नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में | Essay on Nasha Mukti in Hindi
आज नशा हमारे देश में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में बहुत तेजी के साथ फैल रहा है। इसके प्रभाव में सबसे ज्यादा छोटी उम्र के लोग आ रहे हैं। ऐसे में सरकार अपनी तरफ से काफी कोशिश कर रही है जिससे कि लोगों को नशे से छुटकारा दिलवाया जा सके। इसी वजह से स्कूलों में बच्चों को खासतौर पर नशे की बुराइयों के बारे में समझाया जाता है जिससे कि वो नशे से बचे रहें। कई बार परीक्षा में और किसी कंपटीशन में नशा मुक्ति पर निबंध या नशे से होने वाले नुकसान पर निबंध लिखवाए जाते हैं। अगर आप भी नशा मुक्ति निबंध के बारे में जानकारी ढूंढ रहे हैं तो हमारे आज के इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें और जानें की नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में कैसे लिखें।
नशा मुक्ति पर निबंध 100 शब्दों में
नशा आज हमारे समाज के लिए एक बहुत ही गंभीर समस्या बन चुका है। इसके कारण बहुत से युवाओं का जीवन बर्बाद हो रहा है। एक बार नशे की लत अगर किसी व्यक्ति को लग जाती है तो तब वह चाहते हुए भी इसे छोड़ नहीं पाता। ऐसे में व्यक्ति के सामाजिक और व्यक्तिगत जीवन को नशे से बहुत ज्यादा नुकसान पहुंचता है। नशा एक तरह का नहीं होता बल्कि कई तरह का होता है जैसे कि शराब, भांग, अफीम, बीयर, बीड़ी, सिगरेट, ड्रग्स इत्यादि।
पर सवाल यह है कि आखिर लोग नशा क्यों करते हैं? हर इंसान के नशा करने के पीछे अलग-अलग कारण होते हैं। कोई व्यक्ति शौकिया तौर पर नशा करता है तो कोई किसी दुख को भुलाने के लिए। लेकिन अगर नशीले पदार्थों की बिक्री पर अगर सरकार रोक लगा दे तो काफी हद तक इससे छुटकारा पाया जा सकता है। सरकार के साथ-साथ पूरे देश की जनता को भी इसमें सहयोग करना चाहिए।
नशा मुक्ति पर निबंध 150 शब्दों में
हर देश की तरक्की और उसका भविष्य उस देश के युवाओं के ऊपर निर्भर होता है। लेकिन यदि देश की युवा पीढ़ी नशा करने लगे तो ऐसे में उस देश को बर्बाद होने से कोई नहीं बचा सकता। परंतु कुछ युवाओं को यह बात समझ में नहीं आती और वे नशे करने को बहुत अच्छा समझते हैं। यही वजह है कि आज ज्यादातर युवा गुटखा, सिगरेट, बीड़ी, तंबाकू और शराब जैसे मादक पदार्थों से नशा करते हैं।
हालांकि हमारे देश की सरकार भी बहुत सारे नशा मुक्ति अभियान चला रही है पर फिर भी नशा करना बढ़ता ही जा रहा है। यही कारण है कि आज लोगों में कई प्रकार की भयानक बीमारियां जैसे कि मुंह का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर इत्यादि देखीं जा रहीं हैं। ऐसे में देश के लोगों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए सभी लोगों को प्रयास करने चाहिए। लोगों को नशे से होने वाले नुकसानों के बारे में जानकारी देकर उनमें जागरूकता लानी होगी।
नशा मुक्ति पर निबंध 250 शब्दों में
किसी भी देश के लिए वहां के लोग यानी कि जनता बहुत महत्वपूर्ण होती है। पर अगर जनता गलत रास्ते पर चलने लगे तो ऐसे में वो देश फिर कभी भी आगे नहीं बढ़ सकता। आज जिस तरह से हमारे देश भारत के कई युवा लोग नशे के आदी बन चुके हैं इससे उनका भविष्य अंधकार में जा रहा है। शराब, सिगरेट, बीड़ी, अफीम, हीरोइन जैसे नशीले पदार्थ व्यक्ति को अंदर से खोखला कर देते हैं। नशीले पदार्थों का सेवन करने का मतलब है मौत को न्यौता देना।
नशे से होने वाले नुकसान
जो व्यक्ति नशा करता है समाज में कोई भी उसका सम्मान नहीं करता। नशे करने वाला इंसान नशा करने के बाद अपने परिवार के लोगों से लड़ाई झगड़ा करता है जिसकी वजह से घर का माहौल खराब होता है। इसके अलावा जो लोग नशा करते हैं उनकी जिंदगी में कभी भी खुशियां नहीं आ सकतीं और ना ही उनके पास पैसा रहता है। जब कोई इंसान नशे का आदी हो जाता है तो तब वह चोरी और दूसरे अवैध काम भी करने लगता है।
नशा मुक्ति के कुछ उपाय
नशे जैसी खतरनाक आदत को छुड़ाने के लिए एक नहीं अनेकों प्रयास करने होंगे जैसे कि –
- लोगों को नशे के नुकसान बताने चाहिएं और उनमें जागरूकता लानी चाहिए।
- सरकार द्वारा नशे के ऊपर पूरी तरह से प्रतिबंध लगा देना चाहिए और अगर कभी कोई व्यक्ति नशा करता हुआ पकड़ा जाए या फिर नशीले पदार्थों को बेचते हुए पकड़ा जाए तो तब उसे कड़ी सजा दी जानी चाहिए।
