपने देश के लिए बलिदान हो गए।

15 अगस्त का यह दिन अन्य सभी दिनों से सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन भारत को ब्रिटिश हुकूमत की गुलामी से आजादी मिली थी।

भारतीय स्वतंत्रता दिवस के समारोह Programs on Independence Day in Hindi

आजादी दिवस के दिन पूरे भारत में राष्ट्रीय अवकाश दिया जाता है और इस महत्वपूर्ण अवसर पर सरकारी स्तर पर बड़े कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है।

भारत में सबसे बड़ा कार्यक्रम दिल्ली में होता है जहां लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करके देश को संबोधित करते हैं जिसके ठीक बाद राष्ट्रगान गाया जाता है। 

ध्वजारोहण के बाद भारत के लिए बलिदान हुए उन सभी क्रांतिकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित करके 21 तोपों की सलामी दी जाती है।

भारतीय स्वतंत्रता के इस महत्वपूर्ण समारोह में  सरे देशों के प्रमुखों को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किया जाता है। भारतीय सैनिकों द्वारा परेड में भारतीय संस्कृति और विरासत की प्रदर्शनी जिसमें सैनिकों द्वारा तरह-तरह के करतब भी दिखाए जाते हैं।

इस समारोह में कुछ मुख्य हथियारों द्वारा शक्ति प्रदर्शन किया जाता है जिसे टीवी पर लाइव प्रसारित करके सभी भारतवासियों को भी दिखाया जाता है। 15 अगस्त के दिन सभी राज्यों में मुख्यमंत्रियों द्वारा ध्वजारोहण का कार्यक्रम किया जाता है।

इस महत्वपूर्ण अवसर पर भारत के सभी सरकारी दफ्तर, स्कूल, कॉलेज और अन्य शिक्षा संस्थानों में छुट्टी होती है। 

देश के अलग-अलग जगह पर देश भक्ति भक्ति के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमें देशभक्ति के गीत, देश प्रेम की कविताएं  आदि प्रदर्शित किए जाते हैं। इस दिन हर घर में नए पकवान बनाए जाते हैं और तिरंगा भी लहराया जाता है।

स्वतंत्रता सेनानियों का योगदान Contribution of freedom fighters in Hindi 

भारत को वीरों की भूमि कहा जाता है क्योंकि यहां पर समय -समय पर देश को विपदा से बाहर निकालने के लिए ऐसे महापुरुष सामने आते रहें हैं तथा देश को दिशा प्रदान करते हैं।

भारत को आजादी दिलाने में हमारे महान क्रांतिकारियों ने देश के लिए निस्वार्थ भाव से अपने प्राण त्याग दिए। इन महान क्रांतिकारियों के बिना स्वतंत्र भारत की कल्पना करना बेहद जटिल और असंभव प्रतीत होता है।

भगत सिंह और उनके साथियों ने बहुत कम उम्र में ही ब्रिटेन हुकूमत को खत्म करने के लिए फांसी के फंदे चूम लिए थे वहीं दूसरी तरफ भारत के वीर सपूत सुभाष चंद्र बोस ने अंतिम सांस तक आजादी के लिए संघर्ष किया।

भारत की आजादी में आंदोलनों की भूमिका भी महत्वपूर्ण रही है। महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल , जवाहरलाल नेहरू इत्यादि कई महान नेताओं ने विदेशी हुकूमत के विरुद्ध चलने वाले आंदोलनों को मुख्य रूप से दिशा प्रदान किया था। 

स्वतंत्रता दिवस पर 10 वाक्य Best 10 Lines on Independence Day in Hindi

  •  15 अगस्त 1947 से एक पहले की रात आधी रात को भारत को आजादी मिली थी।
  •  इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश होता है जिसमें सभी सरकारी स्थान, शिक्षा स्थान आदि यहां पर छुट्टी होती है।
  •  अंग्रेजी सरकार ने भारत पर लगभग 200 सालों तक राज किया था।
  •  15 अगस्त के दिन हर वर्ष लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण और अन्य कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है।
  •  इस दिन दूसरे देशों के प्रमुख नेताओं को मुख्य अतिथि के रुप में आमंत्रित किया जाता है।
  •   स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर भारतीय सैनिकों द्वारा परेड निकाला जाता है जिसमें भारतीय संस्कृति और शक्ति प्रदर्शन का कार्यक्रम रखा जाता है।
  • ध्वजारोहण के बाद भारत के लिए बलिदान हुए उन सभी क्रांतिकारियों  को श्रद्धांजलि अर्पित करके 21 तोपों की सलामी दी जाती है।
  • 15 अगस्त को सभी शिक्षा संस्थानों में देश प्रेम के गीत गाए जाते हैं और ध्वजारोहण किया जाता है।
  • इस दिन विद्यार्थियों द्वारा रैली भी निकाली जाती है जिसमें कई देशभक्ति के नारे लगाए जाते हैं।
  • आज़ादी दिवस के दिन प्रधानमंत्री भारत के हर नागरिक को संबोधित करते हैं।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने स्वतंत्रता दिवस पर निबंध (Essay on the Independence Day in Hindi) हिंदी में पढ़ा। आशा है यह लेख आपको अच्छा लगा हो। अगर यह निबंध आपके लिए सहायक सिद्ध हुआ हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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Essay on Independence Day: छात्रों के लिए स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

75th independence day essay in hindi

  • Updated on  
  • अगस्त 10, 2024

Essay on Independence Day in Hindi

Essay on Independence Day in Hindi: भारत को 15 अगस्त, 1947 को स्वतंत्रता मिली, लेकिन आजादी की एक लंबी और कठिन यात्रा के दौरान कई लोगों ने अपनी जान गंवाई, कई दशक जेल में बिताए और अंग्रेजों द्वारा मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना सही। इस देश की आजादी में कई लोगों का बलिदान शामिल है, जिन्हें हम हमेशा याद करते रहेंगे। कई बार आजादी के विषयों को लेकर परीक्षाओं में निबंध लिखने के लिए कहा जाता है और इंटरव्यू में भी देश की स्वतंत्रता से संबंधित सवाल पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग में हम देश के 78वें स्वतंत्रता दिवस पर Essay on Independence Day in Hindi के बारे में विस्तार से जानेंगे। इस ब्लॉग में आपको 100, 200 और 500 शब्दों में Essay on Independence Day in Hindi के कुछ सैम्पल्स दिए गए हैं।

This Blog Includes:

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 100 शब्दों में  , स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 200 शब्दों में , प्रस्तावना , किसको समर्पित है स्वतंत्रता दिवस, स्वतंत्रता के लिए हुए बहुत संघर्ष, उपसंहार , essay on independence day in hindi : आजादी में अहम भूमिका निभाने वाले भारतीय स्वतंत्रता सेनानी, स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन्स , स्वतंत्रता दिवस कोट्स , स्वतंत्रता दिवस से जुड़े कुछ तथ्य .

100 शब्दों में Essay on Independence Day in Hindi कुछ इस प्रकार हैः

स्वतंत्रता दिवस, हर भारतीय के लिए गर्व का दिन है। यह दिन 15 अगस्त को पूरे देश में उत्साह के साथ मनाया जाता है। हम इसे विशेष रूप से मनाते हैं क्योंकि 1947 में इस दिन भारत ने अंग्रेजी शासन से आजादी प्राप्त की थी। स्वतंत्रता दिवस हमें हमारे देश के वीर शहीदों को याद करने और उनके समर्थन में एकजुट होने का मौका देता है। हमें यह दिवस भारतीय संस्कृति, संविधान और स्वतंत्रता के महत्व को समझने का भी अवसर प्रदान करता है। हमें समर्पण और देशभक्ति के साथ आगे बढ़ने का प्रेरणा मिलता है ताकि हम देश को और समृद्ध और समर्थ बना सकें।

200 शब्दों में Swatantrata Diwas Par Nibandh इस प्रकार लिख सकते हैंः

स्वतंत्रता दिवस प्रतिवर्ष 15 अगस्त को भारत में खुशियों और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि 1947 में इस दिन देश ने अंग्रेजी शासन से आजादी हासिल की थी। स्वतंत्रता दिवस हमें याद दिलाता है कि हमारे पूर्वजों ने कैसे शक्ति, संघर्ष और संकल्प से स्वतंत्रता के लिए लड़ाई लड़ी थी। 

यह दिन हमें देशभक्ति, साहस और समर्पण के महत्व को समझाता है। स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले वीर शहीदों की स्मृति में, हम उन्हें श्रद्धांजलि देते हैं और उनके बलिदान को सराहते हैं।

स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए भारतीय संस्कृति, संविधान और एकता का प्रतीक है। यह दिन हमें स्वतंत्रता के महत्व को समझने का और अपने देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने का अवसर देता है। इस दिन हमें देश के समृद्धि, समर्थता और समाज के सामर्थ्य के प्रति सकारात्मक सोचने का मौका मिलता है। हम इस अवसर पर देश के विकास में अपना योगदान देने का संकल्प लेते हैं और एक सशक्त, समृद्ध, और समरस्थ भारत का सपना देखते हैं। स्वतंत्रता दिवस के इस पवित्र अवसर पर, हमें एकजुट होकर देश के विकास में सहयोग करना चाहिए और स्वतंत्र भारत के सपने को हकीकत बनाने के लिए समर्थ होना चाहिए।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 500 शब्दों में   

500 शब्दों में Essay on Independence Day in Hindi इस प्रकार दिया गया हैः

स्वतंत्रता दिवस प्रतिवर्ष 15 अगस्त को भारत में उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिवस हर भारतीय के लिए एक गर्व का दिन है और राष्ट्रीय एकता और स्वाधीनता के महत्व को समझाता है। 

इस दिन शहीदों की स्मृति में भारतीय जनता एकजुट होती है। इस दिन राष्ट्रीय ध्वज समारोह की व्यापक धारावाहिकाएं, राष्ट्रीय गीतों के गायन, स्कूलों, कॉलेजों और सार्वजनिक स्थलों पर भाषण, नाटक और कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। 1857 की पहली स्वतंत्रता संग्राम से लेकर भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन तक भारतीय जनता ने अनगिनत कठिनाइयों का सामना किया। महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, सरदार वल्लभभाई पटेल, जवाहरलाल नेहरू, राजेन्द्र प्रसाद और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों की कड़ी मेहनत, समर्पण और बलिदान ने इस अद्भुत उपलब्धि को संभव बनाया।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभक्त और नेताओं के भाषणों द्वारा लोग भारतीय इतिहास और स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण घटनाओं को याद करते हैं। उन्होंने अपनी अपूर्व वीरता और संघर्ष भारतीय राष्ट्रीयता में गौरवपूर्वक रूप से साकार किया था।

इस दिन को भारतीय संस्कृति, संविधान और स्वतंत्रता के महत्व को समझाने के लिए भी समर्पित किया जाता है। भारतीय संस्कृति विश्व में अपनी विविधता, समृद्धि और महत्व के लिए जानी जाती है। इस दिन देशवासियों को स्वतंत्रता के मूल अधिकारों के प्रति जागरूक बनाने का भी प्रयास किया जाता है, जो हमें न्याय, स्वतंत्रता, और समानता के लिए लड़ने के लिए प्रेरित करता है।

स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर देशभक्ति और राष्ट्रीय भाव को बढ़ावा देने के लिए स्कूलों और कॉलेजों में विभिन्न प्रतियोगिताएं, सेमिनार, कविता पाठ, पेंटिंग और नाटक के आयोजन किए जाते हैं। इससे विद्यार्थियों के भारतीय इतिहास और संस्कृति के प्रति अधिक उत्साह एवं गर्व का अनुभव होता है।

स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर, राष्ट्रीय ध्वज फहराने, समारोह आयोजित करने, समाजसेवा कार्यों को प्रोत्साहित करने और अधिकारिक रूप से सरकारी दफ्तरों और उद्योगों में राष्ट्रीय गान का गायन करने का भी प्रयास किया जाता है। इसके अलावा, स्वतंत्रता दिवस को जनजागरण, विशेष न्यूज़लेटर और मीडिया में विशेष रूप से भारतीय इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम, और राष्ट्रीय विचारधारा पर लेख प्रकाशित करके देशवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता की महत्ता समझाते हैं।

यह दिन एक महान अवसर है, जो हमें स्वतंत्र भारत के सपने को पूरा करने के लिए संबल देता है। स्वतंत्रता दिवस को गांधीजी ने ‘आज़ादी अमृत महोत्सव’ के रूप में घोषित किया था। इस अमृत महोत्सव में हमें अपने देश के इतिहास, संस्कृति और विरासत को समझने का एक अवसर मिलता है। इसमें हम देशभक्ति और सेवा की भावना से भरे हुए रहते हैं और देश के विकास के लिए प्रत्याशा से जीते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए हमारे पूर्वजों ने कितने बड़े संघर्ष किए थे। उन्होंने अपने जीवन और संपूर्ण उत्साह के साथ देश के लिए बलिदान किया था। हमें उन्हें याद करके उनके समर्थन में एकजुट होना चाहिए और उनके साहस को सराहना करना चाहिए। इस दिन को समारोह से भरपूर बनाने के लिए स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तर, समाजिक संगठन और विशेषज्ञ समितियों ने विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इससे छात्र-छात्राएं और लोग राष्ट्रीय भाव से जुड़ते हैं और देशभक्ति के प्रति अपनी जागरूकता बढ़ाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के इस खास अवसर पर, हमें अपने देश के विकास के लिए सक्रिय योगदान देने के लिए प्रेरित करने वाले देश के वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देनी चाहिए। हमें अपने देश के लिए निर्माण कार्यों में सहयोग करने का संकल्प लेना चाहिए, ताकि हम अपने वीर शहीदों के समर्थन में सच्ची श्रद्धा प्रदर्शित कर सकें।

स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए एक महान समारोह है जो हमें देशभक्ति, समर्पण और समृद्धि के मार्ग पर अग्रसर रहने के लिए प्रेरित करता है। हम सभी को यह समझना चाहिए कि हमारे देश की समृद्धि, सुरक्षा और समाज का विकास हम सभी की जिम्मेदारी है।

भारत से अंग्रेजों को बाहर करने के संघर्ष में देश के हर कोने के लोगों ने भाग लिया। उनमें से कई क्रांतिकारियों ने भारत को अंग्रेजों के अत्याचारी शासन से मुक्त करने के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया। आइए जानते हैं कुछ महान हस्तियों के बारे में विस्तार से।

  • महात्मा गांधी
  • दादाभाई नौरोजी
  • तात्या टोपे
  • के. एम. मुंशी
  • जवाहरलाल नेहरू
  • अशफाकला खान
  • सरदार वल्लभभाई पटेल
  • लाला लाजपत राय
  • राम प्रसाद बिस्मिल
  • बाल गंगाधर तिलक
  • रानी लक्ष्मी बाई
  • बिपिन चंद्र पाल
  • चितरंजन दास
  • बेगम हजरत महल
  • लाल बहादुर शास्त्री
  • चंद्र शेखर आज़ाद
  • सी. राजगोपालाचारी
  • अब्दुल हाफिज मोहम्मद बाराकतुल्लाह
  • सुभाष चंद्र बोस
  • राजा राम मोहन रॉय
  • स्वतंत्रता दिवस प्रतिवर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है।
  • यह सबसे महत्वपूर्ण राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है।
  • यह दिन औपनिवेशिक शासन से देश की आजादी का प्रतीक है।
  • इस वर्ष यानी 2024 में देश की आजादी की 78वीं वर्षगांठ है।
  • देश में स्वतंत्रता दिवस समारोह मुख्य रूप से लाल किले पर मनाया जाता है।
  • यह मुख्य रूप से स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान का सम्मान करने के लिए मनाया जाता है।
  • यह गौरव का दिन है, अखंडता भारतीयों के बीच एकता को दर्शाती है।
  • यह दिन झंडा फहराने, परेड और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियों के साथ मनाया जाता है।
  • स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थान इस दिन को अलग-अलग तरीकों से मनाते हैं।
  • स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक भारतीय की भावना और आत्मा को उत्साहित करता है।

स्वतंत्रता दिवस पर कुछ कोट्स नीचे प्रस्तुत हैं –

  • “गूंज रहा है दुनिया में हिंदुस्तान का नारा, चमक रहा है आसमान में तिरंगा हमारा।
  • “तिरंगा ही आन है, तिरंगा ही शान है, और तिरंगा ही हम हिंदुस्तानियों की पहचान है।
  • “जहाँ हर धर्म और हर मज़हब के लोगों को अपने-अपने हिसाब से जीने की आज़ादी है वही मेरा देश हिन्दुस्तान है।
  • “खुश नसीब है वो जिनका खून देश के काम आता है, हर किसी के हिस्से में ना ये मुकाम आता है।
  • “देश की आन से हमारी आन बढ़ती है, देश की शान से हमारी शान बढ़ती है। 
  • “तिरंगा सिर्फ आन या शान नहीं है, हम भारतीयों की जान है।
  • “नए पीढ़ी पर आज काम करेंगे तो कल आगाज आयेगा, तभी तो देश का हर एक बच्चा अपनी हुनर का इंकलाब लाऐगा।
  • “वतन पर फ़ना होने की इजाज़त ना कोई ले सकता है ना कोई दे सकता है, वतन का राब्ता तो रूह से होता है।
  • “मेरा “हिंदुस्तान” महान था, महान है और महान रहेगा। 
  • सर झुकते है देश के जवानों के शहादत में, जो कुर्बान हो गए देश की हिफाज़त में।

भारतीय स्वतंत्रता दिवस से जुड़े रोचक तथ्य इस प्रकार हैं, जिन्हें आपको जरूर जानना चाहिएः

  • आज़ादी के दौरान भारतीयों के पास कोई आधिकारिक राष्ट्रगान नहीं था। 1911 में रवीन्द्रनाथ टैगोर द्वारा रचित गीत भरोतो भाग्यो बिधाता का नाम बदलकर ‘जन गण मन’ कर दिया गया और 24 जनवरी 1950 को भारत की संविधान सभा द्वारा राष्ट्रगान के रूप में अपनाया गया।
  • लाल, पीले और हरे रंग की 3 क्षैतिज पट्टियों वाला भारतीय राष्ट्रीय ध्वज 7 अगस्त 1906 को पारसी बागान स्क्वायर, कोलकाता में फहराया गया था। हमारे वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज का पहला संस्करण 1921 में पिंगली वेंकैया द्वारा डिजाइन किया गया था। 24-स्पोक अशोक चक्र के साथ केसरिया, सफेद और हरी धारियों वाला वर्तमान ध्वज आधिकारिक तौर पर 22 जुलाई 1947 को अपनाया गया था और 15 अगस्त 1947 को फहराया गया था।
  • बंकिम चंद्र चटर्जी द्वारा रचित राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ वास्तव में 1880 के दशक में लिखे गए उनके उपन्यास आनंदमठ का हिस्सा था। इस गीत को पहली बार 1896 में रवीन्द्रनाथ टैगोर ने गाया था। वंदे मातरम को 24 जनवरी 1950 को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया था।
  • रवीन्द्रनाथ टैगोर ने न सिर्फ भारतीय राष्ट्रगान लिखा बल्कि हमारे पड़ोसी देश बांग्लादेश ने भी राष्ट्रगान लिखा।
  • भारतीय मानक ब्यूरो के अनुसार, राष्ट्रीय ध्वज का निर्माण केवल हाथ से काते गए और हाथ से बुने गए सूती खादी के जूतों से किया जाता है।
  • भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम को 18 जुलाई 1947 को मंजूरी दे दी गई थी, लॉर्ड माउंटबेटन ने भारत की स्वतंत्रता की तारीख के रूप में 15 अगस्त को चुना क्योंकि यह 15 अगस्त 1945 को द्वितीय विश्व युद्ध के बाद मित्र देशों की सेना के सामने जापान के आत्मसमर्पण की तारीख से मेल खाती है।
  • संविधान के अनुसार भारत की कोई राष्ट्रीय भाषा नहीं है, हिंदी और अंग्रेजी दोनों को भारत की ऑफिशियल लैंग्वेज माना जाता है।
  • भारतीय तिरंगे को स्वतंत्रता सेनानी और महात्मा गांधी के अनुयायी पिंगली वेंकैया ने डिजाइन किया था।
  • भारत के अलावा 5 अन्य देश 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। इनमें उत्तर कोरिया, दक्षिण कोरिया, कांगो गणराज्य, बहरीन और लिकटेंस्टीन शामिल हैं।
  • कर्नाटक के धारवाड़ में स्थित कर्नाटक खादी ग्रामोद्योग संयुक्त संघ (केकेजीएसएस) के पास भारतीय ध्वज के निर्माण और आपूर्ति का अधिकार है।

सम्बंधित आर्टिकल्स 

 
 
 

हर वर्ष 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। 

1947 में भारत देश को 15 अगस्त के दिन आजादी मिली थी। उसके जश्न में स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। 

उस समय देश की आबादी लगभग 32 करोड़ थी। 

इस वर्ष यानी 2024 में 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा। 

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको Essay on Independence Day in Hindi लिखने के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य निबंध से सम्बंधित ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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विशाखा सिंह

A voracious reader with degrees in literature and journalism. Always learning something new and adopting the personalities of the protagonist of the recently watched movies.

