नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Essay on Nasha Mukti in Hindi

आज नशा हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बहुत तेजी के साथ फैल रहा है। इसके प्रभाव में सबसे ज्यादा छोटी उम्र के लोग आ रहे हैं। ऐसे में सरकार अपनी तरफ से काफी कोशिश कर रही है जिससे कि लोगों को नशे से छुटकारा दिलवाया जा सके। इसी वजह से स्कूलों में बच्चों को खासतौर पर नशे की बुराइयों के बारे में समझाया जाता है जिससे कि वो नशे से बचे रहें। कई बार परीक्षा में और किसी कंपटीशन में नशा मुक्ति पर निबंध या नशे से होने वाले नुकसान पर निबंध लिखवाए जाते हैं। अगर आप भी नशा मुक्ति निबंध के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं तो हमारे आज के इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और जानें की नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में कैसे लिखें। 

नशा मुक्ति पर निबंध 100 शब्दों में

नशा आज हमारे समाज के लिए एक बहुत ही गंभीर समस्या बन चुका है। इसके कारण बहुत से युवाओं का जीवन बर्बाद हो रहा है। एक बार नशे की लत अगर किसी व्यक्ति को लग जाती है तो तब वह चाहते हुए भी इसे छोड़ नहीं पाता। ऐसे में व्यक्ति के सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन को नशे से बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है। नशा एक तरह का नहीं होता बल्कि कई तरह का होता है जैसे कि शराब, भांग, अफीम, बीयर, बीड़ी, सिगरेट, ड्रग्स इत्यादि। ‌

पर सवाल यह है कि आखिर लोग नशा क्यों करते हैं? हर इंसान के नशा करने के पीछे अलग-अलग कारण होते हैं। कोई व्यक्ति शौकिया तौर पर नशा करता है तो कोई किसी दुख को भुलाने के लिए। लेकिन अगर नशीले पदार्थों की बिक्री पर अगर सरकार रोक लगा दे तो काफी हद तक इससे छुटकारा पाया जा सकता है। सरकार के साथ-साथ पूरे देश की जनता को भी इसमें सहयोग करना चाहिए। 

नशा मुक्ति पर निबंध 150 शब्दों में

हर देश की तरक्की और उसका भविष्य उस देश के युवाओं के ऊपर निर्भर होता है। लेकिन यदि देश की युवा पीढ़ी नशा करने लगे तो ऐसे में उस देश को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता। परंतु कुछ युवाओं को यह बात समझ में नहीं आती और वे नशे करने को बहुत अच्छा समझते हैं।  यही वजह है कि आज ज्यादातर युवा गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू और शराब जैसे मादक पदार्थों से नशा करते हैं। 

हालांकि हमारे देश की सरकार भी बहुत सारे नशा मुक्ति अभियान चला रही है पर फिर भी नशा करना बढ़ता ही जा रहा है। यही कारण है कि आज लोगों में कई प्रकार की भयानक बीमारियां जैसे कि मुंह का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर इत्यादि देखीं जा रहीं हैं। ऐसे में देश के लोगों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए सभी लोगों को प्रयास करने चाहिए। लोगों को नशे से होने वाले नुकसानों के बारे में जानकारी देकर उनमें जागरूकता लानी होगी। 

नशा मुक्ति पर निबंध 250 शब्दों में

किसी भी देश के लिए वहां के लोग यानी कि जनता बहुत महत्वपूर्ण होती है। पर अगर जनता गलत रास्ते पर चलने लगे तो ऐसे में वो देश फिर कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता। आज जिस तरह से हमारे देश भारत के कई युवा लोग नशे के आदी बन चुके हैं इससे उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है। शराब, सिगरेट, बीड़ी, अफीम, हीरोइन जैसे नशीले पदार्थ व्यक्ति को अंदर से खोखला कर देते हैं। नशीले पदार्थों का सेवन करने का मतलब है मौत को न्यौता देना। ‌

नशे से होने वाले नुकसान

जो व्यक्ति नशा करता है समाज में कोई भी उसका सम्मान नहीं करता। नशे करने वाला इंसान नशा करने के बाद अपने परिवार के लोगों से लड़ाई झगड़ा करता है जिसकी वजह से घर का माहौल खराब होता है। इसके अलावा जो लोग नशा करते हैं उनकी जिंदगी में कभी भी खुशियां नहीं आ सकतीं और ना ही उनके पास पैसा रहता है। जब कोई इंसान नशे का आदी हो जाता है तो तब वह चोरी और दूसरे अवैध काम भी करने लगता है। 

नशा मुक्ति के कुछ उपाय 

नशे जैसी खतरनाक आदत को छुड़ाने के लिए एक नहीं अनेकों प्रयास करने होंगे जैसे कि –

  • लोगों को नशे के नुकसान बताने चाहिएं और उनमें जागरूकता लानी चाहिए।
  • सरकार द्वारा नशे के ऊपर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देना चाहिए और अगर कभी कोई व्यक्ति नशा करता हुआ पकड़ा जाए या फिर नशीले पदार्थों को बेचते हुए पकड़ा जाए तो तब उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए। 
  • लोगों को नशे की लत छुड़वाने के लिए सरकार ने बहुत सारे नशा मुक्ति केंद्र खोले हैं। इसलिए हम सब की यह जिम्मेदारी है कि अगर हमारे घर के आस-पास कोई व्यक्ति नशा करता है तो उसे नशा छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उसे नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के लिए भेजना चाहिए। 

नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में

आज हमारे देश में अधिकतर लोगों में नशे की आदत बढ़ती जा रही है। चिंता की बात यह है कि युवा वर्ग खासतौर से नशे की चपेट में आ रहा है। युवा लोगों को नशे की आदत इतनी ज्यादा लग गई है कि उन्हें नशे के अलावा कोई दूसरा काम सुझाई नहीं देता। यही वजह है कि भारत सरकान ने देश के नौजवानों को और व्यस्को को नशे से बचाने के लिए बहुत सारे प्रयास किए हैं। लेकिन सरकार अपने प्रयासों में तभी सफल होगी जब लोग भी इसमें अपना सहयोग देंगें।‌

नशा करने से होने वाले नुकसान

नशा करने के नुकसान एक नहीं बहुत सारे हैं जिनके बारे में जानकारी निम्नलिखित है – 

  • नशा व्यक्ति के बाहरी और आंतरिक शरीर को नुकसान पहुंचाता है। 
  • नशा करने के बाद व्यक्ति सही गलत में फर्क नहीं कर पाता जिसकी वजह से वह कई बार अपने साथ-साथ दूसरे लोगों को भी नुकसान पहुंचा देता है।
  • जो लोग नशा करते हैं वो हमेशा अपने घर में झगड़े करते हैं। ऐसे में आपसी मनमुटाव और झगड़ों की वजह से कई बार लोगों का पारिवारिक जीवन नर्क बन जाता है।
  • नशे की वजह से व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियां लग जाती है और कई बार तो उसे अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है। 
  • जो लोग नशा करते हैं उनकी समाज में कोई भी इज्जत नहीं करता और ऐसे लोगों को कहीं पर भी काम नहीं मिलता। 

लोग नशा क्यों करते हैं 

आजकल नशा एक फैशन की तरह बन गया है जिसे युवा पीढ़ी और व्यस्क लोग खुलेआम करते हैं। कई बार लोग नशा सिर्फ इसलिए करते हैं कि वो अपने मन को दुखों से छुटकारा दिलाना चाहते हैं। परंतु उन्हें नहीं पता कि अगर नशे में इतनी ताकत होती कि वह किसी व्यक्ति के दुखों को खत्म कर दे तो फिर दुनिया भर में कोई भी दुखी इंसान नहीं होता। कई बार लोग अपने दोस्तों के कहने पर शराब या अफीम का सेवन करते हैं और धीरे-धीरे वो फिर उसके आदी बन जाते हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता कि नशा अनेकों बुराइयों को जन्म देता है और व्यक्ति के जीवन को असंतुलित बना देता है। 

नशा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास 

नशा मुक्ति के लिए वैसे तो हमारी सरकार द्वारा बहुत सारे प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन वो प्रयास तभी सफल होंगे जब जनता भी अपना भरपूर योगदान देगी। सरकार को चाहिए कि वह देश को नशा मुक्त करने के लिए कठोर कानून बनाए और उनका फिर कठोरता के साथ पालन किया जाए। कानून को ऐसे लोगों को माफ नहीं करना चाहिए जो नशा करते पकड़े जाएं या फिर जो लोग नशे का कारोबार करते हैं। इसके लिए हमारे देश में बहुत सारी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं भी हैं जो नशा मुक्ति अभियान चलाकर लोगों को जागरुक कर सकती हैं। 

इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जो लोग नशा करते हैं वे एकदम से नशे से मुक्त नहीं हो सकते बल्कि ऐसे लोगों को समझा-बुझाकर और प्यार के माध्यम से ही सही रास्ते पर धीरे-धीरे लाया जा सकता है। नशा करने वाले लोगों की मन की स्थिति को बदलने में टाइम लगता है और इसके लिए नशा मुक्ति केंद्रों से उनका उपचार करवाना चाहिए। ‌

  • आदर्श विद्यार्थी पर निबंध
  • बेरोजगारी पर निबंध
  • समय का महत्व पर निबंध
  • जनसंख्या वृद्धि पर निबंध

दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि आप किस प्रकार से नशा मुक्ति पर निबंध अलग-अलग शब्दों में लिख सकते हैं। ‌ हमें पूरी आशा है कि हमारा यह लेख आपके लिए काफी लाभदायक रहा होगा। इसलिए हमारी आप से रिक्वेस्ट है कि हमारे इस आर्टिकल को ऐसे लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें जो नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में ढूंढ रहें हैं। 

Related Posts

10 Lines About Mahatma Gandhi in Hindi

महात्मा गांधी निबंध 10 लाइन [वाक्य] – 10 Lines About Mahatma Gandhi in Hindi

bhagat singh ke bare me 10 line

भगत सिंह के बारे में 10 लाइन वाक्य और निबंध

सड़क सुरक्षा पर निबंध

सड़क सुरक्षा पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Road Safety Essay in Hindi

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

नशा मुक्ति पर निबंध – Essay on Nasha mukti in Hindi

नशा मुक्ति पर निबंध (Essay on Nasha mukti In Hindi): भोजन, वस्त्र और आश्रय मनुष्य के लिए आवश्यक है. इसके अलावा, अपने ज्ञान और बुद्धि के विकास के लिए और आरामदायक जीवन जीने के लिए और कुछ द्रव्यों का आवश्यकताएं अपने लिए प्रदान करता है. लेकिन कुछ लोग अस्थायी खुशी के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के नशीले द्रव्यों का सेवन करते हैं. यह नशा की लत के आदी होने के बाद वे इसे छोड़ नहीं सकते है. समय के साथ यह उनकी आदतों की जरूरतों का रूप ले लेता है और उनके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को बहुत नुकसान पहुंचाता है.

अगर आप student है तो ये लेख आपके लिए है. तो चलिए हमारे मुख्य लेख की ओर बढ़ते है जो है नशा मुक्ति पर निबंध .

प्रस्तावना – नशा सेवन के कारण – नशीली द्रव्यों का उपयोग और नुकसान – नशा मुक्ति के लिए प्रयास – उपसंहार

आधुनिक समाज में आपदाओं का सामना करने के कई कारण हैं. उनमें से, नशा सेवन एक प्रमुख कारण है. कुछ साधारण लोग देसी शराब पीते हैं, जबकि कुछ अमीर लोग विदेशी शराब पीते हैं. हांडिया , महुली, ताड़ के पानी आदि का उपयोग कुछ लोग करते हैं, जबकि बीयर, रम, ब्रांडी, और व्हिस्की कुछ लोगों की पसंदीदा पेय हैं. कुछ लोग भांग और अफीम के दीवाने हैं, जबकि कुछ ब्राउन शुगर के दीवाने हैं. किस किस को शराब, बीड़ी, सिगरेट चाहिए तो और कुछ लोग ड्रग्स, हेरोइन की तलाश में है. बड़े और छोटे, विभिन्न प्रकार के नशा, आज के सामाजिक जीवन को बरबाद करने में व्यस्त हैं. इसलिए नशा मुक्ति के लिए आंतरिक प्रयास जरूरी हैं.

नशा सेवन के कारण

कुछ अमीर लोग विलासिता में समय व्यतीत करते हुए शराब की शरण लेते हैं. विदेशी शराब उन्हें खुश करती है. कुछ लोगों का कहना है कि शराब पीने से दुख और अवसाद से राहत मिलता है. पश्चिमी सभ्यता के दुष्प्रभाव हमें कुछ तरीकों से भ्रमित कर रहे हैं. सिर्फ नशा के वजह से आज का समाज  शिक्षा के बजाय अशिक्षा के अधीन होते जा रहा है. परिवार के मुख्य और अन्य वयस्कों व्यक्ति नशा सेवन करने से इसका प्रभाव परिवार के छोटे बच्चों के ऊपर पड़ता है. बुरी संगत में पड़ कर कुछ लोगों को दारू की लत लग जाती है. कभी-कभी बस, ट्रक आदि चलाने वाले ड्राइवर शराब पीते हैं. बहुत शारीरिक परिश्रम के बाद कुछ लोग दर्द से राहत पाने के लिए नशा सेवन करते है.

nasha mukti par nibandh

नशीली द्रव्यों का उपयोग और नुकसान

नशा सेवन से पारिवारिक अशांति होती है. कई मामलों में देखा गया है, पुरुष पीने के बाद रात में देर से घर लौटते हैं. वे अपनी पत्नियों पर अत्याचार करते हैं. कुछ महिलाओं को उनके शराबी पति हत्या भी कर देते है. जहरीले शराब की वजह  से अभी भी मौतें हो रही हैं.

नशीली द्रव्यों के उपयोग से कई बीमारियां होती हैं. शराब, अत्यधिक धूम्रपान और अन्य नशीली द्रव्यों के उपयोग से क्षय और कैंसर जैसी घातक बीमारियां होती है. इससे समय से पहले बुढ़ापा और मृत्यु हो सकती है.

नशीली द्रव्यों के उपयोग का बच्चों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, उनके विकास और चरित्र को बाधित करता है. कुछ प्रभावशाली लोग नशीली द्रव्यों के उपयोग के कारण अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा खो देते हैं. जब किसी व्यक्ति की सामाजिक गरिमा और प्रभाव कम हो जाता है, तो बहुत लोग उसे नफरत करते हैं. नशा सामाजिक अपराध को बढ़ाता है. अत्यधिक सामाजिक अशांति सामाजिक पतन का एक प्रमुख कारण है.

न केवल शहर के लोग नशे के आदी हैं, बल्कि ग्रामीण भी नशे के आदी हैं. देशी शराब के उपयोग के साथ पान बीड़ी आदि का मांग बढ़ रही है.

नशा मुक्ति के लिए प्रयास

भारत को स्वतंत्रता मिलने से पहले ही नशा मुक्ति के प्रयास चल रहे थे. इसमें गांधीजी का भूमिका  बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण था. स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नशा मुक्ति के लिए कदम उठाए थे. सरकारी उपाय के रूप में इसके लिए आवश्यक कानून बनाया जा रहा है.

सरकार नशीले पदार्थों की बिक्री से बहुत अधिक राजस्व एकत्र कर रही है. अगर इसकी बिक्री घटती है, तो यह राजस्व पर दबाव डालेगा. इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की आवश्यकता है. अधिक कर प्राप्त करने की आशा में सामाजिक जीवन का त्याग नहीं किया जा सकता है. नशीली दवाओं के उपयोग को बढ़ाने और अवैध व्यापार को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. हमारा काम स्वस्थ समाज का निर्माण करना है.

लोक सेवकों की प्रतिबद्धता और जन समर्थन से नशा मुक्ति कार्यक्रमों को तेज किया जा सकता है. सबको कानून के भरोसे नहीं रहना चाहिए. इसके लिए हृदय परिवर्तन की आवश्यकता होती है. अब यह देखने को मिल रहा है कि अधिक से अधिक शराब स्टोर खुल रहे हैं, विशेष रूप से विदेशी शराब स्टोर. समाज को नरक में धकेल कर राष्ट्रीय आय में वृद्धि करना लोकतांत्रिक सरकार का लक्ष्य नहीं होना चाहिए. नशा मुक्ति के लिए सरकारी प्रयास और जनता का सहयोग आवश्यक है.     

  • Corruption essay in Hindi
  • Diwali essay in Hindi
  • Essay on dussehra in Hindi
  • Raksha Bandhan Essay in Hindi
  • Nasha mukti speech in Hindi

ये था हमारा लेख नशा मुक्ति पर निबंध . उम्मीद है की आपको ये लेख पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है तो अपने classmate के साथ share करना न भूलें. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद. 

Leave a Comment Cancel reply

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

  • Hindi English Names
  • Hindi Me Shabd
  • interesting Facts
  • Hindi Read Duniya – Dictionary

नशा मुक्ति पर निबंध 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में | Nasha Mukti par Nibandh

  • by Rohit Soni
  • Essay , Education
  • 12 min read

यहाँ पढ़ें Nasha Mukti par Nibandh 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में | नशा मुक्ति पर निबंध – संपूर्ण जानकारी और उपाय | जानिए नशे से कैसे मुक्त हों।

इस लेख में छोटे बड़े नशा मुक्ति पर 5 निबंध (Nasha Mukti par Nibandh in Hindi) में शेयर किए गए हैं जो आपके परीक्षाओं के लिए बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण टॉपिक है।

नशा मुक्ति पर निबंध 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में | Nasha Mukti par Nibandh

Table of Contents

निबंध 1: नशा मुक्ति पर निबंध 100 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 10 line)

  • नशा मुक्ति समस्या का एक महत्वपूर्ण विषय है।
  • नशा व्यक्ति की सेहत और परिवार पर बुरा प्रभाव डालता है।
  • नशा मुक्ति के लिए संघर्ष करना आवश्यक है।
  • सही संगठन और समुदाय की सहायता नशा मुक्ति में मददगार साबित होती है।
  • नशा मुक्त समाज स्वस्थ और सकारात्मक होता है।
  • नशा से जूझने वाले व्यक्ति को समर्थन और प्रेरणा की जरूरत होती है।
  • नशा मुक्ति के लिए शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
  • समाज में नशा मुक्ति के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए।
  • नशा मुक्ति की ओर प्रगति के लिए नशेबाजी के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
  • नशा मुक्ति एक अभियान है जो एक स्वस्थ और नशा मुक्त समाज का निर्माण करने की दिशा में प्रयास कर रहा है।

नशा मुक्ति पर निबंध 100 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 10 line)

महत्वपूर्ण निबंध पढ़े:

  • Essay on Women Empowerment in Hindi
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर हिंदी निबंध 500+ शब्द
  • Samay ka Mahatva essay in Hindi

निबंध 2: नशा मुक्ति पर निबंध 200 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 200 Shabdo mein)

नशा मुक्ति: नए जीवन की ओर

नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो हमारे समाज के लिए अवरोध है। यह एक समस्या है जो युवा और वयस्क दोनों को प्रभावित करती है। नशा मुक्ति अपने आप में एक संघर्ष पूर्ण यात्रा है, लेकिन यह आवश्यक है ताकि हम सभी इसमें शामिल हों और इसमें सक्षमता और समर्थन प्रदान करें।

नशा मुक्ति क्या है?