- लोगों को नशे की लत छुड़वाने के लिए सरकार ने बहुत सारे नशा मुक्ति केंद्र खोले हैं। इसलिए हम सब की यह जिम्मेदारी है कि अगर हमारे घर के आस-पास कोई व्यक्ति नशा करता है तो उसे नशा छोड़ने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए और उसे नशा मुक्ति केंद्र में इलाज के लिए भेजना चाहिए।
नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में
आज हमारे देश में अधिकतर लोगों में नशे की आदत बढ़ती जा रही है। चिंता की बात यह है कि युवा वर्ग खासतौर से नशे की चपेट में आ रहा है। युवा लोगों को नशे की आदत इतनी ज्यादा लग गई है कि उन्हें नशे के अलावा कोई दूसरा काम सुझाई नहीं देता। यही वजह है कि भारत सरकान ने देश के नौजवानों को और व्यस्को को नशे से बचाने के लिए बहुत सारे प्रयास किए हैं। लेकिन सरकार अपने प्रयासों में तभी सफल होगी जब लोग भी इसमें अपना सहयोग देंगें।
नशा करने से होने वाले नुकसान
नशा करने के नुकसान एक नहीं बहुत सारे हैं जिनके बारे में जानकारी निम्नलिखित है –
- नशा व्यक्ति के बाहरी और आंतरिक शरीर को नुकसान पहुंचाता है।
- नशा करने के बाद व्यक्ति सही गलत में फर्क नहीं कर पाता जिसकी वजह से वह कई बार अपने साथ-साथ दूसरे लोगों को भी नुकसान पहुंचा देता है।
- जो लोग नशा करते हैं वो हमेशा अपने घर में झगड़े करते हैं। ऐसे में आपसी मनमुटाव और झगड़ों की वजह से कई बार लोगों का पारिवारिक जीवन नर्क बन जाता है।
- नशे की वजह से व्यक्ति को कई प्रकार की बीमारियां लग जाती है और कई बार तो उसे अपनी जिंदगी से हाथ धोना पड़ता है।
- जो लोग नशा करते हैं उनकी समाज में कोई भी इज्जत नहीं करता और ऐसे लोगों को कहीं पर भी काम नहीं मिलता।
लोग नशा क्यों करते हैं
आजकल नशा एक फैशन की तरह बन गया है जिसे युवा पीढ़ी और व्यस्क लोग खुलेआम करते हैं। कई बार लोग नशा सिर्फ इसलिए करते हैं कि वो अपने मन को दुखों से छुटकारा दिलाना चाहते हैं। परंतु उन्हें नहीं पता कि अगर नशे में इतनी ताकत होती कि वह किसी व्यक्ति के दुखों को खत्म कर दे तो फिर दुनिया भर में कोई भी दुखी इंसान नहीं होता। कई बार लोग अपने दोस्तों के कहने पर शराब या अफीम का सेवन करते हैं और धीरे-धीरे वो फिर उसके आदी बन जाते हैं। लेकिन उन्हें नहीं पता कि नशा अनेकों बुराइयों को जन्म देता है और व्यक्ति के जीवन को असंतुलित बना देता है।
नशा मुक्ति के लिए किए जाने वाले प्रयास
नशा मुक्ति के लिए वैसे तो हमारी सरकार द्वारा बहुत सारे प्रयास किए जा रहे हैं लेकिन वो प्रयास तभी सफल होंगे जब जनता भी अपना भरपूर योगदान देगी। सरकार को चाहिए कि वह देश को नशा मुक्त करने के लिए कठोर कानून बनाए और उनका फिर कठोरता के साथ पालन किया जाए। कानून को ऐसे लोगों को माफ नहीं करना चाहिए जो नशा करते पकड़े जाएं या फिर जो लोग नशे का कारोबार करते हैं। इसके लिए हमारे देश में बहुत सारी सरकारी और गैर सरकारी संस्थाएं भी हैं जो नशा मुक्ति अभियान चलाकर लोगों को जागरुक कर सकती हैं।
इस बात का हमेशा ध्यान रखना चाहिए कि जो लोग नशा करते हैं वे एकदम से नशे से मुक्त नहीं हो सकते बल्कि ऐसे लोगों को समझा-बुझाकर और प्यार के माध्यम से ही सही रास्ते पर धीरे-धीरे लाया जा सकता है। नशा करने वाले लोगों की मन की स्थिति को बदलने में टाइम लगता है और इसके लिए नशा मुक्ति केंद्रों से उनका उपचार करवाना चाहिए।
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दोस्तों यह था हमारा आज का आर्टिकल नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में। इस पोस्ट में हमने आपको बताया कि आप किस प्रकार से नशा मुक्ति पर निबंध अलग-अलग शब्दों में लिख सकते हैं। हमें पूरी आशा है कि हमारा यह लेख आपके लिए काफी लाभदायक रहा होगा। इसलिए हमारी आप से रिक्वेस्ट है कि हमारे इस आर्टिकल को ऐसे लोगों के साथ भी जरूर शेयर करें जो नशा मुक्ति पर निबंध 100, 150, 250, 500 शब्दों में ढूंढ रहें हैं।
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नशा मुक्ति पर निबंध – Essay on Nasha mukti in Hindi
नशा मुक्ति पर निबंध (Essay on Nasha mukti In Hindi): भोजन, वस्त्र और आश्रय मनुष्य के लिए आवश्यक है. इसके अलावा, अपने ज्ञान और बुद्धि के विकास के लिए और आरामदायक जीवन जीने के लिए और कुछ द्रव्यों का आवश्यकताएं अपने लिए प्रदान करता है. लेकिन कुछ लोग अस्थायी खुशी के लिए भिन्न भिन्न प्रकार के नशीले द्रव्यों का सेवन करते हैं. यह नशा की लत के आदी होने के बाद वे इसे छोड़ नहीं सकते है. समय के साथ यह उनकी आदतों की जरूरतों का रूप ले लेता है और उनके व्यक्तिगत और सामाजिक जीवन को बहुत नुकसान पहुंचाता है.