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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2023 (Independence Day Essay in Hindi)

स्वतंत्रता दिवस

15 अगस्त 1947, भारतीय इतिहास का सर्वाधिक भाग्यशाली और महत्वपूर्ण दिन था, जब हमारे भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना सब कुछ न्योछावर कर भारत देश के लिये आजादी हासिल की। भारत की आजादी के साथ ही भारतीयों ने अपने पहले प्रधानमंत्री का चुनाव पंडित जवाहर लाल नेहरु के रुप में किया जिन्होंने राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली के लाल किले पर तिरंगे झंडे को पहली बार फहराया। आज हर भारतीय इस खास दिन को एक उत्सव की तरह मनाता है।

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भारतीय स्वतंत्रता दिवस 2023 पर छोटे तथा बड़े निबंध (Short and Long Essay on Independence Day/15 August 2023 in Hindi, Swatantrata Diwas par Nibandh Hindi mein)

यहाँ बहुत ही आसान भाषा में स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में निबंध पायें:

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध – 1 (250 – 300 शब्द) – (Essay on 77th Independence Day)

15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश साम्राज्य से भारत की स्वतंत्रता को याद करने के लिये राष्ट्रीय अवकाश के रुप में इस दिन हर साल भारत के लोगों द्वारा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। इस दिन भारत के उन महान नेताओं को श्रदा्ंजलि दी जाती है जिनके नेतृत्व में भारत के लोग सदा के लिये आजाद हुए।

स्वतंत्रता दिवस का इतिहास

15 अगस्त 1947, स्वतंत्रता की प्राप्ति के बाद जवाहर लाल नेहरु भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने जिन्होंने दिल्ली के लाल किले पर भारतीय झंडा फहराने के बाद भारतीयों को संम्बोधित किया। इसी प्रथा को आने वाले दूसरे प्रधानमंत्रीयों ने भी आगे बढ़ाया जहां झंडारोहण, परेड, तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम आदि हर साल इसी दिन आयोजित होते हैं। कई लोग इस पर्व को अपने वस्त्रों पर, घर तथा वाहनों पर झंडा लगा कर मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस के मायने

स्वतंत्रता दिवस को मनाने का अर्थ केवल औपचारिक तौर पर ध्वजारोहण करना नहीं है अपितु स्वतंत्रता के महत्त्व को समझने और शहीदों के योगदान का स्मरण करना भी है।

भारत एक ऐसा देश है जहां करोड़ों लोग विभिन्न धर्म, परंपरा, और संस्कृति के एक साथ रहते है और स्वतंत्रता दिवस के इस उत्सव को पूरी खुशी के साथ मनाते हैं। इस दिन, भारतीय होने के नाते, हमें गर्व करना चाहिये और ये वादा करना चाहिये कि हम किसी भी प्रकार के आक्रमण या अपमान से अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिये सदा देशभक्ति से पूर्णं और ईंमानदार रहेंगे।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 2 (400 शब्द) – Essay on 15 August

ब्रिटिश शासन से आजादी मिलने की वजह से भारत में स्वतंत्रता दिवस सभी भारतीयों के लिये एक महत्वपूर्णं दिन है। हम इस दिन को हर साल 15 अगस्त 1947 से मना रहे है। गांधी, भगत सिंह, लाला लाजपत राय, तिलक और चन्द्रशेखर आजाद जैसे हजारों देशभक्तों की कुर्बानी से स्वतंत्र हुआ भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रुप में गिना जाता है।

आजादी के इस पर्व को सभी भारतीय अपने-अपने तरीके से मनाते है, जैसे उत्सव की जगह को सजा कर, फिल्में देखकर, अपने घरों पर राष्ट्रीय झंडे को लगा कर, राष्ट्रगान और देशभक्ति गीत गाकर तथा कई सारे सामाजिक क्रियाकलापों में भाग लेकर। राष्ट्रीय गौरव के इस पर्व को भारत सरकार द्वारा बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और उसके बाद इस उत्सव को और खास बनाने के लिये भारतीय सेनाओं द्वारा परेड, विभिन्न राज्यों की झांकियों की प्रस्तुति, और राष्ट्रगान की धुन के साथ पूरा वातावरण देशभक्ति से सराबोर हो उठता है।

राज्यों में भी स्वतंत्रता दिवस को इसी उत्साह के साथ मनाया जाता है जिसमें राज्यों के राज्यपाल और मुख्यमंत्री मुख्य अतिथी के तौर पर होते हैं। कुछ लोग सुबह जल्दी ही तैयार होकर प्रधानमंत्री के भाषण का इंतजार करते हैं। भारतीय स्वतंत्रता इतिहास से प्रभावित होकर कुछ लोग 15 अगस्त के दिन देशभक्ति से संबंधित फिल्में देखते हैं साथ ही सामाजिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं।

महात्मा गांधी के अहिंसा आंदोलन की वजह से हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को खूब मदद मिली और 200 साल के लंबे संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से आजादी मिली। स्वतंत्रता के लिये किये गये कड़े संघर्ष ने उत्प्रेरक का काम किया जिसने ब्रिटिश शासन के खिलाफ अपने अधिकारों के लिये हर भारतीय को एक साथ किया, चाहे वो किसी भी धर्म, वर्ग, जाति, संस्कृति या परंपरा को मानने वाले हो। यहां तक कि अरुणा आसिफ अली, एनी बेसेंट, कमला नेहरु, सरोजिनी नायडु और विजय लक्ष्मी पंडित जैसी महिलाओं ने भी चुल्हा-चौका छोड़कर आजादी की लड़ाई में अपनी महत्वपूर्णं भूमिका अदा की।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 3 (500 शब्द) – स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास (History of Independence day)

15 अगस्त 1947 एक ऐसी तिथी है जिसे हमारे इतिहास में सुनहरे अक्षरों से लिखा गया है। एक ऐसा दिन जब भारत आज़ाद हुआ, अंग्रेज़ भारत छोड़ने पर मज़बूर हो गये थे। हमें दो सौ साल कि गुलामी से आज़ादी मिली थी, तो जश्न भी उतना ही बड़ा होना था और शायद यही वजह है कि आज भी हम इसे उतने ही धूम-धाम से मनाते हैं।

स्वतंत्रता दिवस का स्वर्णिम इतिहास (History of Indian Independence Day)

अंग्रेजों के भारत पर कब्जे के बाद हम अपने ही देश में गुलाम थे। पहले सब कुछ हमारा था जैसे कि धन, अनाज, ज़मीन परंतु अंग्रेजों के आने के बाद किसी चीज़ पर हमारा अधिकार नहीं था। वे मनमाना लगान वसूलते और जो मन उसकी खेती करवाते जैसे नील और नकदी फसलों की खेती आदि। ऐसा खास तौर पर बिहार के चंपारण में देखा गया। हम जब भी उनका विरोध करते हमें उससे भी बड़ा जवाब मिलता, जैसे कि जलियांवाला बाग हत्याकांड।

प्रतारण की कहानियों की कमी नहीं है और न ही कमी है हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के साहस पूर्ण आंदोलनों की, उनके अथक प्रयासों का ही नतीजा है कि आज़ हमारे लिए यह इतिहास है। अंग्रेजों ने हमें बुरी तरह लूटा, जिसका एक उदाहरण कोहिनूर भी है, जो आज उनकी रानी की ताज कि शोभा बढ़ा रहा है। लेकिन हमारे सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर आज भी सबसे कुलीन है और शायद यही वजह है कि आज भी हमारे देश में अतिथियों को देवताओं की तरह पूजा जाता है और जब-जब अंग्रेज भारत आएंगे हम उनका स्वागत करते रहेंगे लेकिन इतिहास का स्मरण करते हुए।

स्वतंत्रता सेनानीयों का योगदन (Contribution of Freedom Fighters)

हमारे स्वतंत्रता सेनानी जैसे गांधी जी, जिनका आज़ादी के लिए संघर्ष में अतुल्य योगदान रहा है और वे सबसे लोकप्रिय भी थे। उन्होने सबको सत्य, अहिंसा का पाठ पढ़ाया और वह अहिंसा ही था, जो सबसे बड़े हथियार के रूप में उभरा और कमज़ोर से कमज़ोर व्यक्ति के जीवन में भी उम्मीद के दीपक जलाए। गांधी जी ने देश से कई कुप्रथाओं को हटाने के कुलजोर प्रयास किये और सभी तबकों को साथ लाया, जिसकी वजह से यह लड़ाई और आसान हो गई। उनके लिये लोगों का प्यार ही था जो लोग उन्हें लोग बापू बुलाते थे।

साइमन कमीशन के विरोध में सब शांतिप्रिय तरीके से विरोध कर रहे थे, लेकिन इसी बीच अंग्रेजों ने लाठी चार्ज शुरू कर दिया और इसमें लाला लाजपत राय की मृत्यु हो गई। इससे आहत होकर भगत सिंह, सुख देव, राजगुरू ने सांडर्स की हत्या कर दी और बदले में इन्हें फ़ासी की सजा हुई और वे हंसते-हंसते फ़ासी की तख्त पर चढ़ गए।

आजादी की इस लड़ाई में सैकड़ों ऐसे नाम हैं जैसे सुभाष जन्द्र बोस, बाल गंगाधर तिलक, मंगल पांडे, रानी लक्ष्मीबाई, गणेश शंकर विद्यार्थी, राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद आदि जिनके योगदान अतुलनीय हैं।

आजादी का रंगीन पर्व (Independence Day Festival)

स्वतंत्र भारत में इस पर्व को मनाने के तरीके अलग-अलग हैं। हफ्ते भर पहले से बाजारों में रौनक आ जाती है, कहीं तीन रंगों की रंगोली बिकती है, तो कहीं तीन रंगों की लाइटें। पूरा समां ही मानो इन रंगों में समा जाता है। कहीं पर खुशी का माहौल होता है, तो कहीं देशभक्ती गीतों की झनकार। पूरा देश नाचते-गाते इस उत्सव को मनाता है। लोग खुद भी झूमते हैं और दूसरों को भी थिरकने पर मजबूर कर देते हैं। पूरा देश एक जुट हो जाता है वो भी ऐसे, कि क्या हिंदू क्या मुसलमान, कोइ भेद ही नज़र नहीं आता।

जैसा की स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है, इस दिन के लिए राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया गया है और स्कूल, कॉलेज, सरकारी कार्यालय सब बंद रहते हैं। लेकिन यह लोगों का उत्साह ही है जो इस दिन को मनाने के लिए सब एक जुट होते हैं और बड़े हर्षोल्लास के साथ हर वर्ष स्वतंत्रता दिवस समारोह का आयोजन किया जाता है, तिरंगा फहराया जाता है और मिठाइयां बांटी जाती हैं।

Essay on Independence Day in Hindi

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 4 (600 शब्द) – स्वतंत्रता दिवस: महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पल (Important Timelines of Indian Independence Day)

भारत के राष्ट्रीय त्योहारों में से एक है हमारा स्वतंत्रता दिवस, एक ऐसा दिन जब भारत आज़ाद हुआ था। कहने को अंग्रेज़ भारत छोड़ कर चले गए थे, लेकिन यह आजादी और भी कई मायनों में ज़रुरी और अलग थी। हम अब न तो शारीरिक रूप से गुलाम थे और न ही मानसिक तौर पर। हमें खुल के बोलने, पढ़ने, लिखने, घूमने हर क्षेत्र में आजादी मिल गयी थी।

महत्वपूर्ण ऐतिहासिक पल

  • अंग्रेजों का भारत आगमन (British arrival in India)

बात उन दिनों की है जब भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता था। 17वीं शताब्दी में अंग्रेज़ व्यापार करने भारत आए, उस समय यहां मुगलों का शासन था। धीरे-धीरे अंग्रेजों ने व्यापार के बहाने अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाया और कई राजाओं को धोखे से युद्ध में हरा के उनके क्षेत्रों को अपने अधीन कर लिया। 18वीं सदी तक ईस्ट इंडिया कंपनी के नाम से अपना वर्चस्व स्थापित कर, अपने आस-पास के क्षेत्रों को वशीभूत कर लिया।

  • भारत एक गुलाम के तौर पर (India as a Slave)

हमें एहसास हो चुका था कि हम गुलाम बन चुके हैं। हम अब सीधे ब्रितानी ताज़ के अधीन थे। शुरू-शुरू में अंग्रेजों ने हमें शिक्षित करने या हमारे विकास का हवाला देकर हम पर अपनी चीज़े थोपना शुरू कि फिर धीरे-धीरे वह, उनके व्यवहार में शमिल हो गया और वे हम पर शासन करने लगे।

अंग्रेजों ने हमें शारीरिक, मानसिक हर तौर से प्रताड़ित किया। इस दौरान कई युद्ध भी हुए, जिसमें सबसे प्रमुख था द्वितीय विश्व युद्ध, जिसके लिए थोक के भाव में भारतियों की सेना में जबरन भर्ती की गयी। भारतीयों का अपने ही देश में कोई अस्तित्व नहीं रह गया था, अंग्रेजों ने जलियांवाला बाग जैसे नरसंहार को भी अंजाम दिया और भारतीय केवल उनके दास मात्र बन के रह गए थे।

  • राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना (National Congress Party Founded)

इस संघर्षपूर्ण वातावरण के बीच 28 दिसम्बर 1885 को 64 व्यक्तियों द्वारा राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी की स्थापना की गयी। जिसमें दादा भाई नौरोजी और ए ओ ह्यूम की महत्वपूर्ण भूमिका रही और धीरे-धीरे क्रान्तिकारी गतिविधियों को अंजाम दिया जाने लगा, लोग बढ़ चढ़कर पार्टी में भाग लेने लगे।

इसी क्रम में भारतीय मुस्लिम लीग की भी स्थापना हुई। ऐसे ही कई दल सामने आये और उनके अतुल्य योगदान का ही नतीज़ा है कि हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई। जिसके लिए कई वीरों ने गोली खाई और कईयों को तो फांसी हुई, कई मांओं की कोखें रोईं, तो कुछ भरी जवानी अभागन हुई।

  • सांप्रदायिक दंगे और भारत का बंटवारा (Communal Riots and Partition Of India)

इस प्रकार देश को अंग्रेज़ छोड़ के तो चले गये और हम आज़ाद भी हो गये परंतु एक और जंग अभी देखना बाकी था, जो की थे सांप्रदायिक हमले। स्वतंत्रता प्राप्त करते ही सांप्रदायिक हिंसे भड़क उठे, नेहरू और जिन्ना दोनों को प्रधानमंत्री बनना था, नतीज़न देश का बटवारा हुआ।

भारत और पाकिस्तान नाम से एक हिंदू और एक मुस्लिम राष्ट्र की स्थापना हुई। गांधी जी की मौजूदगी से इन हमलों कमी तो आई, फिर भी मरने वालों कि तादात लाखों की थी। एक तरफ आजादी का माहौल था तो वहीं दूसरी ओर नरसंहार का मंज़र। देश का बटवारा हुआ और क्रमशः 14 अगस्त को पाकिस्तान का और 15 अगस्त को भारत का स्वतंत्रता दिवस घोषित किया गया।

  • स्वतंत्र भारत व आजादी का पर्व (Free India and Independence Day)

आजादी एवं बटवारे के बाद हम हर वर्ष, स्वतंत्रता दिवस को अपने अमर वीर ज़वानों एवं दंगे में मारे गए निर्दोष लोगों को याद कर के मनाते हैं। अमर ज़वानों की कोई निश्चित गणना नहीं है, क्योंकि इसमें बच्चों से लेकर बूढ़ों तक सब शामिल थें।

पूरा देश एक जुट था तब जाकर ये सपना साकार हुआ। हां कुछ प्रमुख देश भक्त ऐसे थे जिन्हें नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता जैसे की भगत सिंह, सुखदेव, राज गुरू जिन्हें फांसी हुई, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, सुभाष चंद्र बोस इत्यादि। महिलाएं भी इस काम में पीछे न थीं, जैसे कि एनी बेसेंट, सरोजिनी नायडू व कई अन्य।

नए दौर में स्वतंत्रता दिवस के मायने (Meaning of Independence Day in the New Era)

स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारी बड़े ज़ोरो-शोरों से की जाती है, लाल किले के प्राचीर से हर वर्ष हमारे माननीय प्रधान मंत्री जी तिरंगा फहराते हैं। उसके बाद राष्ट्र गान एवं उनके भाषण के साथ कुछ देशभक्ति कार्यक्रम प्रस्तुत किए जाते हैं, जिनका आनंद हम वहां प्रस्तुत हो कर या घर बैठे वहां के सीधे प्रसारण से ले सकते हैं।

हर वर्ष इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि किसी अन्य देश से बुलाए जाते हैं। स्वतंत्रता दिवस हमारा राष्ट्रीय पर्व है और इस मौके पर सारे स्कूल, कॉलेज, कार्यालय सब बंद रहते हैं। यह एक ऐसा पर्व है जिसे पूरा देश एक जुट हो के मनाता है, बस सबके ढ़ग अलग-अलग होते हैं। कोई नई पोशाक पहन के तो कोई देशभक्ति गीतों को सुन के इस दिन को मनाता है।

यह पर्व हमें अमर वीरों के बलिदान के साथ-साथ इतिहास को न भूलने का स्मरण कराता है, ताकी दोबारा किसी को व्यापार के बहाने शासन का मौका न दिया जाए और आज के युवा पीढ़ी का परिचय उनके गौरवपूर्ण इतिहास से कराया जाए। भले ही स्वतंत्रता दिवस मनाने के सबके तरीके अलग हों, मकसद एक ही होता है। सब मिल-जुल कर एक दिन देश के लिए जीते हैं, स्वादिष्ट पकवान खाते हैं और मित्रों को मुबारक बाद देते हैं।

Independence Day Essay

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध 5 (1000 शब्द) – गुलामी से स्वतंत्रता तक (Essay on 15th August/Independence Day: From Slavery to Freedom)

15 अगस्त का दिन हमारे भारतीय लोकतंत्र और भारतीयों के लिए बहुत खास दिन है। इसी दिन हमें अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी, लगभग 200 वर्षों बाद हमारा देश अंग्रेजों के अत्याचार और गुलामी से 15 अगस्त सन् 1947 को पूर्ण रुप से आजाद हुआ था। यह भारतीयों के लिए बहुत खास और सुनहरा दिन होता है, और हम सभी मिलकर आजादी के इस दिन को बड़े जोश और धुमाधाम से मनाते हैं। आज हमारे देश की आजादी को 76 वर्ष हो गये हैं, पर आज भी आजादी के उन पलों को याद कर हमारी आंखें नम हो जाती हैं।

भारतीय स्वतंत्रता दिवस का इतिहास (Indian History of Freedom)

  • अंग्रेजों का भारत आगमन (Arrival of British India)

आज से तकरीबन 400 वर्षों पहले अंग्रेजों की ईस्ट इंडिया कंपनी भारत में व्यापार करने के उद्देश्य से भारत में आयी थी। उन दिनों पाकिस्तान और बांग्लादेश भारत के ही हिस्से हुआ करते थे। अंग्रेज यहां अपने व्यापार के साथ-साथ लोगों की गरीबी, मजबूरी और उनकी कमजोरीयों को परखने लगे, और उनकी मजबूरियों का फायदा उठाने लगे।

अंग्रेजों ने धीरें-धीरें भारतीयों के मजबूरियों का लाभ उठाकर उनको गुलाम बनाकर उन पर अत्याचार करना शुरु कर दिया, और मुख्य रुप से ये गरीब और मजबूर लोगो को अपने कर्ज तले दबा देते थे। कर्ज न चुकाने पर वो उन्हें अपना गुलाम बनाकर उनपर मनमाना काम और अत्याचार करने लगे। एक-एक करके राज्यों और उनके राजाओं को अपने अधिन करते चले गए, और लगभग पुरे भारत पर अपना नियंत्रण कर लिए।

  • भारतीयों पर अत्याचार (Atrocities on Indians)

अंग्रेजों का भारत पर कब्जा करने के दौरान वे लोगों पर अत्याचार करने लगे, जैसे मनमाना लगान वसुलना, उनके खेतों और आनाजों पर कब्जा कर लेना, इत्यादि। इसके कारण यहां के लोगों को उनका बहुत अत्याचार सहना पड़ता था। जब वे इस अत्याचार का विरोध करते थे तो उन्हे गोलियों से भुन दिया जाता था जैसे कि जलियावाला कांड हुआ।

  • अंग्रेजी हुकुमत के खिलाफ भारतीयों का गुस्सा (Anger of Indian People against British rule)

अंग्रेजों का भारतीयों के प्रति रवैया और उनका अत्याचार दिन प्रति दिन बढ़ता जा रहा था और भारतीयों में उनके प्रति गुस्सा और बदले की आग भी बढ़ती जा रही थी। अंग्रेजों के इस बर्बरता पूर्ण रवैये की आग पहली बार सन् 1857 मे मंगल पांड़े के विद्रोह के रुप में देखी गयी। मंगल पांडे के इस विद्रोह के कारण उन्हें मार दिया गया, इससे लोगों में अंग्रेजों के प्रति गुस्सा और बढ़ता गया और नए नए आंदोलनों के रुप सामने आने लगा।

  • आजादी की मांग (Demand of Freedom)

अंग्रेजों के बढ़ते अत्याचार को लेकर लोगों में गुस्सा और अपने आजादी की मांग सामने आने लगी। जिसके कारण कई आंदोलन और अंग्रेजी सरकार के खिलाफ झड़प की घटनाएं बढ़ती रही। आजादी की मांग सबसे पहले मंगल पांडे ने 1857 में विरोध करके किया, और इस वजह से उन्हें अपनी जान गवानी पड़ी। धीरे-धीरे अंग्रेजों के अत्याचार से आजादी के मांग की आवाजें भारत के अन्य जगहों से भी आने लगी।

  • स्वतंत्रता के लिए स्वतंत्रता सेनानियों का महत्वपुर्ण योगदान (Important Contribution of Freedom Fighters for Freedom)

भारत को अंग्रेजों के अत्याचार से आजादी दिलाने के लिए कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपना बलिदान दिया है, उनमें से सबसे अतुल्य योगदान महात्मा गांधी का रहा है। भारत पर लगभग 200 वर्षो से शासन कर रहे ब्रिटिश हुकमत को गांधी जी ने सत्य और अहिंसा जैसे दो हथियारों से हारने पर मजबूर कर दिया। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा को ही अपना हथियार बनाया और लोगो को भी प्रेरित किया और लोगों को इसे अपनाकर अंग्रेजो के अत्याचार के खिलाफ लड़ने के लिए कहा। देश के लोगों ने उनका भरपूर साथ दिया और आजादी मे बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया। लोग उन्हे प्यार और सम्मान से बापू पुकारते थे।

  • कुछ अन्य स्वतंत्रता सेनानियों का आजादी में योगदान (Contribution of Some Other Freedom Fighters for Freedom)

हालाकि स्वतंत्रता के संग्राम में पूरे हिन्दुस्तान ने ही अपने तरीके से कुछ न कुछ अवश्य योगदान दिया, किन्तु कुछ ऐसे लोग थे जिन्होंने अपने नेतृत्व, रणनीती और अपने कौशल का परिचय देते हुए आजादी में आपना योगदान किया।

महात्मा गांधी, जवाहर लाल नेहरु, सरदार बल्लभ भाई पटेल, बाल गंगाधर तिलक जैसे कई अन्य स्वतंत्रता सेनानियों ने लोगों से साथ मिलकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। कुछ ने मुख्य रुप से सत्य और अहिंसा को अपनाकर अपनी लड़ाई को जारी रखा। वहीं दुसरी ओर कुछ ऐसे भी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ हिंसा का रास्ता अपनाया, जिन्हें एक क्रांतिकारी का नाम दिया गया। ये क्रांतिकारी मुख्य रुप से किसी संस्था से जुड़कर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ाई को लड़ते रहे। मुख्य रुप से मंगल पांड़े, चन्द्रशेखर आजाद, भगत सिहं, राजगुरु इत्यादि कई ऐसे क्रांतिकारी हुए जिन्होंने अपने तरीके से स्वतंत्रता में अपना योगदान दिया।

सभी के अडिग दृढ़ शक्ति और आजादी के प्रयासो ने अंग्रेजों की हुकुमत को हिला दिया, और 15 अगस्त सन् 1947 को अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबुर कर दिया। इस ऐतिहासिक दिन को ही हम संवतंत्रता दिवस के रुप मे मनाते है।

आजादी का जश्न (Celebration Freedom )

हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और लोगों के अथक प्रयासों और बलिदान के उपरान्त, 15 अगस्त 1947 को अंगेजों के अत्याचार और गुलामी से हमें मुक्ति मिली, तब से लेकर आज तक इस ऐतिहासिक दिन को हम आजादी के पर्व के रुप मे मनाते हैं। आजादी के इस राष्ट्रीय पर्व को देश के कोने-कोने में मनाया जाता है। सभी सरकारी, निजी संस्थानों, स्कुलों, आफिसों और बाजारों मे भी इसके जश्न की रौनक देखी जा सकती है।

स्वतंत्रता समारोह का यह जश्न दिल्ली के लाल किले पर भारत के प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे को फहराया जाता है और कई अन्य सांसकृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते हैं। इस दिन हर तरफ सभी लोग देश भक्ति के माहौल में डूबकर जश्न मनाते हैं।

15 अगस्त, एक ऐतिहासिक राष्ट्रीय दिवस के रुप में जाना जाता है, और हम इस दिन को आजादी के दिन के रुप में हर वर्ष मनाते हैं। सभी सरकारी संस्थानों, स्कूलों और बाजारों में इसकी रौनक देखी जा सकती है और हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाता है। हर जगह चारों तरफ बस देशभक्ति की आवाजें ही सुनाई देती हैं, हम आपस में एक दुसरे से मिलकर आजादी की मुबारकबाद देते हैं और उनका मुंह मीठा कराते हैं।

FAQs: Frequently Asked Questions

उत्तर – स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त को मनाया जाता है।

उत्तर – स्वतंत्रता दिवस को झण्डा लाल किले पर फहराया जाता है।

उत्तर – स्वतंत्रता दिवस पर झण्डा देश का प्रधानमंत्री फहराता है।

उत्तर – स्वतंत्रता दिवस के लिए 15 अगस्त की तारीख लॉर्ड माउंटबेटन ने चुनी थी।

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Independence Day Speech: स्वतंत्रता सेनानियों से आजादी के अमृत महोत्सव तक, भाषण के लिए ये हैं आइडिया

Independence day best speech ideas in hindi: इस साल 15 अगस्त को देश अपना 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. ये दिन भारत के गौरवशाली इतिहास के सबसे बड़े दिनों में से एक हैं. ये दिन हर भारतवासी के लिए बेहद खास है. स्‍वतंत्रता दिवस के महत्‍व को बताने के लिए इस दिन देशभर में भाषण दिए जाते हैं. आप भी नीचे बताए गए प्वॉइंट्स की मदद से एक प्रभावशाली भाषण तैयार कर सकते हैं..

Independence Day Speech Ideas

  • 14 अगस्त 2022,
  • (अपडेटेड 14 अगस्त 2022, 6:46 PM IST)

75th independence day essay in hindi

Independence Day Speech Ideas In Hindi: इस साल भारत 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है. सरकार ने आजादी के 75 गौरवशाली वर्ष मनाने के लिए '75वां आजादी का अमृत महोत्सव' शुरू किया है. 75वें आजादी दिवस का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में 'हर घर तिरंगा' अभियान भी शुरू किया गया है ताकि लोगों को यह दिन सेलिब्रेट करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके. स्वतंत्रता दिवस पर बच्चों और शिक्षकों को भाषण (Independence Day Speech) तैयार करने के लिए कहा जाता है. स्वतंत्रता दिवस के लिए अच्छा भाषण तैयार करने के लिए आपकी मदद कर सकते हैं. नीचे कुछ आइडिया हैं जिनकी मदद से आप अपना भाषण तैयार कर सकते हैं.

स्वतंत्रता दिवस मनाना क्यों महत्वपूर्ण है? स्वतंत्रता दिवस के महत्व पर प्रकाश डालते हुए भाषण लिख सकते हैं. छात्रों को इस दिन के महत्व को समझना चाहिए और बलिदानों के माध्यम से हमने इसे कैसे हासिल किया.