नशा मुक्ति वास्तविकता में एक गर्वनक योजना है जो लोगों को मद्यपान, धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों के उपयोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखती है। इसका उद्देश्य नशीले पदार्थों के प्रभावों को दरकिनार करना, स्वस्थ और सकारात्मक जीवनशैली को प्रमोट करना और समाज में नशे की समस्या को कम करना है।

नशा मुक्ति के महत्वपूर्ण पहलुओं की चर्चा

नशा मुक्ति के लिए अनेक पहलू हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:

  • जागरूकता और शिक्षा: सबसे पहले, हमें नशे के प्रकारों, इसके प्रभावों और नशा मुक्ति के लिए समर्थन के संसाधनों के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। शिक्षा के माध्यम से हम लोगों को बदलाव के लिए प्रेरित कर सकते हैं और उन्हें सही गाइडेंस और सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
  • संगठन और समुदाय सहयोग: नशा मुक्ति के लिए संगठित समुदाय का अधिकतम समर्थन आवश्यक है। नशा मुक्ति संगठनों और स्थानीय समुदायों को एकजुट होने का मौका देती है जिससे वे संगठित ढंग से युवाओं को नशे से दूर रखने और सकारात्मक जीवनशैली को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकते हैं।
  • नशा मुक्ति उपचार सुविधाएँ: व्यक्ति को नशे से मुक्त होने के लिए उपचार की सुविधाएँ उपलब्ध कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज को नशा मुक्त रखने के लिए सरकार को औचित्य और प्रभावी नशा मुक्ति उपचार केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए।

निबंध 3: नशा मुक्ति पर निबंध 300 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 300 Shabdo mein)

नशा क्या है.

नशा एक ऐसी स्थिति है जहां एक व्यक्ति अत्यधिक मात्रा में नशीली दवाओं के सेवन के कारण मानसिक या शारीरिक रूप में एक अनियंत्रित आवेश में चला जाता है। और व्यक्ति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। शराब, तंबाकू, मादक दवाएं, गोली, अफीम, बीड़ी आदि नशाजनक पदार्थ नशे की आदत के उदाहरण हैं।

नशा मुक्ति के लिए उपाय

नशा मुक्ति के लिए हमें कुछ उपाय अपनाने चाहिए। सबसे पहले, हमें संगठन का सहयोग लेना चाहिए। संगठन से विशेषज्ञ सलाह और सहायता प्राप्त करने से हमें नशा मुक्ति की प्रक्रिया में मदद मिल सकती है। दूसरे, चिकित्सा और प्रारंभिक रुप से वापसी हमें बचाने में मदद कर सकती हैं। इसके साथ ही, हमें परिवार और साथीदारों का समर्थन प्राप्त करना चाहिए जो हमें प्रेरित कर सकते हैं और हमारे साथ नशा मुक्त जीवन की यात्रा में सहायता कर सकते हैं।

नशा मुक्ति का महत्व

नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण विषय है जो हमारे समाज के लिए गंभीर मुद्दा है। नशा मुक्ति अर्थात् अपने आप को नशे से मुक्त करने की प्रक्रिया है। यह एक सामाजिक, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का मामला है और हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए। नशा मुक्ति के माध्यम से हम एक स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।

नशा मुक्ति के लिए समुदाय के सहयोग

नशा मुक्ति के लिए समुदाय का सहयोग भी महत्वपूर्ण है। समुदाय के अंगभूत प्रोग्रामों, सेमिनारों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से जनता को नशा मुक्ति के बारे में जागरूक करना चाहिए। समुदाय के द्वारा नशा मुक्ति संगठनों का समर्थन करना चाहिए जो संघर्ष करते हैं और नशे से पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करते हैं।

नशा मुक्ति अपार समर्थन, संघर्ष और संघटित प्रयास की आवश्यकता है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है जो हमें समाज के लिए गंभीर रूप से लेना चाहिए। नशा मुक्ति हमारे स्वास्थ्य, परिवार , समाज और देश के लिए महत्वपूर्ण है। हम सबको मिलकर मिलवाना चाहिए और एक समर्थ, नशा मुक्त समाज का निर्माण करना चाहिए।

  • यह भी पढ़े: Mahatma Gandhi Essay in Hindi

निबंध 4: नशा मुक्ति पर निबंध 400 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 400 Shabdo mein)

नशा मुक्ति: नए जीवन की शुरुआत

नशे के प्रकार

नशा अलग-अलग प्रकारों में पाया जाता है और इसका प्रभाव भी अलग-अलग होता है। कुछ प्रमुख नशे के प्रकार निम्नलिखित हैं:

  • मद्यपान: शराब या अन्य नशीली द्रव्यों का सेवन मद्यपान कहलाता है। यह एक गंभीर समस्या है जो स्वास्थ्य और परिवारी जीवन को प्रभावित कर सकती है।
  • धूम्रपान: तंबाकू उत्पादों की सेवा धूम्रपान कहलाती है। यह अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे कि कैंसर, दिल के रोग और श्वसन संबंधी समस्याएं।
  • मादक दवाएं: नशीली दवाओं का अधिक सेवन भी नशा के रूप में माना जाता है। यह आमतौर पर मानसिक और शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है।

नशे के प्रभाव और समस्याएं

नशा मुक्ति की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि नशा मनुष्य के शारीर और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। कुछ मुख्य समस्याएं निम्नलिखित हैं:

  • स्वास्थ्य समस्याएं: नशापन से व्यक्ति को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, मस्तिष्क की समस्याएं, श्वसन संबंधी रोग और कैंसर।
  • पारिवारिक संबंधों की समस्याएं: नशा एक परिवार को भी प्रभावित कर सकता है। यह पारिवारिक वातावरण में विवाद, विश्राम, विश्वासघात और विचारों के परिवर्तन का कारण बन सकता है।
  • व्यक्तिगत विकास: नशापन मनोवैज्ञानिक, व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को भी प्रभावित कर सकता है। यह आत्मविश्वास, अध्ययन, करियर और संबंधों में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।

नशा मुक्ति के लिए कदम

नशा मुक्ति की ओर अग्रसर होने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:

  • जागरूकता कार्यक्रम: नशे के बारे में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें जो लोगों को नशे के प्रभावों के बारे में जागरूक करेगा और नशा मुक्ति के लिए संसाधनों की जानकारी प्रदान करेगा।
  • शिक्षा और प्रशिक्षण: युवा और उनके माता-पिता को नशा मुक्ति के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करें। यह सक्रियताओं, कौशलों, और सहयोग संसाधनों को प्रभावी ढंग से प्रदान कर सकता है।
  • समुदाय की सहायता: स्थानीय समुदाय और संगठनों को नशा मुक्ति कार्यक्रमों में सहयोग करना चाहिए। इससे लोगों को सामरिकता की भावना मिलेगी और वे नशे से दूर रहने और सकारात्मक जीवनशैली की ओर अग्रसर होंगे।
  • उपचार केंद्रों की सुविधाएं: सरकार को नशा मुक्ति के लिए उचित उपचार केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए। ये केंद्र नशापन से पीड़ित व्यक्तियों को मदद करेंगे और उन्हें सही दिशा में ले जाने में सहायता करेंगे।

नशा मुक्ति: एक जीवनशैली की ओर प्रगति

नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण और आवश्यक पहल है जो हमारी समाजिक और आर्थिक प्रगति को प्रमोट करने के लिए आवश्यक है। इसके लिए हमें जागरूकता, शिक्षा, संघटना और सरकारी सहायता की आवश्यकता है। एक स्वस्थ और नशा मुक्त समाज हमारे सभी लोगों के लिए शुभ होता है, जो सकारात्मक रूप से जीने का आनंद लेना चाहते हैं।

निबंध 5: नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 500 Shabdo mein)

हमारे समाज में नशा एक गंभीर समस्या है जो व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। नशा मुक्ति विषय पर एक निबंध लिखने का उद्देश्य है लोगों को नशे के बुरे प्रभावों से अवगत कराना और उन्हें नशा की लत को छुड़ाने में मदद करना है।

नशे का प्रभाव आमतौर पर व्यक्ति के स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर होता है। इसलिए, नशा मुक्ति अभियान एक अहम विषय बन गया है जिस पर ज्यादातर लोग चर्चा करते हैं।

नशा विभिन्न प्रकार का हो सकता है। यहां कुछ प्रमुख नशे के प्रकार हैं:

शराब का नशा

शराब का सेवन एक सामान्यतः एक सांस्कृतिक और सामाजिक समागमों में देखा जाता है। शराब का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि लिवर रोग, मस्तिष्क की क्षति, और मानसिक समस्याओं का कारण बनता है।

धूम्रपान का नशा

तंबाकू का सेवन धूम्रपान के रूप में ज्यादातर देखा जाता है। यह सेहत के लिए खतरनाक है और कई गंभीर रोगों का कारण बनता है, जैसे कि मुंह के कैंसर, फेफड़े के रोग, और हृदय संबंधी समस्याएं।

मादक पदार्थों का नशा

मादक पदार्थों जैसे कि गांजा, चरस, बीड़ी, और अन्य विधिवत ड्रग्स का सेवन भी नशे का कारण बनता है। ये पदार्थ व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बहुत बुरे प्रभावित करते हैं।

नशा के प्रभाव

नशा व्यक्ति के स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण प्रभाव हैं:

स्वास्थ्य पर प्रभाव

नशे के प्रभाव स्वास्थ्य पर काफी हानिकारक हो सकते हैं। यह स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि लिवर समस्याएं, कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज़, और नर्वस सिस्टम के विकार का कारण बनता है।

परिवार और समाज पर प्रभाव

नशा परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। नशे के बाद व्यक्ति का व्यवहार परिवार के सदस्यों को बहुत परेशान करता है और घरेलू माहौल को दूषित करता है। समाज में भी नशेबाजी के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं जैसे कि अपराध, दुर्घटनाएं, और सामाजिक विघ्नों की वजह से सफलता के मार्ग पर अड़चनें।

नशा मुक्ति के उपाय

नशा मुक्ति के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:

जागरूकता कार्यक्रम

नशे के खतरों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए। इसके माध्यम से लोगों को नशे के बारे में जागरूक बनाया जा सकता है और उन्हें नशे से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी मिल सकती है।

संगठन की समर्थन

संगठनों को नशा मुक्ति अभियान का समर्थन करना चाहिए। उन्हें नशेबाजी के विरुद्ध आंदोलन को बढ़ावा देना चाहिए और नशामुक्त समाज के लिए संघर्ष करना चाहिए।

रोजगार के अवसर

युवाओं को सामरिक, शैक्षिक, और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिए। अधिक संगठनित और सक्रियतापूर्ण मार्गदर्शन सहित मज़बूत रोजगार के अवसर नशामुक्ति में मदद कर सकते हैं।

नशा मुक्ति मानव समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह समाज को स्वस्थ, सकारात्मक और उन्नत बनाने में मदद करता है। नशामुक्त समाज एक नया समृद्ध और समृद्धिमय भविष्य निर्माण कर सकता है।

नशा मुक्ति एक अहम मुद्दा है जिस पर हमें विचार करना चाहिए। नशा व्यक्ति के स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालता है। हमें संगठन, जागरूकता कार्यक्रम और रोजगार के अवसर के माध्यम से नशा मुक्ति के लिए संघर्ष करना चाहिए। नशा मुक्ति न केवल व्यक्ति के लिए बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि हम समाज को नशामुक्त बना सकें, तो हम एक सकारात्मक और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।

  • यह भी – जल संरक्षण पर निबंध 500 शब्दों में

FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):

नशा मुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है.

नशा मुक्ति महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालता है। यदि हम समाज को नशामुक्त बना सकें, तो हम एक सकारात्मक और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।

नशा मुक्ति के लिए कौन-कौन से उपाय हैं?

नशा मुक्ति के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं: जागरूकता कार्यक्रम, संगठन की समर्थन, रोजगार के अवसर।

नशा के प्रभाव स्वास्थ्य पर क्या होते हैं?

नशा स्वास्थ्य पर काफी हानिकारक प्रभाव डालता है, जैसे कि लिवर समस्याएं, कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज़, और नर्वस सिस्टम के विकार।

नशा मुक्ति का सामाजिक महत्व क्या है?

नशा परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। नशेबाजी के कारण परिवार के सदस्यों को परेशानी होती है और घरेलू माहौल को दूषित करता है। समाज में भी नशेबाजी के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं।

नशा मुक्ति का सामाजिक प्रभाव क्या होता है?

नशेबाजी से समाज में अपराध, दुर्घटनाएं, और सामाजिक विघ्न बढ़ जाते हैं। इसके कारण समाज की प्रगति और विकास पर असर पड़ता है।

अगर आप नशामुक्ति के बारे में और जानना चाहते हैं या किसी नशेबाजी से जुड़े समस्या से जूझ रहे हैं, तो अभी नशामुक्ति पर जानकारी और सहायता प्राप्त करें ।

यह लेख आपको नशामुक्ति पर जागरूकता प्रदान करने का उद्देश्य रखता है और आपको उपयोगी जानकारी देने का प्रयास करता है। नशामुक्ति समाज के लिए आवश्यक है और हमें संगठन, जागरूकता, और सही उपायों का समर्थन करना चाहिए ताकि हम सकारात्मक और नशामुक्त समाज का निर्माण कर सकें।

यह निबंध भी पढ़ें

Deepawali par Nibandh in Hindi | दीपावली क्यों मनाई जाती है निबंध हिंदी में

Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya   पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में  शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी  मिल सके। View Author posts

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

  • UK & Europe
  • United States
  • Meet Sadhguru
  • Sadhguru Radio
  • Sadhguru Quotes
  • Youth N Truth
  • Beginner's Programs
  • Free Yoga & Guided meditation
  • Inner Engineering
  • Isha Health Solutions
  • See all beginner programs
  • Advanced Programs
  • Bhava Spandana
  • Shoonya Meditation
  • Additional Programs
  • Sadhanapada
  • Sacred Walks
  • See all additional programs
  • Children's Programs
  • Become a Teacher
  • Monthly Events
  • Free Yoga Day
  • Pancha Bhuta Kriya
  • Online Satsang
  • Annual Events
  • Lunar/Hindu New Year
  • Guru Purnima
  • Mahashivratri
  • International Yoga Day
  • Mahalaya Amavasya
  • Special Events
  • Ishanga 7% - Partnership with Sadhguru
  • Yantra Ceremony With Sadhguru
  • Sadhguru Sannidhi Sangha
  • Pancha Bhuta Kriya Online With Sadhguru on Mahashivratri
  • Ecstasy of Enlightenment with Sadhguru
  • Sadhguru in Chennai

Main Centers

  • Isha Yoga Center
  • Sadhguru Sannidhi Bengaluru
  • Sadhguru Sannidhi, Chattarpur
  • Isha Institute of Inner-sciences
  • Isha Yoga Center LA, California, USA
  • Local Centers

International Centers

  • Consecrated Spaces
  • Adiyogi - The Source of Yoga
  • Adiyogi Alayam
  • Dhyanalinga
  • Linga Bhairavi
  • Spanda Hall
  • Theerthakunds
  • Adiyogi - The Abode of Yoga
  • Mahima Hall
  • Online Medical Consultation
  • In-Person Medical Consultation
  • Ayurvedic Therapies
  • Other Therapies
  • Residential Programs
  • Diabetes Management Program
  • Joint and Musculoskeletal Disorders Program
  • Sunetra Eye Care
  • Ayur Sampoorna
  • Ayur Rasayana Intensive
  • Ayur Rasayana
  • Pancha Karma
  • Yoga Chikitsa
  • Ayur Sanjeevini
  • Non-Residential Programs
  • Obesity Treatment Program
  • ADHD/Autism Clinic
  • Cancer Clinic
  • Conscious Planet

logo

नशा मुक्ति - क्या करें जब कोई अपना फंस जाए नशे की गिरफ्त में?

अगर नशा मुक्ति की ज़रूरत हो, तो हमें कौन सा रास्ता चुनना चाहिए ? सद्‌गुरु बता रहे हैं कि अगर किसी नज़दीकी व्यक्ति को नशे से मुक्त करना हो तो हमें क्या करना चाहिए। क्या योग अभ्यास इसमें मदद कर सकते हैं ? जानते हैं सद्गुरु से।

baby girl's drawing showing mommy and daddy doing intoxication

प्रश्न : सद्‌गुरु, अगर परिवार का कोई सदस्य या नजदीकी व्यक्ति नशे की गिरफ्त में आ जाए तो क्या करना चाहिए?

बड़े शहरों में तेज़ी से बढ़ रहा है चलन

सद्‌गुरु : बहुत मुश्किल है। यह निर्भर करता है कि वह नशा किस तरह का है। अगर कोई केमिकल नशे के चंगुल में फंस गया है तो उससे उबरना आसान नहीं है। मैंने कई परिवारों को बहुत ही दुखद स्थितियों में देखा है। कई बार इंसान के अंदर इन चीजों से बाहर आने की इच्छा भी होती है, पर वह आ नहीं पाता। कई बार उसके भीतर इच्छा ही नहीं होती। उसे लगता है कि वह कुछ भी गलत नहीं कर रहा है। ऐसे में कोई रास्ता नहीं है। पश्चिमी देशों में तो यह सब इतना ज्यादा है कि वहां की संस्कृति में रच-बस गया है। ऐसा कोई नहीं है, जो यह कह सके कि उसने कभी इन पदार्थों का सेवन नहीं किया। सौ फीसदी न सही, लेकिन अस्सी से पच्चासी फीसदी लोगों ने तो कभी-न-कभी इसका स्वाद लिया ही है। भारतीय संस्कृति में अभी हाल उतना बुरा नहीं है, लेकिन बड़े शहरों में यह तेजी से बढ़ रहा है। कुछ हिस्सों में तो इसका चलन बहुत ज्यादा है।

तार्किक बुद्धि के बढ़ने का परिणाम है ये

जैसे-जैसे धरती पर तार्किक ज्ञान बढ़ता है, यही स्वाभाविक परिणाम होता है, क्योंकि कुछ और है ही नहीं, जिसकी खातिर जिया जाए।

नशा मुक्ति का इरादा होना चाहिए

लोग सुधार की बात करते हैं। कुछ समय के लिए वे अपने में सुधार ले आते हैं, लेकिन फिर थोड़े समय बाद वे फिर उसी चंगुल में फंस जाते हैं। फिर यह सब अंतहीन तरीके से चलता रहता है।

कुछ लोग इनर इंजीनियरिंग करके इससे मुक्त हुए हैं

प्रश्न : ऐसे लोगों को सुधार केंद्र पर ले जाने की स्थिति आने से पहले क्या कुछ ऐसे काम हैं, जो परिवार के लोग कर सकते हैं?