अगर आप student है तो ये लेख आपके लिए है. तो चलिए हमारे मुख्य लेख की ओर बढ़ते है जो है नशा मुक्ति पर निबंध .
प्रस्तावना – नशा सेवन के कारण – नशीली द्रव्यों का उपयोग और नुकसान – नशा मुक्ति के लिए प्रयास – उपसंहार
आधुनिक समाज में आपदाओं का सामना करने के कई कारण हैं. उनमें से, नशा सेवन एक प्रमुख कारण है. कुछ साधारण लोग देसी शराब पीते हैं, जबकि कुछ अमीर लोग विदेशी शराब पीते हैं. हांडिया , महुली, ताड़ के पानी आदि का उपयोग कुछ लोग करते हैं, जबकि बीयर, रम, ब्रांडी, और व्हिस्की कुछ लोगों की पसंदीदा पेय हैं. कुछ लोग भांग और अफीम के दीवाने हैं, जबकि कुछ ब्राउन शुगर के दीवाने हैं. किस किस को शराब, बीड़ी, सिगरेट चाहिए तो और कुछ लोग ड्रग्स, हेरोइन की तलाश में है. बड़े और छोटे, विभिन्न प्रकार के नशा, आज के सामाजिक जीवन को बरबाद करने में व्यस्त हैं. इसलिए नशा मुक्ति के लिए आंतरिक प्रयास जरूरी हैं.
नशा सेवन के कारण
कुछ अमीर लोग विलासिता में समय व्यतीत करते हुए शराब की शरण लेते हैं. विदेशी शराब उन्हें खुश करती है. कुछ लोगों का कहना है कि शराब पीने से दुख और अवसाद से राहत मिलता है. पश्चिमी सभ्यता के दुष्प्रभाव हमें कुछ तरीकों से भ्रमित कर रहे हैं. सिर्फ नशा के वजह से आज का समाज शिक्षा के बजाय अशिक्षा के अधीन होते जा रहा है. परिवार के मुख्य और अन्य वयस्कों व्यक्ति नशा सेवन करने से इसका प्रभाव परिवार के छोटे बच्चों के ऊपर पड़ता है. बुरी संगत में पड़ कर कुछ लोगों को दारू की लत लग जाती है. कभी-कभी बस, ट्रक आदि चलाने वाले ड्राइवर शराब पीते हैं. बहुत शारीरिक परिश्रम के बाद कुछ लोग दर्द से राहत पाने के लिए नशा सेवन करते है.
नशीली द्रव्यों का उपयोग और नुकसान
नशा सेवन से पारिवारिक अशांति होती है. कई मामलों में देखा गया है, पुरुष पीने के बाद रात में देर से घर लौटते हैं. वे अपनी पत्नियों पर अत्याचार करते हैं. कुछ महिलाओं को उनके शराबी पति हत्या भी कर देते है. जहरीले शराब की वजह से अभी भी मौतें हो रही हैं.
नशीली द्रव्यों के उपयोग से कई बीमारियां होती हैं. शराब, अत्यधिक धूम्रपान और अन्य नशीली द्रव्यों के उपयोग से क्षय और कैंसर जैसी घातक बीमारियां होती है. इससे समय से पहले बुढ़ापा और मृत्यु हो सकती है.
नशीली द्रव्यों के उपयोग का बच्चों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है, उनके विकास और चरित्र को बाधित करता है. कुछ प्रभावशाली लोग नशीली द्रव्यों के उपयोग के कारण अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा खो देते हैं. जब किसी व्यक्ति की सामाजिक गरिमा और प्रभाव कम हो जाता है, तो बहुत लोग उसे नफरत करते हैं. नशा सामाजिक अपराध को बढ़ाता है. अत्यधिक सामाजिक अशांति सामाजिक पतन का एक प्रमुख कारण है.
न केवल शहर के लोग नशे के आदी हैं, बल्कि ग्रामीण भी नशे के आदी हैं. देशी शराब के उपयोग के साथ पान बीड़ी आदि का मांग बढ़ रही है.
नशा मुक्ति के लिए प्रयास
भारत को स्वतंत्रता मिलने से पहले ही नशा मुक्ति के प्रयास चल रहे थे. इसमें गांधीजी का भूमिका बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण था. स्वतंत्र भारत के पहले प्रधान मंत्री स्वर्गीय पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नशा मुक्ति के लिए कदम उठाए थे. सरकारी उपाय के रूप में इसके लिए आवश्यक कानून बनाया जा रहा है.