आजादी का अमृत महोत्सव स्वतंत्रता दिवस के महत्व के साथ आज इसे किस तरह मनाया जा रहा है. इस साल भारत स्वतंत्रता के 75वें वर्ष पर आजादी का अमृत महोत्सव (75th Azadi Ka Amrit Mahotsav) और 'हर घर तिरंगा' अभियान चला रहा है. आप इस बारे में लिख सकते हैं कि अभियान क्या है और सरकार यह पहल क्यों कर रही है.

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हमारे स्वतंत्रता सेनानी और उनसे सीखने योग्य बातें  स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की कहानी भी अपने भाषण में लिख सकते हैं. स्वतंत्रता संग्राम में उनके समर्पण और कड़ी मेहनत की जानकारियां किताबों, डॉक्यूमेंट्री और फिल्मों के माध्यम से जाना जा सकता है. स्पीच लिखने के लिए यह एक अच्छा विषय हो सकता है.

स्वतंत्रता संग्राम में महिलाओं की भूमिका स्वतंत्रता की लड़ाई महिलाओं ने भी आंदोलनों, भूख हड़तालों और अन्य स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था. आप कुछ महान महिलाओं के स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका के बारे में लिख सकते हैं.   स्वतंत्रता और जिम्मेदारी का महत्व प्रत्येक भारतीय को स्वतंत्रता के मूल्य को समझना और उसकी सराहना करनी चाहिए. भारतीय नागरिकों के रूप में हमारी क्या जिम्मेदारी है, यह भाषण के लिए एक अच्छा विषय हो सकता है.

भारत और इसकी संस्कृति भारत विभिन्न संस्कृतियों और जातियों का देश है. यह संस्कृतियों, त्योहारों, पाक शैली, परंपरा और और धर्म के संदर्भ में समृद्ध है. आप अपने निबंध में भारतीय संस्कृति के बारे में बात कर सकते हैं.

शिक्षा, तब और अब प्राचीन काल से, भारत ने अच्छी शिक्षा और साक्षरता दर में वृद्धि के महत्व पर जोर दिया है. स्वतंत्रता भाषण में प्राचीन काल से अब तक की शिक्षा प्रणाली की तुलना कर सकते हैं, विशेष रूप से स्वतंत्रता की लड़ाई ने शिक्षा के बारे में हमारी सोच को कैसे आकार दिया है.

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Independence Day essay in Hindi : 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर छोटा और आसान निबंध

Independence day essay : 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर स्कूलों व कॉलेजों में पोस्टर मेकिंग, लेख प्रतियोगिताएं तथा भाषण मुकाबले करवाए जाते हैं। निबंध का आइडिया आप यहां से ले सकते हैं।.

Independence Day Essay in Hindi : 15 अगस्त 1947 को भारत ने एक नए युग में प्रवेश किया था। यह वो दिन था जब 200 साल तक ब्रिटिश उपनिवेशवाद का दंश झेलने के बाद हमारा देश भारत आजाद हुआ था। इस 15 अगस्त को हम अपनी स्वतंत्रता की 77वीं सालगिरह मना रहे हैं। अंग्रजों की 200 सालों की दासता के बाद देश आर्थिक रूप से लगभग जर्जर अवस्था में पहुंच गया था। ऐसे में 15 अगस्त का दिन भारतवासियों के लिए आजादी के बाद करीब 8 दशकों में हासिल हुई अपनी उपलब्धियों पर गौरवान्वित होने का दिन है। 

हर भारतीय 15 अगस्त के इस खास दिन को स्वतंत्रता दिवस के तौर पर बड़ी धूमधाम एवं उत्साह के साथ मनाता आ रहा है। इस साल भारत की आजादी को 77 बरस पूरे हो गए हैं। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर स्कूलों व कॉलेजों में पोस्टर मेकिंग, लेख प्रतियोगिताएं तथा भाषण मुकाबले करवाए जाते हैं। स्टूडेंट्स इनमें बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं। बच्चों को स्वतंत्रता दिवस का महत्व समझाने के लिए व उनमें देशभक्ति की भावना का संचार करने के लिए स्कूलों में भाषण ( 15 august independence day speech in hindi) , निबंध ( independence day essay in hindi ), कला, पेंटिंग व वाद विवाद संबंधी कई तरह की प्रतियोगिताएं होती हैं।

अगर आप स्कूल में निबंध प्रतियोगिता में हिस्सा लेने जा रहा हैं तो यहां से इसका उदाहरण ले सकते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध ( swatantrata diwas nibandh ).

15 अगस्त 1947 का दिन भारत के इतिहास और हर भारतीय नागरिक के लिए सबसे अहम दिन है। यही वह दिन है जब पहली बार भारत के लोगों ने एक आजाद देश में सांस लेना शुरू किया। आज हमारे देश को अंग्रेजों की 200 सालों की गुलामी से मुक्ति मिले 77 बरस पूरे हो गए हैं। भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस बडे़ धूम-धाम और पूरे उत्साह के साथ मना रहा है। यह ऐतिहासिक दिन है और हमारे देशवासियों के बीच देशप्रेम, समर्पण और एकता का प्रतीक है। सरकार के हर घर तिरंगा अभियान में देश की जनता पूरे जोश के साथ हिस्सा ले रही है। स्वतंत्रता दिवस का दिन देश में राष्ट्रीय अवकाश के तौर पर मनाया जाता है। इस दिन भारत के उन महान स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है जिनके त्याग और बलिदान के चलते भारत तो अंग्रेजी हुकूमत से आजादी मिली थी।

देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने आजादी को पाने के लिए हमने लंबा संघर्ष किया। अपना पूरा जीवन, पूरी जवानी आजादी को पाने में झोंक दी। देश को आजाद कराने में महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, मंगल पाण्डे, ,राजगुरु, सुखदेव, जवाहरलाल नेहरु, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक जैसे कई क्रांतिकारियों और स्वतंत्रता सेनानियों का अहम योगदान रहा। भारत मां के इन सच्चे सपूतों के लंबे संघर्ष के कारण स्वतंत्रता का सपना साकार हुआ। आज 15 अगस्त, 1947 का जिक्र होते ही गर्व से हर भारतीय का सीना चौड़ा हो उठता है।

स्वतंत्रता दिवस का मुख्य कार्यक्रम दिल्ली के लाल किले पर होता है। स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर से जनता का अभिवादन स्वीकार करते हैं और राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा फहराते है। 31 तोपों की सलामी दी जाती है। इसके बाद वह देश को संबोधित करते हैं। प्रधानमंत्री अपने भाषण में भावी योजनाओं के बारे में बताते हैं और देश की उपलब्धियों का भी जिक्र करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर शानदार भाषण, फटाफट होगा याद

अंग्रेजों की 200 सालों की गुलामी के बाद जब हमारा मुल्क आजाद हुआ गरीबी, भुखमरी, बेरोजगारी, आर्थिक असमानता, महिलाओं की बदतर स्थिति, अशिक्षा जैसी समस्याओं से घिरा हुआ था। देश में अच्छे शैक्षणिक संस्थान और अस्पताल नहीं थे। शिक्षा और स्वास्थ्य की खराब स्थिति थी। लेकिन करीब 8 दशक की अवधि में भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। आज हम देख रहे हैं कि भारत ने न केवल विश्व मंच पर अपना यथोचित स्थान बनाया है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में अपनी प्रतिष्ठा को लगातार बढ़ा रहा है। भारत, पूरी दुनिया में, विकास के लक्ष्यों और मानवीय सहयोग को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।

आजादी मिलने के बाद 77 वर्षों में हमने कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। आईआईटी, आईआईएम, एम्स, इसरो, डीआरडीओ, आईसीएमआर जैसे संस्थान नई ऊंचाइयों को छूकर दुनिया भर में अपना डंका जा रहा है। भारत का परमाणु शक्ति संपन्न बनना, चंद्रयान-3 की सफलता और कोविड-19 वैक्सीन बनाना, पोलियो मुक्त होना इसके बड़े प्रमाण हैं। विज्ञान व तकनीक से लेकर आर्थिक, खेल, मनोरंजन, कला संस्कृति हर क्षेत्र में भारत का डंका दुनिया भर में बोल रहा है।

समय समय पर आईं केंद्र और राज्य सरकारों की योजनाओं से बेटी से लेकर बुढ़ापे तक महिलाएं आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से आत्मनिर्भर और समृद्ध हुई हैं। स्टार्टअप से लेकर खेल-कूद तक, हमारे युवाओं ने उत्कृष्टता के नए आसमानों की उड़ान भरी है।

इन सबके बावजूद अभी भी बहुत कुछ हासिल करना बाकी है। भारत को वर्ष 2047 तक एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। लैंगिक व समाजिक समानता, न्याय सुनिश्चित करने के मामले में एक लंबा रास्ता तय करना है।

आइए, हम सभी अपने संवैधानिक मूल-कर्तव्य को निभाने का संकल्प लें तथा व्यक्तिगत और सामूहिक गतिविधियों के सभी क्षेत्रों में उत्कर्ष की ओर आगे बढ़ने का सतत प्रयास करें ताकि हमारा देश निरंतर उन्नति करते हुए कर्मठता तथा उपलब्धियों की नई ऊंचाइयां हासिल करे।

हमारा संविधान हमारा मार्गदर्शक दस्तावेज है। संविधान की प्रस्तावना में हमारे स्वाधीनता संग्राम के आदर्श समाहित हैं। आइए, हम अपने राष्ट्र निर्माताओं के सपनों को साकार करने के लिए सद्भाव और भाई-चारे की भावना के साथ आगे बढ़ें। इस दिन सभी को राष्ट्र निर्माण, देश के विकास व रक्षा का संकल्प लेना चाहिए। साथियों स्वतंत्रता दिवस के दिन तिरंगा हर घर में फहराया जाना चाहिए। यह इस मुल्क की आजादी और रक्षा के लिए शहीद होने वाले वीरों को सच्ची सलामी होगी।

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75th independence day essay in hindi

स्वतंत्रता दिवस | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में- Independence Day Essay in Hindi

दोस्तों इस आर्टिकल में हम आपके लिए Independence Day Essay in Hindi ( Swatantrata Diwas | 15 August par nibandh ) शेयर कर रहे है, हमने 100 words, 200 words, 250 words, 300 words, 500 words 800 words ke essay लिखे है जो की class 1,2,3,4,5,6,7,8,9,10,11,12 ke students | Vidyarthi ke liye upyogi hai.

In this article, we are providing information about Independence in Hindi | 5 well written essay on Independence in Hindi Language. स्वतंत्रता दिवस पर पूरी जानकारी जैसे की पृष्ठभूमि, इतिहास, महत्व-विशेषता, राष्ट्रीय पर्व का दिन, महत्व, अदि के बारे बताया गया है। 

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में| Independence Day Essay in Hindi

Republic Day Essay in Hindi 10 Lines

1. स्वतंत्रता दिवस हमारा महान् राष्ट्रीय पर्व है।

2. सन् 1947 की पन्द्रह अगस्त को ही सर्वप्रथम हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी।

3. इस दिन लोग शहीदों के बलिदान को याद करते है।

4. स्वतंत्रता दिवस पर्व प्रति वर्ष पन्द्रह अगस्त को समस्त भारत में अति उत्साह और हर्ष के वातावरण में मनाया जाता है।

5. इस दिन प्रातः काल से ही हर नगर, ” हर कस्बे और गाँव में प्रभात फेरियों का आयोजन होता है।

6. इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में विशेष आयोजन होता है।

7. विद्यालयों, सरकारी-गैरसरकारी भवनों कल-कारखानों, चौराहों, मैदानों आदि पर तिरंगे झंडे फहराए जाते हैं।

8. इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और भारतवासियों के नाम संदेश प्रसारित करते हैं।

9. पन्द्रह अगस्त भारत वर्ष के इतिहास का सबसे उज्जवल पवित्र और महत्वपूर्ण दिवस है।

10. यह दिवस हमें स्वतंत्रता की महिमा का संदेश देता है।

Read Also- 10 lines on Independence Day in Hindi

Short Independence Day Essay in Hindi ( 150 words )

15 अगस्त भारत का स्वतंत्रता दिवस है। पहले हमारा देश गुलाम था। हमारे देश पर अंग्रेजों का शासन था। अंग्रेजी सरकार भारत के लोगों पर अत्याचार करती थी।

भारतवासी अंग्रेजों के साथ लड़े। बहुत से लोगों ने इस लड़ाई में अपने प्राणों का बलिदान किया। अन्त में 15 अगस्त 1947 को भारत आजाद हुआ। तब से इस दिन को राष्ट्रीय पर्व के रुप में मनाते हैं। पर इस दिन पाठशालाओं में खुशी का माहौल रहता है। सबसे पहले झण्डा फहराया जाता है। राष्ट्रगान गाया जाता है। इसके बाद बच्चे अनेक मनोरंजक कार्यक्रम करते हैं। बच्चों में मिठाईयाँ बाँटी जाती हैं।

राजधानी दिल्ली में देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर झण्डा फहराते हैं । वे देश की जनता के सामने भाषण देते हैं।

15 अगस्त को पूरा देश खुशी के साथ मनाता है । इस दिन हम उन लोगों को याद करते हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में बलिदान दिया ।

स्वतंत्रता दिवस |15 अगस्त पर निबंध | 15 August Essay in Hindi ( 300 to 350 words )

स्वाधीनता की इच्छा प्राणिमात्र में रहती है। एक पक्षी भी बन्दी जीवन की अपेक्षा स्वतंत्र जीवन पसन्द करता है, तो मनुष्य का तो कहना ही क्या ? दुर्भाग्य से कुछ शताब्दियों पूर्व भारतीयों को पराधीन होना पड़ा। किन्तु ‘पराधीन सपनेहुं सुख नाहीं’ के अनुसार देश स्वाधीनता के लिए छटपटाने लगा। देशभक्त बुद्धिमानों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष आरम्भ किया।

देश को स्वाधीन देखने की इच्छा से अनेक वीर हँसते-हँसते फाँसी के तख्ते पर चढ़ गए; अनेकों ने छाती पर अंग्रेजों की गोलियों को सहन किया और हजारों लोग—स्त्री और पुरुष, बालक, युवक और वृद्ध—कारावास के कष्टों को झेलते रहे। अनेक ज्ञात-अज्ञात वीरों ने इस स्वतंत्रता यज्ञ में अपने प्राणों की आहुति दी। तक जाकर हमें स्वतंत्रता के पुण्य प्रभात के दर्शन हुए।

स्वतंत्रता दिवस हमारा महान् राष्ट्रीय पर्व है। यह पर्व प्रति वर्ष पन्द्रह अगस्त को समस्त भारत में अति उत्साह और हर्ष के वातावरण में मनाया जाता है। यही वह पवित्र दिवस है, जब शताब्दियों की पराधीनता के अनन्तर भारत स्वाधीन हुआ था। सन् 1947 की पन्द्रह अगस्त को ही सर्वप्रथम हमें स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी।

स्वतंत्रता दिवस का यह उत्सव यद्यपि भारत के नगर-नगर ग्राम-ग्राम में आनन्द और उमंग से मनाया जाता है, पर भारत की राजधानी दिल्ली में इस उत्सव की विशेष चहल-पहल होती है। इस उत्सव का प्रमुख स्थल होता है- लाल किले का मैदान इस मैदान में दिल्ली की जनता उत्सव देखने के लिए उमड़ पड़ती है। इस अवसर पर देश के प्रधानमन्त्री राष्ट्रीय ध्वज लहराते हैं, इकत्तीस तोपों से ध्वज को प्रणाम किया जाता है, और तद् पश्चात् जल, स्थल तथा वायु सेनाओं की टुकडियाँ ध्वज को प्रणाम करती हैं। तदनन्तर प्रधानमन्त्री देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस को सन्देश देते हैं। इसके पश्चात् राष्ट्र गान होता है। राष्ट्रगान के अनन्तर यह कार्यक्रम समाप्त हो जाता है। रात्रि में सरकारी भवनों पर प्रकाश भी किया जाता है।

वास्तव में यह भारत के गौरव और सौभाग्य का पर्व है, जो हमारे हृदयों में नवीन आशा, नवीन स्फूर्ति, उत्साह और देश भक्ति का संचार करता है। यह उत्सव हमें स्मरण कराता है कि स्वाधीनता को पाना जितना कठिन है, उसे सुरक्षित रखना उससे भी अधिक कठिन है। अतः सभी भारतवासियों को सब प्रकार के भेद-भाव भुलाकर राष्ट्र की उन्नति के लिए तत्पर रहना चाहिए।

Swatantrata Diwas Essay in Hindi

Hindi Independence day essay lines

Long Essay on Independence Day in Hindi with headings ( 800 words )

भूमिका

बालधर गंगाधर तिलक ने कहा था- “स्वतंत्रता हमारा जन्म सिद्ध अधिकार है। इस मंत्र का अनुकरण करके भारतीयों ने स्वतंत्रता के लिए संघर्ष बलिदान और त्याग किया। 15 अगस्त 1947 को हमारा देश शताब्दियों की गुलामी के बाद आजाद हुआ। इसलिए भारतीयों के लिए पन्द्रह अगस्त का दिन बहुत महत्वपूर्ण है। हिन्दू, मुसलमान, ईसाई, बौद्ध, जैन, सिक्ख सभी धर्मावलम्बी साथ मिलजुल कर इस पर्व को उल्लास और उमंग के साथ मनाते हैं। यह दिवस भारतीयों के त्याग, बलिदान, शौर्य का पवित्र दिन है। यह भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम दिन है।

पृष्ठभूमि

मुगल शासन के अन्तिम दौर में भारत में अनेक यूरोपीय जातियाँ व्यापार करने के लिए आई। कालान्तर में वे भारत पर शासन करने की चेष्टा में लग गई। काफी संघर्ष के बाद अन्ततः अंग्रेजों ने भारत पर अधिकार कर लिया। कुछ समय बाद भारतीयों में स्वतंत्रता की चेतना जागृत हुई। परिणाम स्वरूप सन् 1857 में भारत में प्रथम स्वतंत्रता संग्राम छिड़ा। दुर्भाग्यवश यह प्रथम स्वतंत्रता संग्राम असफल रहा, किन्तु भारतीय जनता में स्वतंत्रता की चेतना बढ़ती गई। सन् 1885 में राष्ट्रीय कांग्रेस के नेतृत्व में आजादी की लड़ाई प्रारम्भ हुई। लम्बे दौर तक यह लड़ाई चलती रही। स्वतंत्रता के लिए अनेक लोगों ने अपना बलिदान दिया, जेल यात्राएँ कीं। क्रांतिकारी और अहिंसक दोनों प्रकार के स्वतंत्रता आन्दोलन होते रहे। महात्मा गाँधी के नेतृत्व में सत्य, अहिंसा और त्याग का सहारा लेकर स्वतंत्रता संग्राम छिड़ा। जिसके फलस्वरूप 15 अगस्त सन् 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और लाल किले पर राष्ट्रीय झंडा फहराया गया।

महत्व

15 अगस्त भारत का स्वतंत्रता दिवस है। यह एक ऐतिहासिक दिन है। इसी दिन भारत शताब्दियों की गुलामी से आजाद हुआ। भारत माँ के पैरों में पड़ी बेड़ियाँ टूटकर बिखर गई। विदेशी शासन का अन्त हुआ। भारत ने स्वतंत्रता के वातावरण में साँस ली। शताब्दियों से चले आने वाले शोषण, अत्याचार और उत्पीड़न का अंत हुआ। इस स्वतंत्रता के लिए अनेक वीरों ने अपने प्राण न्योछावर किए। अनेक राष्ट्रभक्तों ने न जाने कितनी यातनाएँ सहीं। इस दिन हम शहीदों और देश भक्तों को श्रद्धापूर्वक याद करते हैं जिनके बलिदान और त्याग से हमें यह स्वतंत्रता प्राप्त हुई। इस पवित्र दिन को हम शपथ लेते हैं कि हम इस स्वतंत्रता की रक्षा प्राण पण से करेंगे। हम किसी भी मूल्य पर स्वतंत्रता को हाथ से जाने नहीं देंगे। स्वतंत्रता से अधिक मूल्यवान हमारे जीवन में और कोई वस्तु नहीं है। हर कीमत पर इसकी रक्षा करना हर भारतीय का पावन कर्त्तव्य है। स्वतंत्रता दिवस हमारी सबसे अमूल्य धरोहर है।

त्यौहार का दिन

जिस दिन हमारा देश स्वतंत्र हुआ उस दिन से हम प्रतिवर्ष 15 अगस्त को राष्ट्रीय पर्व के रूप में मनाते हैं। इस दिन प्रातः काल से ही हर नगर, ” हर कस्बे और गाँव में प्रभात फेरियों का आयोजन होता है। बच्चे, जवान, बूढ़े, स्त्री-पुरुष सभी अपने हाथों में राष्ट्रीय पताका लेकर स्वतंत्रता के गीत गाते हैं। सारे वातावरण में ‘वन्देमातरम् और जनगण मन अधिनायक’ की ध्वनियाँ गूंजने लगती हैं। विद्यालयों, सरकारी-गैरसरकारी भवनों कल-कारखानों, चौराहों, मैदानों आदि पर तिरंगे झंडे फहराए जाते हैं। जगह-जगह उत्सव मनाए जाते हैं। तरह-तरह के राजनीतिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। शहीदों को श्रद्धांजलियाँ अर्पित की जाती हैं। चारों ओर उल्लास और उमंग का वातावरण दिखाई पड़ता है। इस दिन भारत की राजधानी दिल्ली में विशेष आयोजन होता है। इस दिन भारत के प्रधानमंत्री लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं और भारतवासियों के नाम संदेश प्रसारित करते हैं।

उपसंहार

पन्द्रह अगस्त भारत वर्ष के इतिहास का सबसे उज्जवल पवित्र और महत्वपूर्ण दिवस है। इस दिवस की स्मृति युगों-युगों तक भारतीयों में त्याग, तप, बलिदान की प्रेरणा देती रहेगी। यह दिवस हमें स्वतंत्रता की महिमा का संदेश देता है। स्वतंत्रता के बाद हमारा देश नवनिर्माण के पथ पर अग्रसर हो रहा है। आज वह अनेक वों में उन्नति कर रहा है। हमारी स्वतंत्रता तभी पूरी होगी जब हम आर्थिक रूप से सम्पन्न होंगे। इस दिशा में हमें प्राणपण से चेष्टा करनी चाहिए।

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Essay on Independence Day : स्वतंत्रता दिवस पर निबंध - Independence Day Essay

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Independence day essay in hindi स्वतंत्रता दिवस पर निबंध.