सद्‌गुरु : शारीरिक गतिविधियां और खेल। यह बहुत महत्वपूर्ण है। कई बार माता-पिता इस बात को लेकर पागल हो जाते हैं कि उनके बच्चे के नंबर पड़ोसी के बच्चे से ज्यादा आएं।

नशे से बचे रहने की कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि बाहरी दुनिया का प्रभाव बहुत शक्तिशाली होता है, लेकिन अगर बच्चा खेलों में है तो इस प्रभाव को कम किया जा सकता है। वे बेहतर करना चाहते हैं, क्योंकि कामयाबी का नशा किसी भी दूसरी चीज के नशे से कहीं बड़ा होता है। बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बच्चे सुबह उठेंगे, दौड़ लगाएंगे और शारीरिक श्रम करेंगे। ये चीजें उन्हें नशीले पदार्थों की ओर जाने से रोकेंगी। जो बच्चे ज्यादातर समय खाली रहते हैं, घर में बैठे रहते हैं और किसी विशेष काम में खुद को नहीं लगाते, उन्हें ऐसी चीजें जल्दी पकड़ लेती हैं। ऐसे में जब वे ऐसी चीजों के प्रति अतिसंवेदनशील हैं, तो उन पर नजर रखी जानी चाहिए। कोई भी अजीब सी हरकत दिखाई दे, तो मां-बाप फौरन कदम उठाएं। इसके लिए मां-बाप को बच्चों के साथ अच्छा और नजदीकी रिश्ता भी कायम करना चाहिए, जिससे उनके जीवन में होने वाली किसी भी अजीब घटना का पता उन्हें फौरन लग सके। रोकथाम हमेशा बेहतर होती है, क्योंकि एक बार वे रसायनों के गुलाम बन गए तो फिर कुछ करना बहुत मुश्किल होगा। पहले जैसी स्थिति में पहुँचने के भी कई तरीके हैं - कुछ लोगों को हमने इनर इंजीनियरिंग प्रोग्राम में भी शामिल किया, बहुत से लोग नशे से बाहर आ भी गए, लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि यह शत-प्रतिशत कामयाब तरीका है। कोई एक ऐसा तरीका नहीं है, जो सौ फीसदी कामयाब हो।

संपादक की टिप्पणी:

*कुछ योग प्रक्रियाएं जो आप कार्यक्रम में भाग ले कर सीख सकते हैं:

21 मिनट की शांभवी या सूर्य क्रिया

*सरल और असरदार ध्यान की प्रक्रियाएं जो आप घर बैठे सीख सकते हैं। ये प्रक्रियाएं निर्देशों सहित उपलब्ध है:

नाड़ी शुद्धि , योग नमस्कार

  • संस्कृत श्लोक एवम अर्थ
  • वेडिंग स्पेशल
  • टिप्स और ट्रिक्स
  • उपयोगी लाभकारी घरेलु नुस्खे और उपाय
  • महाभारत रामायण कहानी | Mahabharat Ramayan in Hindi
  • हमसे संपर्क करे

नशा मुक्त भारत अभियान 2023 निबंध (महत्व) लाभ-हानि Nasha Mukta Bharat Abhiyan Essay In Hindi

नशा मुक्त भारत अभियान 2023 (उद्देश्य, फ़ायदा, नुकसान ) नशा मुक्त भारत अभियान 2023 निबंध (महत्व) लाभ-हानि Nasha Mukta Bharat Abhiyan Essay In Hindi

हमारे देश में आजकल लोगों में नशे की आदत काफी बड़ी मात्रा में देखी जा रही है। यहां तक की युवा वर्ग भी नशे की चपेट में कुछ इस प्रकार से आ रहा है कि उन्हें नशे के अलावा कुछ दिखाई ही नहीं देता है।

इसीलिए सरकार द्वारा लोगों को नशे से बचाने के लिए नशा मुक्त भारत अभियान को चालू किया गया है, जिसके अंतर्गत गवर्नमेंट लोगों को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए काफी प्रयास कर रही है, परंतु सिर्फ गवर्नमेंट ही नहीं बल्कि हमें भी इसमें सहयोगी बनना होगा।

speech on nasha in hindi

Table of Contents

नशा मुक्त भारत अभियान क्या है?

इस दौर में युवा वर्ग के बीच नशे के सेवन करने का प्रचलन हो चुका है। कुछ लोग तो ऐसे हैं जो देखा देखी नशे का सेवन करना चालू करते हैं, वह ऐसा करने पर अपनी शान समझते हैं, हालांकि उन्हें यह नहीं पता होता है कि वह किस प्रकार के दलदल में धीरे-धीरे फंसते जा रहे हैं।

जो लोग नशे के आदी बन चुके हैं और बिना नशे के नहीं रह पाते हैं, उन्हीं लोगों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए गवर्नमेंट के द्वारा नशा मुक्ति भारत अभियान को चालू किया गया है। यह एक ऐसा अभियान है जो किसी एक ही राज्य में नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष में चलाया जा रहा है और इसका सर्वे सर्वा भारत की सेंट्रल गवर्नमेंट है।

कुछ लोग तो इसका सेवन शौकिया तौर पर करते हैं परंतु कुछ लोग इसका सेवन सिर्फ मजे के लिए करते हैं परंतु बाद में वह इसके आदी बन जाते हैं और इस प्रकार वह नशे में पड कर के अपनी जिंदगी खराब कर लेते हैं।

नशा मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य क्या है?

सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, ताकि उन्हें नशा करने के नुकसान के बारे में जानकारी दी जा सके, ताकि वह इससे बचे रहें और इस दलदल में ना फंसे।

दरअसल दारु, शराब, बीड़ी, बियर, तंबाकू, गुटखा, सिगरेट यह कुछ ऐसे नशे है जिनका सेवन आज भारत में काफी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। हालांकि यह चिंता और भी ज्यादा अब इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि अब इंडिया की युवा पीढ़ी भी धीरे-धीरे नशे का सेवन करने लगी है।

नशा मुक्त भारत अभियान के फायदे क्या है?

 इस अभियान के अंतर्गत लोगों से विभिन्न प्रकार से यह बताया जाता है कि जिस नशे का सेवन वह अपने मनोरंजन के लिए कर रहे हैं या फिर सिर्फ टाइमपास के लिए ही कर रहे हैं उस नशे के कारण उन्हें आगे चलकर के कितना ज्यादा नुकसान हो सकता है। यहां तक कि उनकी मृत्यु भी हो सकती है। और इसीलिए कई लोगों ने इस बात को समझा और उन्होंने नशा करना छोड़ दिया।

अभी तक ऐसे कई लोग सामने आ चुके हैं जिन्होंने नशा मुक्त भारत अभियान से प्रेरित होकर के किसी भी प्रकार के नशे को ना करने की कसम खाई और आज वह एक स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं, साथ ही समाज में उन्हें मान सम्मान भी प्राप्त हो रहा है।

नशा मुक्त भारत अभियान के तहत गवर्नमेंट के प्रयास क्या है?

गवर्नमेंट काफी बड़े पैमाने पर नशा मुक्त भारत अभियान को फंडिंग दे रही है। इसके अलावा वह समय-समय पर बड़े-बड़े स्कूल, कॉलेज और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट में नशा मुक्त भारत अभियान से संबंधित सेमिनार भी आयोजित करवाती है और उसके जरिए लोगों को जागरूक करने का काम करती है ताकि लोग नशे से दूरी बनाकर रखें।

इस अभियान के लिए गवर्नमेंट का प्रयास सिर्फ यही तक ही सीमित नहीं है। गवर्नमेंट के द्वारा सामान्य लोगों को नशे से बचाने के लिए तहसील लेवल, ब्लॉक लेवल और जिला लेवल पर भी विभिन्न प्रकार के गवर्नमेंट कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करवाए जाते हैं और इसके साथ ही संगोष्ठी तथा मीटिंग का भी आयोजन करवाया जाता है।

गवर्नमेंट ने इस अभियान के अंतर्गत कुछ गवर्नमेंट एनजीओ और प्राइवेट एनजीओ के साथ भी साझेदारी की है और इस प्रकार यह सभी मिलकर के लोगों को नशे से बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं और लोगों को नशे के प्रति जागरुक कर रहे हैं।

नशा करने के नुकसान क्या है?

  • अगर कोई व्यक्ति यह सोचता है कि नशा करने से सिर्फ उसकी बॉडी को ही नुकसान होता है तो ऐसा नहीं है। नशा करने से व्यक्ति अपनी जिंदगी तो तबाह करता ही है, साथ ही वह अपने साथ जुड़े हुए अन्य लोगों की भी जिंदगी तबाह करता है।
  • नशा करने वाले व्यक्ति के घर में हमेशा लड़ाई झगड़े होते रहते हैं जिसके कारण उसका घर टूटने की कगार पर पहुंच जाता है, क्योंकि लड़ाई झगड़ा होने के कारण घर के लोगों में आपसी मनमुटाव अपने चरम सीमा पर पहुंच जाता है।
  • इसके अलावा जो व्यक्ति नशा करता है उसकी पत्नी भी उसे छोड़कर चली जाती है क्योंकि कोई भी महिला किसी भी ऐसे व्यक्ति के साथ नहीं रह पाएगी, जो नशे का सेवन करता है, क्योंकि नशे का सेवन करने के बाद व्यक्ति को यह पता ही नहीं होता है कि वह क्या कर रहा है, वह नशे में अपने परिवार वालों के साथ मारपीट करता है, साथ ही गाली गलौज भी करता है। यहां तक कि कई लोग तो हिंसक मारपीट भी करने लगते हैं।
  • नशा करने पर आदमी की बॉडी धीरे-धीरे खराब होने लगती है और उसे अनेक प्रकार की बीमारियां अपनी गिरफ्त में ले लेती है। इस प्रकार बीमारियों का इलाज करवाने में उसे पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इस प्रकार अगर उसकी आर्थिक स्थिति खराब है तो उस पर आर्थिक बोझ भी धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और वह कर्ज के दलदल में फंस जाता है।
  • नशा करने पर आदमी को सामाजिक बेज्जती भी सहनी पड़ती है। लोग उसे इज्जत की निगाहों से नहीं देखते हैं। इस प्रकार समाज में उसकी इज्जत भी कम हो जाती है। नशा करने के कारण व्यक्ति की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो जाती है और हमेशा नशे में डूबे रहने के कारण उसे अपने काम धंधे से भी हाथ धोना पड़ता है।
  • क्योंकि कोई भी व्यक्ति ऐसे आदमी को काम पर नहीं रखता है जिसे होश ही नहीं होता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो नशा करने वाले व्यक्ति को लोग हीकारत भरी नजरों से देखते हैं और उसे हमेशा अपने आप से दूर ही भगाते रहते हैं, क्योंकि ऐसे व्यक्ति की समाज में कोई भी इज्जत नहीं होती है।

नशा करने से कैसे बचे?

देखिए यहां पर हम आपको बता दें कि, नशा करने की शुरुआत सिर्फ शौकिया तौर पर होती है। इसीलिए अगर आपको कभी शौकिया तौर पर भी किसी भी प्रकार का नशा करने के लिए कहा जाए तो आपको साफ तौर पर उसके लिए मना कर देना है।

क्योंकि अगर आपको एक बार नशे की लत लग जाएगी तो आपको इससे निकलने में काफी टाइम लग जाएगा और हो सकता है कि आप नशे के इस प्रकार आदी हो जाएं कि आप अपना सारा काम धंधा भूल करके हमेशा नशे में ही डूबे रहे।

नशा करने से बचने के लिए आपको ऐसे लोगों के साथ किसी भी प्रकार का मेल मिलाप नहीं रखना चाहिए जो किसी भी प्रकार का नशा करते हैं क्योंकि नशे की स्टार्टिंग संगत से ही होती है। अगर आपकी संगत खराब है तो आप जल्दी नशे की गिरफ्त में आ जाएंगे। इसलिए आपको ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो नशे का सेवन करते हैं।

आपको ना तो कभी शौकिया तौर पर नशे का सेवन करना चालू करना चाहिए, ना ही कभी कबार। संक्षेप में कहें तो आपको अपने मन में यह निश्चय लेना चाहिए कि आप कभी भी अपने जीवन में नशे का सेवन नहीं करेंगे, साथ ही अन्य लोगों को नशे से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे और एक जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएंगे।

Ans: नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत देश में साल 2020 में 15 अगस्त के दिन की गई थी।

Ans: नशा मुक्त होने के लिए नशे से दूर रहें और ऐसे लोगों की संगत से भी दूर रहे जो नशे का सेवन करते हैं। इसके अलावा जब कभी नशा करने का मन करे तो अंगूर का जूस पी ले या फिर सेब खा ले।

Ans: नशा मुक्ति दिवस की शुरुआत साल 1987 में की गई थी और हर साल यह 26 जून के दिन मनाया जाता है।

Ans: “नशा मुक्त भारत सशक्त भारत’

Ans: भारत के वर्तमान के प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी जी ने नशा मुक्ति अभियान चलाया था।

Other Links-

  • सुगम्य भारत अभियान योजना
  •  जन आरोग्य योजना अभियान
  • स्वच्छ भारत अभियान
  •  ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान 

More on Deepawali

मनु भाकर का जीवन परिचय |manu bhaker biography in..., google killer: open ai ने chatgpt के बाद लॉन्च..., आईएएस अधिकारी पूजा खेड़कर केस( ias pooja khedkar case..., मुंबई bmw हिट एंड रन केस (mumbai bmw hit..., similar articles, नमस्ते का अर्थ एवं नमस्ते पर निबंध | namaste essay meaning and origin in hindi, भारत में आरक्षण की समस्या पर निबंध | problem of reservation system in india essay in hindi, क्या हैं विक्रम संवत 2073 का इतिहास | vikram samvat history in hindi, leave a reply cancel reply.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

ख्याल रखे.com

पाठकों के पसंदीदा लेख

  • स्वास्थ्य पर निबंध - Essay On Health In Hindi
  • काम के बोझ से तंग आकर ये बड़ी गलती करते है कुछ लोग
  • हरतालिका तीज की व्रत कथा एवं पूजा विधि - Hartalika Teej Vrat Pooja Vidhi In Hindi
  • दिवाली की हार्दिक शुभकामनाएं एवं शायरी - Diwali Quotes in Hindi

नशा पर निबंध – Nasha Mukt Bharat in Hindi

 Nasha Mukti Essay in Hindi

Nasha Essay In Hindi – नशा एक अभिशाप है । यह एक ऐसे मादक और उत्तेजक पदार्थ है, जिनका प्रयोग करने से व्यक्ति अपनी स्मृति और संवेदनशीलता अस्थाई रूप से खो देता है।  वैसे तो नशे का चलन समाज में आदि काल से रहा है। भारत में मादक द्रव्यों के उपयोग का पहला सन्दर्भ ऋग्वेद में मिलता है। लगभग 2000 ईसा पूर्व व्यक्ति विभिन्न उत्सवों पर सोमरस का पान करते थे। जोकि एक प्रकार का मधुरस (नशा) था। लेकिन आधुनिक युग में पाश्चात्य संस्कृति से नशे को नए रूप मिले हैं। इसमें विशेष रूप से चरस, गांजा, भांग, अफीम, स्मैक, हेरोइन जैसी ड्रग्स उल्लेखनीय हैं। शराब भी इसी प्रकार का एक नशा है। 

अपने देश का दुर्भाग्य है कि लोग पाश्चात्य संस्कृति से इस नए रूप को ग्रहण तो कर रहे हैं, पर उनका अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। आज  अकेले भारत में बड़ी संख्या में लोग नशीले पदार्थों के सेवन से जान गवा रहे हैं। सोचने की बात तो यह है कि भारत में नशाखोरी अब किसी एक राज्य की समस्या भर नहीं रह गई है, अपितु देश के लगभग सभी राज्य इस समस्या से जूझ रहे हैं।

बेहद अफसोसनाक तो ये है कि समाज में बढ़ते नशे के इस नए रूप से पीड़ित आज का अधिकांश मासूम किशोर व युवा पीढ़ी है। हालाँकि अपनी सरकार इन पीड़ित मासूम किशोरों एवं युवाओं को नशे के चुंगल से छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति अभियान जैसे अनेक मुहीम चला रही हैं, ताकि जल्द से जल्द नशीले पदार्थों जैसे शराब तम्बाकू और गुटखे पर रोक लगा सके।

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। जिसमें अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस नशीली दवाओं की रोकथाम की दिशा में एक बड़ा आयोजन है जो वैश्विक स्तर पर मुहीम चलाकर काम करता है। संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से इस दिवस की स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी। लोगों को नशे से मुक्त कराने और उन्हें जागरुक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ तथा समाजसेवी संगठनों द्वारा नशीले पदार्थों के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाया जाता हैं। इस साल अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस का थीम बेहतर देखभाल के लिए बेहतर ज्ञान जरूरी है (Better Knowledge For Better Care) है।

नशे पर कविता Click Here

विश्व साक्षरता अभियान स्लोगन Click Here

नश मुक्ति पर नारा Click Here

नशा शायरी Clicke Here

पर नशे के जाल और दुष्परिणाम को समझना भी बेहद जरुरी हैं। क्योंकि इसने बहुतों मासूम किशोरों को अपने चंगुल में कर लिया है। आँकड़ो की आइने में देखें तो मासूम किशोरों में  नशे के बढ़ते चलन के पीछे बदलती जीवन शैली, परिवार का दबाव, परिवार के झगड़े, इन्टरनेट का अत्यधिक उपयोग, एकाकी जीवन, परिवार से दूर रहने, पारिवारिक कलह जैसे अनेक कारण हैं। बरहाल कारण जो भी हो पर इसके दुष्प्रभाव और दुष्परिणाम, दोनों ही खतरनाक हैं।  

नशे के नुकसान या दुष्परिणाम

नशाखोरी किसी भी समाज में विलासिता और अकर्मण्यता पैदा करने का सबसे सरल उपाय है। यदि किसी व्यक्ति को इसकी आदत हो जाती है तो वह कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो जाता है । नशे में डूबा इंसान अपने अच्छे बुरे की पहचान भी खो देता है । एक जानकारी के अनुसार नशे के सेवन से दिमाग की कोशिकाओं पर बहुत बुरा असर पड़ता है जो एक बार क्षतिग्रस्त होने पर दुबारा नहीं बन पाती है। इस विश्वव्यापी नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लगभग सभी देशों में रोक है और रोकथाम के कड़े कानून भी बने हैं।

नशे की रोकथाम के उपाय –

अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस समस्या पर काबू पाने के लिए अस्सी साल पहले  से ही प्रयास किया जा रहा है जब अफीम को अंतर्राष्ट्रीय न्याय सीमा के भीतर लाया गया था। इस मामले में नवीनतम प्रयासों को देखा जाए तो संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेम्बली ने 90 के दशक को ‘नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ दशक’ घोषित कर दिया है।