सरकार नशीले पदार्थों की बिक्री से बहुत अधिक राजस्व एकत्र कर रही है. अगर इसकी बिक्री घटती है, तो यह राजस्व पर दबाव डालेगा. इसके लिए वैकल्पिक व्यवस्था करने की आवश्यकता है. अधिक कर प्राप्त करने की आशा में सामाजिक जीवन का त्याग नहीं किया जा सकता है. नशीली दवाओं के उपयोग को बढ़ाने और अवैध व्यापार को रोकने के लिए तत्काल कार्रवाई की जानी चाहिए. हमारा काम स्वस्थ समाज का निर्माण करना है.
लोक सेवकों की प्रतिबद्धता और जन समर्थन से नशा मुक्ति कार्यक्रमों को तेज किया जा सकता है. सबको कानून के भरोसे नहीं रहना चाहिए. इसके लिए हृदय परिवर्तन की आवश्यकता होती है. अब यह देखने को मिल रहा है कि अधिक से अधिक शराब स्टोर खुल रहे हैं, विशेष रूप से विदेशी शराब स्टोर. समाज को नरक में धकेल कर राष्ट्रीय आय में वृद्धि करना लोकतांत्रिक सरकार का लक्ष्य नहीं होना चाहिए. नशा मुक्ति के लिए सरकारी प्रयास और जनता का सहयोग आवश्यक है.
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ये था हमारा लेख नशा मुक्ति पर निबंध . उम्मीद है की आपको ये लेख पसंद आया होगा. अगर पसंद आया है तो अपने classmate के साथ share करना न भूलें. मिलते हैं अगले लेख में. धन्यवाद.
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नशा मुक्ति पर निबंध 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में | Nasha Mukti par Nibandh
- by Rohit Soni
- Essay , Education
- 12 min read
यहाँ पढ़ें Nasha Mukti par Nibandh 100, 200, 300, 400, 500 शब्दों में | नशा मुक्ति पर निबंध – संपूर्ण जानकारी और उपाय | जानिए नशे से कैसे मुक्त हों।
इस लेख में छोटे बड़े नशा मुक्ति पर 5 निबंध (Nasha Mukti par Nibandh in Hindi) में शेयर किए गए हैं जो आपके परीक्षाओं के लिए बेहद उपयोगी और महत्वपूर्ण टॉपिक है।
Table of Contents
निबंध 1: नशा मुक्ति पर निबंध 100 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 10 line)
- नशा मुक्ति समस्या का एक महत्वपूर्ण विषय है।
- नशा व्यक्ति की सेहत और परिवार पर बुरा प्रभाव डालता है।
- नशा मुक्ति के लिए संघर्ष करना आवश्यक है।
- सही संगठन और समुदाय की सहायता नशा मुक्ति में मददगार साबित होती है।
- नशा मुक्त समाज स्वस्थ और सकारात्मक होता है।
- नशा से जूझने वाले व्यक्ति को समर्थन और प्रेरणा की जरूरत होती है।
- नशा मुक्ति के लिए शिक्षा और जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाने चाहिए।
- समाज में नशा मुक्ति के लिए सभी को सहयोग करना चाहिए।
- नशा मुक्ति की ओर प्रगति के लिए नशेबाजी के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए।
- नशा मुक्ति एक अभियान है जो एक स्वस्थ और नशा मुक्त समाज का निर्माण करने की दिशा में प्रयास कर रहा है।
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निबंध 2: नशा मुक्ति पर निबंध 200 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 200 Shabdo mein)
नशा मुक्ति: नए जीवन की ओर
नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण मुद्दा है जो हमारे समाज के लिए अवरोध है। यह एक समस्या है जो युवा और वयस्क दोनों को प्रभावित करती है। नशा मुक्ति अपने आप में एक संघर्ष पूर्ण यात्रा है, लेकिन यह आवश्यक है ताकि हम सभी इसमें शामिल हों और इसमें सक्षमता और समर्थन प्रदान करें।
नशा मुक्ति क्या है?
नशा मुक्ति वास्तविकता में एक गर्वनक योजना है जो लोगों को मद्यपान, धूम्रपान और अन्य नशीले पदार्थों के उपयोग से मुक्त करने का लक्ष्य रखती है। इसका उद्देश्य नशीले पदार्थों के प्रभावों को दरकिनार करना, स्वस्थ और सकारात्मक जीवनशैली को प्रमोट करना और समाज में नशे की समस्या को कम करना है।
नशा मुक्ति के महत्वपूर्ण पहलुओं की चर्चा
नशा मुक्ति के लिए अनेक पहलू हैं, जिनमें निम्नलिखित शामिल हैं:
- जागरूकता और शिक्षा: सबसे पहले, हमें नशे के प्रकारों, इसके प्रभावों और नशा मुक्ति के लिए समर्थन के संसाधनों के बारे में जागरूकता फैलानी चाहिए। शिक्षा के माध्यम से हम लोगों को बदलाव के लिए प्रेरित कर सकते हैं और उन्हें सही गाइडेंस और सहयोग प्रदान कर सकते हैं।
- संगठन और समुदाय सहयोग: नशा मुक्ति के लिए संगठित समुदाय का अधिकतम समर्थन आवश्यक है। नशा मुक्ति संगठनों और स्थानीय समुदायों को एकजुट होने का मौका देती है जिससे वे संगठित ढंग से युवाओं को नशे से दूर रखने और सकारात्मक जीवनशैली को प्रोत्साहित करने में मदद कर सकते हैं।
- नशा मुक्ति उपचार सुविधाएँ: व्यक्ति को नशे से मुक्त होने के लिए उपचार की सुविधाएँ उपलब्ध कराना अत्यंत महत्वपूर्ण है। समाज को नशा मुक्त रखने के लिए सरकार को औचित्य और प्रभावी नशा मुक्ति उपचार केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए।
निबंध 3: नशा मुक्ति पर निबंध 300 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 300 Shabdo mein)
नशा क्या है.