Hello guys today we are going to discuss an Independence Day essay in Hindi. What is Independence? We have written an Independence Day essay in Hindi. कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 के बच्चों और विद्यार्थियों के लिए स्‍वतंत्रता दिवस पर निबंध हिंदी में। Now you can take an example to write Independence Day essay in Hindi (Essay on 15 August in Hindi) in a better way. स्वतंत्रता दिवस पर निबंध।

hindiinhindi Independence Day Essay in Hindi

Independence Day Essay in Hindi 300 Words

स्वतंन्त्रता दिवस भारतीयों के जीवन में बहुत महत्व रखता हैं क्योंकि आज इस दिन हमारे देश को अंग्रेजों से स्वतंत्रता मिली थी, जिन्होने कई वर्षों तक देश पर शासन किया था। 15 अगस्त 1947 को, भारत ब्रिटिश शासन से मुक्त हो गया था, इसलिए 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन हमें अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है। इस दिन पूरे देश में विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। परेड दिल्ली और राज्य राजधानी में आयोजित की जाती हैं। इस अवसर पर हमारे देश के प्रधानमंत्री लाल किले पर हमारे राष्ट्रीय ध्वज को लहराते है।

परेड देखने के लिए दिल्ली में बहुत से लोग इक्टठे हो जाते हैं। हमारे देश के स्वतंत्रता सेनानियों ने भारत में ब्रिटिश शासन को समाप्त करने के लिए अपनी जान का त्याग किया था। हर साल जब हम इस दिन को मनाते हैं, तो हम उनके बलिदान को याद करते हैं व भाषण दिए जाते हैं और राष्ट्रीय गान भी गाया जाता है। यह दिन हमें अपने देश के सम्मान और अखंडता के लिए अपने जीवन बलिदान देने के लिए प्रेरित करता है। हालांकि भारत ब्रिटिश शासन से मुक्त है लेकिन भ्रष्टाचार, अन्याय इत्यादि जैसी कई अन्य समस्याएं हैं।

यह स्वतंत्रता दिवस हर किसी को इन समस्याओं को खत्म करने और बेहतर नागरिक बनने का वादा करना चाहिए। हम भारत का भविष्य हैं और हमारे देश का विकास हम सभी पर निर्भर करता हैं।

Independence Day Essay in Hindi 400 Words

“स्वराज्य मेरा जन्म सिद्ध अधिकार है।” – बाल गंगाधर तिलक

15 अगस्त 1947 की सुबह भारतवासियों के लिए सुखद समाचार लेकर आई। लगभग दो सदियों से भारत माता की गुलामी के बन्धन टूटे और आज़ाद हुई।

“आपसी फूट ने भारत के सूर्य को किया था अस्त उसे आलोकित करने को आया पन्द्रह अगस्त।”

सबने सुख-शान्ति की साँस ली। यह पर्व हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक है। इसलिए स्वतन्त्रता का यह पर्व पूरे भारत में धूमधाम और गर्व से मनाया जाता है। इस दिन पूरे भारत में राजकीय अवकाश होता है।

“ऐ देश! आज तुझको शत-शत नमन कर लें, जो मिटे तेरे लिए, उन्हें आज स्मरण कर लें।”

भारत की इस आजादी के लिए महात्मा गाँधी, लाला लाजपतराय, बाल गंगाधर तिलक, गोपाल कृष्ण गोखले, सुभाष चन्द्र बोस, लाल बहादुर शास्त्री, पं जवाहर लाल नेहरू, भगत सिंह, लक्ष्मी बाई, तांत्या टोपे, उधम सिंह कम्बोज तथा नाना साहब आदि ने जनता के साथ मिलकर संघर्ष किया। ये लोग कई बार जेल गए। घोर यातनाएँ सही, गोलियां खाईं और फाँसी के फंदों को चूमा। इतने अत्याचार सहने के बाद भारतीयों ने अंग्रेजों को भारत छोड़ने पर मजबूर कर दिया। इतने बलिदानों के बाद मिली। स्वतन्त्रता का दिवस हर वर्ष बहुत धूमधाम से मनाया जाता है और उन स्वतन्त्रता सेनानियों को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए जाते हैं। | आजादी की इस खुशी में राजधानी दिल्ली के लाल किले पर देश के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय ध्वजारोहण करते हैं, राष्ट्रीय-गान होता है तथा तिरंगे को इक्कीस तोपों की सलामी दी जाती है। इस दिन लाल किले के सामने विशाल जनसमूह इस शोभा को देखता है। प्रधानमंत्री बीते वर्ष में हुए देश के विकास कार्यों, घटनाओं एवं देश की नीतियों संबंधी भाषण देते हैं।

राज्यों की राजधानियों में भी मुख्यमंत्री या राज्यपाल अपने-अपने राज्यों की जनता को संदेश देते हैं। भारत के प्रत्येक नगर और गाँव में सभाएँ होती हैं। यह राष्ट्रीय पर्व बड़े गर्व, उत्साह तथा खुशी के साथ मनाया जाता है। रात के समय पूरे देश के सरकारी भवनों पर दीपमाला की जाती है। कितने ही देश प्रेमियों ने अपनी शहादत देकर हमें ये आज़ादी दिलवाई है, उसकी रक्षा हमें तन-मन-धन से करनी होगी। हमें आजादी की रक्षा के लिए किसी भी प्रकार की कुर्बानी देने का प्रण करना चाहिए। यह पर्व शान्ति, प्रेम और राष्ट्रीय एकता का संदेश देता है। कवि आनन्द बक्शी ने कहा है –

“दिल दिया है जान भी देंगे, ऐ वतन! तेरे लिए। हम जिएगें और मरेंगे, ऐ वतन ! तेरे लिए।”

Independence Day Essay in Hindi 500 Words

स्वतंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त की तिथि को मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस संपूर्ण राष्ट्र का उत्सव है। स्वतंत्रता दिवस को पूरा भारत देश उत्साह और खुशी के साथ मनाता है क्योंकि 15 अगस्त 1947 को ही भारत देश स्वतंत्र हुआ था। यह वही दिन था जब भारत देश को ब्रिटिश राज से मुक्ति मिली थी। यह दिन सभी भारतीयों के लिये बेहद महत्वपूर्ण दिन होता है क्योंकि यह दिन पूरे भारतवाषियों मौका देता है उन महान स्वतंत्रता सेनानीयों को याद करने का जिन्होंने उन्हें एक शांतिपूर्ण और खूबसूरत जीवन देने के लिये अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। उनके द्वारा किये गए कार्य को कभी भुला जा नहीं सकता। भारत देश को ऐसे ही आजादी नहीं मिली थी इसके लिए कई क्रान्तिकारियों ने अपने जीवन का बलिदान तक दे दिया था और उनमे से कुछ महान स्वतंत्रता सेनानीयों के नाम है : भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव, महात्मा गाँधी, खुदीराम बोस, चंद्रशेखर आजाद, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, लाला लाजपत राय, उधम सिंह। इन सभी के कठिन संघर्षों की वजह से ही भारत देश स्वतंत्र हैं।

राजधानी दिल्ली में हर वर्ष 15 अगस्त के दिन भव्य समारोह होता है जिसमें भारत के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले में तिरंगा फहराते हैं। जन-गण-मन की धुन बज उठती है। ध्वज के सम्मान में 21 तोपों की सलामी दी जाती है। प्रधानमंत्री वहाँ परेड का निरीक्षण करते है और राष्ट्र के नाम संदेश में देश की उन्नति और भविष्य की योजनाओं के बारे में लोगों को बताते हैं। इस पुरे कार्यक्रम का सीधा प्रसारण रेडियो और टेलीविजन पर किया जाता है। 15 अगस्त को राष्ट्रीय अवकाश रहता है लेकिन फिर भी स्कूल, कार्यालय, सरकारी, गैर सरकारी संगठन और समाज में लोग भारत का तिरंगा फहरा कर हर कोई इस स्वतंत्रता को बड़े उत्साह के साथ अपने-अपने स्थान से इसे मनाता है। स्कूली बच्चे इन कार्यक्रमों में बहुत उत्साह से भाग लेते हैं। वे रंगीन गुब्बारे उड़ाते हैं तथा हाथों में तिरंगा झंडा फहराते हैं। स्वतंत्रता दिवस के दिन लोग आसमान में पतयें तथा गुब्बारे उड़ाकर अपना उल्लास प्रकट करते हैं।

स्वतंत्रता दिवस समारोह विभिन्न राज्यों की राजधानियों में भी होते हैं जहाँ राज्य के मुख्यमंत्री तिरंगा झंडा फहराते हैं और अपनी जनता के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों कौ घोषणा भी करते हैं। जिला मुख्यालयों में जिले के कलक्टर झंडा फहराते हैं तथा भाषण देते हैं। झंडोतोलन के बाद लोग एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं और बच्चों में मिठाइयाँ, टाफियाँ और फल बाँटे जाते हैं।

Independence Day Essay in Hindi 600 Words

हमारा देश 15 अगस्त 1947 को स्वतन्त्र हुआ। स्वतन्त्रता का अर्थ है मानसिक, शारीरिक, आर्थिक तथा अपने-आप नैतिक विधि-विधान से सम्पन्न निर्णय तथा विचार ग्रहण करना है। केवल शारीरिक अथवा शासन की दृष्टि से स्वतन्त्रता का पूर्ण अर्थ नहीं माना जा सकता। जिस राज्य और राष्ट्र में प्रत्येक व्यक्ति अपने मौलिक अधिकार प्राप्त करता है और अपने कर्तव्य को नैतिक स्तर पर निभाता है, वही पूर्ण रूप से स्वतन्त्र माना जा सकता है। स्वतन्त्रता हमारी शिरा और धमनियों में बहने वाले रक्त और हृदय के स्पेदनों की भांति है।

भारत की पवित्र धरती को मुगल तथा अंग्रेज जैसे अत्याचारी शासकों ने लगभग 500 वर्ष तक अपने अपवित्र कार्यों से अपवित्र कर दिया था। मुगलों के बाद अंग्रेजों ने भारत को गुलामी की जंजीरों में जकडे रखा। गुलामी की जंजीरों में बंधे भारतीय उसी दिन से उस जाल को काटने के लिए अनथक प्रयास करते रहे। इस पुनीत संग्राम का प्रारम्भ झांसी की रानी ‘लक्ष्मीबाई’ के कर-कमलों से हुआ। संघर्ष की इस ज्वाला में बालक – वृद्ध, युवक-युवती, नर-नारी सभी झुलसते रहे।

बलिदान की इस माला में भगत सिंह, चन्द्रशेखर आजाद, राजगुरु, सुखदेव, बटुकेश्वर दत्त, खुदीराम बोस, सुभाष चन्द्र बोस, उधम सिंह, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपतराय, महात्मा गांधी, पं. जवाहर लाल नेहरू जैसे स्वतन्त्रता सेनानियों के ही रत्न नहीं पिरोये हैं, बल्कि इनकी संख्या अनगिनत है। अनगिनत माताओं की गोद सूनी हुई, अनगिनत पत्नियों का सिन्दूर मिट गया और अनन्त बहनों के भाई स्वतन्त्रता की बलि वेदी पर चढ़कर अमर-गति को प्राप्त हुए। अनेकों परिवार इस पवित्र यज्ञ की अग्नि में जल कर राख हो गए। ‘जलियांवाला बाग’, ‘कामा-गाटा मारु’, ‘साइमन कमीशन का विरोध’, ‘भारत छोड़ो आन्दोलन’, ‘विदेशी वस्त्रों की होली जलाओ’ तथा अनेक सत्याग्रह इस संघर्ष की रोमांचक कहानी सुनाते हैं। अनन्त बलिदानों के पश्चात् 15 अगस्त, 1947 का दिवस भारतवासियों के लिए सुखद समाचार ले कर आया। शताब्दियों से खोई हुई स्वतन्त्रता लाखों दीपों में फिर लौट आई।

राष्ट्रीय स्तर पर स्वतन्त्रता दिवस समारोह का कार्यक्रम देश की राजधानी नई दिल्ली में मनाया जाता है। लाल किले के प्राचीर पर प्रधानमन्त्री ध्वजारोहण करते हैं तथा लहराते हुए तिरंगे के नीचे राष्ट्र के नाम सन्देश प्रसारित करते हैं। वे शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, तथा राष्ट्र को सुखी और समृद्ध बनाने का संकल्प करते हैं। विभिन्न राज्यों की राजधानियों में भी राजकीय स्तर पर यह समारोह मनाया जाता है। मुख्यमन्त्री अपने-अपने राज्यों में नई योजनाओं की घोषणा करते हैं जिसके माध्यम से राष्ट्र में सम्पन्नता, साक्षरता तथा क्षमता लाने का प्रयत्न किया जाता है।

नगर और गांव संध्या के आगमन पर दीपमाला के आलोक से आलोकित हो उठते हैं। विभिन्न रंगों का प्रकाश स्वतन्त्रता संग्राम की उज्जवल गाथा प्रकट करता है।

राष्ट्र और संस्कृति प्रेमी, नर-नारी, युवक-युवती सभी भाव-विभोर हो उठते हैं। सम्पूर्ण राष्ट्र अमर शहीदों को स्मृति में अपनी पावन श्रद्धांजलि अर्पित करता है तथा उन्हें नमन करता है। वस्तुत: यह दिवस हमारे संकल्प का दिवस है। इन पावन दिवस पर हम सभी प्रतिज्ञा करते हैं कि हम अपनी महिमामयी संस्कृति को नहीं भूलेंगे। वतन पर मर मिटने वालों की स्मृति हमें सन्देश देती है कि हम भी उनके चरण-चिन्हों पर चल कर देश का गौरव ऊंचा करें।

स्वतन्त्रता दिवस एक ओर जहां हर्ष और उल्लास का सन्देश ले कर आता है, वहीं दूसरी ओर शहीदों का स्मरण कराता है तथा भविष्य के प्रति हमें जागरूक करता है। जिन वीरों को जालिमों ने खिलने से पहले ही कुचल दिया था, उनकी स्मृति में सभी भाव-विभोर हो जाते हैं।

इस पावन पर्व पर हमें निष्पक्ष रूप से सोचने की आवश्यकता है कि क्या हम सही अर्थों में स्वतन्त्र हो सके हैं ? क्या शासक, अधिकारी एवं प्रजा स्वतन्त्रा के अर्थ को समझती है ? जब तक देश भुखमरी, निर्धनता, निरक्षरता के अभिशाप से ग्रस्त होता रहेगा, तब तक स्वतन्त्रता की देवी की अराधना सही अर्थों में नहीं है सकेगी।

Independence Day Essay in Hindi 700 Words

एक लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त सन् 1947 को हमें आजादी प्राप्त हुई। हमारे असंख्य वीरों का बलिदान उस रोज सार्थक हो गया और हम अपनी स्वतंत्रता को प्राप्त करने में सफल हो गये। भारतीय जनमानस ने अपने अथक परिश्रम और संघर्प-भावना से अन्ततः अंग्रेजों को भारत की पवित्र-भूमि से भगा ही दिया। भारतीय समाज ने एक दीर्घ कालावधि के उपरांत स्वतंत्रता का रसास्वादन आज पुनः प्राप्त किया था। सारा देश उल्लास और खुशियों के अथाह सागर में गोते लगा रहा था। उसके हृदय में व्याप्त आनंद असीम और अत्यंत व्यापक था। किसी ने ठीक ही लिखा है कि सोने की बेड़ियों में दी गयी पराधीनता से कहीं अच्छी है कष्टकारी स्वतंत्रता । महात्मा तुलसीदास का यह कथन पूर्ण सत्य है कि पराधीन व्यक्ति को सपने में भी सुखों की प्राप्ति संभव नहीं होती है। यही कारण था कि स्वतंत्रता की उद्घोषणा होने के साथ ही सारा देश असीम प्रसन्नता में डूब गया था।

भारत ने अथक संघर्षों के बाद जो पावन स्वतंत्रता प्राप्त की थी, उसका समारोह हमारे देश भारत में प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के दिन महनीय राष्ट्रीय उत्सव के रूप में किया जाता है। सन् 1947 के बाद से निरन्तर यह सिलसिला यूं ही बरकरार रहा है। इस दिन हमारे आदरणीय प्रधानमंत्री लाल किले की प्राचीर पर से, भारत के राष्ट्रीय प्रतीक, तिरंगे झंडे को फहराते हैं और फिर वहां से ही पूरे देश को सम्बोधित करते हुए एक लम्बा भाषण भी देते हैं। इसमें, प्रधानमंत्री भी सम्पूर्ण देश को अपनी स्वतंत्रता की हार्दिक बधाई देते हैं और तदुपरांत सरकार की नाना प्रकार की गतिविधियों, नीतियों, कार्यक्रमों एवं योजनाओं से समग्र जनता को अवगत कराते हैं। इस भाषण में प्रधानमंत्री जी इस बात पर विस्तार से प्रकाश डालते हैं कि उनके प्रधानमंत्री काल में, सरकार ने भारतीय समाज का समग्र विकास किस-किस प्रकार से किया है। भारतीय अर्थव्यवस्था पिछले समय की तुलना में आज किस स्थिति में पहुंच गयी है एवं आगे आने वाले समय में इस संदर्भ में कौन-कौन सी सफलताएं अर्थव्यवस्था को प्राप्त होने वाली हैं। प्रधानमंत्री भारतीय अर्थव्यवस्था को निरन्तर सुदृढ़ करने की दिशा में सरकार द्वारा बढ़ने की बात कह कर, समाज को इस संदर्भ में आश्वस्त करते हैं कि सरकार अपनी अर्थव्यवस्था को व्यापक रूप से सुदृढ़ करने की दिशा में निरन्तर गतिशील है और इस संदर्भ में किसी भी प्रकार की लापरवाही केन्द्र सरकार द्वारा नहीं बरती जा रही है। औद्योगिक एवं व्यापारिक हितों से संबंधित नीतियों का भी ऐलान इसी समय कर देते हैं।

इस अवसर पर प्रधानमंत्री सामाजिक जीवन पर भी अपनी सरकार द्वारा ग्रहण की गयी। राष्ट्रीय नीति को स्पष्ट करते हैं। गरीबी, जहालत, शोषण, बेकारी, सामाजिक कुरीतियों आदि से भारतीय समाज को मुक्त करने की दिशा में केन्द्र सरकार द्वारा किए जाने वाले प्रयासों का समग्र लेखा-जोखा भी प्रधानमंत्री जी इस समय समस्त देशवासियों के समक्ष प्रस्तुत करतें। हैं। भारत एक ऐसा देश है जिसमें गरीबी और बेकारी की समस्या अत्यंत व्यापक रूप में समाई हुई है। और इस समस्या की जड़ें इतनी गहरी और व्यापक रही है कि अद्यतन समय में भी इस बर्बर-समस्या से अपने प्यारे देश को, इस देश में निवास करने वाले देश वासियों को मुक्त नहीं कर पाया है। सन् 1947 से आज तक, जब भी लाल किले की प्राचीर से यह राष्ट्रीय भाषण जनता के नाम दिया गया, उस भाषण में जिस एक समस्या का अस्तित्व और उल्लेख आज तक के हर भाषण में बना रहा, वह थी भारतीय समाज में व्याप्त गरीबी और बेरोजगारी की समस्या। बड़े ही दु:ख के साथ हमें कहना पड़ रहा हैं कि इतनी औद्योगिक-प्रगति के बाद भी आज हमारे देश में असंख्य ऐसे लोग हैं, जिन्हें दो जून की रोटी भी भरपेट नसीब नहीं होती। ऐसा नहीं हैं कि सरकार इस समस्या के प्रति सदैव उदासीनता का रवैया रखती है। सरकार प्रत्येक वर्ष अनेक ऐसी योजनाओं का ऐलान करती है जिनके माध्यम से देश को गरीबी और बेरोजगारी से कुछ न कुछ मुक्त किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, इस पावन दिवस पर प्रधानमंत्री विदेश नीति आदि को भी स्पष्ट करते हैं और वैश्विक-परिदृश्य में भारत का जो स्थान बन रहा है उसका भी सटीक रेखांकन इस भाषण में किया जाता है।

व्यापक रूप से विचार किया जाए, तो स्वतंत्रता दिवस के रूप में आयोजित होने वाला यह पवित्र समारोह एक प्रकार से देश की स्वतंत्रता की ही अक्षुणता को पुष्ट करता है और इसे निरन्तर बनाए रखने के लिए हमें प्रेरित करता है।

Independence Day Essay in Hindi 800 Words

हमारी स्वतंत्रता के 70 वर्ष

अपने अथक प्रयास और जीवन भर के आन्दोलनों और संघर्षों के परिणामस्वरूप, सन् 1947 में हमने स्वतंत्रता प्राप्त की थी आज उसके सत्तर वर्ष पूरे हो गये हैं। पर आज भी हमें ऐसा ही प्रतीत होता है कि मानों ये मूल्यवान वस्तु हमने अभी कल-परसों ही प्राप्त की हो। यह, हमारी उस स्वतंत्रता से भारतीयों के आन्तरिक जुड़ाव का कारण ही है। हम अपने भारत को भारत माता कह कर यूं ही सम्बोधित नहीं करते। सन् 1947 की वह सुबह आज भी हमारे बूढ़े-बुजुर्गों को याद है, जिसकी खुली हवा में उन्होंने जी भर कर सांस ली थी। पहली बार स्वाधीन होने का बोध उन्हें प्राप्त हुआ था। आज भी हमारे बुजुर्ग उस चिर-स्मरणीय सुबह को भूले नहीं हैं।

हमने आजादी प्राप्त करने से पूर्व, एक लम्बी और यातना भरी पराधीनता को भोगा था। भारत का इतिहास पराधीनता के उस यातनापूर्ण अनुभवों से भरा पड़ा है। अंग्रेजों ने न केवल हमें राजनैतिक रूप से पराधीन बनाया था, अपितु उनके साम्राज्यवादी स्वार्थों ने मानवता की सारी हदों को लांघते हुए, हम भारतीयों के पूरे समाज को एक मंडी में परिवर्तित कर दिया था। हमारा गौरव पूर्ण सामाजिक-सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास तब खून के आँसू रो रहा था। अंग्रेजों ने अपने आर्थिक स्वार्थों को निर्विवाद रूप से पूरा करने के लिए ही अपना उपनिवेश बनाया था। यहाँ के उद्योग-धंधे, व्यवसाय और कृषि-व्यवस्था, सभी को उन्होंने व्यापक रूप से तहस-नहस कर दिया था। जिस समय भारत ने अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की उस समय वह सामाजिक और आर्थिक रूप से तहस-नहस हो चुका था। समूचा देश राजनैतिक अस्थिरता के भयानक दौर से भी गुजर रहा था। आजादी के साथ ही भारत को विभाजन की पीड़ा से गुजरना पड़ा। एक देश, एक समाज और एक ही मानव समुदाय के भयानक विभाजन की दुर्दान्त पीड़ा हमें सहनी पड़ी थी। देश भर में अनेक साम्प्रदायिक दंगे हुए, जिनसे निपटना भारत सरकार के लिए प्राय: एक असंभव कार्य होता जा रहा था। किन्तु राजनैतिक सूझ-बूझ एवं अपने मानवीय सरोकारों के चलते, हमने कुछ ही समय में इस अंधी-साम्प्रदायिकता से तत्काल कुछ मुक्ति पा ली थी। किन्तु यह समस्या कोई एकतरफा समस्या नहीं थी। विभाजन के बाद भारत सरकार को एक व्यापक प्रवासन की स्थिति को भी झेलनी पड़ी और उससे निपटने के लिए खाद्य पदार्थों के साथ समुचित आवास की भी व्यवस्था करनी पड़ी जिसमें नाहक ही अत्यधिक मात्रा में सरकारी सम्पत्ति की बर्बादी हुई।

इसके अतिरिक्त, हमें जिस खोखली अर्थ-व्यवस्था और अस्त-व्यस्त समाज-व्यवस्था के साथ स्वतंत्रता प्राप्त हुई थी, उसे भी गतिशील करने की समस्या हमारे सामने थी। सरकार ने इस मामले में पूरी निष्ठा और लगन का परिचय यहां दिया। सरकार की ओर से अनेक ऐसी कल्याणकारी और विकासोन्मुख योजनाएं आरम्भ की गयी, जिनसे उस खोखली अर्थव्यवस्था में प्राण फेंके जा सकते थे। पंचवर्षीय योजनाएं सरकार के द्वारा निरन्तर बनाई और लागू की जाती रहीं। आज हम कह सकते हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था को पतन की स्थिति से उबारने में इन पंचवर्षीय योजनाओं की भूमिका महत्वपूर्ण भूमिका रही है।

वस्तुत: हमारा समाज मूल रूप से एक धर्मप्राण और जाति-आधारित समाज रहा है और समय के एक दीर्घ प्रवाह में उसमें अनेकानेक विकृतियाँ और विसंगतियां भी घर कर गयी हैं, जो भारतीय समाज को भीतर-भीतर ही अनेकानेक प्रकार से चूस रहीं है। सरकार ने आजादी के बाद इस विकराल समस्या का भी सामना किया। अनेकानेक सहकारी एवं समाजसेवी संस्थाओं की सहायता से सरकार ने समाज में एक समानता और परस्पर प्रेमभाव से रहने की चेतना विकसित करने का ग्रहणीय कार्य संपन्न किया। हालाँकि आज यह नहीं कहा जा सकता कि हमने अपनी सभी सामाजिक समस्याओं से पूर्णत: मुक्ति प्राप्त कर ली है। किन्त, फिर भी यह बात तो सच ही है कि हमने उल्लेखनीय प्रगति की है।

इसी के साथ भारत ने अपनी आजादी के बाद एक अन्य और समस्या का भी सामना किया। वह समस्या थी, राजनैतिक-अस्थिरता की समस्या। हालाँकि भारत इसके लिए सदैव सरदार वल्लभ भाई पटेल का ऋणी रहेगा। वस्तुत: स्वतंत्र भारत के एक मात्र ऐसे नेता थे। जिन्होंने देशी-रियासतों के रूप में विभाजित भारत को भारतीय संघ के रूप में अपनी अद्वितीय कर्मठता के चलते एकत्रित और संगठित किया।

इतना ही नहीं भारत को पाकिस्तान, चीन आदि अपने पड़ोसी देशों से लगातार युद्धों का सामना करना पड़ा है। किन्तु लाख चाहने पर भी ये राजनैतिक और संवैधानिक सत्ता को कभी अस्थिर नहीं कर सकें।

आज भारत वर्ष अपनी आजादी के बाद विकास की नयी उँचाइयों को छू रहा है। समस्याएं आज भी है, किन्तु समस्याओं से निपटने में भारत आज पूर्णत: सक्षम दिखलायी पड़ रहा है। जनसंख्या और बेरोजगारी आज भी देश की बड़ी समस्याएं हैं, किन्तु हमें यह पूरी आशा है कि भारत-वर्ष जल्द ही इन समस्याओं से अपने आप को मुक्त कर लेगा।