नशीली वस्तुओं का धन्धा करने वालों को क ठोरता से दबाने के लिये भारत सरकार भी कठोर दण्ड देने पर विचार कर रही है जिससे नशे का बढ़ता हुआ जाल रोका जा सके। सरकार नशीली वस्तुओं की तस्करी और अवैध धन्धा करने वालों को मृत्युदंड देने तक के लिए संसद के मानसून अधिवेशन 1988 में एक विधेयक पारित किया, जोकि 29 मई 1989 से ही प्रभावी भी हो गया। सरकार ने इसके लिए मादक द्रव्य नियन्त्र ब्यूरो की भी स्थापना की। 

अन्य उपायों में पंजाब और राजस्थान से लगी हुई भारत – पाक सीमा पर 3000 किमी. तक कंटीले तार लगाए जाने की योजना है। इतना ही नहीं, भारत सरकार ने मादक द्रव्यों के खिलाफ लड़ाई के लिए गैर सरकारी संगठनों को सहयोग देने का भी फैसला लिया है। लेकिन अफसोसजनक यह है कि आज समाज में धन के साथ – साथ इन्हीं चीजों को प्रतिष्ठा मिल रही है, इनकी गति भी इतनी तीव्रतर एवं तीव्रतम है कि नशाबन्दी की दिशा में इतने शख्त कानून बनने के बावजूद भी कोई लाभ होता न दिखाई पड़ रहा है। सच तो यह है कि समस्या के विकराल रूप को देखते हुए ये सभी कानून और अन्य उपाय नाकाफी हैं । नशा जैसी सामाजिक बुराई को केवल कानून और दण्ड के बल पर दूर नहीं किया जा सकता।

जिंदगी तबाह करने वाली इस सर्वनाशी नशा से मुक्ति हेतु सामाजिक चेतना, जागृति और एक जुट होकर मजबूत प्रयास करने की जरुरत है। यदि जाग्रति की यह प्रक्रिया सामाजिक अभियान बनाकर छेड़ी जाए तो कोई कारण नहीं कि इन अवांछित मूल्यों से निजात नहीं पाई जा सकती, परन्तु यह मात्र कहने एवं व्याख्यान, प्रवचन से संभव नहीं हो सकता। दृढ़ इच्छाशक्ति एवं संकल्पशक्ति के द्वारा सतत भागीरथप्रयास से इसे किया जाना संभव है और यदि ऐसा होता है तो समाज से नशा का तीव्र प्रभाव घटेगा। इसके घटते ही अन्य सामाजिक बुराइयाँ भी घटने लगेंगी। क्योंकि सारी बुराईयों की यही तो जड़ है। 

अत: सभ्य एवं श्रेष्ठ समाज  गढ़ने के लिए निर्विरोध रूप से सरकार और जनता दोनों का सक्रिय सहयोग ही सफल हो सकता है। सरकार और जब सारा समाज एक जुट होकर नशे के खिलाफ कब्र खोदने के लिए कमर कस लेगा, यह बुराई तभी समाप्त होगी। और हानि केवल एक होगी और वह है आर्थिक। सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि सबसे अधिक राजस्व सरकार को एक्साइज से मिलता है। आज भी शराब का एक ठेका लाखों में उठता है।

दोस्तों यहां उपलब्ध “नशा मुक्ति पर निबंध और भाषण” केवल साधन नहीं है, बल्कि जनजागरूकता फैलाकर नशा मुक्ति भारत अभियान को तेज करने का हमारा एक छोटा प्रयास है। आशा करती हूँ यह जानकारी आपके द्वारा अवश्य सराही जायेगी। धन्यवाद !

Read More Hindi Slogans

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ स्लोगन स्वछता अभियान पर स्लोगन पर्यावरण पर स्लोगन भष्टाचार पर स्लोगन रक्तदान पर स्लोगन शिक्षा पर स्लोगन पेड़ बचाओ स्लोगन योग पर स्लोगन

प्रिय पाठकों  आप हमें अपना सुझाव और अनुभव बताते हैं तो हमारी टीम को बेहद ख़ुशी होती है। क्योंकि इस ब्लॉग के आधार आप हैं। आशा है कि यहाँ दी गई जानकारियां आपको पसंद आई होगी, लेकिन ये हमें तभी मालूम होगा जब हमें आप कमेंट्स कर बताएंगें। आप अपने सुझाव को इस लिंक Facebook Page  के जरिये भी हमसे साझा कर सकते है। और हाँ हमारा free email subscription जरुर ले ताकि मैं अपने future posts सीधे आपके inbox में भेज सकूं। धन्यवाद!

' src=

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

नशा और युवा वर्ग पर निबंध

देश की युवा पीढ़ी यदि गलत रास्ते पर चले जाएं तो इसमें नुकसान केवल उन युवा पीढ़ी का ही नहीं होता बल्कि इसमें देश का भी नुकसान होता है। युवा पीढ़ी के गलत राह पर चले जाने से देश की तरक्की रुक जाती है क्योंकि इन्हीं से तो देश की तरक्की है। लेकिन आज की युवा पीढ़ी नशे के राह पर जा रही हैं। इससे ना केवल उस व्यक्ति का भविष्य और जीवन खराब होगा बल्कि उसके परिवार वालों की भी जिंदगी खराब हो जाती है।

Nasha aur yuva varg par nibandh

एक व्यक्ति जब नशा करना शुरू कर देता है तो उसका घर परिवार का जीवन में अंधेरा छा जाता है। दुख तो इस बात का है कि यह सब जानने के बावजूद भी युवा पीढ़ी नशे का सेवन करना नहीं छोड़ रही है। इसीलिए स्कूल कॉलेजों में बच्चों को नशा और युवा पीढ़ी पर निबंध के जरिए नशीली पदार्थ के सेवन से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसलिए आज के इस लेख में हम 250 और 800 शब्दों में नशा और युवा वर्ग पीढ़ी पर निबंध लेकर आएं हैं।

यह भी पढ़े:   हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

नशा और युवा वर्ग पर निबंध (250 शब्द)

भारत दुनिया के देशों में सबसे अत्यधिक युवा पीढ़ी वाला देश है। यह भारत के लिए शान की बात है क्योंकि युवा पीढ़ी पर ही देश की तरक्की होती है। लेकिन जब युवा पीढ़ी गलत राह पर चली जाएं तो फिर देश की तरक्की कैसे हो सकती है। आज नशा इस कदर युवा पीढ़ी को बर्बाद कर रहा है जैसे एक दीमक लकड़ी को बर्बाद कर देता है। नशा नाश के समान होता है और आज भारत की युवा पीढ़ी बहुत तेजी से नशाखोरी की प्रवृत्ति अपना रही है। यहां तक कि एक अनुमान के मुताबिक 130 करोड़ की आबादी में 10 करोड़ लोगो को नशे की लत है।

ज्यादातर युवा पीढ़ी अपने तनाव को दूर करने के लिए नशीली पदार्थों का सेवन करते हैं। कुछ युवा पीढ़ी अपने से व्यस्क लोगों को नशीली पदार्थों का सेवन करते हुए देख नशीले पदार्थों का सेवन करना शुरू कर देते हैं, कुछ लोग बुरी संगत में आकर नशीली पदार्थों का सेवन शुरू कर देते हैं। युवा वर्ग के लिए नाशा एक फैशन बन चुका है।

आजकल तो लड़कियां भी नशे की राह पर चलने लगी है। क्या इन सब चीजों को रोकने की जिम्मेदारी केवल सरकार की है? सरकार के साथ युवा पीढ़ी के परिवारों की भी उतनी ही जिम्मेदारी है। उनका फर्ज है कि वह अपने बच्चों को नशे के राह पर जाने से रोके। बच्चों के सामने यदि व्यस्क लोग नशा करेंगे तो, निश्चित ही उसका गलत प्रभाव उनके बच्चे पर पड़ेगा, जो आगे चलकर खुद भी नशे की राह पर चलना शुरू कर देंगे।

यदि आज के युवा वर्ग को नशीली पदार्थ के सेवन से बचाना है, उन्हें नशे की राह पर जाने से रोकना है तो नशीली पदार्थों की बिक्री पर कठोरता से रोक लगानी पड़ेगी। यह नशीली पदार्थों ‘हानिकारक और जानलेवा साबित हो सकती है’ लिखकर उसे बेचा जाता है ताकि दुकानदार इसके लिए जिम्मेदार ना हो।

हालांकि जो लोग नशे के सागर में डूब चुके हैं वह तो, नशीली पदार्थों को खरीदेंगे ही चाहे उस पर कितने भी निर्देश लिख दिए जाएं। लेकिन इसमें दोस्तों नशीली पदार्थ बनाने वाली कंपनियों की है। सरकार को नशीली पदार्थ बनाने वाली कंपनियों पर रोक लगानी चाहिए और खुलेआम दुकानों पर बेचने पर भी रोक लगाने चाहिए, तभी जाकर युवा पीढ़ी नशीली पदार्थों के सेवन से बच पाएंगी।

नशा और युवा वर्ग पर निबंध (850 शब्द)

देश के विकास में युवा पीढ़ी का महत्वपूर्ण योगदान होता है। यदि युवा पीढ़ी ही नशे जैसी भयानक राह पर चली जाएं तो फिर देश की तरक्की कैसे होगी? नशे से भले ही उन्हें दो पल के लिए सुख और मजा आता हो लेकिन इससे पूरा जिंदगी दुख से भर जाता है। नशे को अपना लत बना चुका व्यक्ति जीवन के महत्व को ही भूल जाता है। वह अपने परिवार के साथ समय बिताने और जिंदगी को आनंद पूर्वक जीने के बजाय नशे की दलदल में धंसते चला जाता है।

नशे से मानसिक सामाजिक और पारिवारिक स्तर पर बुरा असर पड़ता है। घर में यदि एक व्यक्ति नशा करता है तो उसका प्रभाव उसके बच्चों पर पड़ता है, जो आगे चलकर वह भी नशे को अपना सहारा बना लेते हैं। इतना ही नहीं जो व्यक्ति नशा करता है, शारीरिक रूप से उसे बहुत कष्ट सहने पड़ते हैं। कई तरह की बीमारियां हो जाती हैं। लेकिन दुख की बात है कि इतना कुछ जानने के बावजूद वह अपने आपको नशे से दूर नहीं रख पाता।

नशे को फैशन समझना

आज की युवा पीढ़ी नशे को फैशन समझने लगी है। उन्हें लगता है कि नशे करने में बहुत शान की बात है। दूसरों की देखादेखी में भी नशा करने लगते हैं। उन्हें लगता है कि जो नशा कर रहे हैं वे आधुनिक जीवन जी रहे हैं।

इस तरह अपने आप को आधुनिक बनाने के चक्कर में वे भी नशे के चंगुल में फंस जाते हैं। सोशल मीडिया पर नशे से जुड़ी वीडियोस को देखकर वे भी नशे की राह पर चलना शुरू कर देते हैं। इस तरह आज की युवा पीढ़ी का नशे की राह पर जाने में सोशल मीडिया भी जिम्मेदार है।

तनाव को कम करने का माध्यम बनाना

आज के युवा वर्ग की यही समस्या है कि उनकी सहनशक्ति बहुत कम हो चुकी है। वे बहुत जल्दी अपना हौसला खो देते हैं। किसी चीज मे सफलता नहीं मिलता तो, उन्हें लगता है कि अब उनकी जिंदगी खत्म हो चुकी है। इसका परिणाम यह होता है कि वह डिप्रेशन में चले जाते हैं और फिर नशे की गिरफ्त में फंस जाते हैं। इससे उन्हें केवल उनके माता-पिता ही बचा सकते हैं।

उनके माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वह अपने बच्चे को ऐसे हालात से लड़ना सिखाएं, उन्हें मजबूत बनाएं। उनके असफलता पर उन्हें डांटने के बजाय उन्हें दोबारा प्रयास करने के लिए हिम्मत बढ़ाएं। जिंदगी में बहुत सारी राह है। एक राह पर सफलता नहीं मिली तो शायद दूसरी राह पर सफलता मिल जाए लेकिन चलना बंद नहीं करना है।

गलत संगत में फसना

ज्यादातर युवा पीढ़ी गलत संगत में रहने के कारण ही नसे के चंगुल में फंस जाते हैं। जो लोग पहले से नशे की लत में है, वह दूसरों को नशा ना करने की सलाह देने के बजाय उन्हें भी नशे के दलदल में खींचने की कोशिश करते हैं। इसमें युवा खुद अपने आप को गलत संगत में फसने से बचा सकते हैं।

यदि कोई भी परेशानी आएं तो पहले माता-पिता को बताएं क्योंकि इस जीवन में माता-पिता से बढ़कर और कोई भी अच्छा दोस्त नहीं है। वे जितने अच्छे से आपकी समस्या को समझेंगे कोई अन्य नहीं समझेगा।

संस्कार की कमी

बच्चों पर माता-पिता की परवरिश बहुत ज्यादा प्रभाव डालती हैं। कुछ अमीर मां-बाप के कारण उनके बच्चे नशे की राह पर चले जाते हैं। उनके माता-पिता भी इस बात पर ध्यान नहीं देते कि उनका बच्चा क्या कर रहा है?

उन्हे लगता है पैसा है तो, बच्चा कुछ भी करें कोई समस्या नहीं। एक युवा पीढ़ी के नशे में जाने के कारण अन्य युवा भी उसके देखा देखी नशे को अपना लत बना लेता है।

नशीली पदार्थों का प्रचार प्रसार

आज पैसे के लालच में बड़ी-बड़ी सेलिब्रिटी नशीली पदार्थों का प्रचार प्रसार करते हैं। जिसे देख युवा पीढ़ी उनसे प्रभावित हो जाती हैं और वे नशा करना शुरू कर देते हैं। इस तरह कहीं ना कहीं आज के युवा को नशे के दलदल में धकेलने में टीवी ऐड और फिल्म भी जिम्मेदार है, जिसमें नशीली पदार्थों का प्रचार प्रसार किया जाता है।

युवा पीढ़ी को नशे से मुक्त करने के लिए उठाए गए कदम

नशा मनुष्य के जिंदगी को तबाह कर देता है। जिंदगी सिगरेट के धुए से नहीं चलती बल्कि सुविचार और सुशिक्षा से चलती है। देश की युवा पीढ़ी को नशे से मुक्त करने के लिए भारत सरकार के द्वारा कई नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है, जो लोगों में नशे को बंद करने के लिए जागरूकता फैलाती है।

युवा पीढ़ी जो नशे को अपना लत बना चुकी हैं। उनके नशे को छुड़वाने में मदद करती हैं। इसके अतिरिक्त वे अवैध रूप से नशीली पदार्थों की तस्करी करने वाले लोगों को या नशीली पदार्थ बेचने वाले लोगों के खिलाफ मुकदमा चलाती है। कई सारी काउंसलिंग सेंटर है, जो जिंदगी से हार कर नशे की लत में पड़े इंसानों को जिंदगी की खूबसूरती से अवगत कराती है।

इस तरह नशे से युवाओं को मुक्त करने के लिए कई सारी संस्थान कार्य कर रही हैं लेकिन केवल इन संस्थानों की जिम्मेदारी नहीं है। युवाओं के माता-पिता और खुद युवाओं को भी जिम्मेदार होने की जरूरत है।

नशा एक दीमक की तरह होता है जिस तरीके से दीमक लकड़ी को धीरे-धीरे खत्म कर देता है, वैसे ही नशा भी एक व्यक्ति को धीरे-धीरे खत्म कर देती है। इससे ना केवल एक व्यक्ति का अस्तित्व खत्म हो जाता है बल्कि इससे इसके परिवार के लोगों की भी जिंदगी नरक बन जाती है।

आज सरकार और बहुत सारी ऐसी संस्थान है, जो युवा पीढ़ियों को नशा मुक्त करवाने के लिए कई प्रकार के प्रोग्राम आयोजित करती हैं। लेकिन उनके साथ युवा पीढ़ी को भी समझने की जरूरत है कि वह पढ़े लिखे हैं, अच्छे बुरे की पहचान भली-भांति कर सकते हैं। इसीलिए नशीली पदार्थों को अपना लत ना बनाएं।

हमें उम्मीद है कि आज के इस लेख में नशा और युवा वर्ग पर 250 और 800 शब्दों में लिखा गया निबंध आपको पसंद आया होगा। इस लेख को ज्यादा से ज्यादा शेयर करें क्योंकि यह लेख ना केवल ज्ञान की दृष्टि से महत्वपूर्ण है बल्कि युवा पीढ़ी को नशे की लत छूडवाने के लिए भी महत्वपूर्ण है। लेख को पढ़कर कोई भी युवा पीढ़ी यदि नशीली पदार्थों का सेवन करना बंद कर दें, तो यह हमारे लिए बहुत खुशी की बात होगी। लेख से संबंधित कोई भी प्रश्न या सुझाव हो तो आप हमें कमेंट में लिखकर जरूर बताएं।

यह भी पढ़ें :

  • नशा मुक्ति पर निबंध
  • सामाजिक समस्या पर निबंध
  • बुरी लत पर निबंध
  • अंधविश्वास पर निबंध
  • बाल विवाह पर निबंध

Ripal

Related Posts

Comment (1).

yah nibandh padhne bahut hi ruchikar raha aise hi nibandh likhte rahe

Leave a Comment जवाब रद्द करें

  • Privacy policy

Hindi Nibandh.in

Hindi Nibandh.in

नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में | nasha mukti par nibandh 100-500 words.

Nasha Mukti Par Nibandh

कक्षा 1 से कक्षा 10 के लिए निबंध / essay for class 1 to class 10

100 Words - 150 Words 

250 Words - 300 Words 

500 Words - 600 Words 

Select Category

Select Category

Categories/श्रेणियाँ

  • 10 पंक्ति 10
  • 10 Lines in Hindi 10
  • 100 Words 129
  • 1000 Words 35
  • 150 Words 106
  • 250 Words 129
  • 300 Words 55
  • 400 words 26
  • 500 words 115
  • त्योहारों पर निबंध 10
  • विज्ञान 1
  • Animals/जानवर 7
  • Bank Application In Hindi / बैंक एप्लीकेशन हिंदी 3
  • essay in hindi for class 10 16
  • essay in hindi for class 9 16
  • Festival Essay In Hindi 11
  • freedom fighter essay in hindi 14
  • Freedom Fighters 11
  • Hindi Poems | Hindi Kavita | कविता 5

निबंध के लिए अनुरोध

निबंध के लिए अनुरोध करने के लिए कृपया संपर्क फ़ॉर्म पर जाएं

Social Plugin

Check english essay's here.

  • Essay In English

Popular Posts

नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में | Nasha Mukti Par Nibandh 100-500 Words

पेड़ की आत्मकथा पर निबंध | Autobiography of a Tree Hindi Essay 200-500 Words

त्योहारों के महत्व निबंध | Importance of Festivals Hindi Essay

त्योहारों के महत्व निबंध | Importance of Festivals Hindi Essay

देश प्रेम | Desh Prem Par Nibandh | 200 words- 250 words

देश प्रेम | Desh Prem Par Nibandh | 200 words- 250 words

मेले पर निबन्ध | Mela Hindi Essay | 200 Words-500 Words

मेले पर निबन्ध | Mela Hindi Essay | 200 Words-500 Words

Menu footer widget.