नशा एक ऐसी स्थिति है जहां एक व्यक्ति अत्यधिक मात्रा में नशीली दवाओं के सेवन के कारण मानसिक या शारीरिक रूप में एक अनियंत्रित आवेश में चला जाता है। और व्यक्ति को नकारात्मक रूप से प्रभावित करता है। शराब, तंबाकू, मादक दवाएं, गोली, अफीम, बीड़ी आदि नशाजनक पदार्थ नशे की आदत के उदाहरण हैं।
नशा मुक्ति के लिए उपाय
नशा मुक्ति के लिए हमें कुछ उपाय अपनाने चाहिए। सबसे पहले, हमें संगठन का सहयोग लेना चाहिए। संगठन से विशेषज्ञ सलाह और सहायता प्राप्त करने से हमें नशा मुक्ति की प्रक्रिया में मदद मिल सकती है। दूसरे, चिकित्सा और प्रारंभिक रुप से वापसी हमें बचाने में मदद कर सकती हैं। इसके साथ ही, हमें परिवार और साथीदारों का समर्थन प्राप्त करना चाहिए जो हमें प्रेरित कर सकते हैं और हमारे साथ नशा मुक्त जीवन की यात्रा में सहायता कर सकते हैं।
नशा मुक्ति का महत्व
नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण विषय है जो हमारे समाज के लिए गंभीर मुद्दा है। नशा मुक्ति अर्थात् अपने आप को नशे से मुक्त करने की प्रक्रिया है। यह एक सामाजिक, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य का मामला है और हमें इसे गंभीरता से लेना चाहिए। नशा मुक्ति के माध्यम से हम एक स्वस्थ और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।
नशा मुक्ति के लिए समुदाय के सहयोग
नशा मुक्ति के लिए समुदाय का सहयोग भी महत्वपूर्ण है। समुदाय के अंगभूत प्रोग्रामों, सेमिनारों और जागरूकता अभियानों के माध्यम से जनता को नशा मुक्ति के बारे में जागरूक करना चाहिए। समुदाय के द्वारा नशा मुक्ति संगठनों का समर्थन करना चाहिए जो संघर्ष करते हैं और नशे से पीड़ित लोगों को सहायता प्रदान करते हैं।
नशा मुक्ति अपार समर्थन, संघर्ष और संघटित प्रयास की आवश्यकता है। यह एक महत्वपूर्ण विषय है जो हमें समाज के लिए गंभीर रूप से लेना चाहिए। नशा मुक्ति हमारे स्वास्थ्य, परिवार , समाज और देश के लिए महत्वपूर्ण है। हम सबको मिलकर मिलवाना चाहिए और एक समर्थ, नशा मुक्त समाज का निर्माण करना चाहिए।
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निबंध 4: नशा मुक्ति पर निबंध 400 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 400 Shabdo mein)
नशा मुक्ति: नए जीवन की शुरुआत
नशे के प्रकार
नशा अलग-अलग प्रकारों में पाया जाता है और इसका प्रभाव भी अलग-अलग होता है। कुछ प्रमुख नशे के प्रकार निम्नलिखित हैं:
- मद्यपान: शराब या अन्य नशीली द्रव्यों का सेवन मद्यपान कहलाता है। यह एक गंभीर समस्या है जो स्वास्थ्य और परिवारी जीवन को प्रभावित कर सकती है।
- धूम्रपान: तंबाकू उत्पादों की सेवा धूम्रपान कहलाती है। यह अन्य गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है, जैसे कि कैंसर, दिल के रोग और श्वसन संबंधी समस्याएं।
- मादक दवाएं: नशीली दवाओं का अधिक सेवन भी नशा के रूप में माना जाता है। यह आमतौर पर मानसिक और शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है।
नशे के प्रभाव और समस्याएं
नशा मुक्ति की आवश्यकता इसलिए है क्योंकि नशा मनुष्य के शारीर और मानसिक स्वास्थ्य पर गंभीर प्रभाव डालता है। कुछ मुख्य समस्याएं निम्नलिखित हैं:
- स्वास्थ्य समस्याएं: नशापन से व्यक्ति को कई स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि उच्च रक्तचाप, मस्तिष्क की समस्याएं, श्वसन संबंधी रोग और कैंसर।
- पारिवारिक संबंधों की समस्याएं: नशा एक परिवार को भी प्रभावित कर सकता है। यह पारिवारिक वातावरण में विवाद, विश्राम, विश्वासघात और विचारों के परिवर्तन का कारण बन सकता है।
- व्यक्तिगत विकास: नशापन मनोवैज्ञानिक, व्यक्तिगत और सामाजिक विकास को भी प्रभावित कर सकता है। यह आत्मविश्वास, अध्ययन, करियर और संबंधों में समस्याएं उत्पन्न कर सकता है।
नशा मुक्ति के लिए कदम
नशा मुक्ति की ओर अग्रसर होने के लिए निम्नलिखित कदम उठाए जा सकते हैं:
- जागरूकता कार्यक्रम: नशे के बारे में जनजागरूकता कार्यक्रम आयोजित करें जो लोगों को नशे के प्रभावों के बारे में जागरूक करेगा और नशा मुक्ति के लिए संसाधनों की जानकारी प्रदान करेगा।
- शिक्षा और प्रशिक्षण: युवा और उनके माता-पिता को नशा मुक्ति के लिए शिक्षा और प्रशिक्षण प्रदान करें। यह सक्रियताओं, कौशलों, और सहयोग संसाधनों को प्रभावी ढंग से प्रदान कर सकता है।
- समुदाय की सहायता: स्थानीय समुदाय और संगठनों को नशा मुक्ति कार्यक्रमों में सहयोग करना चाहिए। इससे लोगों को सामरिकता की भावना मिलेगी और वे नशे से दूर रहने और सकारात्मक जीवनशैली की ओर अग्रसर होंगे।