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75वां स्वतंत्रता दिवस: एक परफेक्ट स्पीच के बिना अधूरा है आजादी का जश्न

नई दिल्ली, अगस्त 14। 15 अगस्त यानि कि कल देश 75वें स्वतंत्रता दिवस के जश्न में डूबा रहेगा। 15 अगस्त 1947 को ब्रिटिश हुकूमत से हमने आजादी हासिल की थी। इस आजादी के लिए हमारे कई स्वतंत्रता सेनानियों ने अपने प्राणों का आहूती दी थी, तब जाकर हमें ये आदाजी मिली। हर साल 15 अगस्त के दिन आजादी के जश्न के साथ-साथ हम इन स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को भी याद करते हैं। इसके लिए तमाम स्कूल-कॉलेजों और शिक्षण संस्थानों में सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जिनके जरिए बच्चों को आजादी का इतिहास और उसके महत्व के बारे में बताया जाता है। इसके लिए एक परफेक्ट स्पीच की जरूरत हमेशा रहती है, जो आजादी का सही मतलब बच्चों को बता सके।

Indian flag

स्वतंत्रता दिवस की स्पीच

आदरणीय अतिथि महोदय, प्रिंसिपल, सभी टीचर और सभी अभिभावक, जैसा कि हम जानते हैं कि आज देश 75वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, हम सभी यहां आजादी का जश्न मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं। स्वतंत्रता दिवस भारत का एक राष्ट्रीय पर्व है। हमारा देश 1857 से लेकर 1947 तक अंग्रेजों का गुलाम रहा था। 15 अगस्त 1947 के दिन आजादी मिलने के बाद हम स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में घोषित हुए थे। तभी से भारतवासी इस दिन को "स्वतंत्रता दिवस" के रूप में बहुत सी धूम-धाम और हर्षोउल्लास से मनाते है।

अंग्रेजों से आजादी दिलाने में कई स्वतंत्रता सेनानियों ने सालों तक संघर्ष किया था। इस संघर्ष की शुरुआत तब से हुई जब मंगल पांडे को अंग्रेजों ने गोली मारी थी। तभी से देश में आजादी के लिए लड़ाई शुरू हो गई थी। इसके बाद तो महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, मंगल पांडे, भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु, बाल गंगाधर तिलक, लोक मान्य तिलक, लाला लाजपत राय और खुदीराम बोस जैसे सेनानियों ने आजादी की लड़ाई में अपना योगदान दिया। इस संघर्ष में सबसे अहम योगदान महात्मा गांधी का माना जाता है। उन्होंने आजादी की लड़ाई लड़ने के लिए सत्याग्रह आंदोलन चलाया और कई बार तो उन्हें जेल भी जाना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और समय-समय पर अपने आंदोलनों के जरिए अंग्रेजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

पंडित जवाहर लाल नेहरू भारत को घोषित किया था स्वतंत्र राष्ट्र

भारत में आजादी की घोषणा देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने की थी। उन्होंने लाल किले पर झंडा फहराकर सबसे पहले राष्ट्र को संबोधित किया था। उस दिन से ही यही प्रथा देश में चली आ रही है। 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं और और सेना द्वारा अपना शक्ति प्रदर्शन और परेड मार्च करते है। स्वतंत्रता दिवस के दिन सभी भारतवासियों के मन में देशभक्ति की भावना के साथ-साथ पूर्ण जोश रहता है।

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स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर निबंध - Essay On Independence Day In Hindi

Independence day essay in hindi for school: क्या आप स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में एक अनोखा, प्रभावशाली और दिल को छू लेने वाला निबंध लिखना चाहते हैं 100, 200, 500 शब्दों तक के विभिन्न independence day essay in hindi for school के लिए इस लेख को देखें। .

Akshita Jolly

Independence Day Essay in Hindi for School: 15 अगस्त 1947 को हमारे इस मातृभूमि का पहला स्वतंत्रता दिवस था. आज जिस भूमि को हम अपना आज़ाद वतन मानते हैं उसे आज़ाद हुए 78 वर्ष हो चुके हैं. सोने की चिड़िया से ब्रिटिश कॉलोनी बनने से लेकर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्रों में से एक बनने का भारत देश का लंबा सफर सराहनीय और विख्यात है. आज हम इस आज़ादी की हवा में सांस ले पा रहे हैं क्यूंकि हमारे पूर्वजों ने हमें यह आज़ादी दिलाने के लिए 200 वर्ष तक संघर्ष किया। इसलिए आजादी का यह जश्न पूरे देश में देशभक्ति और उत्साह के साथ मनाया जाता है। आज के दिन विद्यार्थियों में विशेष उत्सुकता देखी जाती है. देश भर के स्कूलों में इस अवसर को उत्साह के साथ मनाते हैं. देश के बच्चे और युवा ही इसका भविष्य है. इनमें देशभक्ति की भावना जगाने के लिए निबंध लेखन, स्पीच कॉम्पीटीशन्स, नाटक, पेट्रियोटिक गीत और नृत्य के कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं जिनमे बच्चे बढ़-चढ़ के हिस्सा लेते हैं. 

इस लेख में, हमने स्कूल स्टूडेंट्स के लिए अंग्रेजी में 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध संकलित किया है। ये निबंध 100 से 500 शब्दों तक के हैं। हमने उन छात्रों के लिए अतिरिक्त सामग्री भी प्रदान की है जो अपने निबंध को और लंबा करना चाहते हैं या उसके किसी हिस्से को संशोधित करना चाहते हैं। 

  • Essay on Independence Day in English
  • स्कूल के बच्चो के लिए स्वतंत्रता दिवस भाषण  2024 हिंदी में
  •   Independence Day Essay 2024: Short and Long Essay for School Students!

हिंदी निबंध लेखन टिप्स 

  • अपने निबंध को उद्धरणों, कहावतों, नारों आदि के साथ शुरू से ही दिलचस्प बनाएं।
  • सही व्याकरण के साथ सरल भाषा का प्रयोग करें।
  • अपनी छाप छोड़ने के लिए दिल को छू लेने वाली कहावत, नारा या उद्धरण शामिल करें।
  • सबसे महत्वपूर्ण बात यह सुनिश्चित करें कि आपका स्वतंत्रता दिवस निबंध तथ्यात्मक है और इसमें कोई गलत, असत्यापित जानकारी नहीं है।
  • सत्यापित जानकारी प्राप्त करने के लिए जागरण जोश जैसे प्रामाणिक स्रोत का सहारा लें।

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 

  • स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त  2024 पर भाषण - Independence Day Speech in Hindi
  • Independence Day Short Speech in English 2024 for School Students

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 100 शब्दों में 

गूंज रहा है दुनिया में हिंदुस्तान का नारा चमक रहा है आसमान में तिरंगा हमारा!

15 अगस्त, 2024, ब्रिटिश कोलोनिल राज से भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस है. यह एक ऐतिहासिक दिन है और हमारे देशवासियों के बीच देशप्रेम, समर्पण और एकता का प्रतीक है.

स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत दिल्ली के लाल किले पर प्रधान मंत्री द्वारा राष्ट्रीय ध्वज फहराने के साथ होती है, जिसके बाद पूरे देश में देशभक्ति समारोह मनाया जाता है. स्वतंत्रता दिवस हमारे स्वतंत्रता सेनानियों और नेताओं के बलिदान को याद करने का समय है जिन्होंने हमारी आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति दे दी. स्वतंत्रता दिवस हमें भारत माता की उन्नति और प्रगति के प्रति हमारे कर्तव्यों की याद दिलाता है.

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 200 शब्दों में 

  "स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है, और मैं इसे लेकर रहूँगा" - बाल गंगाधर तिलक

15 अगस्त यानि भारतीय स्वतंत्रता दिवस देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। 15 अगस्त 2024 को ब्रिटिश कोलोनियल राज से हमारे देश की आजादी की 78 वीं वर्षगांठ है।

इस दिन को मनाने के लिए पूरा देश एक साथ आता है। माननीय प्रधान मंत्री नई दिल्ली में लाल किले पर भारतीय तिरंगे फहराते हैं। देश के सभी राज्यों में राज्याधिकारी और अन्य नेता राष्ट्रीय ध्वज फहराते हैं, देशभक्ति के गीत गाते हैं और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करते हैं जो हमारे अंदर एकता और गौरव की भावना का नवनिर्माण करते हैं. 

भारत को 1947 में आजादी मिल गई थी लेकिन इस आजादी की लड़ाई कई वर्षों लंबी और कठिन थी. स्वतंत्रता की इस लड़ाई का नेतृत्व प्रख्यात नेताओं और स्वतंत्रता सेनानियों ने किया। खून पसीना बहाकर, अपने भविष्य का निःस्वार्थ त्याग कर, अपने जीवन का बलिदान दिया और करोड़ों भारतीयों को ब्रिटिश उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया। स्वतंत्रता दिवस हमारे पूर्वजों के इन बलिदानों की याद दिलाता है। यह हमें अपनी स्वतंत्रता को संजोने और राष्ट्र की भलाई के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।

स्वतंत्रता दिवस समारोह से हमें विविधता में एकता की याद दिलाने के लिए है। यह राष्ट्रवाद की भावना को फिर से जगाने और हमारे देश की वृद्धि और विकास में योगदान देने का समय है।

हिंदी स्वतंत्रता दिवस निबंध 500 शब्दों में

तिरंगा सिर्फ आन या शान नहीं है हम भारतीयों की जान है।

स्वतंत्रता दिवस का प्रत्येक भारतीय के दिल में एक महत्वपूर्ण स्थान है क्यूंकि यह हिन्दुस्तानियों की एकता और अटूट भाईचारे की विजय के साथ चिह्नित है। यह आज़ादी हमें 200 सालों की यातना, उत्पीड़न, युद्ध और बलिदान के बाद  15 अगस्त, 1947 को मिली. ब्रिटिश कोलोनियल शासन से कड़ी मेहनत से हासिल की गई यह आजादी लोकतंत्र का जश्न है. यह भारत के इतिहास में एक नये युग की शुरुआत का प्रतीक है।

दशकों के अथक संघर्ष और बलिदान से सजी स्वतंत्रता की यात्रा कठिन थी। महात्मा गांधी, रानी लक्ष्मी बाई, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह और सरोजिनी नायडू जैसे असंख्य नेताओं और सेनानियों की मेहनत और बलिदान को किसी प्रकाश की आवश्यकता नहीं है. देश को इन्हीं वीरों के बलिदान के कारण आजादी मिली, जिन्होंने भारत के उज्ज्वल भविष्य के लिए अपना आज कुर्बान कर दिया. 

स्वतंत्रता दिवस समारोह की शुरुआत हमारे प्रधान मंत्री द्वारा नई दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रगान और इक्कीस तोपों की सलामी के साथ भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराने से होती है। इस भव्य समारोह में कई सरकारी अधिकारी, विदेशी गणमान्य, स्कूली छात्र और कई अन्य नागरिक शामिल होते हैं.

ध्वजारोहण के बाद, माननीय प्रधान मंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं और पिछले वर्ष में राष्ट्र की उपलब्धियों को दर्शाते हुए और आने वाले वर्षों के लिए राष्ट्र के दृष्टिकोण को सामने रखते हुए भाषण देते हैं. विभिन्न जीवंत सांस्कृतिक कार्यक्रम, नृत्य, डायन इत्यादि भारत की विविध विरासत और एकता को प्रदर्शित करते हैं. स्वतंत्रता की हवा में हमारा राष्ट्रीय ध्वज गर्व से ऊँचा लहराता है.

स्वतंत्रता दिवस का जश्न पूरे देश में जोरों शोरों से मनाया जाता है। राजधानी दिल्ली से लेकर और सभी राज्य की राजधानियों और छोटे से छोटे गांव तथा कस्बों में सभी उत्साह से स्वतंत्रता का जश्न मनाते हैं. भारत के कोने-कोने में तिरंगा लहराता है. स्वतंत्रता दिवस समारोह देश के प्रति देशवासियों का प्रेम और देश के बेहतर भविष्य के प्रति प्रतिबद्धता के साथ आयोजित किए जाते हैं। सरकारी कार्यालयों, स्कूलों और कॉलेजों में तिरंगा फहराया जाता है। बच्चे हाथों में भारतीय झंडे लेकर शान से घूमते नजर आते हैं. यह उन बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की याद दिलाता है जिन्होंने देश की आजादी के लिए अताह संघर्ष किया। यह भारतीयों में गर्व और देशभक्ति की गहरी भावना पैदा करता है, उनसे अपनी कड़ी मेहनत से अर्जित स्वतंत्रता की रक्षा करने और उसे संजोने और देश की प्रगति में योगदान देने का आग्रह करता है।

यह महज़ एक बधाइयों और खुशियों का दिन नहीं है. स्वतंत्रता दिवस समारोह का सार केवल उल्लासपूर्ण समारोहों से परे है। स्वतंत्रता दिवस बच्चे, युवाओं और बुजुर्गों को उन चुनौतियों की याद दिलाता देता है है जिनका मुकाबला हमारे पूर्वजों ने किया था और उन चुनौतियों की दस्तक के बारे में आगाह करता है जो हमारे सामने हैं।

स्वतंत्रता दिवस केवल स्मरणोत्सव और उत्सव का दिन नहीं है, बल्कि स्वराज और राष्ट्र-निर्माण के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का नवीनीकरण है। यह भारतीयों को एकता, समानता और सांप्रदायिक सद्भाव की भावना को कभी न खोने देने के लिए प्रेरित करता है।

लता मंगेशकर का लोकप्रिय व सदाबहार गीत के बोल “ए मेरे वतन के लोगों, ज़रा आँखों में भर लो पानी, जो शहीद हुए हैं उनकी, ज़रा याद करो कुर्बानी” हमारे स्वतंत्रता के सच्चे सार बयान करता है. 

यह दिन है अभिमान का, है भारत माता के मान का ! नहीं जाएगा रक्त व्यर्थ, वीरों के बलिदान का !!

  • Independence Day 15 August Poems in English for School Children

Independence Day Slogans in Hindi

  • ‘करो या मरो’,
  • ‘आराम हराम है’
  • ‘अंग्रेजों भारत छोड़ो'
  • ‘तुम मुझे खून दो मै तुम्हे आजादी दूंगा’
  • ‘इंकलाब जिंदाबाद’
  • ‘सत्यमेव जयते’
  • ‘वंदे मातरम’
  • ‘स्वराज मेरा जन्मसिद्ध अधिकार है और मैं उसे लेकर ही रहूँगा’
  • ‘जय जवान जय किसान’
  • ‘सारे जहाँ से अच्छा हिन्दोस्तां हमारा’
  • ‘विजयी विश्व तिरंगा प्यारा, झंडा ऊँचा रहे हमारा’
  • ‘सरफ़रोशी की तमन्ना, अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना, बाज़ु-ए-कातिल में है?

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  • हम स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाते हैं 200 शब्द निबंध? + "15 अगस्त यानि भारतीय स्वतंत्रता दिवस देश के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। 15 अगस्त 2023 को ब्रिटिश कोलोनियल राज से हमारे देश की आजादी की 76 वीं वर्षगांठ है। इस दिन को मनाने के लिए पूरा देश एक साथ आता है।" स्वतंत्रता दिवस पर पूरे 200 शब्दों का निबंध देखने के लिए इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें.
  • स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त पर निबंध कैसे लिखें? + 15 अगस्त, 1947 को भारत देश अंग्रेजो से आजाद हुआ. यह गौरव का दिन देशवासी उल्लास और दर्शप्रेम की भावना से मनाते हैं. 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर निबंध लिखने के लिए जरूररी है की आप इस आज़ादी के सफर की गाथा को दिल से समझ कर, आसान एवं सरल भाषा में प्रस्तुत करें.
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  • स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | Essay on Independence Day in Hindi

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स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | Essay on Independence Day in Hindi!

स्वातंत्रता दिवस हर वर्ष 15 अगस्त की तिथि को मनाया जाता है । 15 अगस्त, 1947 के दिन भारत ने अंग्रेजी उपनिवेश की जकड़नों को तोड़कर स्वतंत्रता का नवप्रभात देखा था । यह स्वर्णिम दिन लगभग सवा सौ वर्षो तक चले अनवरत संघर्ष के बाद आया । इसके बाद देश की छवि बदली और नवनिर्माण का दौर आरंभ हुआ । स्वतंत्र भारत आज दुनिया के विकसित देशों की पंक्ति में खड़ा होने के लिए लालायित दिखाई दे रहा है ।

स्वतंत्रता दिवस संपूर्ण राष्ट्र का उत्सव है । इस दिन को पूरे राष्ट्र में बहुत उल्लास के साथ मनाया जाता है । राष्ट्र के स्वाभिमान का प्रतीक तिरंगा झंडा समारोहपूर्वक फहराया जाता है । स्वतंत्रता दिवस के सरकारी और गैर-सरकारी कार्यक्रमों में जनता बढ़-चढ़कर भागीदारी करती है । ‘ जन-गण-मन ‘ ,’ वंदे मातरम्’ और ‘ जय हिंद ‘ के स्वरों से आसमान गुंजित हो उठता है । देशभक्ति के गीतों को सुनकर लोगों के रोंगटे खड़े हो जाते हैं । लोग देश की स्वतंत्रता को बनाए रखने के लिए संकल्पित दिखाई देते हैं ।

ADVERTISEMENTS:

राजधानी दिल्ली में हर वर्ष पंद्रह अगस्त के दिन भव्य समारोह होता है । लाल किला तथा इसका पूरा परिक्षेत्र विशेष रूप से सजा- धजा और समारोह के लिए तैयार दिखाई देता है । प्रात : साढ़े सात बजे देश के प्रधानमंत्री यहाँ आकर ध्वजारोहण करते हैं । जन-गण-मन की धुन बज उठती है । फिर प्रधानमंत्री राष्ट्र को संबोधित करते हैं । इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण रेडियो और टेलीविजन पर किया जाता है ।

प्रधानमंत्री अपनी सरकार की उपलब्धियाँ गिनाते हैं । वे सरकार के आगामी कार्यक्रमों के बारे में बताते हैं । उपस्थित दर्शक नेतागण राजदूत विशिष्ट अतिथिगण उनकी बातें ध्यानपूर्वक सुनते हैं । प्रधानमंत्री तीन बार ‘ जय हिंद ‘ बोलकर अपना भाषण समाप्त करते हैं । तब यह समारोह समाप्त हो जाता है ।

इसी तरह के समारोह विभिन्न राज्यों की राजधानियों में भी होते हैं । राज्य के मुख्यमंत्री परेड का निरीक्षण करते हैं और तिरंगा झंडा फहराते हैं । फिर वे राज्य की जनता को संबोधित करते हैं । वे अपनी जनता के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों की घोषणा भी करते हैं । जिला मुख्यालयों में जिले के कलक्टर झंडा फहराते हैं तथा भाषण देते हैं । विद्‌यालयों, कॉलेजों, सरकारी कार्यालयों तथा सभी मुख्य स्थानों पर झंडोत्तोलन और राष्ट्रगान के कार्यक्रम होते हैं । स्कूली बच्चे इन कार्यक्रमों में बहुत उत्साह से भाग लेते हैं । वे रंगीन गुब्बारे उड़ाते हैं तथा हाथों में तिरंगा झंडा फहराते हैं ।

स्वतंत्रता दिवस के दिन लोग आसमान में पतगें तथा गुब्बारे उड़ाकर अपना उल्लास प्रकट करते हैं । नेतागण विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेते हैं । जनसमूह इन कार्यक्रमों में उत्साह से भाग लेता है । सरकार जनता के लिए कल्याणकारी कार्यक्रमों का शुभारंभ करती है । लोग एक-दूसरे को स्वतंत्रता दिवस की बधाई देते हैं । बच्चों में मिठाइयाँ, टाफियाँ और फल बाँटे जाते हैं । रात के समय राजधानी की सरकारी इमारतों में विशेष रोशनी की जाती है । राष्ट्रपति भवन, संसद भवन तथा अन्य इमारतें बिजली की झिलमिल रोशनी से जगमगा उठती हैं ।

15 अगस्त का दिन उन शहीदों को स्मरण करने का दिन है जिन्होंने देश की स्वतंत्रता की खातिर अपनी जिंदगी कुर्बान कर दी थी । सैकड़ों फाँसी पर झूल गए और सैकड़ों ने काले पानी की सजा काटी । हजारों ने अंग्रेजी हुकूमत की बर्बरता सही और उनकी लाठियों और गोलियों के शिकार हुए । लाखों लोगों ने हँसते-हँसते जेलयात्राएँ कीं । गाँधीजी के नेतृत्व में हुए जन आदोलन में देश की जनता ने बढ़-चढ़कर भाग लिया । लोगों ने अपने निजी सुखों का त्याग कर दिया । स्वतंत्रता के लिए लंबी जद्‌दोजहद करनी पड़ी । अंग्रेजों की चाल कुटिल थी, उन्होंने देश के दो टुकड़े कर दिए । पाकिस्तान नामक एक नए राष्ट्र का उदय हुआ । स्वतंत्र भारत को कई नई प्रकार की चुनौतियों का सामना करना पड़ा । आज स्वतंत्रता के लिए सबसे बड़ी चुनौती मजहबी जुनून और आतंकवाद है । हम एकजुट रहकर ही इस समस्या का समाधान कर सकते हैं ।

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Independence Day 2024 Updates | From Modi’s Red Fort speech to Northeast’s tallest flag at INA complex

Independence Day 2024 LIVE Updates: In his 11th consecutive Independence Day speech from Delhi’s Red Fort on Thursday, Prime Minister Narendra Modi addressed the nation pitching Brand India at the forefront of his government. Modi said his government and the all of “140 crore people of the country” are working with the aim to make India a developed nation by 2047, when the country will celebrate 100 years of Independence from British rule read more

Independence Day 2024 Updates | From Modi’s Red Fort speech to Northeast’s tallest flag at INA complex

In his 11th consecutive Independence Day speech from Delhi’s Red Fort on Thursday, Prime Minister Narendra Modi addressed the nation pitching Brand India at the forefront of his government. Modi said his government and the all of “140 crore people of the country” are working with the aim to make India a developed nation by 2047, when the country will celebrate 100 years of Independence from British rule. Modi’s government has coined a phrase for its goal — Viksit Bharat 2047 (Developed India by 2047).

Modi spoke about crimes against women emphasising the need for speedier probe and prompt justice delivery to “instill fear among the culprits”. His remark came against the backdrop of an ongoing mass protest in West Bengal’s Kolkata, where a 31-year-old trainee doctor was raped and killed.

The prime minister expressed concern over the situation in Bangladesh and hoped that normalcy returned to India’s neighbour soon. He also said that “India is always a well-wisher of Bangladesh’s progress” as he stressed the need for the protection of minorities in the country.

In his speech on India’s 78th Independence Day, Modi batted for adopting a secular civil code, saying that the existing civil code is “discriminatory”. The Modi government recently enforced a new criminal code, replacing the British era criminal justice laws.

Modi also spoke about promoting Design in India in the technology sector, urged states to have policies to attract greater foreign investment and promised to increase the number of medical seats by 75,000 in the next five years.

With this, we wrap up our live coverage of India’s 78th Independence Day celebrations. For all related updates on India’s Independence Day celebrations, scroll down as we have covered all important related developments.

Indians across the world on Thursday enthusiastically celebrated India’s 78th Independence Day, exchanging greetings, singing the national anthem and patriotic songs and planting trees.

In Beijing, Ambassador Pradeep Kumar Rawat hoisted the tricolour at the Embassy premises in a solemn ceremony attended by members of the Indian diaspora.

The ambassador also read excerpts from President Droupadi Murmu’s address to the nation at the gathering.

“The Independence Day celebrations saw a vibrant display of Indian culture. Shri Bivakar Choudhury (tabla) and Ms Mi Xuanye (santoor) mesmerised the audience with their music recital. The performance explored Raag Kirwani, and culminated in an uplifting finale,” the Embassy of India in China said in a post on X.

Diaspora members and embassy officials came together for the play, “ Biography of a revolutionary hero “, bringing to life the stories of Bhagat Singh, Chandrashekhar Azad, Pritilata Waddedar and Ramprasad Bismil.

“It left the audience with a deep sense of respect for the freedom fighters,” the post said.

In Colombo, the Indian High Commissioner, Santosh Jha, hoisted the tricolour at India House.

Hundreds of members of the Indian diaspora joined the event sharing the joy of freedom and patriotism.

The event had a special feature of Bihu dance performance by the visiting Indian Council for Cultural Relations (ICCR) troupe from Assam.

The Sri Lanka Navy Band played patriotic tunes of ‘Vande Mataram’, ‘Kadam Kadam Badhaye Ja’ and ‘Aye Mere Watan Ke Logon’.