  • Privacy Policy

नशा मुक्ति पर निबंध (Essay) | Nasha Mukti Par Nibandh

नशा मुक्ति पर निबंध : नशा एक अभिशाप है. जो भारतीय समाज मे व्यापक रुप से पाया जाता है. किसी भी देश के लिए जनता का स्वस्थ रहना, उसके विकास मे महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। यदि वहां की जनता मुख्यत: युवा पीढ़ी ग़लत रास्ते पर चलने लगें तो देश कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता। आज जिस तरह से हमारे भारत देश की युवा पीढ़ी नशे की लत से जूझ रहा हैं इससे पूरे देश का भविष्य खतरे मे है। क्योकि नशीले पदार्थ व्यक्ति को अन्दर से खोखला कर देते हैं।

नशा मुक्ति पर निबंध

आपको मालूम होगा कि, पृथ्वी पर मानव ही सबसे बुध्दिमान व ताकतवर है और यह अपने जीवन को व्यवस्थिति बनाने के लिये हर सम्भव प्रयास करता हैं. लेकिन लोगों को सही शिक्षा न मिलने के कारण वो कम उम्र में ही नशा जैसे अन्य शारीरिक दुषप्रभाव के शिकार हो जाते हैं और आजीवन नशा के लत मे जीवन खराब कर लेते है, आज इस लेख में हम नशा मुक्ति पर निबंध पढेंगे, जानेंगे की मनुष्य को नशा से कैसे दूर किया जाये।

नशा मुक्ति पर निबंध हिंदी में – Nasha Mukti Par Nibandh

नशा मुक्ति पर निबंध : नशा स्वास्थ के लिये हानिकारक होता है यह हमारे शरीर को धीरे-धीरे करके मारता है यह कैंसर जैसी गम्भीर बीमारियों का एक मुख्य कारण हैं इसके सेवन से हमारे शरीर में कई प्रकार की बीमारियाँ अपना घर बना लेती है, जो धीरे-धीरे करके पूरे शरीर को नष्ट कर देती है, और फिर मनुष्य की मृत्यु हो जाती है।

नशा का सेवन करना अर्थात स्वयं के मृत्यु का कारण बनना है। यह विश्व के सबसे गम्भीर बीमारियो मे से एक है। जो दिन-प्रतिदिन भारतीय समाज मे बढती जा रही है। खासकर भारत के युवा लोग अधिक नशा मे ग्रस्त है।

लोगो को नशा से होने वाली बीमारियों के प्रति जागरूक करना, तथा इसके सेवन से बचने के उपायो के लिये, हर वर्ष 31 मई को तम्बाकू दिवस मनाया जाता है। एक सर्वें से यह पता चला की 35% भारतीय किसी न किसी नशा का प्रयोग करते है। इनमें 47% मनुष्य तो 20% से अधिक महिलायें भी शामिल हैं।   

नशा से उत्पन्न बीमारियाँ: विशेषज्ञों का मानना है की नशा करने वाले मनुष्य की आयु घटती है, इसके सेवन से दांत, आंख, मुह, व फेफडों पर बुरा असर पडता है, क्योंकि तम्बाकू जैसे नशा का सेवन मुह के द्वारा किया जाता है इसलिये ये पहले मुह को प्रभावित करता है, जहाँ मुह के कैंसर, दांत गिर जाना जैसी गम्भीर बीमारियाँ पहले उत्पन्न होती है।

तम्बाकू में पाये जाने वाला निकोटिन ब्लड प्रेशर को भी बडाता है, जिसके कारण सांस लेने में दिक्कत, चक्कर आना, कमजोरी महसूस होना, जैसी बीमारियाँ उत्पन्न होती है। अर्थात नशा हमारे लिये पूर्ण रुप से विनाशकारी है।

महिलाओं पर नशा का असर: नशा तो सभी व्यक्तियो के लिये हानिकारक है। चाहे वो पुरुष हो या स्त्री यह सभी को ग्रसित कर सकता है। लेकिन नशा महिलाओं के सम्पूर्ण जीवन को पूरी तरह बर्बाद कर सकता हैं इसके सेवन से महिलाओं में ‘गर्भपात की दर’ नशा मुक्त महिलाओं से 15 फिसदी अधिक होता है.

इसके सेवन से महिलाओं में दिल का दौरा, फेफडो में कैंसर, सांस की बीमारी, निमोनिया, माहवारी से जुडी समस्या, तथा प्रजनन सम्बंधी बीमारियाँ उत्पन्न होती है। जो उनके सम्पूर्ण जीवन को मिटा सकती है। – सतत् विकास है? और क्यों है जरुरी

नशा मुक्ति अभियान निबंध (Nasha Mukti abhiyan nibandh Hindi)

Nasha Mukti abhiyan nibandh Hindi

नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में । नशा पर निबंध

नशा मुक्ति अभियान निबंध : नशा मुक्ति अभियान एक महत्वपूर्ण सामाजिक पहल है जो भारतीय समाज को नशीले एवं मादक पदार्थ जैसे- शराब, सिगरेट, गाजा, भाग आदि के सेवन से मुक्त करने का उद्देश्य रखती है। इसका मुख्य लक्ष्य मादक पदार्थों एवं इसके कारण उत्पन्न होने वाली बीमारियों से लोगों को मुक्त करना है। जिसके लिये भारत सरकार ने अनेको अभियान चलाया है।

नशा मुक्ति अभियान के तहत,समाज को नशा से मुक्त करने के लिये विभिन्न प्रशिक्षण कार्यक्रम, केंद्रीय और प्रादेशिक सरकारों की योजनाएं, नशा के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम और बचाव की उपायों की सुविधा उपलब्ध कराई जाती है। इसके साथ ही, समाज में शराब और मादक पदार्थों के खिलाफ संगठन का गठन भी किया जाता है।

भारत सरकार द्वारा नशा मुक्ति अभियान – Bharat Sarakar Nasha Mukti abhiyan nibandh

नशा मुक्ति अभियान की शुरुआत भारत सरकार द्वारा 15 अगस्त 2020 को की गई थी जहाँ सरकार ने मादक पदार्थों के खिलाफ लड़ाई को गंभीरता से लेने के लिए विभिन्न नियमो का निर्माण किया था और तथा एक संपूर्ण राष्ट्रीय स्तर पर नशा मुक्ति की दिशा में एक नई पहल की.

सरकार ने नशा मुक्ति के लिए विभिन्न योजनाएं और कार्रवाईयाँ शुरू की हैं इनमें से कुछ मुख्य उपाय निम्नलिखित हैं जैसे-

  • मादक पदार्थों के व्यापार पर रोक
  • विक्रय और उपभोग पर पाबंदिया
  • नशे के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम
  • नशा मुक्ति साथी केंद्रों की स्थापना
  • नशा उपचार सुविधाओं का प्रदान
  • नशामुक्त जीवनशैली को प्रोत्साहित करना
  • मादक पदार्थों से दूर रखने के लिए शिक्षा
  • नशा मुक्ति समितियों की स्थापना
  • मादक पदार्थों के प्रति जागरूकता कार्यक्रम (आदि)

इसके साथ ही, सरकार ने युवाओं को मादक पदार्थों से दूर रखने के लिए शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम चलाये और इन कार्यक्रमों के माध्यम से नौजवानों को समाजिक और मनोवैज्ञानिक रुप से जागरूक किया.

नशा सेवन के दुषप्रभाव – नशा न केवल हमे स्वास्थिक रुप से कमजोर बनाता है बल्कि यह हमे सामाजिक, मनोवैज्ञानि, आर्थिक रुप से भी कमजोर बनाता है। इसके सेवन से स्वास्थ्य को बहुत बड़ा नुकसान पहुंचता है। यह शरीर के अंगों, जैसे कि दिल, फेफड़ों, गुर्दे, मस्तिष्क, मुह, गला आदि को क्षतिग्रस्त करता है। जो एक गम्भीर बीमारी का रुप है।

साथ ही नशा के सेवन कारण से परिवारिक, सामाजिक और व्यक्तिगत संबंधों में समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। यह नाराजगी, विश्वासघात और भारी संघर्ष जैसे कई मुद्दे पैदा कर सकता है और जीवन को बुरी तरह से प्रभावित करता है। साथ ही आर्थिक समस्यायो की बात करे तो इसके सेवन से नौकरी की हानि, आर्थिक संकट आदि पैदा हो सकती है।

आपके लिये- क्या आपको 10 दिशाओ के नाम मालूम है?

तम्बाकू से होने वाली मुख्य बीमारियाँ (nasha mukti par nibandh & hone vali bimari)

नशा मुक्ति पर निबंध (Essay) | Nasha Mukti Par Nibandh

तम्बाकू उत्पादों मे लगभग पांच हजार जहरीले पदार्थ पायें जाते हैं इनमे सबसे ज्यादा खतरनाक पदार्थ निकोटीन, टार, और कार्बन मोनोआक्साइड होता हैं जिससे निम्नलिखित बीमारियों का जन्म होता हैं।

  • फेफडो में कैंसर
  • दिमाग से सम्बंधी बीमारी
  • दिल का दौरा
  • मुह में कैंसर
  • दांत खराब होना
  • पैरो की नशो में रुकावट
  • इरेक्टाइल डिस्फंक्शन
  • डायबिटीज का खतरा
  • आंत्र मे सूजन
  • गुर्दों की क्षति

अगर आप ऊपर बतायी गयी, बीमारियो को जानते हुये भी नशा का सेवन करते है तो आप स्वयं से जिम्मेदार है, जिसका भुगतान आपके साथ-साथ आपके परिवार (मता-पिता, पत्नी, पुत्र, पुत्री) आदि को करना होगा। अगर आप अपने परिवार व रिश्तो से प्रेम करते है तो नशा का सेवन करना त्याग दे, और इसके प्रति लोगो को भी जागरुक करे। ताकि आपके परिवार, रिश्ते-नाते व समाज नशा मुक्त हो सके।

जाने – इन 5 योगासन से बवासीर को दूर भगाये

नशा करने वाले पदार्थ

वैसे भारत मे तो नशा करने वाले कई घटक है, कुछ प्राकृतिक तो कुछ मनुष्यों द्वारा बनायें गयें है, प्राकृतिक रुप से प्राप्त नशा जैसे- गाजा, भाग, धतूर, सूर्ती इत्यादि हैं और मनुष्यों के द्वारा बनायें गये नशा करने वाले पदार्थ जैसे- सिगरेट, तम्बाकू, हुक्का, इत्यादि।

तम्बाकू का सेवन निम्न तरीकों से किया जाता हैं

  • सिगरेट ( मनुष्य को धीरे-धीरे करके मारता हैं)
  • बिडी (अधिकतर भारत मे प्रयोग किया जाता है)
  • सूर्ती (अधिकतर भारत के गावों मे अधिक खाया जाता है)
  • हुक्का ( ये नशा गावों व शहरो दोनो मे प्रचलिति है)
  • गाजा (इसका भी भारत के उत्तरी राज्यो मे अधिक प्रयोग किया जाता है)
  • शराब ( शराब का सेवन पूरी दुनिया मे भारी मात्रा मे की जाती है)
  • भाग ( अधिकतर भारत के गावों मे)

नशा से बचाव/ नशा से कैसें बचे

समाज को नशा से कैसे बचायें : समाज को नशा से बचाने का मुख्य उपाय यह है की उन्हें नशा से होने वाली बीमारियों के बारे मे अवगत कराया जायें, उन्हें बताया जाय की नशा से आप के सेहत पर बुरा असर पडता है, साथ ही पर्यावरण, आप से जुडे लोगो पर, तथा आप के आने वाली पीढी पर भी इसका बुरा डालता हैं।

अगर महिलायें नशा का सेवन करती हो तो, उन्हे शिशु जन्म देने मे भी समस्या उत्पन्न हो सकती है। महिलाओं के द्वारा किया गया नशा, उन्हे बाझपन, बच्चे का समय से पहले जन्म, मृत शिशु का जन्म, गर्भस्राव जैसी कई गंभीर समस्यायें उत्पन्न कर सकती है।

नशा रोकने का कानून

नशा से बचाओ के लिये सरकार ने कई नियमों को निकाला है, अगर कोई मनुष्य सार्वजनिक स्थान पर नशा करते पकडा जाता है, तो उसपर शक्त कार्यवाही की जाती है, वर्तमान मे सरकार ने मई 2003 को राष्ट्रिय तम्बाकू नियत्रण कानून पारित किया हैं। अधिनियम सभी तंबाकू युक्त उत्पादो जैसे ( गुटखा, सिगरेट, पान मसाला, खैनी, इत्यादि) सभी पर लगू होता है।

नशा रोकन हेतु निम्नलिखिति धाराएं

  • धारा चार : सभी सार्वजनिक स्थान (शिक्षिण संस्थान, होटल, अस्पताल, रेलवे स्टेशन, सिनेमा हाल, बस स्टैंड) इत्यादि पर धूम्रपान करना निषेध हैं
  • धारा पांच : सभी तम्बाकू उत्पादनों के विज्ञापन, आडियो, प्रिंट मीडिया और विजुअल मीडिया के विज्ञापन पर प्रतिबंध लगाता है।
  • धारा छः (क) : धारा छः के अंतरगर्त अठारह वर्ष से कम आयु के बच्चो पर तंबाकू बिक्री करना वर्जित है।
  • धारा छः (ख) : इस धारा के अंतरगर्त आप किसी भी शैक्षिण संस्था के आसपास या 100 गज के दायरे मे तम्बाकू की बिक्री नही कर सकतें
  • धारा सात: इस धारा के अंतरगर्त सभी तम्बाकू उत्पादनों पर स्वास्थ्य चेतावनी का लेबल लगाना जरुरी है।
  • धारा सात (पांच) : इस धारा के अंतरगर्त सभी तम्बाकू उत्पादनो के पैकेट पर अधिकतम अनुमेय सीमा के साथ निकोटीन तथा टार सामग्री होनी चाहिये। तथा पैकेट पर पूर्ण रुप से दर्शाया भी जाना चाहिये। [सोर्स : राष्ट्रिय स्वास्थ्य (आरोग्यम् सुखसम्पदा) ]

इस लेख मे हमने नशा मुक्त पर निबंध ( Nasha mukt par nibandh) पढा, साथ ही नशा से कैसे बचा जाय, तथा इससे कौन-कौन सी बीमारिया उत्पन्न होती है जाना, यह लेख आप के लिये कितना शिक्षाप्रद रहा कमेंट मे अपना सुझाव अवश्य दे, साथ ही हमारे साथ जुडे- और पाये नई जानकारी सबसे पहले- Join Us ‘नशा मुक्ति पर निबंध’ पर अपने विचार अवश्य शेयर करें

Related post

1 thought on “नशा मुक्ति पर निबंध (essay) | nasha mukti par nibandh”.

विस्तृत जानकारी से परिपूर्ण है या आर्टिकल। इतना खूबसूरत आर्टिकल लिखने के लिए धन्यवाद।

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

speech on nasha in hindi

नशा मुक्ति पर निबंध- Essay on Nasha Mukti in Hindi

In this article, we are providing information about De-addiction in Hindi. Essay on Nasha Mukti in Hindi Language- नशा मुक्ति पर निबंध

नशा मुक्ति पर निबंध- Essay on Nasha Mukti in Hindi

भूमिका- किसी भी राष्ट्र की जनता ही वहाँ की सबसे बड़ा धन और ताकत होती है और यदि जनता का भविष्य ही अंधकार में चला जाए तो वह देश उन्नति नहीं कर सकता है। आज के युवा नशा और धुम्रपान करने को शान समझते है और खुद को नशे का आदि बना चुके है जिससे की उनका भविष्य खराब हो रहा है। नशे के लिए बाजार में बहुत सी नशीली वस्तुएँ बेची जाती है जैसे कि शराब, बीड़ी, सीगरेट आदि। अफीम, हीरोईन जैसे नशीले पदार्थ अवैध तरीके से चोरी से बेचे जाते हैं जो कि बहुत ही हानिकारक है और इनकी लत लग जाती है। चुनाव के समय नेता भी नशे का लाभ उठाते हैं। वह लोगों को शराब देकर उनसे उनके हिस्से में मतदान लेते हैं।

नशे से हानियाँ- नशा करने वाला व्यक्ति अपना मान सम्मान खो देता है। वह निरंतर अपने परिवार से झगड़ता रहता है और वह नशा करके अपना होश खो बैठता है और मार पिटाई भी करता है जिससे पारिवारिक शांति भंग होती है। नशा करने वालै व्यक्ति का जीवन कभी भी खुशहाल नहीं होता है और न ही उसके पास धन होता है। नशे की लत बहुत ही बुरी है और नशीले पदार्थ प्राप्त करने के लिए व्यक्ति चोरी, डकैती या अन्य अवैध कार्य भी करता है। आजकल शराब में मिलावट भी होती है जिससे व्यक्ति अपनी जान भी गँवा बैठता है। नशा करने से केवल हानियाँ ही है। शराब हमारी फसलों के वातावरण के लिए भी अनुकुल नहीं है।

नशामुक्ति के उपाय- नशे को देश से मुक्त बनाने के लिए हर व्यक्ति को अपने स्तर पर प्रयास करना चाहिए और इससे होने वाली हानियों के विषय में जानकर खुद को इससे दुर रखना चाहिए। सरकार ने भी नशे पर प्रतिबंध लगाया है और यदि कोई भी व्यक्ति नशा करता या नशीले पदार्थ बेचता हुआ पाया जाता है तो उसे सजा दी जाती है। लोगों की नशे की लत छुड़वाने के लिए बहुत से नशा मुक्ति केंद्र भी खोले गए है।

निष्कर्ष- नशा मुक्त देश हर नागरिक की आवश्यकता है और इसी से राष्ट्र उन्नति कर सकेगा और यह तभी संभव है जब हर व्यक्ति नशीले पदार्थों कै सेवन बंद कर दे। युवाओं में नशे का प्रचलन अधिक है और युवा ही देश का भविष्य है इसलिए युवाओं का समझना चाहिए की नशा जहर है। सिंगरेट के धुएँ में जिंदगी को नहीं उड़ाना चाहिए।

देश को नशा मुक्त बनाओ, जन जन को खुशहाल बनाओ।

Essay on Drug Addiction in Hindi Language- मादक पदार्थों की लत निबंध

ध्यान दें – प्रिय दर्शकों Essay on Nasha Mukti in Hindi आपको अच्छा लगा तो जरूर शेयर करे ।

4 thoughts on “नशा मुक्ति पर निबंध- Essay on Nasha Mukti in Hindi”

' src=

सरकार ने भी नशे पर प्रतिबंध लगाया है और यदि कोई भी व्यक्ति नशा करता या नशीले पदार्थ बेचता हुआ पाया जाता है तो उसे सजा दी जाती है। Kripya is point ko nibandh se hata dijiye kyuki Maine Kisi b nashile padarth bechne wale ko saza paate nahi dekha h. ??

' src=

You are right

' src=

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

फेसबुक

सर्वाधिक खोजे गए

  • ड्राइविंग लाइसेंस
  • विवाह प्रमाण-पत्र

नशा मुक्त भारत अभियान

Nasha Mukt Bharat Abhiyaan

The Minister for Social Justice & Empowerment Shri Thawaarchand Gehlot launched the website for the Nasha Mukt Bharat Abhiyaan (NMBA) on the occasion of International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking on 26 June 2021, which is observed worldwide to strengthen action and cooperation in achieving the goal of a sustainable world free of substance abuse. The entire world is facing the menace of drug addiction which has a devastating impact on the addict, individual, family and a large section of society.