- उपचार केंद्रों की सुविधाएं: सरकार को नशा मुक्ति के लिए उचित उपचार केंद्रों की स्थापना करनी चाहिए। ये केंद्र नशापन से पीड़ित व्यक्तियों को मदद करेंगे और उन्हें सही दिशा में ले जाने में सहायता करेंगे।
नशा मुक्ति: एक जीवनशैली की ओर प्रगति
नशा मुक्ति एक महत्वपूर्ण और आवश्यक पहल है जो हमारी समाजिक और आर्थिक प्रगति को प्रमोट करने के लिए आवश्यक है। इसके लिए हमें जागरूकता, शिक्षा, संघटना और सरकारी सहायता की आवश्यकता है। एक स्वस्थ और नशा मुक्त समाज हमारे सभी लोगों के लिए शुभ होता है, जो सकारात्मक रूप से जीने का आनंद लेना चाहते हैं।
निबंध 5: नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में (Nasha Mukti par Nibandh 500 Shabdo mein)
हमारे समाज में नशा एक गंभीर समस्या है जो व्यक्ति के शारीरिक, मानसिक और सामाजिक स्वास्थ्य को प्रभावित करती है। नशा मुक्ति विषय पर एक निबंध लिखने का उद्देश्य है लोगों को नशे के बुरे प्रभावों से अवगत कराना और उन्हें नशा की लत को छुड़ाने में मदद करना है।
नशे का प्रभाव आमतौर पर व्यक्ति के स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर होता है। इसलिए, नशा मुक्ति अभियान एक अहम विषय बन गया है जिस पर ज्यादातर लोग चर्चा करते हैं।
नशा विभिन्न प्रकार का हो सकता है। यहां कुछ प्रमुख नशे के प्रकार हैं:
शराब का नशा
शराब का सेवन एक सामान्यतः एक सांस्कृतिक और सामाजिक समागमों में देखा जाता है। शराब का अत्यधिक सेवन स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि लिवर रोग, मस्तिष्क की क्षति, और मानसिक समस्याओं का कारण बनता है।
धूम्रपान का नशा
तंबाकू का सेवन धूम्रपान के रूप में ज्यादातर देखा जाता है। यह सेहत के लिए खतरनाक है और कई गंभीर रोगों का कारण बनता है, जैसे कि मुंह के कैंसर, फेफड़े के रोग, और हृदय संबंधी समस्याएं।
मादक पदार्थों का नशा
मादक पदार्थों जैसे कि गांजा, चरस, बीड़ी, और अन्य विधिवत ड्रग्स का सेवन भी नशे का कारण बनता है। ये पदार्थ व्यक्ति के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य को बहुत बुरे प्रभावित करते हैं।
नशा के प्रभाव
नशा व्यक्ति के स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालता है। यहां कुछ महत्वपूर्ण प्रभाव हैं:
स्वास्थ्य पर प्रभाव
नशे के प्रभाव स्वास्थ्य पर काफी हानिकारक हो सकते हैं। यह स्वास्थ्य समस्याओं जैसे कि लिवर समस्याएं, कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज़, और नर्वस सिस्टम के विकार का कारण बनता है।
परिवार और समाज पर प्रभाव
नशा परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। नशे के बाद व्यक्ति का व्यवहार परिवार के सदस्यों को बहुत परेशान करता है और घरेलू माहौल को दूषित करता है। समाज में भी नशेबाजी के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं जैसे कि अपराध, दुर्घटनाएं, और सामाजिक विघ्नों की वजह से सफलता के मार्ग पर अड़चनें।
नशा मुक्ति के उपाय
नशा मुक्ति के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं:
जागरूकता कार्यक्रम
नशे के खतरों के बारे में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना चाहिए। इसके माध्यम से लोगों को नशे के बारे में जागरूक बनाया जा सकता है और उन्हें नशे से बचने के तरीकों के बारे में जानकारी मिल सकती है।
संगठन की समर्थन
संगठनों को नशा मुक्ति अभियान का समर्थन करना चाहिए। उन्हें नशेबाजी के विरुद्ध आंदोलन को बढ़ावा देना चाहिए और नशामुक्त समाज के लिए संघर्ष करना चाहिए।
रोजगार के अवसर
युवाओं को सामरिक, शैक्षिक, और आर्थिक रूप से सक्षम बनाने के लिए रोजगार के अवसर प्रदान करने चाहिए। अधिक संगठनित और सक्रियतापूर्ण मार्गदर्शन सहित मज़बूत रोजगार के अवसर नशामुक्ति में मदद कर सकते हैं।
नशा मुक्ति मानव समाज के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। यह समाज को स्वस्थ, सकारात्मक और उन्नत बनाने में मदद करता है। नशामुक्त समाज एक नया समृद्ध और समृद्धिमय भविष्य निर्माण कर सकता है।
नशा मुक्ति एक अहम मुद्दा है जिस पर हमें विचार करना चाहिए। नशा व्यक्ति के स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालता है। हमें संगठन, जागरूकता कार्यक्रम और रोजगार के अवसर के माध्यम से नशा मुक्ति के लिए संघर्ष करना चाहिए। नशा मुक्ति न केवल व्यक्ति के लिए बल्कि समाज के लिए भी महत्वपूर्ण है। यदि हम समाज को नशामुक्त बना सकें, तो हम एक सकारात्मक और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।
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FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न):
नशा मुक्ति क्यों महत्वपूर्ण है.