Earlier, the High Commissioner and officers of the Indian mission in Colombo paid homage at the Indian Peace Keeping Force (IPKF) Memorial to the memory of the Indian soldiers who made the supreme sacrifice defending the peace and unity of Sri Lanka.

“78th Independence Day of India! My warmest greetings to all fellow citizens in India, Sri Lanka & all over the world. Proud & poised to march forward towards the glory & prosperity of our beloved nation & our fellow people,” Jha said in a post on X.

In Bangladesh, a flag hoisting ceremony was held at the Indian High Commission premises.

High Commissioner Pranay Verma hoisted the national flag and read out the President of India’s address to the nation.

The celebrations in Dhaka come amid fast-changing political development in Bangladesh.

An interim government headed by Nobel Laureate Muhammad Yunus was sworn in on August 8 along with 16 advisers after Sheikh Hasina resigned as prime minister following massive protests against her government.

Prime Minister Narendra Modi on Thursday issued a call to bring one lakh youth who do not have any political lineage into politics as public representatives, saying the move will also help end casteism and dynasty politics.

Meghalaya Chief Minister Conrad K Sangma on Thursday announced a ‘Viksit Meghalaya’, to make the state’s economy 100-billion-dollar by 2047.

Hoisting the tri-colour at the Polo Grounds here as part of the Independence celebration, the chief minister said, “It is an ambitious plan for transforming India into a developed country by the 100th anniversary of our independence in 2047”.

“I aspire for ‘Viksit Meghalaya’ to be a 100-billion-dollar economy by 2047 when we celebrate the 75th anniversary of our statehood,” he said.

Stating that he drew inspiration from Prime Minister Narendra Modi’s grand vision of a ‘Viksit Bharat’ in formulating the vision for ‘Vikshit Meghalaya’.

Earlier in 2022, during the state’s 50th statehood celebration, the chief minister reminded that the state had launched the Meghalaya Industrial and Investment Policy targeting to attract Rs 10,000 crore investment by 2028 generating 5 lakh jobs and the state’s GDP is projected to touch 16 billion dollars by 2032.

Arunachal Pradesh Chief Minister Pema Khandu on Thursday called upon the people of the state to join hands with the government with renewed vigour and determination, to achieve the goal of a developed state.

Hoising the national Tri-Colour at Indira Gandhi Parke here on the occasion of the 78th Independence Day, the chief minister said that the goal of building ‘Viksit Arunachal’ cannot be achieved without the wholehearted support of the people.

“We stand today at a crossroads, where the path of tradition and modernity intertwine. natural resources responsibly and preserving our cultural heritage, we can drive sustainable development that benefits all sections of the society,” the chief minister said.

Prime Minister Narendra Modi delivered delivered his speech on the occasion of the 78th Independence Day of India from the ramparts fo the Red Fort on Thursday (August 15).

Delhi Home Minister Kailash Gahlot hoisted the national flag at Chhatrasal stadium on Independence Day, the event marked by the absence of the Chief Minister Arvind Kejriwal, who was dubbed by him as a “modern day freedom fighter”.

Gahlot said he was distressed that the elected Delhi chief minister could not hoist the flag because he is in jail.

“Standing under this flag, I can say proudly that Arvind Kejriwal is a modern day freedom fighter because he accepted the punishment to work for the people of Delhi by going to the jail, but did not bow down or break in front of the anti-democratic forces,” he said.

Prime Minister Narendra Modi consistently wears impeccable traditional attire during national celebrations. Displaying enthusiasm and patriotic hues, he, renowned for his flamboyant and vivid turbans, sported a multicoloured Rajasthani leheriya print turban with white kurta and churidar for the 78th Independence Day celebrations at the historic Red Fort.

On Thursday, Prime Minister Narendra Modi encouraged state governments to fiercely compete for global investment as he addressed the nation from the Red Fort on India’s 78th Independence Day.

India must move towards adopting a secular civil code, Prime Minister Narendra Modi on Thursday said while addressing the nation from the ramparts of the Red Fort on Independence Day.

From the ramparts of the Red Fort, Prime Minister Narendra Modi hoisted the national flag on the 78th Independence Day and addressed the nation amid light rain and a cloudy sky. However, the weather couldn’t put a dampener on the PM’s spirit as he delivered his address to the nation in which he paid tribute to the countless people who made sacrifices and struggled for the country’s freedom. “The country is indebted to them,” Modi said.

“Slavery was a long struggle, it was a strategy to break Indians. Even then 40 crore Indians showed unity towards one dream of Independence, there was one quote “Vande Mataram”. Only 40 crore people broke the shackles of slavery. We have the same blood. Today we are 140 crore Indians. If 40 crore could get independence, then 140 crore Indians can tackle any challenge if we are united. We can achieve the target of “Viksit Bharat by 2047″. If 40 crore Indians could get independence, we we can have a developed India by 2047.”

Prime Minister Narendra Modi Thursday underscored the need to widely publicise punishments given for atrocities against women so that there is a fear of consequence, his comments coming in the backdrop of the horrific rape and murder of a trainee doctor in Kolkata.

India is the only country among G20 nations to have achieved its climate targets under the 2015 Paris Agreement ahead of schedule, Prime Minister Narendra Modi said on Thursday.

Prime Minister Narendra Modi on Thursday strongly advocated for ‘one nation, one election,’ urging political parties to work together to realise the dream. He contended that frequent elections are hindering the nation’s progress.

Prime Minister Narendra Modi on Thursday said many global companies want to invest in India and asked the state governments to compete among themselves to attract them.

The tallest flag in North-East India was hoisted at the INA headquarters complex at Moirang in Manipur’s Bishnupur district on the occasion of the country’s 78th Independence Day on Thursday.

Prime Minister Narendra Modi on Thursday delivered his longest Independence Day speech at 98 minutes as he addressed the country from the ramparts of historic Red Fort.

#WATCH | Gujarat CM Bhupendra Patel takes part in the 78th #IndependenceDay celebrations in Nadiad, Kheda. Visuals from SRP Ground in Nadiad. pic.twitter.com/owSjZLhfOZ — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | Delhi LG VK Saxena hoists the national flag at his official residence on 78th Independence Day pic.twitter.com/g1ceFbl6N8 — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | Delhi | During Independence Day celebrations at BJP HQ, party president JP Nadda says, "Today the country is celebrating its 78th Independence Day. There is a joyous atmosphere across the nation. Every person is resolute in making India a developed nation...Today, the PM… pic.twitter.com/Pdouq9cff8 — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | Odisha: Renowned sand artist Sudarsan Pattnaik created sand art at Puri beach, on the occasion of the 78th Independence Day. (Video: Sudarsan Pattnaik) pic.twitter.com/wZhzYGZORd — ANI (@ANI) August 15, 2024

Andhra Pradesh Governor S Abdul Nazeer and Chief Minister N Chandrababu Naidu extended Independence Day greetings to the people of the state on Thursday.

The Governor said Independence Day is a day of remembrance as well as dedication. The sacrifices of great freedom fighters paved the way for all of us to enjoy the fruits of freedom.

“It is a day of rededication to the noble ideals of truth, non-violence, peace, solidarity and brotherhood that inspired our national struggle for freedom,” said Nazeer in a press release from the Raj Bhavan.

He called on people to rededicate themselves to the cause of nation building to achieve a developed country by 2047.

A fascinating Doodle honouring India’s architectural legacy has been launched by Google in honour of the nation’s 78th Independence Day.

The doodle, created by independent illustrator and art director Varindra Javeri, honours the distinctive and varied architecture of India.

Google creates a unique doodle in observance of India’s Independence Day on August 15 every year, and 2024 is no different.

The topic for this year is India’s diverse architectural landscape, which includes a visual montage of many architectural styles that highlight the nation’s diversity in terms of culture and history.

The Indian stock, currency, and commodities markets will remain closed on Thursday on account of Independence Day.

#WATCH | Guwahati: Assam CM Himanta Biswa Sarma hoisted the National flag on the occasion of #IndependenceDay2024 . pic.twitter.com/st7vMfvnCS — ANI (@ANI) August 15, 2024

Rashtriya Swayamsevak Sangh (RSS) chief Mohan Bhagwat on Thursday hoisted the national flag at the Sangh headquarters here to celebrate the 78th Independence Day.

A number of RSS volunteers and pracharaks were also present during the event, which took place in Mahal area of the city amid tight security.

The RSS will hold a programme on the occasion of the Independence Day at Dr Hedgewar Smarak Samiti in Reshimbagh area here, where the organisation’s general secretary Dattatreya Hosabale will be the chief guest.

The RSS volunteers will also carry out ‘path sanchalan’ (march past) in various parts of the city in the evening.

Prime Minister Narendra Modi on Thursday underscored the country’s commitment to inclusivity and social progress, emphasising several key initiatives aimed at enhancing the dignity and rights of marginalised communities.

Addressing the nation from the ramparts of the Red Fort on Independence Day, Modi spoke about the country’s efforts to improve accessibility for persons with disabilities, noting that the government’s focus on sign language and the Sugamya Bharat Abhiyan reflects a deep respect for their dignity.

He praised the achievements of India’s paralympians, saying their successes showcase the strength and potential of every Indian.

“When our athletes in the Paralympics showcase their new strengths, it reflects the strength of our collective spirit,” he said.

The prime minister also highlighted progress in the rights of the transgender community, noting recent legislative changes aimed at ensuring equality.

“Our decisions and new laws for the transgender community reflect our commitment to providing them with a dignified life,” he said, emphasising the direction of change towards greater inclusivity.

#WATCH | PM Narendra Modi says, "This is India's golden era. 2047 is awaiting our Viksit Bharat. Defeating the obstacles and challenges, this committee to go ahead with a new resolution...I had said earlier too that in my third term, the country would become the third-largest… pic.twitter.com/VeazLetQ7N — ANI (@ANI) August 15, 2024
  • 75000 new seats for medical education
  • Improvements in Education to Ensure Indian Youth Don’t Need to Go Abroad to Study
  • 500 GW Non-Renewable Energy Target by 2030
  • Net-Zero Emission Railway by 2030
  • India preparing for the 2036 Olympics
  • We want to bring forward 1 lakh youth in the political system whose family have no prior political background
#IndependenceDay2024 | PM Modi says, "Corruption plagued India for years. We have waged war against corruption and we will continue to fight against it." (Photo source: PM Narendra Modi/ YouTube) pic.twitter.com/Di3nWbr7mU — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | PM Narendra Modi says, "As a neighbouring country, I can understand the concern regarding whatever has happened in Bangladesh. I hope that the situation there gets normal at the earliest. The concerns of 140 crore countrymen to ensure the safety of Hindus and minorities… pic.twitter.com/R7ldy91uP9 — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | PM Narendra Modi says, "Today, we also have with us the youth who made the Indian flag fly high in #Olympics . On behalf of 140 crore countrymen, I congratulate all our athletes and players...In the next few days, a huge contingent of India will leave for Paris to… pic.twitter.com/g9jcsip1Fk — ANI (@ANI) August 15, 2024

Prime Minister Narendra Modi on Thursday said 75,000 more medical seats will be created in the next five years. Addressing the nation from the ramparts of the Red Fort on the 78th Independence Day, Modi said that even today, children, mostly belonging to the middle class, are going abroad for medical education. They spend “lakhs and crores” on medical education abroad, he said.

“In the last 10 years we have increased the medical seats to nearly 1 lakh,” Modi said.

“Around 25,000 youths every year go abroad for medical education and they go to such countries, I get surprised when I hear about them.

“So we have decided, 75,000 new seats will be created in the medical line in the next five years,” Modi stated.

#IndependenceDay2024 | PM Modi says, "Today, many big companies and investors of the world want to invest in India. This is a golden opportunity. I urge the State governments to make clear policies to attract investors and give assurance of good governance and law and order… pic.twitter.com/IKC28cR0Ft — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | PM Narendra Modi says, "...I would like to express my pain once again, from the Red Fort today. As a society, we will have to think seriously about the atrocities against women that are happening - there is outrage against this in the country. I can feel this outrage.… pic.twitter.com/2gQ53VrsGk — ANI (@ANI) August 15, 2024
#IndependenceDay2024 | PM Modi says, "We are becoming self-reliant in the defence sector. Today, we have our own identity in defence equipment manufacturing. India is emerging as a defence manufacturing hub." (Photo source: PM Narendra Modi/YouTube) pic.twitter.com/cpREJAnYXa — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | PM Modi says, "For working women, maternity leave has been increased from 12 weeks to 26 weeks. We not only just respect women, we not only take decisions for her sensitively, we make decisions to ensure that the government does not become a hindrance in the requirements… pic.twitter.com/iv39Wh5L9D — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | During his #IndependenceDay2024 speech, PM Modi announces, "In the next five years, 75,000 new seats will be created in medical colleges in India. Viksit Bharat 2047 should also be 'Swasth Bharat' and for this, we have started Rashtriya Poshan Mission." pic.twitter.com/IvVLVYPGKK — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | On the 78th Independence Day, PM Modi urges all levels of government, from panchayat to central government, to work on improving ease of living at a mission mode (Video source: PM Modi/YouTube) pic.twitter.com/zT9zVN7uNX — ANI (@ANI) August 15, 2024

During his Independence Day address at Red Fort, PM Modi said that he wanted to prevent students from being compelled to study abroad.

He said that Indians desire an advanced educational system so that no one needs to spend crores of rupees travelling abroad for school.

He further stated that they aim to establish a framework where individuals from all over the world travel to India to further their education.

#WATCH | Speaking on the space sector, PM Modi says, "The space sector is an important aspect. We have done many reforms in this sector. Today, many startups are entering this sector. Space sector which is becoming vibrant is an essential element towards making India a powerful… pic.twitter.com/My7wclzPWr — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | PM Modi says, "Youth of my country does not intend to walk slowly now. Youth of my country does not believe in incremental progress. Youth of my country is in the mood to take a leap, it is in the mood to leap and achieve new goals. I would like to say that this is a… pic.twitter.com/ee6ZfBtkjk — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | PM Modi says, "We were given a huge responsibility and we introduced major reforms on the ground...I would like to assure the countrymen, our commitment to reforms is not limited to pink paper editorials. Our commitment to reforms is not for a few days of appreciation.… pic.twitter.com/oIeM2395Sk — ANI (@ANI) August 15, 2024
#IndependenceDay2024 | PM Modi says, "In last 10 years, 10 crore women joined women self-help groups. 10 crore women are becoming financially independent. When women become financially independent they become part of the decision-making system in a household leading to social… pic.twitter.com/lmbsuZ84ut — ANI (@ANI) August 15, 2024
VIDEO | Independence Day 2024: "We have brought big reforms on ground. For the poor, middle class, deprived... for the aspirations of our youth, we choose the path to bring reforms in their lives. I want to assure the citizens of India that our commitment towards bringing reform… pic.twitter.com/V3TNy8t0R5 — Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2024
During his #IndependenceDay2024 speech, PM Modi says, "Be it tourism, education, health, MSME, transport, farming and agriculture sectors- in every sector a new modern system is being created. We want to move forward by adopting best practices by integration of technology."… pic.twitter.com/TNUUlcSSy0 — ANI (@ANI) August 15, 2024
#IndependenceDay2024 | From the ramparts of Red Fort, PM Modi says, "For Viksit Bharat 2047, we invited suggestions from the countrymen. The many suggestions we received reflect the dreams and aspirations of our citizens. Some people suggested making India the skill capital, some… pic.twitter.com/3bmoDqcVid — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | PM Modi says, "How can we forget the Corona period? Our country administered vaccines to crores of people the fastest of all, across the world. This is the same country where terrorists used to come and attack us. When the armed forces of the country execute surgical… pic.twitter.com/PvbvScEUNK — ANI (@ANI) August 15, 2024
Our commitment to reforms not for temporary applause or due to compulsions, but has resolve to strengthen country: PM Modi — Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2024
Earlier, people wanted change but their aspirations were not paid heed to; we brought about big reforms on ground: PM Modi — Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2024
When country's armed forces carry out surgical and air strikes, every Indian is filled with pride: PM Modi in his Independence Day speech — Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2024
#WATCH | PM Modi says, "We gave the mantra for 'Vocal for Local'. Today, I am happy that Vocal for Local has become a new mantra for the economic system. Every district has started taking pride in its produce. There is an environment of 'One District One Product'..." (Video: PM… pic.twitter.com/JL6d41YiqQ — ANI (@ANI) August 15, 2024
People want 'shri anna (millets)' to reach every dining table of world as super food: PM Modi — Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2024
People's suggestions for Viksit Bharat include governance reforms, speedy justice delivery system, promoting traditional medicines: PM Modi — Press Trust of India (@PTI_News) August 15, 2024
#IndependenceDay2024 | PM Modi at Red Fort says, "We are proud that we carry the blood of the 40 crore people who had uprooted the colonial rule from India...Today, we are 140 crore people, if we resolve and move together in one direction, then we can become 'Viksit Bharat' by… pic.twitter.com/E2wd9hNwmw — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | PM Modi says, "This year and for the past few years, due to natural calamity, our concerns have been mounting. Several people have lost their family members, property in natural calamity; nation too has suffered losses. Today, I express my sympathy to all of them and I… pic.twitter.com/WIkMz4QBbv — ANI (@ANI) August 15, 2024

PM Modi, in his speech, at the Red Fort said that, “Natural disasters have heightened our concern over last few years; I express my sympathies to affected families.”

PM Modi addresses the nation from Red Fort, he says, "Today is the day to pay tributes to the uncountable 'Azaadi ke deewane' who made sacrifices for the nation. This country is indebted to them." (Photo source: PM Modi/YouTube) pic.twitter.com/CoKKawoPLp — ANI (@ANI) August 15, 2024

While addressing the nation on the 78th Independence Day, PM Modi says Viksit Bharat 2047 is the goal.

PM Modi addresses the nation on 78th Independence Day (Photo source: PM Narendra Modi/YouTube) pic.twitter.com/6JBAn38GKe — ANI (@ANI) August 15, 2024
#WATCH | PM Narendra Modi is set to deliver his 11th Independence Day address, from the ramparts of the Red Fort this morning. (Video: PM Narendra Modi/YouTube) pic.twitter.com/LPrApkObtk — ANI (@ANI) August 15, 2024
PM Modi hoists the national flag at Red Fort on 78th Independence Day (Photo source: PM Narendra Modi/YouTube) pic.twitter.com/xPmKcWUIIL — ANI (@ANI) August 15, 2024

The India Meteorological Department (IMD) has predicted light rainfall and thunderstorms over the Red Fort area during the 78th Independence Day celebrations on Thursday, August 15. Cloudy skies are expected from early morning through noon, with additional spells of light rain possible in the afternoon and evening. The weather may add a refreshing touch to the celebrations as the nation marks this significant day.

Prime Minister Narendra Modi pays floral tributes to Mahatma Gandhi at Rajghat on #IndependenceDay2024 (Photo source: PM Modi/YouTube) pic.twitter.com/7sCjhfEmn5 — ANI (@ANI) August 15, 2024
Flag hoisting ceremony at Embassy of India in Japan to celebrate the 78th Independence Day Ambassador (Photo source: Embassy of India in Japan) pic.twitter.com/X22MbRbbWS — ANI (@ANI) August 15, 2024

Congratulating the people of India on the occasion of their Independence Day, US Secretary of State Tony Blinken said the relationship between the two countries is expanding at a rapid pace.

“On this momentous day (India’s Independence Day), we celebrate the rich and diverse history of the Indian people and the bright future of US-Indian relations,” Blinken said in a statement issued on Wednesday.

“US-India cooperation is expanding at a rapid pace as we continue to work together to advance our shared vision of a free, open, stable, and prosperous Indo-Pacific. From climate and clean energy to defense and space technologies, US-Indian bilateral cooperation is more wide-ranging and stronger than ever before,” he said.

Blinken said India and the US share a deep bond, which is founded on the two nations’ “shared commitment to democracy, freedom, and human dignity”.

“I wish all those celebrating today, in India, in the United States, and globally through the Indian diaspora, a joyous Independence Day,” he said.

Prime Minister Narendra Modi on Thursday greeted the people of the country on the occasion of India’s 78th Independence Day.

Later in the day, the prime minister will attend the celebrations at the historic Red Fort where he will deliver his 11th Independence Day address.

“Independence Day greetings to my fellow Indians. Jai Hind!,” Modi said in a post on X in English and Hindi.

The Indian contingent which took part in the Paris Olympics, students benefiting from the Atal Innovation Mission, workers of the Border Roads Organisation and sarpanches of the gram panchayats are among the 6,000 special guests invited to the 78th Independence Day celebrations here.

सभी देशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं। जय हिंद! Independence Day greetings to my fellow Indians. Jai Hind! 🇮🇳 — Narendra Modi (@narendramodi) August 15, 2024

Mumbai Police has made adequate security arrangements across the city to prevent any untoward incident during the 78th Independence Day celebrations, an official said on Wednesday.

Police are on alert to maintain law and order and have deployed adequate number of personnel, he said.

Security at all important establishments and buildings in the city has been beefed up, he said.

Security checks were conducted at important locations in the last few days and combing operations were also conducted, the official added.

The year 1946 was poised to be a historic year for the British Empire. The Second World War had ended a few months earlier. Germany and the Axis Powers had been defeated. The Allied forces led by the British, including its Navy, were basking in the glory of a famous victory. Little did they know about the oncoming storm that would blow away any plan. It was in Bombay — the cosmopolitan port city of the British Empire that the first rumblings of a glorious fall would reverberate.

Ahead of Independence Day, security has been tightened across India with over 10,000 cops, facial recognition cameras and snipers deployed in Delhi and security camps set up in 13 villages in Chhattisgarh’s Maoist-hit Bastar region where the Tricolour will be hoisted for the first time on Thursday.

Police personnel checked vehicles and conducted flag marches at various places in Punjab on Wednesday while central forces maintained a tight vigil in Tripura.

In Delhi, where Prime Minister Narendra Modi will unfurl the national flag at the Red Fort for the 11th consecutive year, more than 10,000 police personnel and 3,000 traffic police personnel have been deployed. Mock drills were conducted in VVIP areas on Wednesday, according to officials.

Snipers, elite SWAT commandos, kite catchers and sharpshooters will be positioned at strategic locations for the security of the prime minister and other VVIP guests, a senior officer said.

Additionally, 700 AI-based facial recognition CCTV cameras have been installed in central and New Delhi. These cameras have high-resolution pan-tilt-zoom features, allowing identification of a person from a distance, the officials said.

“All borders of the national capital from Haryana-Delhi and Uttar Pradesh-Delhi will be sealed after 11.30 pm on Wednesday for the entry of commercial heavy vehicles movements. The vehicles which will enter the national capital will be checked properly,” the senior police officer said.

Deputy Commissioner of Police (New Delhi) Devesh Kumar Mahla said, “We conducted mock drills in Connaught Place and Parliament Street as New Delhi is considered a VVIP area. We have deployed additional force to maintain law and order.” Additional police teams and paramilitary forces have been deployed at various locations including IGI Airport, railway stations, bus stands, malls, metro stations and markets, the officials said.

Delhi Traffic Police has issued an advisory, informing the public about route closures and diversions around the Red Fort.

It also reiterated that the restrictions imposed on August 1 on flying of sub-conventional aerial platforms such as para-gliders, UAVs, hot air balloons and small size powered aircraft over the city will remain in place till Thursday.

In Punjab and Haryana, a thick security blanket has been thrown around the venues where governors, chief ministers and ministers will unfurl the national flag on Independence Day, officials said.

Punjab Chief Minister Bhagwant Mann will unfurl the Tricolour at a function in Jalandhar while his Haryana counterpart Nayab Singh Saini will hoist it in Kurukshetra.

Adequate forces have been deployed in different districts, the officials said.

Police personnel checked vehicles at many places, including the Mohali-Chandigarh border.

Punjab Police conducted a flag march in Pathankot and search operations at abandoned buildings.

Pathankot Superintendent of Police Gurbaj Singh said a special operation was launched under which searches were carried out at dilapidated buildings in the district and adjacent areas.

He appealed to the people to not pay attention to any rumours and to immediately inform police if they find anything suspicious.

Thirteen remote villages in Chhattisgarh’s Maoist-hit Bastar region will witness hoisting of the national flag for the first time on Thursday due to the presence of security forces, according to Inspector General of Police, Bastar Range, Sundarraj P.

The 13 villages are Nerlighat (Dantewada); Panidobir (Kanker); Gundam, Putkel and Chhutvahi (Bijapur); Kasturmeta, Maspur, Irakbhatti and Mohndi (Narayanpur); Tekalgudem, Puvarti, Lakhapal and Pulanpad (Sukma).

Security camps in these villages were established after Republic Day last year. These camps have provided a new and vibrant identity to the region and its native population, the officer said.