The launch of Nasha Mukt Bharat Abhiyaan (NMBA) is for 272 Districts across 32 State/Union Territories that have been identified as the most vulnerable in terms of usage of drugs in the country. These vulnerable districts were identified on the basis of findings from the Comprehensive National Survey and the inputs provided by the Narcotics Control Bureau (NCB) . According to the National Comprehensive Survey conducted by the Ministry of Social Justice and Empowerment , there are more than 60 million drug users in the country of which a large number of users are in the age group of 10-17 years.

Nasha Mukt Bharat Abhiyaan intends to reach out to the masses and spread awareness about substance abuse through various activities like:

  • Awareness generation programmes
  • Focus on higher educational Institutions, university campuses and schools
  • Reaching out to the Community and identifying dependent population
  • Focus on counselling and treatment facilities in hospitals and rehabilitation centres that have been geo-tagged
  • Capacity building programmes for service providers

Initiatives

The Ministry of Social Justice and Empowerment has been mandated to reduce drug demand. It coordinates and oversees all aspects of drug abuse prevention including assessment of the extent of the problem, preventive action, treatment and rehabilitation of addicts, dissemination of information, and public awareness and is mandated to run de-addiction centres.

Nasha Mukt Bharat Abhiyaan is operational with the involvement of more than 500 voluntary organizations across the country, which are assisted financially under the National Action Plan for Drug Demand Reduction (NAPDDR) scheme of the Ministry of Social Justice & Empowerment .

These NGOs have been actively involved in the implementation of Drug-Free India campaign. Nearly 8000 youth volunteers and outreach workers of these institutions/organizations have gone from door to door, village to village and nearby localities, etc. to educate the people about the ill effects of drug abuse and have assisted in the rehabilitation of victims of substance abuse.

The Nasha Mukt Bharat Abhiyaan website provides detailed information about the Abhiyaan and its activities, gives glimpses through the Photo & video gallery, provides IEC resource material and information on the institutions set up by the Ministry with the aim of Drug Demand reduction.

Institutions

The Ministry of Social Justice and Empowerment supports organizations that work for preventive education & awareness generation on substance abuse, capacity building, treatment and rehabilitation. These organizations are:

Nasha Mukt Bharat Abhiyaan Institutions

  • Integrated Rehabilitation Center For Addicts (IRCAs) : are de-addiction centres with inpatient facilities of counselling and treatment for drug dependent persons
  • Community Peer Led Intervention (CPLI) : work with the community supported by youth volunteers for early preventive education, especially for vulnerable adolescents and youth in the community
  • Outreach And Drop In Centres (ODIC) : provide facilities of screening, assessment and counselling along with providing referral & linkage to treatment and rehabilitation services for drug dependents
  • GEO Location : Ministry supported institutions providing Drug addiction counseling, treatment and rehabilitation and other facilities have been Geo-tagged to make their services accessible and easier to locate

For details : Visit

Related Links

  • Nasha Mukt Bharat Abhiyaan (NMBA)
  • Press Release on Nasha Mukt Bharat Abhiyaan (NMBA)
  • Scheme of National Action Plan for Drug Demand Reduction (NAPDDR)

Share on Twitter (External Website that opens in a new window)

Home

  • Website Inauguration Function.
  • Vocational Placement Cell Inauguration
  • Media Coverage.
  • Certificate & Recommendations
  • Privacy Policy
  • Science Project Metric
  • Social Studies 8 Class
  • Computer Fundamentals
  • Introduction to C++
  • Programming Methodology
  • Programming in C++
  • Data structures
  • Boolean Algebra
  • Object Oriented Concepts
  • Database Management Systems
  • Open Source Software
  • Operating System
  • PHP Tutorials
  • Earth Science
  • Physical Science
  • Sets & Functions
  • Coordinate Geometry
  • Mathematical Reasoning
  • Statics and Probability
  • Accountancy
  • Business Studies
  • Political Science
  • English (Sr. Secondary)

Hindi (Sr. Secondary)

  • Punjab (Sr. Secondary)
  • Accountancy and Auditing
  • Air Conditioning and Refrigeration Technology
  • Automobile Technology
  • Electrical Technology
  • Electronics Technology
  • Hotel Management and Catering Technology
  • IT Application
  • Marketing and Salesmanship
  • Office Secretaryship
  • Stenography
  • Hindi Essays
  • English Essays

Letter Writing

  • Shorthand Dictation

Hindi Essay on “Nasha Bandi” , ”नशाबंदी ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

नशाबंदी Nasha Bandi

नशा अर्थात् मादक पदार्थों के सेवन से प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति ग्रसित है। यहाँ तक कि अब महिलाओं में भी यह प्रवृत्ति घर करती जा रही है। वैसे तो इसका सेवन विश्व भर में हो रहा है पंरतु भारत में यह दर्द बनकर व्याप्त है। प्रतिदिन घटित घटनाओं से इसकी कुरीतियों और दुष्परिणामों की जानकारी प्राप्त होती है। यह कहना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि हमारी आधुनिक सभ्यता की यह एक पहचान बन गई है। आज का युवक इसका सेवन कर स्वंय को अधिक गौरवान्वित अनुभव करता है।

मादक पदार्थों का सेवन आधुनिक युग की देन है ऐसा नहीं है। इसका इतिहास उनता ही पुराना है जितना कि मानव इतिहास। हमारे प्राचीन ग्रथों में भी सोम व सुरा जैसे शब्दों का उल्लेख मिलता है। अतः शताब्दियों से यह प्रथा चलती आ रही है। आज ही की तरह हमारे पूर्वज भी मदिरापान व अन्य मादक द्रव्यों का खुले रूप में सेवन करते थे।

मादक पदार्थों को हम ड्रग्स के रूप में जानते हैं। अफीम, स्मैक, गाँजा, चरस, हेरोइन, माॅरफीन, शराब आदि पदार्थ ड्रग्स के ही अंतर्गत आते हैं। इस प्रकार हम देखते है कि समाज में ड्रग्स कई रूपों और नामों से विद्यमान है।

नशा अथवा मदिरा सेवन स्वास्थ्य तथा समाज सभी के लिए सभी प्रकार से हानिकारक है फिर भी इसका सेवन करने वालों की संख्या निरंतर बढ़ती ही जा रही है। यदि हम इनके कारणों पर दृष्टिपात करें तो हम पाते हैं कि इसके एक नहीं अनेक कारण हैं। आज प्रतिस्पर्धा का युग है। मनुष्य निरंतर अवसादों, दुःखों व उलझनांे से घिरा हुआ है। मदिरा का सेवन मनुष्य की समस्या का निदान तो नहीं करता परंतु मनुष्य इसके सेवन से कुछ क्षणों के लिए स्वयं को पृथक करने की चेष्टा करता है। वह इस भ्रामक स्थिति में रहता है कि इसका सेवन उसके मन को शक्ति व स्थिरता प्रदान करेगा। युवा वर्ग में अनेक युवक-युवतियाँ शराब व अन्य मादक द्रव्यों का सेवन इसलिए करते हैं ताकि वे स्वंय को आधुनिक सिद्ध कर सकें। उनकी धारणा है कि यदि वे इसका सेवन नहीं करेगे तो वे पिछड़े कहलाएँगे। कुछ लोग अपने राजनैतिक व आर्थिक स्वार्थ के लिए इसे प्रोत्साहित करते हैं। ऐसे लोगों का पूरा प्रयास रहता है कि इसकी जड़े और भी अधिक गहरी होती चली जाएँ ताकि उनका धंधा फलता-फूलता रहे।

नशाबंदी के प्रयास वैसे तो वर्षों से चल रहे हैं परंतु इनके वांछित परिणाम सकारात्मक नहीं हैं। आज भी यह उसी प्रकार व्याप्त है। मदिरा सेवन का पूर्व में हमारे राष्ट्रपिता गाँधी जी ने जमकर विरोध किया। इस दिशा में उनके प्रयास सराहनीय हैं। प्रशासनिक स्तर पर भी समय-समय पर नियम-कानून बनाए गए हैं। देश में कई राज्यों में अनेकों बार इसे रोकने के लिए कठोर कदम भी उठाए गए हैं। रेडियो, दूरदर्शन तथा समाचार-पत्रों के माध्यम से इसकी हानियों का निरंतर काव्य-गोष्ठियों, नाटकों सभा-सम्मेलन व अन्य जागृति शिविरों का आयोजन किया जा रहा हैं।

नशा-मदिरा सेवन को रोकने के लिए प्रशासनिक स्तर पर भी प्रयास पर्याप्त नहीं हैं। इसके विरोध में जन-जन में जागरूकता आवश्यक हैं। संपूर्ण जनमानस को इसके सेवन के विरूद्ध तैयार किए बिना नशाबंदी का लक्ष्य बहुत दूर ही रहेगा। वास्तव में विभिन्न नशीले पदार्थों की बिक्री से सरकारी खजाने मे अनायास ही भारी मुद्रा इकट्ठी हो जाती है जिसके कारण राष्ट्रीय स्तर पर नशाबंदी लागू करने का साहस कोई भी केंद्रीय सरकार नहीं जुटा पाई है। दूसरी ओर जब कोई राज्य सरकार यह कदम उठाती है तो वहाँ अन्य पड़ोसी राज्यों से नशीले पदार्थोंे की तस्करी होने लगती है। अवैध रूप से तैयार मदिरा का सेवन कई बार जानलेवा सिद्ध हो चुका है।

About evirtualguru_ajaygour

speech on nasha in hindi

commentscomments

' src=

I like the essay so much

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Links

speech on nasha in hindi

Popular Tags

Visitors question & answer.

  • Jayprakash on Hindi Essay on “Aitihasik Sthal ki Yatra” , ”ऐतिहासिक स्थल की यात्रा” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Diksha on Official Letter Example “Write a letter to Superintendent of Police for theft of your bicycle. ” Complete Official Letter for all classes.
  • Anchal Sharma on Write a letter to the Postmaster complaining against the Postman of your locality.
  • rrrr on Hindi Essay on “Pratahkal ki Sair” , ”प्रातःकाल की सैर ” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Mihir on CBSE ASL “Listening Test Worksheet” (ASL) 2017 for Class 11, Listening Test Audio Script 1

Download Our Educational Android Apps

Get it on Google Play

Latest Desk

  • Contemporary Indian Women-English Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 11 and 12 Students.
  • Privatisation: Strengths and Weaknesses-English Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 11 and 12 Students.
  • Greater political power alone will not improve women’s plight-English Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 11 and 12 Students.
  • Casteism and Electoral Politics in India-English Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 11 and 12 Students.
  • Wither Indian Democracy?-English Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 11 and 12 Students.
  • Do Not Put Off till Tomorrow What You Can Do Today, Complete English Essay, Paragraph, Speech for Class 9, 10, 11, 12, Graduation and Competitive Examination.
  • Shabd Shakti Ki Paribhasha aur Udahran | शब्द शक्ति की परिभाषा और उदाहरण
  • Shabd Gun Ki Paribhasha aur Udahran | शब्द गुण की परिभाषा और उदाहरण
  • Example Letter regarding election victory.
  • Example Letter regarding the award of a Ph.D.
  • Example Letter regarding the birth of a child.
  • Example Letter regarding going abroad.
  • Letter regarding the publishing of a Novel.

Vocational Edu.

  • English Shorthand Dictation “East and Dwellings” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines.
  • English Shorthand Dictation “Haryana General Sales Tax Act” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Deal with Export of Goods” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Interpreting a State Law” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • My Result Plus
  • Download App
  • आज का काव्य
  • आज का विचार
  • सोशल मीडिया
  • मेरे अल्फ़ाज़
  • किताब समीक्षा

आप अपनी कविता सिर्फ अमर उजाला एप के माध्यम से ही भेज सकते हैं

बेहतर अनुभव के लिए एप का उपयोग करें

लोकप्रिय विषय

  • विश्व काव्य
  • शायरी संग्रह
  • प्रेरणादायक

नशा - एक सामाजिक अभिशाप

Anika Jain

Recommended

UGC Rachna

आज का विचार: अमृतलाल नागर

कविता

Hindi Kavita: कैसे भरभरा कर गिर रहें हैं सभ्यताओं के ध्वज स्तंभ

anamika hindi kavita dheer dhere jagahein chhoot rahi hain

हिंदी कविता: अनामिका की कविता 'धीरे-धीरे जगहें छूट रही हैं'

ali zaryoun famous ghazal khwab ka khwab haqeeqat ki haqeeqat samjhein

अली ज़रयूं: ख़्वाब का ख़्वाब हक़ीक़त की हक़ीक़त समझें

उर्दू अदब

Ahmad Mushtaq Poetry: ज़िंदगी से एक दिन मौसम ख़फ़ा हो जाएँगे

कुत्ते तभी भौंकते हैं

अल्हड़ बीकानेरी की हास्य कविता- कुत्ते तभी भौंकते हैं

Amar Ujala Kavya brings you a collection of news related to poetry and literary world with hindi poems, hindi shayari , urdu poetry. Read shayari and one line shayari in hindi of different flavors like love shayari, sad shayari, romantic shayari, life shayari and masterpieces of great poets

  • Advertise with us
  • Cookies Policy
  • Terms and Conditions
  • Products and Services

 width=

अमर उजाला एप इंस्टॉल कर रजिस्टर करें और 100 कॉइन्स पाएं

केवल नए रजिस्ट्रेशन पर, अब मिलेगी लेटेस्ट, ट्रेंडिंग और ब्रेकिंग न्यूज आपके व्हाट्सएप पर.

Jobs

सभी नौकरियों के बारे में जानने के लिए अभी डाउनलोड करें अमर उजाला ऐप

speech on nasha in hindi

  • articles in hindi

स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024 पर भाषण - Independence Day Speech in Hindi

Independence day short speech in hindi:  गुरुवार, 15 अगस्त, 2024 को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए तैयार है। जागरण जोश के इस आर्टिकल में पाएं आसान और छोटा भारतीय स्वतंत्रता दिवस भाषण। यह 1 मिनट लंबे, 2 मिनट लंबे और 3 मिनट लंबे इंडिपेंडेंस डे शार्ट स्पीच आपके ऑडियंस के दिल को छू लेंगे। दिए गए independence day short speech in hindi का इस्तेमाल कक्षा 1 से 12 तक के स्कूली छात्र कर सकते हैं।.

Garima Jha

Short Independence Day Speech in Hindi: भारत देश 15 अगस्त, 2024 को अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा। अपना राष्ट्रीय ध्वज लहराते हुए, राष्ट्रीय गीत गाकर पूरा देश न सिर्फ आज़ादी का जश्न मनाएगा बल्कि अपने स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान को भी नमन करेगा। बच्चे एवं बुज़ुर्ग, सभी उन बहादुरों का सम्मान करेंगे जिन्होंने स्वयं की आहूति देकर 200 वर्षों के ब्रिटिश शासन से हिन्दुस्तान को स्वतंत्रता दिलाई थी।

लोकतंत्र, स्वतंत्रता, राष्ट्रीय गौरव और देशभक्ति का जश्न मनाने के लिए 15 अगस्त को स्कूलों और कार्यालयों  में  तिरंगा फहराया जाता है। देश के आने वाले पीढ़ीयों - आज के युवाओं को - आज़ादी का मतलब सीखाने  के लिए स्कूलों में भाषण प्रतियोगिता और सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसी विभिन्न गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। ऐसे में अपने सहपाठी, मित्र, शिक्षक इत्यादि के आगे यदि आपको स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देने के लिए चुना गया है तो यह गर्व की बात है।

Independence Day 2024 Short Speech in Hindi 

निम्नलिखित स्वतंत्रता दिवस के ये छोटे भाषण समझने में आसान और दिल को छू लेने वाले हैं।

  • स्वतंत्रता दिवस पर कविता हिंदी में - Independence Day Poem in Hindi

स्वतंत्रता दिवस शार्ट स्पीच इन हिंदी - 100 शब्दों में (Independence Day Speech in Hindi in 100 Words)

माननीय प्रधानाध्यापक, सभी शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों

आज, हम भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। सभी देशवासियों के लिए यह विशेष दिन है और हमारे दिलों को देश-प्रेम की वीर गाथाओं से भर देता है। भारत मां के बहादुर स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान के लिए हम उनको नमन करते हैं। आज भारत के सीमाओं की रक्षा करते सभी जवानों को हम कृतज्ञता से सलाम करते हैं।

15 अगस्त, 1947 को भारत को 200 वर्षों की ब्रिटिश गुलामी के बाद आज़ादी मिली। आज जब हम इस दिन को गर्व से मनाते हैं तो हमें ध्यान रखना चाहिए कि हम मातृभूमि के प्रति अपने कर्तव्यों को न भूलें।

यह दिन सिर्फ खुशी का दिन नहीं है। यह दिन है स्वतंत्रता सेनानियों के साहस और निस्वार्थता को याद करने का जिन्होंने हमारी स्वतंत्रता को सुरक्षित रखने के लिए दशकों तक संघर्ष किया। आइये हम खुद से और एक-दूसरे से वादा करें कि हम अपनी मातृभूमि के गौरव और सम्मान की रक्षा के लिए हर दिन काम करेंगे।

हिंदुस्तान जिंदाबाद था!

हिंदुस्तान जिंदाबाद है!!