नशा मुक्ति महत्वपूर्ण है क्योंकि यह स्वास्थ्य, परिवार, समाज और आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव डालता है। यदि हम समाज को नशामुक्त बना सकें, तो हम एक सकारात्मक और समृद्ध समाज का निर्माण कर सकते हैं।
नशा मुक्ति के लिए कौन-कौन से उपाय हैं?
नशा मुक्ति के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाए जा सकते हैं: जागरूकता कार्यक्रम, संगठन की समर्थन, रोजगार के अवसर।
नशा के प्रभाव स्वास्थ्य पर क्या होते हैं?
नशा स्वास्थ्य पर काफी हानिकारक प्रभाव डालता है, जैसे कि लिवर समस्याएं, कैंसर, हृदय रोग, डायबिटीज़, और नर्वस सिस्टम के विकार।
नशा मुक्ति का सामाजिक महत्व क्या है?
नशा परिवार और समाज को भी प्रभावित करता है। नशेबाजी के कारण परिवार के सदस्यों को परेशानी होती है और घरेलू माहौल को दूषित करता है। समाज में भी नशेबाजी के कारण कई समस्याएं उत्पन्न होती हैं।
नशा मुक्ति का सामाजिक प्रभाव क्या होता है?
नशेबाजी से समाज में अपराध, दुर्घटनाएं, और सामाजिक विघ्न बढ़ जाते हैं। इसके कारण समाज की प्रगति और विकास पर असर पड़ता है।
अगर आप नशामुक्ति के बारे में और जानना चाहते हैं या किसी नशेबाजी से जुड़े समस्या से जूझ रहे हैं, तो अभी नशामुक्ति पर जानकारी और सहायता प्राप्त करें ।
यह लेख आपको नशामुक्ति पर जागरूकता प्रदान करने का उद्देश्य रखता है और आपको उपयोगी जानकारी देने का प्रयास करता है। नशामुक्ति समाज के लिए आवश्यक है और हमें संगठन, जागरूकता, और सही उपायों का समर्थन करना चाहिए ताकि हम सकारात्मक और नशामुक्त समाज का निर्माण कर सकें।
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Hello friends मेरा नाम रोहित सोनी (Rohit Soni) है। मैं मध्य प्रदेश के सीधी जिला का रहने वाला हूँ। मैंने Computer Science से ग्रेजुएशन किया है। मुझे लिखना पसंद है इसलिए मैं पिछले 5 वर्षों से लेखन का कार्य कर रहा हूँ। और अब मैं Hindi Read Duniya और कई अन्य Website का Admin and Author हूँ। Hindi Read Duniya पर हम उपयोगी , ज्ञानवर्धक और मनोरंजक जानकारी हिंदी में शेयर करने का प्रयास करते हैं। इस website को बनाने का एक ही मकसद है की लोगों को अपनी हिंदी भाषा में सही और सटीक जानकारी मिल सके। View Author posts
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नशा मुक्ति - क्या करें जब कोई अपना फंस जाए नशे की गिरफ्त में?
अगर नशा मुक्ति की ज़रूरत हो, तो हमें कौन सा रास्ता चुनना चाहिए ? सद्गुरु बता रहे हैं कि अगर किसी नज़दीकी व्यक्ति को नशे से मुक्त करना हो तो हमें क्या करना चाहिए। क्या योग अभ्यास इसमें मदद कर सकते हैं ? जानते हैं सद्गुरु से।
प्रश्न : सद्गुरु, अगर परिवार का कोई सदस्य या नजदीकी व्यक्ति नशे की गिरफ्त में आ जाए तो क्या करना चाहिए?
बड़े शहरों में तेज़ी से बढ़ रहा है चलन
सद्गुरु : बहुत मुश्किल है। यह निर्भर करता है कि वह नशा किस तरह का है। अगर कोई केमिकल नशे के चंगुल में फंस गया है तो उससे उबरना आसान नहीं है। मैंने कई परिवारों को बहुत ही दुखद स्थितियों में देखा है। कई बार इंसान के अंदर इन चीजों से बाहर आने की इच्छा भी होती है, पर वह आ नहीं पाता। कई बार उसके भीतर इच्छा ही नहीं होती। उसे लगता है कि वह कुछ भी गलत नहीं कर रहा है। ऐसे में कोई रास्ता नहीं है। पश्चिमी देशों में तो यह सब इतना ज्यादा है कि वहां की संस्कृति में रच-बस गया है। ऐसा कोई नहीं है, जो यह कह सके कि उसने कभी इन पदार्थों का सेवन नहीं किया। सौ फीसदी न सही, लेकिन अस्सी से पच्चासी फीसदी लोगों ने तो कभी-न-कभी इसका स्वाद लिया ही है। भारतीय संस्कृति में अभी हाल उतना बुरा नहीं है, लेकिन बड़े शहरों में यह तेजी से बढ़ रहा है। कुछ हिस्सों में तो इसका चलन बहुत ज्यादा है।
तार्किक बुद्धि के बढ़ने का परिणाम है ये
जैसे-जैसे धरती पर तार्किक ज्ञान बढ़ता है, यही स्वाभाविक परिणाम होता है, क्योंकि कुछ और है ही नहीं, जिसकी खातिर जिया जाए।
नशा मुक्ति का इरादा होना चाहिए
लोग सुधार की बात करते हैं। कुछ समय के लिए वे अपने में सुधार ले आते हैं, लेकिन फिर थोड़े समय बाद वे फिर उसी चंगुल में फंस जाते हैं। फिर यह सब अंतहीन तरीके से चलता रहता है।
कुछ लोग इनर इंजीनियरिंग करके इससे मुक्त हुए हैं
प्रश्न : ऐसे लोगों को सुधार केंद्र पर ले जाने की स्थिति आने से पहले क्या कुछ ऐसे काम हैं, जो परिवार के लोग कर सकते हैं?