The Bastar division, comprising seven districts, has been struggling with the menace of Left Wing Extremism for the past three decades.

Independence Day functions will also be held in other parts of the state.

Chief Minister Vishnu Deo Sai will hoist the national flag at the Police Parade ground in Raipur, Deputy Chief Ministers Arun Sao and Vijay Kumar will unfurl the Tricolour in Bilaspur and Jagdalpur, respectively, a government spokesperson said.

Security forces were on alert in Tripura to ensure peaceful Independence Day celebrations.

Comprehensive security arrangements have been made at the Assam Rifles ground, where Chief Minister Manik Saha will hoist the national flag, a top police officer said.

Assistant Inspector General (Law and Order) Ananta Das said additional central forces deployed for the three-tier panchayat elections will remain in the state until the Independence Day events are completed.

“Currently, adequate forces are deployed across the state to ensure peaceful Independence Day celebrations. Additionally, police have been instructed to enhance vigilance in their respective areas to maintain law and order,” he said.

The Centre had previously deployed 29 companies of the Central Reserve Police Force (CRPF) and the Sashastra Seema Bal (SSB) for law and order duties during the panchayat elections.

Security along the international border with Bangladesh has been further tightened. The BSF has been on high alert to prevent any potential intrusion.

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sanjeevnihindi

Essay on Independence Day in Hindi | 15 अगस्त पर निबंध हिन्दी में | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

“सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है। देखना है ज़ोर कितना बाजु-ए-क़ातिल में है।।”

15 अगस्त 1947…… भारतीय इतिहास का एक स्वर्णिम दिन। यही वह दिन है जब हमारा देश अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ। जी हाँ…… यही वह दिन था जब भारत अंग्रेजों की लगभग 200 वर्षों की पराधीनता के बाद अपने जियाले सपूतों की कुर्बानी और संघर्ष के परिणाम स्वरूप स्वाधीनता का सूरज देख रहा था।

हर साल  स्वतंत्र दिवस के अवसर पर स्कूल, कॉलेजों में 15 अगस्त पर भाषण  और निबंध प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाता है। 

दोस्तों, आज हम अपने इस लेख Essay on Independence Day in Hindi | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में |  स्वतंत्रता दिवस पर निबंध के माध्यम से  आपको  स्वतंत्रता दिवस पर निबंध कैसे लिखें,  के बारे में बताएंगे।  

परीक्षा  और विभिन्न प्रतियोगिताओं में आपको Independence Day Essay in Hindi लिखने में यह लेख सहायक सिद्ध होगा। तो आइए शुरू करते हैं-

Table of Contents

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण, 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में – Essay on Independence Day in Hindi

दिवस का नाम स्वतंत्रता दिवस (Independence Day)
देश स्वतंत्र होने की तारीख 15 अगस्त 1947
हर वर्ष मनाने की तारीख 15 अगस्त
पर्व का प्रकार राष्ट्रीय पर्व
पर्व का महत्व देश की स्वतंत्रता और स्वतंत्रता-सेनानियों को याद रखना व श्रद्धांजलि अर्पित करना 
स्वतंत्रता दिवस सबसे पहली बार मनाया गया  26 जनवरी 1930 में
2023 में  स्वतंत्रता दिवस है 77 वां 
2023 में स्वतंत्रता दिवस की वर्षगांठ है76 वीं  
 पर्व मनाने का तरीकाप्रधानमंत्री द्वारा  लाल किले पर ध्वजारोहण, राष्ट्र को संबोधन, परेड,  राष्ट्रगान व देश भक्ति गीत आदि

प्रस्तावना –  

15 अगस्त 1947 को भारत ने अंग्रेजों की 200 वर्षों की दासता से मुक्त होकर स्वतंत्र हवा में सांस ली।  हमारे देश के तीन प्रमुख राष्ट्रीय पर्वों में से स्वतंत्रता दिवस एक प्रमुख राष्ट्रीय पर्व है। वर्षों से  अंग्रेजी हुकूमत के  अत्याचार सहने के बाद इसी दिन  हमारे देश को आजादी मिली। 

परंतु यह आजादी  हमें आसानी से नहीं मिली, इसे पाने के लिए  भारत मां के अनगिनत सपूतों ने वर्षों तक संघर्ष किया और अपने प्राणों की आहुति दी, तब कहीं जाकर भारतीयों को यह गौरवमयी दिन देखने को मिला।

इसीलिए हम इस आजादी के महत्व को समझते हुए प्रतिवर्ष 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस को धूमधाम से मनाते हैं।

इस दिन पूरे देश में राष्ट्रीय अवकाश रहता है और देश के प्रत्येक कार्यालय, विद्यालय और संस्थाओं में  तिरंगा ध्वज फहराकर भारतीय स्वतंत्रता का जश्न मनाया जाता है।

और विभिन्न प्रकार के समारोह आयोजित किए जाते हैं। इसी दिन देश की राजधानी दिल्ली में लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा राष्ट्रध्वज फहराया जाता है और समारोह का आयोजन होता है। 

essay on independence day in hindi

2023 का स्वतंत्रता दिवस – Independence Day 2023

इस वर्ष अर्थात 2023 में हमारा देश आजादी की 76 वीं  वर्षगांठ  और 77 वां  स्वतंत्रता दिवस  मनाने जा रहा है। 

हालांकि इस अवसर पर हर साल देश के प्रधानमंत्री लाल किले से देश की जनता को संबोधित करते हैं परंतु इस संदर्भ में इस साल का स्वतंत्र दिवस कुछ अलग है। 

क्योंकि इस बार देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने देश की जनता से ट्वीट करके सुझाव मांगे हैं कि वह बताएं कि  प्रधानमंत्री इस बार स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर किस विषय पर भाषण दे। 

और देश की जनता लगातार उन्हें अलग-अलग विषय पर  अपने विचार रखने के लिए सुझाव दे रही है।

स्वतंत्रता दिवस का सुनहरा इतिहास – Independence Day History

हमारे देश का इतिहास सदियों पुराना है। प्राचीन काल से पूरे विश्व में हमारा देश सोने की चिड़िया के नाम से प्रसिद्ध रहा है। भारत की समृद्धि, संपन्नता  पूरे विश्व में प्रसिद्ध थी। 

इसी से प्रेरित होकर हमारे देश पर कई विदेशी आक्रमणकारियों ने आक्रमण किए, उनमें से कुछ लूटमार करके वापस अपने देश चले गए जबकि कुछ आताताई  यहीं बस गए। 

लंबे समय तक हमारे देश में रहने के दौरान  वह हमारी सभ्यता, संस्कृति और खानपान में इस प्रकार रच बस गए मानो यहीं के मूल निवासी हों।

आरंभिक दौर में कुछ अन्य आक्रमणकारियों के बाद हमारे देश में मुगलों का आगमन हुआ जिन्होंने एक लंबे समय तक भारत पर शासन किया।

फिर 18 वीं सदी में अंग्रेज व्यापार के बहाने भारत आए, और धीरे-धीरे अंग्रेजों ने भारत पर अपना शासन कायम किया। भारतीय इतिहास में अंग्रेजी हुकूमत का दौर एक दुःस्वपन  के समान था।

अंग्रेजों ने हमारे ही देश में रहकर देश की जनता का बुरी तरह शोषण किया और उन पर क्रूरतम अत्याचार किए। 

अंग्रेज भारतीय लोगों से मनमाना  लगान वसूलते और उन पर अत्याचार करते थे, विरोध करने की दशा में भारतीय लोगों को पाशविक तरीकों से  मारा-पीटा जाता था, और जेल में डाल दिया जाता था।  उनके पाशविक  कृत्यों का क्रूरतम उदाहरण  जलियांवाला बाग हत्याकांड है। 

हालांकि अपनी हुकूमत के दौरान अंग्रेजों ने हमारे देश के लोगों पर अंतहीन  अत्याचार किये, परंतु  भारत मां के सपूतों ने उनके हर अत्याचार  का सामना किया और विरोध किया। 

हमारे देश के वीर  क्रांतिकारियों ने हंसते-हंसते  अपने प्राणों को न्यौछावर कर दिया और आजादी की लड़ाई  को जारी रखा।

इसी का नतीजा था कि क्रूर अंग्रेज हुक्मरानों को हमारा देश छोड़कर भागना पड़ा। 15 अगस्त 1947 को अंग्रेजो ने हमारे देश को स्वतंत्र घोषित कर दिया और भारत की सत्ता की बागडोर भारतीय नेताओं को सौंप कर  वे अपने देश वापस चले गए।

हमारा  स्वर्णिम इतिहास  भारतीय  रणबांकुरों के अदम्य साहस  और संघर्ष से भरा हुआ है उसी के बल पर आज हम आजाद देश की हवा में सांस ले रहे हैं।

हर भारतीय के लिए यह दिन एक खास महत्व रखता है इसीलिए हम अपने स्वतंत्रता दिवस (Independence Day in Hindi) को प्रतिवर्ष पूरे हर्षोल्लास से मानते हैं। 

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भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं –

यहाँ हम आपको सरल रूप से समझने के दृष्टिकोण से भारतीय इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाएं बता रहे हैं –

अंग्रेजों का भारत में प्रवेश-  

अंग्रेज व्यापार के बहाने भारत आए 17 वी शताब्दी में जब अंग्रेज भारत आए तो भारत में मुगलों का शासन था भारत प्राचीन काल से ही सोने की चिड़िया कहलाता था।

भारत की संपन्नता के बारे में सारी दुनिया जानती थी इसी से प्रेरित होकर यूरोप के कई देशों के लोगों ने भारत की ओर रुख किया भारत में अंग्रेजों ने व्यापार करने के साथ-साथ धीरे-धीरे अपनी सैन्य ताकत को बढ़ाया और यहां की परिस्थितियों का फायदा उठाया।

उन्होंने देखा राजपूत राजाओं में एकता नहीं थी वह छोटी-छोटी बातों पर आपस में लड़ाई-झगड़ा करते थे अतः उन्होंने इसी बात का फायदा उठाते हुए राजपूत राजाओं को आपस में लड़ा कर धीरे-धीरे भारत में छोटे-छोटे क्षेत्रों पर अपना अधिकार करना शुरू किया।

फिर उन्होंने भारत में ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना की और धीरे-धीरे ‘फूट डालो और शासन करो’ की नीति अपनाते हुए लगभग संपूर्ण भारत पर अपना वर्चस्व स्थापित कर लिया। 

पराधीन भारत का आगाज़ –

अंग्रेजों ने धीरे-धीरे अपनी नीति के द्वारा संपूर्ण भारत पर अपना शासन स्थापित कर लिया और अब भारत एक पराधीन देश की तरह था जिसमें दूसरे देश के लोग (अंग्रेज) अपना शासन चला रहे थे और उनके द्वारा हमारे देश की जनता को प्रताड़ित किया जाता था।

भारतीयों पर अंग्रेजों के अत्याचार-

वे देश की जनता से मनमाना कर वसूलते, उन पर अत्याचार करते, बिना वजह बताए किसी भी भारतीय को जेल में डाल देते।

जलियाँवाला बाग हत्याकांड की अमानवीय घटना भारतीयों पर अंग्रेजी हुकूमत के अत्याचारों का ही एक क्रूर उदाहरण थी। भारतीय अपने ही देश में गुलाम बन चुके थे और भारत एक पराधीन राष्ट्र। 

अंग्रेजों के विरुद्ध भारत की जनता का असंतोष –

देश की जनता पर अंग्रेजों के अत्याचार बढ़ते ही जा रहे थे, भारतीय इन अत्याचारों को अब और सहन नहीं कर सकते थे, देश में जगह-जगह अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ भारतीय जनता का असंतोष बढ़ता ही जा रहा था।

स्वतंत्रता सेनानियों व देश के लीडर्स के प्रतिनिधित्व में जनता अपना रोष प्रकट करने लगी थी। यहाँ तक कि यह असंतोष भारतीय सैनिकों में भी पनप रहा था।

जिसका एक उदाहरण 1857 का सैनिक विद्रोह था। जब बैरकपुर छावनी में मंगल पांडे ने अंग्रेज अधिकारी का हुक्म मानने से इनकार कर दिया तो तोप के आगे बांधकर उसकी हत्या कर दी गयी। 

1857 का सैनिक विद्रोह मंगल पांडे की हत्या के बाद देश को आजाद कराने के लिए एक क्रांति की चिंगारी बनकर पूरे देश में फैल चुका था। लखनऊ, कानपुर, ग्वालियर, मेरठ, दिल्ली, झांसी के साथ-साथ पूरे देश में क्रांति की ज्वाला भड़क उठी थी।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना –

28 दिसंबर 1885  को मुंबई में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना हुई। कांग्रेस के संस्थापक ए0ओ0 ह्यूम (एलन ऑक्टोवियन ह्यूम) थे।  इनके अतिरिक्त दादाभाई नरोजी ने भी कांग्रेस की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के बाद  देश में आजादी के लिए क्रांतिकारी गतिविधियों में इजाफा हुआ और बहुत से लोग भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने।

भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की स्थापना के बाद देश में कई और राष्ट्रीय दलों की स्थापना की गई इनमें प्रमुख रूप से ‘मुस्लिम लीग’ भी शामिल थी।

अंग्रेजी हुकूमत से आजादी की मांग ने जोर पकड़ा   –

क्रूर गोरी सरकार के अत्याचारों के विरुद्ध भारतीयों का बढ़ता असंतोष अब धीरे-धीरे आंदोलनों का रूप लेता जा रहा थाा।

जिनमें महात्मा गाँधी के नेतृत्व में हुए असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, नमक कानून, भारत छोड़ो आंदोलनों ने अंग्रेजी हुकूमत को हिलाकर रख दिया और गोरी सरकार के पैर उखाड़ दिए। 

आजादी में स्वतंत्रता सेनानियों की भूमिका –

देश की आजादी के लिए भारत माँ के लाडलों ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और भारत माँ को आजाद कराने के लिए अपने प्राणों की आहुतियाँ दीं। 

इन स्वतंत्रता सेनानियों में सर्वप्रमुख महात्मा गांधी का नाम आता है। उन्होंने क्रूर फिरंगियों को अपने सत्य और अहिंसा के बल पर झुकने पर मजबूर कर दिया। गांधीजी ने अंग्रेजों के विरुद्ध अहिंसा को हथियार बनाते हुए कई आंदोलन चलाए।

जैसे- सविनय अवज्ञा, असहयोग, नमक आंदोलन (डांडी यात्रा) और अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन आदि। इन सभी आंदोलनों के बल पर उन्होंने अंग्रेजी शासन को देश से उखाड़ फेंका। 

महात्मा गाँधी के अतिरिक्त ऐसे देशभक्तों की सूची बड़ी लम्बी है जिन्होंने अपने-अपने तरीके से देश के स्वाधीनता संग्राम में अपना योगदान दिया।

इनमें प्रमुख हैं- नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, भगत सिंह,राजगुरु, सुखदेव, चंद्रशेखर आजाद, लाल लाजपतराय, बटुकेश्वर दत्त, मंगल पांडे, अशफाक़उल्ला खाँ आदि। 

भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु ने भारत माँ को आजाद कराने के लिए हँसते-हँसते फांसी के फंदे को अपने गले में डाल लिया।

हिन्दू,मुस्लिम,सिक्ख, ईसाई सभी ने एकजुट होकर देश को आजादी दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी और अपना अमूल्य योगदान दिया। 

आखिर भारत को मिली आजादी –

देश के स्वतंत्रता सेनानियों और देशभक्तों की अनगिनत कुर्बानियों के दम पर आखिर अंग्रेजों को हमारा देश छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा और 15 अगस्त 1947 की मध्यरात्रि को हमारा देश एक स्वतंत्र राष्ट्र बन गया।

और देशवासियों  ने वर्षों बाद आजाद हवा में सांस ली। तभी से हम हर वर्ष 15 अगस्त को अपने स्वतंत्रता दिवस के रूप में मनाते हैं। 

भारत का  बँटवारा  और सांप्रदायिक दंगों का दौर –

15 अगस्त 1947 को  देश आजाद तो हुआ,  परंतु उससे पहले 14 अगस्त की मध्य रात्रि को देश का विभाजन कर दिया गया और एक और नये देश का जन्म हुआ, वह था पाकिस्तान। 

अंग्रेजों की नीति के कारण देश के आजाद होने तक,  जो हिंदू मुस्लिम  पूरी एकजुटता के साथ देश को आजाद करने के लिए संघर्ष कर रहे थे,  वे अब एक दूसरे के शत्रु बन चुके थे।  अंग्रेजों की कूटनीति के कारण देश का विभाजन धार्मिक आधार पर हुआ था।

यह तय किया गया था कि  हिंदू या मुस्लिम स्वेच्छा से जिस देश में भी रहना चाहते हैं वहां रह सकते हैं अतः 72 लाख 26 हजार मुस्लिम भारत से पाकिस्तान गए और 72 लाख 49 हजार  हिंदू और सिख  धर्म के लोग पाकिस्तान से भारत आए।

इसी बीच हिंदू मुस्लिम दंगे शुरू हो गए उन दंगों में लाखों लोगों की हत्या कर दी गई मरने वाले लोगों में दोनों धर्म के लोग शामिल थे। 

यह एक बहुत ही हृदय विदारक घटना थी जिसने देशवासियों की देश के आजाद होने से होने वाली खुशी को भी रंज में बदल दिया। 

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15 अगस्त को मनाते हैं हम आजादी का जश्न/स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है –

हमारा देश अंग्रेजी हुकूमत की 200 वर्षों की दासता के बाद भारतीय सपूतों की कुर्बानी के बाद 15 अगस्त 1947 को आजाद हुआ। तभी से हम अपने देश में इस दिन आजादी का जश्न मनाते हैं। 

पूरे देश में इस दिन को पूरे हर्सोल्लास के साथ मनाया जाता है। सभी स्कूल, कॉलेज, सरकारी दफ्तरों और निजी संस्थानों में ध्वजारोहण किया जाता है, राष्ट्रीय ध्वज को सलामी देकर राष्ट्रीय गान गाया जाता है। कई प्रकार के रंगारंग कार्यक्रम किये जाते है और मिष्ठान वितरण किया जाता है। 

15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले पर राष्ट्रीय ध्वजारोहण करते हैं। इस मौके पर पूरे देश में अलग-अलग स्थानों पर विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और प्रतियोगिताएं की जाती है। 

स्वतंत्रता दिवस समारोह पर सुरक्षा संबंधी खतरे –

हालांकि 15 अगस्त को प्रतिवर्ष  हमारे देश में जगह-जगह  स्वतंत्रता समारोह मनाया जाता है।  मुख्य रूप से यह समारोह दिल्ली में लाल किले पर प्रधानमंत्री द्वारा ध्वजारोहण और सेनाओं की परेड के साथ संपन्न किया जाता है जिसे लाखों की संख्या में देखने के लिए लोग पहुंचते हैं।

ऐसे में इस समारोह के अवसर पर विभिन्न प्रकार के सुरक्षा संबंधी खतरे भी होते हैं, कई बार कुछ आतंकवादी संगठनों ने स्वतंत्रता समारोह  के मौके पर आतंकवादी घटनाओं को अंजाम देने की धमकी दी है।

जिस कारण इस समारोह के अवसर पर जश्न के साथ-साथ कड़ी सुरक्षा व्यवस्था का बंदोबस्त भी किया जाता है। 

स्वतंत्रता दिवस का महत्व – Significance of Independence Day

स्वतंत्रता दिवस  हम भारतीयों के लिए महत्वपूर्ण दिवस है, इस दिन का हमारे जीवन में खास महत्व है,  क्योंकि यह वह दिन है जब देश को आजादी मिली और देश के हर नागरिक ने आजाद हवा में सांस ली।

क्योंकि आजादी  एक ऐसा जज्बा है जिसे इंसान तो क्या पशु पक्षी भी प्यार करते हैं। इस दिन को याद करना  आजादी के उस जज्बे को  जीने के समान है जो हम सभी को प्रिय है।

स्वतंत्रता दिवस को मनाने के बहाने  हम अपने उन वीर सपूतों को भी याद करते हैं जिन्होंने मातृभूमि के लिए अपने प्राणों की आहुति दी  और हमें आजाद हवा में सांस लेने का मौका दिया।

यह दिन  हमें अपने देश, राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक  और अपनी राष्ट्रीय धरोहर को प्रेम करना सिखाता है इसलिए हमें अपने स्वतंत्रता दिवस के महत्व को समझना चाहिए, और ना केवल स्वतंत्रता दिवस के दिन बल्कि हमेशा अपने  दिल में देश प्रेम की भावना रखते हुए देश की उन्नति और आन-बान-शान के लिए काम करना चाहिए। 

स्वतंत्रता दिवस से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य –

  • भारत के अलावा दुनिया में कई अन्य देश हैं जों 15 अगस्त को हमारे देश  की तरह अपना स्वतंत्रता दिवस मनाते हैं। भारत के अलावा ये कुछ देश हैं  जिनका स्वतंत्रता दिवस भी 15 अगस्त को ही होता है –
देश स्वतंत्रता वर्ष स्वतंत्रता दिवस
उत्तर कोरिया1945 15 अगस्त
दक्षिण कोरिया1945 15 अगस्त
बहरीन1971 15 अगस्त
कांगो गणराज्य196015 अगस्त
  • हम सभी जानते हैं कि हर साल 15 अगस्त को देश के प्रधानमंत्री के द्वारा दिल्ली के लाल किले पर झंडा फहराया जाता है और भाषण भी दिया जाता है। परंतु देश आजाद होने पर 15 अगस्त 1947 को झंडा नहीं फहराया गया था बल्कि 16 अगस्त 1947 को फहराया गया था।
  • देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 14 अगस्त की मध्यरात्रि को   अपना ऐतिहासिक भाषण “Tryst with Destiny” वायसराय लॉज में दिया था जिसे अब राष्ट्रपति भवन कहा जाता है, पंडित जवाहरलाल नेहरू उस समय तक देश के प्रधानमंत्री नहीं थे।
  • लार्ड माउंटबेटेन देश की स्वतंत्रता के समय अंतिम वायसराय थे। उन्होनें ही पंडित जवाहर लाल नेहरू के साथ आज़ादी के दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किये थे।
  • 15 अगस्त 1947 को  आजादी के समय हमारे देश का कोई राष्ट्रगान नहीं था।  परंतु रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा रचित गीत  ‘भारोतो  भाग्यो  विधाता’ जो उनके द्वारा 1911 में ही लिख दिया था, का नाम बदलकर ‘जन गण मन’ कर दिया गया और 24 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के द्वारा इसे राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया।
  •  हमारा वर्तमान राष्ट्रीय ध्वज पिंगली वेंकैया द्वारा 1921 में डिजाइन किया गया। जिसमें सबसे ऊपर केसरिया रंग बीच में सफेद रंग और सबसे नीचे हरा रंग है, बीच में सफेद पट्टी पर अशोक चक्र बना है जिसमें 24 स्पोक हैं।  इस ध्वज को 22 जुलाई 1947 को आधिकारिक तौर पर अपनाया गया।
  •  15 अगस्त को अपना स्वतंत्र दिवस मनाने वाले भारत के अतिरिक्त ऐसे पांच और देश हैं जिनमें कांगो गणराज्य, उत्तरी कोरिया, दक्षिण कोरिया,  बहरीन और लिकटेन्सटीन  हैं। 
  • 24 जनवरी 1950 को रविंद्र नाथ टैगोर के द्वारा लिखे गए ‘वंदे मातरम्’को राष्ट्रीय गीत के रूप में अपनाया गया। वंदे मातरम्  रविंद्रनाथ टैगोर द्वारा 1880  के दशक में लिखे गए उनके उपन्यास आनंदमठ का हिस्सा है।

आजादी का अमृत महोत्सव (स्वतंत्रता के 75 साल)

पिछले वर्ष 2022 में हमारे देश ने  आजादी के 75 वर्ष पूरे कर लिए। इसी के उपलक्ष में भारत सरकार के द्वारा  आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत देशभर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।

इसी के अंतर्गत माननीय प्रधानमंत्री  श्री नरेंद्र मोदी जी ने  देश की जनता से आग्रह किया था कि वे इस अवसर पर अपने सोशल मीडिया के प्रोफाइल की तस्वीर पर देश का तिरंगा लगाएं। 

हर घर तिरंगा अभियान 2.0 –

भारत की आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर देश में मनाए जा रहे आजादी का अमृत महोत्सव अभियान के तत्वाधान में भारत सरकार  के संस्कृति मंत्रालय द्वारा‘हर घर तिरंगा अभियान’ पिछले वर्ष 2022 में शुरू किया था।

2023 में पुनः हर घर तिरंगा अभियान चलाया जा रहा है जिसके अंतर्गत देश के लोगों को अपने घर पर राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा लहराना है।

लोग अपने पोस्ट-ऑफिस या बैंक से मात्र 25 रुपये की धनराशि देकर तिरंगा प्राप्त कर सकते हैं।

इस अभियान का उद्देश्य देश के हर नागरिक के दिल में देशभक्ति की भावना को जागृत करना, राष्ट्रीय ध्वज का सम्मान करना और राष्ट्रीय ध्वज के बारे में जागरूकता पैदा करना है।

स्वतंत्रता दिवस कोट्स – Independence Day Quotes in Hindi

स्वतंत्र दिवस पर कोट्स नीचे गए हैं –

essay on independence day in hindi

स्वतंत्र दिवस पर 10 लाइन – 10 Lines on Independence Day

  • भारत में हर साल स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त को मनाया जाता है।
  •  स्वतंत्रता दिवस हमारे देश के 3 राष्ट्रीय पर्वों में से एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय पर्व है।
  •  इस दिन  हमारे देश को अंग्रेजी दासता से आजादी मिली थी।
  •  स्वतंत्रता दिवस  का महत्व इसलिए है क्योंकि इस दिन हम अपने देश के वीरों की कुर्बानी को याद करते हैं और उनका सम्मान करते हैं।
  •  हमारे देश में स्वतंत्रता दिवस का मुख्य समारोह दिल्ली के लाल किले पर मनाया जाता है। 
  •  प्रत्येक भारतीय के लिए यह गौरव का दिन है यह  देश की एकता और अखंडता को समर्पित दिन है।
  • स्वतंत्र दिवस समारोह को मुख्य रूप से ध्वजारोहण,  राष्ट्रगान,  सेना की परेड  तथा विभिन्न प्रकार की सांस्कृतिक गतिविधियां करते हुए मनाया जाता है।
  • देश के सभी स्कूलों, कॉलेजों  तथा सरकारी और गैर सरकारी संस्थानों में राष्ट्रीय ध्वज फहराकर  विभिन्न कार्यक्रमों के साथ  पूरे हर्षोल्लास के साथ इस दिन को मनाते हैं।
  • यह दिन प्रत्येक भारतीय के लिए बहुत महत्व रखता है। 
  • 2023 में देश स्वतंत्रता दिवस की 76 वीं वर्षगांठ और  77 वां  स्वतंत्रता दिवस  मनाने जा रहा है।

उपसंहार –  

भारत एक ऐसा देश है जिसमें विभिन्न धर्मों के लोग एक साथ एक गुलदस्ते की तरह रहते हैं  जिनकी अपनी-अपनी सभ्यता, संस्कृति, खानपान, वेशभूषा है  उन सबके अपने-अपने त्योहार हैं जिसे वे  अपने धर्म के लोगों के साथ मनाते हैं।

परंतु जब राष्ट्रीय पर्वों की बात आती है तब सभी धर्मों के लोग मिलकर एक साथ राष्ट्रीय पर्वों को पूरे हर्षोल्लास और जोश के साथ मनाते हैं।

हर भारतीय अपने राष्ट्रीय पर्व को अपने धर्म की तरह निभाता है और प्रत्येक भारतीय में अपने देश और राष्ट्रीय ध्वज के लिए यही सम्मान और भावना होनी चाहिए। 

अपनी मातृभूमि पर न्योछावर होने का जज्बा सभी भारतीयों में एक समान होना चाहिए तभी 15 अगस्त जैसे राष्ट्रीय पर्व को मनाने की सार्थकता सिद्ध होती है।

प्रश्न – स्वतंत्रता दिवस पर झण्डा कौन फहराता है?