स्वतंत्रता दिवस शार्ट स्पीच इन हिंदी - 200 शब्दों में (Independence Day Speech in Hindi in 200 Words)

आदरणीय प्रिंसिपल महोदय, शिक्षकगण और मेरे प्यारे दोस्तों, आज, जब हम भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए इकट्ठा हुए हैं, तो मेरा दिल गर्व से भर गया है। ये कोई आम दिन नहीं है। 15 अगस्त हमारे इतिहास में महत्वपूर्ण है क्योंकि इसी दिन हम भारतीय ब्रिटिश शाशन काल से स्वतंत्र हुए थे।आज हम अपने पूर्वजों के बलिदान का सम्मान करते हैं जिन्होंने हमारे देश को अंग्रेज़ों की हुकूमत से मुक्त कराने के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी। गांधी, नेहरू और बोस जैसे दूरदर्शी नेताओं और सेनानियों ने अटूट संकल्प के साथ यह लड़ाई लड़ी ताकि हमें लोकतंत्र का यह अनमोल उपहार मिल सके।

 अनेक जातियाँ, पंथ, धर्म, संस्कृतियाँ एकजुट होकर इस मजबूत राष्ट्र की नींव बनते हैं। आज जब हमारा तिरंगा हवा में ऊँचा लहराता है, हमें अपने स्वतंत्रता आंदोलन के मूल सिद्धांत, अहिंसा, विविधता और एकता को अपनाना चाहिए।

अपनी आज़ादी का जश्न मनाते समय, हमें मौजूदा चुनौतियों - असमानता, गरीबी और अशिक्षा - को भी संबोधित करना चाहिए। आज का युवा साथ मिलकर सांप्रदायिकता और भ्रष्टाचार का मुकाबला करने के लिए तैयार हैं।आज, हम भारत देश के जिम्मेदार नागरिक के रूप में, लोकतंत्र, समानता, न्याय और विविधता में एकता के आदर्शों को कायम रखते हुए अपने राष्ट्र को आगे ले जाने की प्रतिज्ञा करते हैं। आइए हम मिलकर देश की आजादी का जश्न मनाते हैं। मगर याद रखें दोस्तों, भारत का भविष्य अब हमारे हाथों में है। साथ मिलकर, हम भारत को वैश्विक मंच पर आगे बढ़ा सकते हैं और दुनिया के लिए अपने देश को प्रेरणा का प्रतीक बना सकते हैं।

स्वतंत्रता दिवस शार्ट स्पीच इन हिंदी - 300 शब्दों में (Independence Day Speech in Hindi in 300 Words)

आदरणीय प्रधानाचार्य, माननीय अतिथिगण, शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथियों 

आज, हम यहां 78वां भारतीय स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिए एकत्र हुए हैं। हमारा दिल गर्व से भर गया है। हम उन साहसी देशभक्तों को श्रद्धांजलि देते हैं, जिन्होंने भारत मां को ब्रिटिश शाशन के चंगुल से मुक्त कराने के लिए बहादुरी से लड़ाई लड़ी और अपार बलिदान दिया। यह दिन भारतीय इतिहास में वो मील का पत्थर है जो बहादुरी, एकता और देशप्रेम का शानदार प्रमाण है। यह दिन हमारे सिद्धांतों का प्रतीक है जो हमें राष्ट्र के रूप में एक साथ बांधते हैं।

हम आज यहां महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू, सुभाष चंद्र बोस और लाल बहादुर शास्त्री जैसे अनेक दिग्गजों के कंधों पर खड़े हैं, जिन्होंने अहिंसा, न्याय और सच्चाई के महान सिद्धांतों के साथ हमारा मार्गदर्शन किया। सत्य और न्याय के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता आज भी हमें प्रेरित करती है।

भारत की ताकत इसकी अद्वितीय विविधता में निहित है - बहुसंख्यक संस्कृतियों, परंपराओं, भाषाओं और मान्यताओं का समृद्ध मिश्रण। इस अवसर पर, आइए हम वादा करें की विविधता में एकता को कभी न खोएंगे।

भारत की स्वतंत्रता की राह लंबी और कठिन थी, लेकिन इस कठिन सफर के अंत पर एक स्वतंत्र और लोकतांत्रिक भारत का सपना था जिसके प्रति अटूट संकल्प, बलिदान और समर्पण से भरे हमारे पूर्वज थे।आज, जिम्मेदार नागरिक के रूप में, यह हम पर निर्भर करता है कि हम भारत देश के लोकतांत्रिक मूल्यों, धर्मनिरपेक्ष आदर्शों और न्याय के सिद्धांतों को बनाए रखें। आइए हम अपने अतुल्य भारत के दयालु और पर्यावरण के प्रति जागरूक युवा बनने का संकल्प लें।

शिक्षा हमारे राष्ट्र की प्रगति का आधार है। यह सशक्तिकरण का एक शक्तिशाली साधन है। यह हमारे युवाओं को ज्ञान, रचनात्मकता और नवाचार की नई ऊंचाइयों तक पहुंचने के लिए पंख प्रदान करता है। अपनी स्वतंत्रता का जश्न मनाते हुए, आइए हम भारतवासियों को अपनी सर्वोत्तम सेवा देने का वादा भी दोहराएँ। इस देश के शिक्षित युवाओं के रूप में, आइए हम शिक्षा और साक्षरता की ताकत से सभी देशवासियों को अपने पैरों पर खड़ा होने में मदद करने का वादा करें।

  • Independence Day 15 August Poems in English for School Children
  • Independence Day 15th August Essay in English for School Students
  • Speech on Independence Day 2023 in English for School Students and Children

आप जागरण जोश पर सरकारी नौकरी , रिजल्ट , स्कूल , सीबीएसई और अन्य राज्य परीक्षा बोर्ड के सभी लेटेस्ट जानकारियों के लिए ऐप डाउनलोड करें।

  • UGC NET Re Exam City Intimation Slip 2024
  • Rajasthan Pre DEIEd Result 2024 Live
  • mpbse.nic.in Supplementary Result 2024
  • Rajasthan Pre DEIEd Result 2024
  • UGC NET उत्तर कुंजी 2024
  • बिहार पुलिस SI प्रोबेशन मेंस एडमिट कार्ड 2024
  • एमपी पैट एडमिट कार्ड 2024
  • बीएसएफ कांस्टेबल भर्ती 2024
  • HBSE 12th Result 2024
  • JAC Class 12th रिजल्ट 2024

Latest Education News

IBPS RRB Clerk Exam Analysis 2024, 17 August: Shift 1 and 2 Paper Review, Difficulty Level, Good Attempts

UGC NET Admit Card 2024 Released at ugcnet.nta.ac.in: Download NTA Call Letter

Osmania University Results 2024 OUT at osmania.ac.in; Direct Link to Download Latest OU Degree Marksheet PDF

70th National Film Awards: Check the List of Winners Here

UPTAC Counselling 2024: BArch Round 1 Seat Allotment Result Out, Download at uptac.admissions.nic.in

Word Search Puzzle: Find the word “heat” in 10 seconds!

Visual Skill Test: Find the different lion in the picture in 6 seconds!

उत्तर प्रदेश में उर्दू भाषा का क्या है स्थान, जानें

India Post GDS 1st Merit List 2024: जारी होने वाली है इंडिया पोस्ट जीडीएस की मेरिट लिस्ट, यहाँ देखें सभी सर्किल का पीडीएफ

MJPRU Result 2024 OUT at mjpruiums.in; Download UG and PG Marksheet PDF

VMOU RSCIT Admit Card 2024; Direct Link to Download Hall Ticket PDF

KTU Result 2024 OUT at ktu.edu.in; Direct Link to Downlaod UG and PG Marksheet PDF

BSEB Sakshmta 2 Pariksha Admit Card 2024 Released: बिहार सक्षमता परीक्षा के एडमिट कार्ड यहाँ से करें Download Link

BHU UG Admission 2024 Round 1 Allotment Result Today, Download at bhucuet.samarth.edu.in

KEAM 2024: Kerala NEET UG Final Rank List Released at cee.kerala.gov.in, Get Direct Link Here to download PDF

UP Police Constable Exam Center List 2024: यूपी पुलिस कांस्टेबल परीक्षा के लिए सिटी स्लिप जारी, यहाँ देखें परीक्षा केन्द्रों की सूची

[Link OUT] UP Police Constable Exam City Slip 2024: UPPRPB कांस्टेबल प्री एडमिट कार्ड uppbpb.gov.in पर जारी, सभी डाउनलोड लिंक यहाँ देखें

BBMKU Admit Card 2024; Direct Link to Download UG Hall Ticket PDF

MSU Result 2024 OUT at msuniversity.ac.in, Direct Link to Download UG and PG Marksheet

RGUHS Result 2024 OUT at gnanasangama.karnataka.gov.in; Direct Link to Download UG Marksheet PDF

HindiVyakran

  • नर्सरी निबंध
  • सूक्तिपरक निबंध
  • सामान्य निबंध
  • दीर्घ निबंध
  • संस्कृत निबंध
  • संस्कृत पत्र
  • संस्कृत व्याकरण
  • संस्कृत कविता
  • संस्कृत कहानियाँ
  • संस्कृत शब्दावली
  • पत्र लेखन
  • संवाद लेखन
  • जीवन परिचय
  • डायरी लेखन
  • वृत्तांत लेखन
  • सूचना लेखन
  • रिपोर्ट लेखन
  • विज्ञापन

Header$type=social_icons

  • commentsSystem

मद्य निषेध या नशाबंदी पर निबंध - Nasha Bandi Par Nibandh

दोस्तों आज हमने मद्य निषेध या नशाबंदी पर निबंध लिखा है। यह निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 और 12 के लिए उपयुक्त है। Here you will...

मद्य निषेध पर निबंध / नशाबंदी पर निबंध 

मद्य निषेध या नशाबंदी पर निबंध .

स्खलन चेतना के कौशल का, मूल जिसे कहते हैं।  एक बिंदु जिसमें विषाद के, नद उमड़े रहते हैं।।
उसकी बेटी ने उठा रखी है दुनिया सर पर।  खैरियत गुजरी की अंगूर के बेटा ना हुआ।। 

नशाबंदी या मद्य निषेध पर निबंध 

मद्य निषेध : मदिरा पान एक सामाजिक कलंक पर निबंध .

Twitter

100+ Social Counters$type=social_counter

  • fixedSidebar
  • showMoreText

/gi-clock-o/ WEEK TRENDING$type=list

  • गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit गम् धातु के रूप संस्कृत में – Gam Dhatu Roop In Sanskrit यहां पढ़ें गम् धातु रूप के पांचो लकार संस्कृत भाषा में। गम् धातु का अर्थ होता है जा...
  • दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद - Do Mitro ke Beech Pariksha Ko Lekar Samvad Lekhan दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद लेखन : In This article, We are providing दो मित्रों के बीच परीक्षा को लेकर संवाद , परीक्षा की तैयार...

' border=

RECENT WITH THUMBS$type=blogging$m=0$cate=0$sn=0$rm=0$c=4$va=0

  • 10 line essay
  • 10 Lines in Gujarati
  • Aapka Bunty
  • Aarti Sangrah
  • Akbar Birbal
  • anuched lekhan
  • asprishyata
  • Bahu ki Vida
  • Bengali Essays
  • Bengali Letters
  • bengali stories
  • best hindi poem
  • Bhagat ki Gat
  • Bhagwati Charan Varma
  • Bhishma Shahni
  • Bhor ka Tara
  • Boodhi Kaki
  • Chandradhar Sharma Guleri
  • charitra chitran
  • Chief ki Daawat
  • Chini Feriwala
  • chitralekha
  • Chota jadugar
  • Claim Kahani
  • Dairy Lekhan
  • Daroga Amichand
  • deshbhkati poem
  • Dharmaveer Bharti
  • Dharmveer Bharti
  • Diary Lekhan
  • Do Bailon ki Katha
  • Dushyant Kumar
  • Eidgah Kahani
  • Essay on Animals
  • festival poems
  • French Essays
  • funny hindi poem
  • funny hindi story
  • German essays
  • Gujarati Nibandh
  • gujarati patra
  • Guliki Banno
  • Gulli Danda Kahani
  • Haar ki Jeet
  • Harishankar Parsai
  • hindi grammar
  • hindi motivational story
  • hindi poem for kids
  • hindi poems
  • hindi rhyms
  • hindi short poems
  • hindi stories with moral
  • Information
  • Jagdish Chandra Mathur
  • Jahirat Lekhan
  • jainendra Kumar
  • jatak story
  • Jayshankar Prasad
  • Jeep par Sawar Illian
  • jivan parichay
  • Kashinath Singh
  • kavita in hindi
  • Kedarnath Agrawal
  • Khoyi Hui Dishayen
  • Kya Pooja Kya Archan Re Kavita
  • Madhur madhur mere deepak jal
  • Mahadevi Varma
  • Mahanagar Ki Maithili
  • Main Haar Gayi
  • Maithilisharan Gupt
  • Majboori Kahani
  • malayalam essay
  • malayalam letter
  • malayalam speech
  • malayalam words
  • Mannu Bhandari
  • Marathi Kathapurti Lekhan
  • Marathi Nibandh
  • Marathi Patra
  • Marathi Samvad
  • marathi vritant lekhan
  • Mohan Rakesh
  • Mohandas Naimishrai
  • MOTHERS DAY POEM
  • Narendra Sharma
  • Nasha Kahani
  • Neeli Jheel
  • nursery rhymes
  • odia letters
  • Panch Parmeshwar
  • panchtantra
  • Parinde Kahani
  • Paryayvachi Shabd
  • Poos ki Raat
  • Portuguese Essays
  • Punjabi Essays
  • Punjabi Letters
  • Punjabi Poems
  • Raja Nirbansiya
  • Rajendra yadav
  • Rakh Kahani
  • Ramesh Bakshi
  • Ramvriksh Benipuri
  • Rani Ma ka Chabutra
  • Russian Essays
  • Sadgati Kahani
  • samvad lekhan
  • Samvad yojna
  • Samvidhanvad
  • Sandesh Lekhan
  • sanskrit biography
  • Sanskrit Dialogue Writing
  • sanskrit essay
  • sanskrit grammar
  • sanskrit patra
  • Sanskrit Poem
  • sanskrit story
  • Sanskrit words
  • Sara Akash Upanyas
  • Savitri Number 2
  • Shankar Puntambekar
  • Sharad Joshi
  • Shatranj Ke Khiladi
  • short essay
  • spanish essays
  • Striling-Pulling
  • Subhadra Kumari Chauhan
  • Subhan Khan
  • Suchana Lekhan
  • Sudha Arora
  • Sukh Kahani
  • suktiparak nibandh
  • Suryakant Tripathi Nirala
  • Swarg aur Prithvi
  • Tasveer Kahani
  • Telugu Stories
  • UPSC Essays
  • Usne Kaha Tha
  • Vinod Rastogi
  • Vrutant lekhan
  • Wahi ki Wahi Baat
  • Yahi Sach Hai kahani
  • Yoddha Kahani
  • Zaheer Qureshi
  • कहानी लेखन
  • कहानी सारांश
  • तेनालीराम
  • मेरी माँ
  • लोककथा
  • शिकायती पत्र
  • हजारी प्रसाद द्विवेदी जी
  • हिंदी कहानी

RECENT$type=list-tab$date=0$au=0$c=5

Replies$type=list-tab$com=0$c=4$src=recent-comments, random$type=list-tab$date=0$au=0$c=5$src=random-posts, /gi-fire/ year popular$type=one.

  • अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन - Adhyapak aur Chatra ke Bich Samvad Lekhan अध्यापक और छात्र के बीच संवाद लेखन : In This article, We are providing अध्यापक और विद्यार्थी के बीच संवाद लेखन and Adhyapak aur Chatra ke ...

' border=

Join with us

Footer Logo

Footer Social$type=social_icons

  • loadMorePosts

HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

नशा मुक्ति पर निबंध | Essay on Nasha Mukti In Hindi

नशा मुक्ति पर निबंध | Essay on Nasha Mukti In Hindi नशाखोरी भारतीय समाज में बड़ी समस्या बन चुकी हैं.

अक्सर लोग जीवन के तनाव तथा विफलताओं से पीछा छुड़ाने के लिए नशे की लत का सहारा लेते हैं, जिसका परिणाम एक दिन उन्हें नशे का गुलाम बना देता हैं.

ह्रदय की पवित्रता तथा विचारों की शुद्धता के लिए नशा मुक्ति बेहद जरुरी हैं. यह एक तरह का संघर्ष है जो आपकों उस लत के विरुद्ध करता हैं.

नशा मुक्ति पर निबंध Essay on Nasha Mukti In Hindi

नशा मुक्ति पर निबंध Essay on Nasha Mukti In Hindi

नशाखोरी समस्या एवं समाधान पर निबंध, नशा मुक्ति अभियान एवं जनकल्याण योजना : स्वास्थ्य को सबसे बड़ा धन माना गया हैं.

नशीले पदार्थों का सेवन करने हम स्वयं के दुशम न बन रहे हैं. यदि इंसान के पास पर्याप्त धन हो तो उसे नशीले पदार्थों के सेवन में व्यर्थ करने की बजाय अपने बच्चों की शिक्षा तथा आर्थिक विकास पर लगाना चाहिए.

मगर दुर्भाग्यवश ऐसा नही होता हैं. मुख्य रूप से निम्न वर्ग के लोगों में नशाखोरी की समस्या आम है वे अपनी कमाई का अधिकतर भाग नशे में ही खर्च कर देते हैं. यदि दूसरे शब्दों में कही तो ऐसे हालातों में परिवार के अन्य लोगों के लहू पीने जैसा हैं.

कैंसर जैसी बीमारियाँ इन्ही बुरी आदतों की वजह से आती हैं. 70 फीसदी से अधिक अपराध लोग नशे की हालत में करते हैं. अथवा उस अपराध को अंजाम तक पहुचाने के लिए ही नशा करते हैं.

यह भी सत्य है कि आप किसी नशेड़ी व्यक्ति को तर्क के आधार पर पराजित नहीं कर सकते हैं. उनके पास ऐसे कुतर्क होंगे जिनके जवाब आपके पास नहीं होंगे. मैं गम भुलाने के लिए पीता हूँ, नशा करने से दिमाग हल्का हो जाता है टेंशन दूर हो जाती हैं.

ऐसी परिस्थतियों में इन्होने मजबूरी में नशे को चुना अथवा नशा नहीं ये तो दवाई है इस तरह के सैकड़ों अकाट्य तर्क आपकों नशे करने वाले व्यक्ति से मिल सकते हैं.

यदि यही हकीकत होती तो विश्व के बड़े बड़े वैज्ञानिक और गणितज्ञ शराब की बोतल हमेशा अपने पास ही रखते तथा हर इन्सान जेब में शराब लेकर घूमता ताकि टेंशन होने पर दवा के रूप में घूट ले सके. जबकि असल में ऐसा नहीं हैं.

नशे की लत में व्यक्ति का शरीर सम्बन्धित वस्तु का आदि हो जाता हैं तथा उसे वह चीज मिलने पर ही राहत मिलती है तथा मस्तिष्क में सक्रियता आती हैं.

हमारे वेदों में दो प्रकार की मानवीय प्रवृतियों का उल्लेख मिलता है पहली तामसिक तथा दूसरी सात्विक. सात्विक प्रवृतियों को अच्छा माना गया हैं. इसमें मनुष्य की अच्छी आदतों को गिना जाता हैं.

सत्य बोलना, दूसरों की मदद करना आदि. जब दूसरे प्रकार में बुरे व्यसनों तथा आदतों को गिना जाता है तथा ये व्यक्ति के चरित्र को पतन की तरफ ले जाती हैं.

एक नशेड़ी किसी भी समाज के लिए कलंक होता हैं. इन बुरी प्रवृतियों का आना संगत का बड़ा कारण हैं. यदि बचपन से बालक का ध्यान रखा जाए तो उसे इस प्रकार की दुष्प्रवृत्तियों से बचाया जा सकता हैं.

सामाजिक तथा धार्मिक नेताओं को भी चाहिए वे अपने समाज में लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करे. उन समस्त प्रेरणाओं की पहचान कर उसका खात्मा करे जो व्यक्ति को नशे की प्रवृति में धकेल देते हैं.

शराब को सब बुराइयों की जड माना जाता हैं. वैसे किसी भी नशे को आप अधिक बुरा या कम बुरे के रूप में वर्गीकृत नहीं कर सकते हैं.

मगर शराब में व्यक्ति अपना शारीरिक एवं मानसिक दोनों तरह के संतुलन को गवा देता हैं. किसी भी समाज में शराबी को अच्छी नजर से नहीं देखा जाता हैं.

कोई भी नशा अपनी आरम्भिक अवस्था में शौक ही होता हैं. अपने दोस्त के साथ मौज मस्ती में कुछ दिन मन बहलाने के लिए मादक पदार्थों का सेवन किया जाता हैं, मगर ये ही शौक आगे जाकर नशाखोरी में अथवा मजबूरी में बदल जाते हैं.

जहाँ व्यक्ति के लिए उनका सेवन अनिवार्य बन जाता हैं. फिर स्वयं के विवेक से उसका त्याग कर देना अथवा स्वास्थ्य के लिहाज से वह चीज अच्छी नहीं है इस हिसाब से त्याग कर देने से काफी दूरी बन जाती हैं.

नशे में धूत व्यक्ति को इस बात का संज्ञान नहीं रहता है कि वह कहाँ है किसके सामने हैं तथा क्या बात कर रहा हैं. वह किसी वैचारिक दुनियां में अपने दिमाग को ले जाता हैं.

उसके लिए समाज, मर्यादा, बहु बेटी, छोटे बड़े का फर्क शून्य हो जाता हैं. आमोद प्रमोद के लिए वह किसी हद तक भी जा सकता हैं.

एक आधुनिक समाज में नशा सबसे घातक बुराई हैं, जो न सिर्फ व्यक्ति को शारीरिक, मानसिक तथा आर्थिक रूप से ही बदहाल नहीं करते बल्कि परिवार के परिवार बर्बाद कर देती हैं. आपने भी कई ऐसे व्यसनी लोगों को अपने जीवन में देखा होगा, जिनकी एक बुरी आदत या यूँ कहे एक गलती ने उनके जीवन को तबाह कर दिया हैं.

उस परिवार की कल्पना करिए जिसमें पांच छः सदस्य हो तथा घर का एकमात्र मुखिया जो कमाता हैं. उसे नशे की लत हैं. परिवार के सभी सदस्य उनके घर आने का इन्तजार कर रहे है जिससे चूल्हा जलाया जाए,

मगर यदि वही हाथ में शराब की बोतल लिए अश्लील बाते कहते हुए घर में आकर मारपीट शुरू कर दे, परिवार के सदस्यों का जीवन कैसा होगा.

उन्हें शारीरिक चोट से ज्यादा मान सम्मान का नुक्सान होता हैं. पड़ोसी उन पर हंसने लगते हैं. शराबी की बीबी बेटा जैसे शब्दों से सम्बोधित किया जाता हैं.

हमें संकल्प करना चाहिए कि हम एक नयें विचारों का समाज बनाए. जिसमें इन सामाजिक बुराइयों का कोई स्थान न हो. जो व्यक्ति नशेड़ी हैं.

कोशिश करे उन्हें यह लत छुडाएं तथा एक अच्छे समाज का सदस्य होने के नाते उनके कठिनाई भरे जीवन पर बुरे कमेन्ट करने की बजाय उनका इस बुराई से पीछा छुड़ाने में मदद करे.

अपने समाज के लोगों को भी जागरूक बनाए तथा भविष्य में कोई भी व्यक्ति इस गलत राह को न चूने इसके लिए विशेष रूप से जागरूक रहे.

One comment

Leave a reply cancel reply.

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Accessibility Tools

  • Increase Text
  • Decrease Text
  • High Contrast
  • Negative Contrast
  • Links Underline
  • Readable Font

speech on nasha in hindi

Nasha Mukt Bharat Abhiyaan

Ministry of Social Justice & Empowerment Govt. of India

NMBA Logo

Join Nasha Mukt Bharat Abhiyaan! Take e-pledge today! 171915

National Deaddiction Helpline: 14446 View Dashboard

speech on nasha in hindi

Los Angeles

PM Man Ki Baat

speech on nasha in hindi

NMBA organises "Pledge Against Drug Abuse" in the presence of Dr. Virendra Kumar, HMSJE.

speech on nasha in hindi

121185156 +

People reached.

counter icon

Youth Reached

counter icon

Women Reached

counter icon

Educational Institutions Covered

27,75,807 +, persons treated and rehabilitated, 11,28,47,989 +, 3,55,53,898 +, 2,35,84,437 +, don't hesitate to seek help on drug addiction. call 14446 today.

The NCB-MANAS Portal helps you report drug-related issues and combat crime.

or Contact NBC Helpline

Forum & Discussion

Have a question related to substance/drug use and it’s related topics Ask a question to our experts

speech on nasha in hindi

Dr Seema P Uthaman

Vice principal., imhans,calicat.

speech on nasha in hindi

Dr Krishan Sony

Associate professor (clinical psychology), dept. of psychiatry., pgimer, chandigarh.

speech on nasha in hindi

Ms Manasi Jain

Clinical psychologist, former scholar., sir/madam why do some people get addicted to substances easily and others dont"" answered by:ms manasi jain.

The risk of Addictions lurks for everyone. Although some people have higher chances of getting addicted than others. It depends on multiple factors. Some of them are Genetics: If you have a family history of addictions you are more likely to get one Environmental: lack of parental involvement or abuse/neglect increase chances of addictions, Peer pressure can lead a person to try hazardous and more addictive substances, and availability of alcohol or drugs in your social circle also increase chances of addiction Psychological: People with ‘negative emotionality’ that is people who experience negative emotions like irritability, anger, sadness has greater risk of falling prey to addictions. Psychological stress can also lead a person to try substances to feel relieved temporarily Age: Earlier the use, greater the chance of addiction. Adolescents and young adults (18-24yrs) are more likely to getting addicted to substances Type of Drug used: drugs like cocaine and heroine have severely painful withdrawal symptoms and so are much more addictive than alcohol Method of use: Drugs that are smoked or injected into your body tend to be more addictive as they directly go to the bloodstream and brain than those that you swallow where passing through liver can lead to some filtration Mental Illness: A person who is mentally ill is more prone to addictions and a person who is addicted are more likely to develop a mental illness or experience worsening of already existing symptoms

What is meant by withdrawal symptom? Does every one get withdrawal symptom after discontinuing from substance use? "?" Answered by:Ms Manasi Jain

Withdrawal symptoms are a combination of physical and mental side effects a person experiences while trying to either stop or reduce the use of the substance they have been using or are addicted to. These are usually unpleasant experiences which make it difficult to reduce or quit the substance. Some of the common withdrawal symptoms are nausea, vomiting, restlessness, tremors, disturbance in mood (irritability, depression, anxiety), lack of sleep, body pains, craving for the substance, running nose etc Withdrawal symptoms can vary from person to person. The intensity and duration of the withdrawal symptoms depends on many factors like the genetic/biological makeup of the person, the type and time of drug abused, the age and psychological characteristics of the person. With the right medical support, it becomes much easier to deal with the withdrawal symptoms and there is a high hope for success in quitting the substance.

Online Session

speech on nasha in hindi

Agenda: NMBA organises Pledge against Drug Abuse

Event Date: 12-08-2024

Event Time: 09:00 AM

Link: https://www.facebook.com/share/1ZgiiTUjs5X27Ens/

Video Gallery

Let's Get Social

Follow and connect with us on our Social Media Pages to see the latest updates on the Nasha Mukt Bharat Abhiyaan

View this post on Instagram A post shared by Nasha Mukt Bharat Abhiyaan (@nashamuktbharatabhiyaan)

GEO Tagged De-addiction Facilities

speech on nasha in hindi

Integrated Rehabilitation Center for Addicts (IRCAs)

Community peer led intervention (cpli), outreach and drop in centres (odic).

State Level Coordinating Agency (SLCAs)

De-addiction and Rehabilitation Centres

speech on nasha in hindi

Institutions for Drug Demand Reduction Supported by the Ministry

The ministry supports organizations that work for preventive education & awareness generation on substance abuse, capacity building, treatment and rehabilitation. These organizations are:

service icon

Integrated Rehabilitation Center for Addicts (IRCAs) are de-addiction centres with inpatient facilities of counselling and treatment for drug dependent persons

service icon

Community Peer led Intervention (CPLI) work with the community with youth volunteers for early preventive education especially for vulnerable adolescents and youth in the community.

service icon

Outreach and Drop in Centres (ODIC) provides facilities of screening, assessment and counselling along with providing referral and linkage to treatment and rehabilitation services for drug dependents.

service icon

GEO Location

Ministry supported institutions providing Drug addiction counseling, treatment and rehabilitation and other facilities have been Geo-tagged to make their services accessible and easier to locate

Messages for the Abhiyaan

Some words about the Nasha Mukt Bharat Abhiyaan

The Nasha Mukt Bharat Abhiyaan is one prime nation building initiative because it focuses on the healthy and disciplined youth. NMBA will bring together the regulatory agencies like Narcotics Bureau, State and District Government, Police, NGOs, Hospitals, etc. so that they can work together in a coordinated manner to make India drug-free.

quote

Dr Virendra Kumar

Nasha Mukt Bharat Abhiyaan is a flagship campaign to enhance the evidence based approach towards substance abuse. The approach of the Abhiyaan is contemporary to engage youth and comprehensive to converge the activities done by all the stakeholders for a common goal of making India free of substance abuse.

quote

Shri Ramdas Athawale

Nasha Mukt Bharat Abhiyaan is a national initiative focused on achieving a Drug-Free India. It actively involves youth, women, and community members, with particular emphasis on higher education institutions, youth clubs, and women's groups. The campaign aims to spread awareness about the dangers of substance abuse, reaching out to every citizen. Through early prevention and community engagement, this movement strives to foster a healthier and happier society, encouraging a collective effort towards eliminating substance abuse.

quote

Shri B. L. Verma

Nasha Mukt Bharat Abhiyaan, operational in all the districts of the country is a mass movement towards a Drug Free India. We aim to reach through this campaign, every citizen in the country and move towards a healthier and happier society.

quote

Shri Amit Yadav

The Nasha Mukt Bharat Abhiyaan intends to reach out to the masses and spread awareness on the issue of substance abuse through active participation of the youth, women and the community. Special emphasis is laid on the institutions of Higher Education, Youth Clubs & Women Groups to reach out to those vulnerable to substance use for early age prevention.

quote

Smt. Radhika Chakravarthy

Sign up for the newsletter.

Subscribe to stay updated on the monthly activities being conducted for the Nasha Mukt Bharat Abhiyaan across the country!

speech on nasha in hindi

Form Saved Successfuly!

warning Hello, world! This is a toast message.

TOI logo

  • PM Modi's speech on 78th Independence Day: Full text

PM Modi's speech on 78th Independence Day: Full text

PM Modi's speech on 78th Independence Day: Full text

PM Narendra Modi's 78th Independence Day Speech from Red Fort

Full text of PM Modi's speech

author

IMAGES

  1. nasha mukti speech in hindi

    speech on nasha in hindi

  2. nasha mukti par slogan in hindi

    speech on nasha in hindi

  3. नशा मुक्ति पर निबंध (250, 500 और 800 शब्दों में)

    speech on nasha in hindi

  4. 50+ नशा मुक्ति स्लोगन

    speech on nasha in hindi

  5. नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में

    speech on nasha in hindi

  6. nasha mukti par slogan in hindi

    speech on nasha in hindi

COMMENTS

  1. नशा मुक्ति पर निबंध (250, 500 और 800 शब्दों में)

    नशा मुक्ति पर निबंध (250 शब्द) हमारे देश का उज्जल भविष्य युवाओं पर टिका होता है। अगर देश की युवा पीढ़ी ही गलत रास्ते में जाने लगे तो ...

  2. नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में

    नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Essay on Nasha Mukti in Hindi. ByJiya Iman. आज नशा हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बहुत तेजी के साथ फैल रहा है ...

  3. नशा (Nasha )

    1.1. नशा (Nasha ka prabhav ) - युवा और देश पर दुष्प्रभाव , कारण और बचाव पर निबंध । Nasha Ka Yuva Or Samaj Par Prabhav, karan , bachav Eassy in Hindi

  4. नशा मुक्ति पर निबंध

    नशा मुक्ति पर निबंध (Essay on nasha mukti in Hindi): नशा मनुष्य जीवन का एक बड़ा शत्रु बन गया है. बहुत सारे लोग नशा के पीछे दीवाना होते जा रहे हैं.

  5. नशा मुक्ति पर निबंध 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में

    यहाँ पढ़ें Nasha Mukti par Nibandh 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में | नशा मुक्ति पर निबंध - संपूर्ण जानकारी और उपाय | जानिए नशे से कैसे मुक्त हों।

  6. Nasha Mukti

    नशे से बचे रहने की कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि बाहरी दुनिया का प्रभाव बहुत शक्तिशाली होता है, लेकिन अगर बच्चा खेलों में है तो इस ...

  7. नशा मुक्त भारत अभियान 2023 निबंध (महत्व) लाभ-हानि Nasha Mukta Bharat

    नशा मुक्त भारत अभियान 2023 (उद्देश्य, फ़ायदा, नुकसान ) नशा मुक्त भारत अभियान 2023 निबंध (महत्व) लाभ-हानि Nasha Mukta Bharat Abhiyan Essay In Hindi हमारे देश में आजकल लोगों में नशे की आदत ...

  8. नशा निषेध दिवस 2024 पर निबंध Nasha Nished Divas Essay In Hindi

    December 28, 2023 Kanaram siyol HINDI NIBANDH. नशा निषेध दिवस 2024 पर निबंध Nasha Nished Divas Essay In Hindi: 26 जून को विश्व नशा निवारण दिवस दुनिया भर में मनाते हैं. यूएनओ की पहल के तहत ...

  9. नशे पर निबंध

    नशा पर निबंध - Nasha Mukt Bharat in Hindi. Nasha Mukti Essay in Hindi. Nasha Essay In Hindi - नशा एक अभिशाप है । यह एक ऐसे मादक और उत्तेजक पदार्थ है, जिनका प्रयोग करने से व्यक्ति ...

  10. नशा मुक्ति पर निबंध

    100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh. ... नशा मुक्ति पर निबंध Essay on Nasha Mukti In Hindi. देश के लिए युवा उसकी सबसे बड़ी सम्पति होते है. पर आज हमारे देश के ...

  11. नशा मुक्त भारत अभियान

    प्रमुख बिंदु: नशा मुक्त भारत अभियान वर्ष 2020-21 के लिये देश के 272 ज़िलों में शुरू किया गया है।. यह अभियान न केवल संस्थागत सहयोग पर, बल्कि ...

  12. नशा और युवा वर्ग पर निबंध

    एक व्यक्ति जब नशा करना शुरू कर देता है तो उसका घर परिवार का जीवन में अंधेरा छा जाता है। दुख तो इस बात का है कि यह सब जानने के बावजूद भी युवा पीढ़ी नशे का ...

  13. नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में

    मुख्यपृष्ठ Nasha Mukti Par Nibandh नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में | Nasha Mukti Par Nibandh 100-500 Words जून 11, 2023 कक्षा 1 से कक्षा 10 के लिए निबंध / essay for class 1 to class 10

  14. Essay on Nasha Mukti in Hindi

    Short Essay on Nasha Mukti in Hindi Language - नशा मुक्ति पर निबंध ( 200 words ) आज के युवाओं में नशे के सेवन का प्रचलन बहुत ज्यादा देखने को मिलता है। वह शराब, गुटखा ...

  15. Hindi Speech : Nasha Mukti (De addiction)

    श्रीगंगानगर के डाबला में समाज के खुले मंच से नशा मुक्ति पर एक ...

  16. नशा मुक्ति पर निबंध (Essay)

    नशा मुक्ति पर निबंध हिंदी में - Nasha Mukti Par Nibandh . नशा मुक्ति पर निबंध : नशा स्वास्थ के लिये हानिकारक होता है यह हमारे शरीर को धीरे-धीरे करके मारता है यह कैंसर ...

  17. नशा मुक्ति पर निबंध- Essay on Nasha Mukti in Hindi

    नशा मुक्ति पर निबंध- Essay on Nasha Mukti in Hindi. भूमिका- किसी भी राष्ट्र की जनता ही वहाँ की सबसे बड़ा धन और ताकत होती है और यदि जनता का भविष्य ही अंधकार में चला जाए तो वह ...

  18. नशा मुक्त भारत अभियान| भारतीय राष्ट्रीय पोर्टल

    The Minister for Social Justice & Empowerment Shri Thawaarchand Gehlot launched the website for the Nasha Mukt Bharat Abhiyaan (NMBA) on the occasion of International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking on 26 June 2021, which is observed worldwide to strengthen action and cooperation in achieving the goal of a sustainable world free of substance abuse.

  19. Hindi Essay on "Nasha Bandi" , "नशाबंदी

    नशाबंदी Nasha Bandi. नशा अर्थात् मादक पदार्थों के सेवन से प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति ग्रसित है। यहाँ तक कि अब महिलाओं में भी यह प्रवृत्ति घर करती जा रही है। वैसे ...

  20. Nasha

    Amar Ujala Kavya brings you a collection of news related to poetry and literary world with hindi poems, hindi shayari, urdu poetry. Read shayari and one line shayari in hindi of different flavors like love shayari, sad shayari, romantic shayari, life shayari and masterpieces of great poets

  21. स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त 2024 पर भाषण

    Independence Day Short Speech in Hindi: गुरुवार, 15 अगस्त, 2024 को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने ...

  22. मद्य निषेध या नशाबंदी पर निबंध

    मद्य निषेध या नशाबंदी पर निबंध - Nasha Bandi Par Nibandh. मदिरापान या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन हानिकारक होता है। आज के मद्य निषेध पर Long तथा Short ...

  23. नशा मुक्ति पर निबंध

    नशा मुक्ति पर निबंध | Essay on Nasha Mukti In Hindi नशाखोरी भारतीय समाज में बड़ी समस्या बन चुकी हैं. अक्सर लोग जीवन के तनाव तथा विफलताओं

  24. नशा मुक्ति पर निबंध

    नशा मुक्ति पर निबंध | Essay On Nasha Mukti In Hindi | नशा मुक्ति पर निबंध 150 शब्दों में👉 Your Queries ...

  25. Home

    Nasha Mukt Bharat Abhiyaan is a national initiative focused on achieving a Drug-Free India. It actively involves youth, women, and community members, with particular emphasis on higher education institutions, youth clubs, and women's groups. The campaign aims to spread awareness about the dangers of substance abuse, reaching out to every citizen.

  26. Raksha Bandhan 2024 Essay In Hindi Rakhi Par Nibandh Short Speech And

    Rakhi Par Nibandh, Raksha Bandhan 2024 Essay In Hindi 2024: रक्षाबंधन का त्योहार आने वाला है। भाई-बहनों ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। रंग-बिरंगी राखी से बाजार सज गए हैं ...

  27. AI Overviews on Google Search arrives in India with Hindi option, text

    Additionally, Google Search in India is now equipped with text-to-speech meaning that users will be able to listen to the information they google. The controversy around AI Overviews. AI Overviews got off to a bumpy start when it was first rolled out in the US in May 2024.

  28. PM Modi's speech on 78th Independence Day: Full text

    NEW DELHI Prime Minister Narendra Modi delivered his longest Independence Day speech on Thursday, lasting 98 minutes. This surpassed his previous record of 96 minutes set in 2016. PM Modi's ...