उत्तर – स्वतंत्रता दिवस पर दिल्ली के लाल किले पर देश के प्रधानमंत्री झंडा फहराते हैं।

प्रश्न – स्वतंत्रता दिवस क्यों मनाया जाता है?

उत्तर –  15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था उसी के उपलक्ष में हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता है। 

प्रश्न – इस वर्ष कौन सा स्वतंत्रता दिवस मनाया जाएगा?

उत्तर – 2023 में  हमारा देश 77 वां  स्वतंत्रता दिवस मनाने जा रहा है। 

प्रश्न –   स्वतंत्रता दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?

उत्तर – भारत में प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस मनाया जाता है, क्योंकि 15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था।

प्रश्न –   स्वतंत्रता दिवस कब मनाया जाता है?

उत्तर – भारत में प्रतिवर्ष 15 अगस्त को स्वतंत्र दिवस मनाया जाता है।

हमारे शब्द –

तो दोस्तों ये था Essay on Independence Day in Hindi | 15 अगस्त पर निबंध हिंदी में | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध आपको Speech of Independence Day in Hindi पर ये लेख कैसा लगा ? आशा है आपको इस निबंध ( लेख ) के साथ-साथ हमारे अन्य लेख भी पसंद आते होंगे ।  

यदि आपको हमारा ये लेख पसंद आया हो तो कमेन्ट बॉक्स में लिखकर अवश्य हमें भेजे साथ ही यदि आपके विचार से हमारे लेखन से संबंधित कोई सुझाव हों तो हमें अवश्य लिखें , क्योंकि आपके सुझावों से हमें बेहतर लिखने की प्रेरणा मिलती है ।

तो मित्रों जल्द ही आपसे रूबरू होंगे एक और नए , ताजा और रोचक जानकारी से भरपूर लेख के साथ ।  धन्यवाद ।

sanjeevnihindi के सभी सुधि पाठकों को स्वतंत्रता दिवस की अनंत शुभकामनाएं ।

अंत में – हमारे आर्टिकल पढ़ते रहिए , हमारा उत्साह बढ़ाते रहिए , खुश रहिए और मस्त रहिए।

जीवन को अपनी शर्तों पर जियें ।

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75+ Happy Independence Day Messages, Greetings, Wishes and Quotes for 2024

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Independence Day Wishes, Messages, Greetings

Happy Independence Day

Table of Contents

स्वतंत्रता दिवस मैसेज – Best Independence Day Wishes & Quotes for Friends and Family in Hindi

क्या आप स्वतंत्रता दिवस पर खास संदेश ढूंढ रहे हैं?(Independence Day Quotes in Hindi)

15 अगस्त पास आ रहा है, और हम सब अपने देश के स्वतंत्रता दिवस को खास तरीके से मनाना चाहते हैं। इस दिन, हम स्वतंत्रता के लिए अपने वीर शहीदों को याद करते हैं और अपने देशभक्ति को उजागर करते हैं।

आपके लिए हम लाए हैं 100+ शानदार स्वतंत्रता दिवस संदेश (Independence Day Wishes & Quotes) !

ये सन्देश आपके दोस्तों और परिवार को प्रेरित करेंगे, जबकि कुछ दिल को छूने वाले और देशभक्ति से है । चाहे आप एक दिलचस्प पोस्ट कार्ड लिख रहे हों या सोशल मीडिया पर शुभकामनाएँ भेज रहे हों, हमारे पास आपके लिए बेहतरीन संदेश हैं।

आज ही हमारे संदेशों को देखें और स्वतंत्रता दिवस को विशेष बनाएं। आपके संदेश इस दिन  को और भी खास बना सकते हैं!

हमारी आज़ादी का तिरंगा लहराता रहे, हर दिल में देशभक्ति का जज़्बा बना रहे। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”

78th स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना संदेश – Happy 78th Independence Day Wishes

वीर शहीदों की गाथा को न भूलें, देशभक्ति के गीत को संग गाएं। स्वतंत्रता की इस खुशी में, सभी मिलकर तिरंगा फहराएं।

शहीदों की शहादत का गान गाएं, आजादी की इस धारा में सबको शामिल करें। एकता की शक्ति को मन में बसाएं, स्वतंत्रता का ये पर्व खुशी से मनाएं।

अमर शहीदों की गाथा को सुनकर, स्वतंत्रता की महत्ता को समझें। झंडा फहराते हैं हम सब गर्व से, देशभक्ति का जश्न मनाते हैं खुशी से।

आज का दिन है खुशी का, गर्व का, स्वतंत्रता का पर्व सबके दिल में छाया। तिरंगा लहराकर हम सब एक साथ, स्वतंत्रता का जश्न मनाएं, हर दिल में बसा।

स्वतंत्रता संग्राम की लहरों को मानते हैं, वीरों के बलिदान को हम याद करते हैं। झंडा फहराकर हम सब गाते हैं, देशभक्ति का उत्सव धूमधाम से मनाते हैं।

शहीदों की याद में दिल में श्रद्धांजलि, स्वतंत्रता का उत्सव मनाए हर दिल खुशी से। नेता और सेनानी, सबको नमन है, तिरंगा ऊँचा रहे, यही सच्ची भावना है।

आज का दिन गर्व से भरा है, भारत की माटी को सलाम है। एकता की धुन में बंधे हैं हम, स्वतंत्रता की इस धारा में हैं हम।

स्वतंत्रता दिवस की शुभकामना – Short Happy Independence Day Wishes

  • “देश की एकता और अखंडता ही हमारी ताकत है, तिरंगा हमेशा हमें प्रेरित करता रहे। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”
  • “आजादी का यह पर्व हमें शहीदों की याद दिलाता है, उनकी वीरता को कभी न भूलें। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!
  • “हमारा संविधान, हमारी पहचान है, तिरंगे की चमक हमेशा यूं ही बनी रहे। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”
  • “वीर शहीदों के बलिदान को याद करके हमें गर्व होता है, उनकी कुर्बानी को हमेशा संजोएं।
  • “हर भारतीय के दिल में स्वतंत्रता की भावना होनी चाहिए, यही हमारी असली ताकत है। “
  • “तिरंगे का सम्मान ही हमारे देश की महानता है, इसे हमेशा ऊँचा रखें। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”
  • “देश की आज़ादी का हर लम्हा अमूल्य है, हर किसी को इसे गर्व के साथ मनाना चाहिए।
  • “हमारा भारत अद्वितीय है, उसकी विविधता में ही उसकी ताकत है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”
  • “शहीदों की शहादत को याद कर के हम आगे बढ़ें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
  • “स्वतंत्रता की कीमत समझते हुए हम देश को और ऊँचाइयों पर ले जाएं, तिरंगे की आभा हर दिल में हो। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”
  • “हमारे स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने संघर्ष किया, उनका बलिदान हमें प्रेरित करता है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”
  • “आजादी का यह पर्व हमें एकजुट रहने की प्रेरणा देता है, हमारे देश की शक्ति उसकी एकता में है।
  • “हमारे तिरंगे की तीन रंगों की तरह हमारे देश की विविधता को सम्मान देना चाहिए, यह हमारी शक्ति है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”
  • “देशभक्ति का मतलब है अपने देश को आगे बढ़ाना, हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की कुर्बानी को याद करते हुए हम ऐसा करें।
  • “स्वतंत्रता की अमृत महोत्सव हमें अपने देश की महानता की याद दिलाता है, इस दिन को गर्व के साथ मनाएं। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”
  • “आजादी का यह दिन हमें हमारे इतिहास और संस्कृति की याद दिलाता है, इसे धूमधाम से मनाएं। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”
  • “स्वतंत्रता दिवस पर झंडा फहराकर और शहीदों को श्रद्धांजलि देकर हम अपनी देशभक्ति दिखाते हैं।
  • “देश की आज़ादी के लिए किए गए संघर्ष को याद कर के हम खुद को प्रेरित करें, यह दिन हमारे लिए विशेष है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!”
  • “हमारा भारत ऐतिहासिक और राष्ट्रीय धरोहर से भरा हुआ है, इसे हमेशा गर्व और सम्मान के साथ याद रखें।

स्वतंत्रता दिवस मैसेज – Happy Independence Day Wishes

  • स्वतंत्रता दिवस के इस खास मौके पर, आइए हम सब मिलकर अपने वीर शहीदों को याद करें और देशभक्ति की भावना को बढ़ावा दें। जय हिंद!
  • 15 अगस्त को तिरंगा फहराने का गर्व हमें अपनी स्वतंत्रता की अमूल्य याद दिलाता है। इस दिन को खास बनाएं और अपने देश के प्रति प्यार जताएं। Happy Independence Day !
  • स्वतंत्रता संग्राम के नायकों को सलाम! उनके बलिदान के कारण आज हम स्वतंत्र हैं। इस स्वतंत्रता दिवस पर हमें उनके संघर्ष की याद रखनी चाहिए।
  • हमारे देश की आजादी की इस ऐतिहासिक दिन पर, हर भारतीय को एकता और एकजुटता का संदेश फैलाना चाहिए। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!
  • आजादी की सुबह, तिरंगा लहराए, हर दिल में देशभक्ति की ज्वाला जलाए। स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं!
  • स्वतंत्रता सेनानियों की याद में आज हर झंडा और भाषण गर्व से भरा है। इस स्वतंत्रता दिवस पर हम उनके बलिदान को याद करें।
  • 15 अगस्त का दिन हमें एकजुटता और देशभक्ति की भावना से भर देता है। अपने देश को और मजबूत बनाने का संकल्प लें। स्वतंत्रता दिवस मुबारक! Happy Independence Day !
  • स्वतंत्रता की इस अमूल्य धरोहर का सम्मान करें और शहीदों के बलिदान को हमेशा याद रखें। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!
  • हमारी स्वतंत्रता की कहानी आज हमें प्रेरित करती है। इस दिन को मनाएं और अपने देश के प्रति गर्व महसूस करें। जय हिंद!
  • स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा लहराना और शहीदों को श्रद्धांजलि देना हमारे देशभक्ति का प्रतीक है। इस दिन को उत्साह और गर्व के साथ मनाएं।
  • 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता की कीमत समझें और अपने देश की प्रगति के लिए काम करने का संकल्प लें। स्वतंत्रता दिवस की बधाई!
  • स्वतंत्रता की खुशी में हर दिल धड़कता है। इस दिन देश की एकता और अखंडता को बनाए रखने का संकल्प लें। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं! Happy Independence Day !
  • स्वतंत्रता दिवस पर शहीदों की बहादुरी को याद करें और अपने देश के प्रति प्यार और सम्मान को बढ़ाएं। जय हिंद!
  • इस स्वतंत्रता दिवस पर, तिरंगे की छांव में अपने देश की विविधता और एकता का जश्न मनाएं। स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं!

स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं – Top 10 Happy Independence Day in Hindi

  • “स्वतंत्रता का हर पल अमूल्य है, तिरंगे की शान में हर दिल को गर्व महसूस होता है।”
  • “आजादी की धड़कन में हर भारतीय का दिल बसता है, स्वतंत्रता दिवस पर सबको शुभकामनाएँ!”
  • “हमारा तिरंगा गर्व की ऊँचाई छू रहा है, आजादी की इस ख़ुशी को सबके साथ मनाएँ!”
  • “वीर शहीदों की कुर्बानी से मिली आज़ादी को सलाम, इस स्वतंत्रता दिवस पर सबको बधाई!”
  • “देशभक्ति की भावना से भरा हर दिल, स्वतंत्रता दिवस पर तिरंगा फहराएँ, खुशी से झूम उठें!”
  • “स्वतंत्रता का दिवस हमें सिखाता है एकता और प्रेम का महत्व, सभी को स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ!”
  • “तिरंगे की लहराती छांव में, स्वतंत्रता का जश्न मनाएँ, हमारे वीर शहीदों को याद करें!”
  • “आजादी का यह पर्व हमें याद दिलाता है, हमारे देश की एकता और अखंडता को बनाए रखें। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएँ!”
  • “देश की स्वतंत्रता पर गर्व करना हमारी जिम्मेदारी है, आइए इस दिन को एक नई ऊर्जा के साथ मनाएँ!”
  • “तिरंगे के रंगों में छुपी है हमारी एकता और संघर्ष की कहानी, स्वतंत्रता दिवस पर सबको बधाई!”
  • “आजादी की लहर में हर दिल झूम उठे, स्वतंत्रता दिवस पर सबको ढेर सारी शुभकामनाएँ!”
  • “देश की स्वतंत्रता का जश्न, हर भारतीय के दिल में बसता है, इस खास दिन को मनाएँ गर्व के साथ!”
  • “स्वतंत्रता दिवस पर अपने देश की शान और वीर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करें, सभी को बधाई!”
  • “हमारी आज़ादी की कीमत समझें और स्वतंत्रता दिवस पर देश के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाएँ!

स्वतंत्रता दिवस पर बधाई सन्देश – Independence Day Messages in Hindi

  • आज का दिन हमें याद दिलाता है कि स्वतंत्रता केवल एक दिन का उत्सव नहीं, बल्कि हर दिन की जिम्मेदारी है। स्वतंत्रता दिवस पर देश को एकजुट रखने का संकल्प लें।
  • हमारी स्वतंत्रता की यह यात्रा कितनी भी कठिन रही हो, लेकिन यह हमें एक नई शुरुआत की प्रेरणा देती है। स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं!
  • स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को सम्मान देने के लिए, इस दिन को गर्व और देशभक्ति के साथ मनाएं। जय हिंद!
  • 15 अगस्त का दिन हमें स्वतंत्रता का असली मतलब समझाता है – एक स्वतंत्र और समृद्ध समाज की दिशा में काम करना। स्वतंत्रता दिवस की बधाई! Happy Independence Day !
  • तिरंगे की रंगीन ध्वजा हमें एकता और देशभक्ति का संदेश देती है। इस स्वतंत्रता दिवस पर, हर दिल में स्वतंत्रता की भावना जिंदा रखें।
  • स्वतंत्रता दिवस पर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करें और अपने देश की आजादी की कीमत को समझें। स्वतंत्रता दिवस की ढेरों शुभकामनाएं!
  • तिरंगा ऊँचा रहे और देश की एकता और अखंडता बनी रहे, स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!”
  • “हमारे स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को सलाम, इस स्वतंत्रता दिवस पर उनकी याद में एकजुट हों!”
  • “देशभक्ति की इस अमूल्य धरोहर को संजोए रखें, स्वतंत्रता दिवस पर सभी को बधाई!”
  • “स्वतंत्रता का यह दिन हर भारतीय के दिल में ख़ुशी लाता है, सबको स्वतंत्रता दिवस की ढेर सारी शुभकामनाएँ!”
  • “आजादी की धारा में सबके दिल शामिल हों, स्वतंत्रता दिवस पर गर्व और खुशी से भरपूर दिन की शुभकामनाएँ!”
  • “तिरंगा लहराएँ, देशभक्ति का जश्न मनाएँ, और स्वतंत्रता के इस पावन अवसर पर सबको शुभकामनाएँ!”

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Essay on Independence Day In Hindi | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

Essay on Independence Day In Hindi | स्वतंत्रता दिवस पर निबंध

Table of Contents

स्वतंत्रता दिवस पर निबंध | Essay on Independence Day In Hindi

स्वतंत्रता दिवस (Essay on Independence Day In Hindi) भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दिन है। यह दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की जीत और आजादी की प्राप्ति की याद कराता है। 15 अगस्त 1947 को भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य से अपनी आजादी हासिल की थी और उस दिन को हम स्वतंत्रता दिवस (Essay on Independence Day In Hindi) के रूप में मनाते हैं। यह निबंध हमें स्वतंत्रता दिवस के महत्व, इतिहास, उसके पीछे के संघर्ष, और इसके प्रति हमारी दायित्वपूर्ण दृष्टिकोण के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान करेगा।

स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास | Independence Day History

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने अनगिनत बलिदानों और संघर्षों की दास्तानी लिखी है। ब्रिटिश शासन के खिलाफ भारतीयों की आवाज़ उनकी आत्मसमर्पण और संकल्पना के प्रतीक बन गई थी। सत्याग्रह, आंदोलन, विभाजन, और अनेक बलिदानों ने भारतीय स्वतंत्रता संग्राम को एक महान यात्रा बना दिया। महात्मा गांधी, सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, और अन्य वीर योद्धाओं ने अपने अमूल्य बलिदानों से यह संग्राम संजीवनी बनाई।

स्वतंत्रता दिवस का महत्व | Essay On Independence Day In Hindi

स्वतंत्रता दिवस का महत्व विशेष रूप से उन लोगों के लिए होता है जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अपना जीवन नियोजित किया या उसके लिए अपना संकल्प दिखाया। यह दिन हमें उनके संघर्षों, बलिदानों, और समर्पण की याद दिलाता है जिनसे हमारी आजादी की मूल नींव रखी गई। इसके साथ ही, यह दिन हमें हमारे देश की उन उच्च मूल्यों की याद दिलाता है जिन पर हमारा राष्ट्र निर्मित हुआ है – स्वतंत्रता, भागीदारी, सामर्थ्य, और समर्पण।

स्वतंत्रता संग्राम के पीछे के संघर्ष |  Essay On Independence Day In Hindi

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने विभाजनों, संकटों, और परिश्रमों से भरपूर रहा। विभाजन और एकता के बीच की लड़ाई, आर्य-डोंगी विवाद, साम्राज्यिक दबाव, और आर्थिक संकट ने संग्रामी योद्धाओं का मानसिक और शारीरिक समर्पण प्रमोट किया। सत्याग्रह और आंदोलनों के माध्यम से लोगों ने अपने अधिकारों और स्वतंत्रता के लिए लड़ा। असहमति और विचारविमर्श के बावजूद, भारतीय समाज ने संगठन, साझेदारी, और आपसी समझ के माध्यम से संघर्ष को एक साझा मिशन बनाया।

स्वतंत्रता संग्राम की शिक्षाएँ | Essay On Independence Day In Hindi

भारतीय स्वतंत्रता संग्राम ने हमें कई महत्वपूर्ण शिक्षाएँ सिखाई हैं। पहली बात तो यह कि संघर्ष में आत्मनिर्भरता और समर्पण की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। दूसरी बात, सामाजिक समानता, सामाजिक न्याय, और सभी के अधिकारों की रक्षा करने की आवश्यकता होती है। तीसरी बात, अहिंसा, सदयता, और सहिष्णुता के माध्यम से ही समस्याओं का समाधान संभव होता है। यह सिख हमें गांधीजी के सत्याग्रह आंदोलन से मिलती है।

स्वतंत्रता दिवस का उत्सव | Essay On Independence Day In Hindi

स्वतंत्रता दिवस का उत्सव पूरे देश में धूमधाम से मनाया जाता है। लाखों लोग राष्ट्रीय ध्वज फहराकर और परेड में भाग लेते हैं। स्कूलों, कॉलेजों, सरकारी दफ्तरों, और निजी संगठनों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। लोग तिरंगा झंडों को लहराते हैं और देशभक्ति भावना से ओतप्रोत होते हैं।

स्वतंत्रता दिवस पर 10 लाइन्स | Independence Day 10 Lines In Hindi

  • स्वतंत्रता दिवस हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है।
  • यह दिन भारत के स्वतंत्रता संग्राम की याद में मनाया जाता है।
  • 1947 में इस दिन भारत ने ब्रिटिश साम्राज्य से आजादी पाई थी।
  • स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाता है।
  • विभिन्न स्कूलों और संगठनों में समारोह आयोजित किए जाते हैं।
  • इस दिन लोग अपने देश के महानतम योद्धाओं को याद करते हैं।
  • स्वतंत्रता दिवस हमें एकता, स्वतंत्रता, और गरिमा की महत्वपूर्णता याद दिलाता है।
  • महात्मा गांधी, भगत सिंह, सुभाष चंद्र बोस जैसे महान वीर योद्धाओं की प्रेरणा से यह स्वतंत्रता महांगी मिली है।
  • आजादी की महानतम उपलब्धि को याद करके हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों की प्रतिबद्धता बनी रहनी चाहिए।

Also Read:- Essay on Population Growth

स्वतंत्रता दिवस (Essay on Independence Day In Hindi) हमें याद दिलाता है कि हमारी आजादी अत्यंत मूल्यवान है और हमें इसकी समर्पित रक्षा करनी चाहिए। हमें इस दिन का समान आदर देना चाहिए और यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने देश के विकास और समृद्धि में योगदान करते रहें। हमें विभाजन और असहमतियों के बावजूद एकता और सामाजिक समरसता की दिशा में काम करना चाहिए ताकि हमारे देश का विकास हमेशा तेजी से प्रगति कर सके। स्वतंत्रता दिवस के इस अवसर पर, हमें अपने महान वीर योद्धाओं को सलामी देनी चाहिए और उनकी बलिदानी दृढ़ता और समर्पण को याद करना चाहिए, ताकि हम उनकी प्रेरणा से अपने जीवन को और भी महत्वपूर्ण बना सकें।

इस प्रकार, स्वतंत्रता दिवस हमें हमारे देश के महानतम संघर्षों, बलिदानों, और संघर्ष भरे इतिहास की याद दिलाता है और हमें एक सशक्त, स्वतंत्र और समृद्ध भारत की दिशा में समर्पित रहने की प्रेरणा प्रदान करता है।

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