सद्गुरु : शारीरिक गतिविधियां और खेल। यह बहुत महत्वपूर्ण है। कई बार माता-पिता इस बात को लेकर पागल हो जाते हैं कि उनके बच्चे के नंबर पड़ोसी के बच्चे से ज्यादा आएं।
नशे से बचे रहने की कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि बाहरी दुनिया का प्रभाव बहुत शक्तिशाली होता है, लेकिन अगर बच्चा खेलों में है तो इस प्रभाव को कम किया जा सकता है। वे बेहतर करना चाहते हैं, क्योंकि कामयाबी का नशा किसी भी दूसरी चीज के नशे से कहीं बड़ा होता है। बेहतर प्रदर्शन करने के लिए बच्चे सुबह उठेंगे, दौड़ लगाएंगे और शारीरिक श्रम करेंगे। ये चीजें उन्हें नशीले पदार्थों की ओर जाने से रोकेंगी। जो बच्चे ज्यादातर समय खाली रहते हैं, घर में बैठे रहते हैं और किसी विशेष काम में खुद को नहीं लगाते, उन्हें ऐसी चीजें जल्दी पकड़ लेती हैं। ऐसे में जब वे ऐसी चीजों के प्रति अतिसंवेदनशील हैं, तो उन पर नजर रखी जानी चाहिए। कोई भी अजीब सी हरकत दिखाई दे, तो मां-बाप फौरन कदम उठाएं। इसके लिए मां-बाप को बच्चों के साथ अच्छा और नजदीकी रिश्ता भी कायम करना चाहिए, जिससे उनके जीवन में होने वाली किसी भी अजीब घटना का पता उन्हें फौरन लग सके। रोकथाम हमेशा बेहतर होती है, क्योंकि एक बार वे रसायनों के गुलाम बन गए तो फिर कुछ करना बहुत मुश्किल होगा। पहले जैसी स्थिति में पहुँचने के भी कई तरीके हैं - कुछ लोगों को हमने इनर इंजीनियरिंग प्रोग्राम में भी शामिल किया, बहुत से लोग नशे से बाहर आ भी गए, लेकिन मैं यह नहीं कह सकता कि यह शत-प्रतिशत कामयाब तरीका है। कोई एक ऐसा तरीका नहीं है, जो सौ फीसदी कामयाब हो।
संपादक की टिप्पणी:
*कुछ योग प्रक्रियाएं जो आप कार्यक्रम में भाग ले कर सीख सकते हैं:
21 मिनट की शांभवी या सूर्य क्रिया
*सरल और असरदार ध्यान की प्रक्रियाएं जो आप घर बैठे सीख सकते हैं। ये प्रक्रियाएं निर्देशों सहित उपलब्ध है:
नाड़ी शुद्धि , योग नमस्कार
- संस्कृत श्लोक एवम अर्थ
- वेडिंग स्पेशल
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नशा मुक्त भारत अभियान 2023 निबंध (महत्व) लाभ-हानि Nasha Mukta Bharat Abhiyan Essay In Hindi
नशा मुक्त भारत अभियान 2023 (उद्देश्य, फ़ायदा, नुकसान ) नशा मुक्त भारत अभियान 2023 निबंध (महत्व) लाभ-हानि Nasha Mukta Bharat Abhiyan Essay In Hindi
हमारे देश में आजकल लोगों में नशे की आदत काफी बड़ी मात्रा में देखी जा रही है। यहां तक की युवा वर्ग भी नशे की चपेट में कुछ इस प्रकार से आ रहा है कि उन्हें नशे के अलावा कुछ दिखाई ही नहीं देता है।
इसीलिए सरकार द्वारा लोगों को नशे से बचाने के लिए नशा मुक्त भारत अभियान को चालू किया गया है, जिसके अंतर्गत गवर्नमेंट लोगों को नशे से छुटकारा दिलाने के लिए काफी प्रयास कर रही है, परंतु सिर्फ गवर्नमेंट ही नहीं बल्कि हमें भी इसमें सहयोगी बनना होगा।
Table of Contents
नशा मुक्त भारत अभियान क्या है?
इस दौर में युवा वर्ग के बीच नशे के सेवन करने का प्रचलन हो चुका है। कुछ लोग तो ऐसे हैं जो देखा देखी नशे का सेवन करना चालू करते हैं, वह ऐसा करने पर अपनी शान समझते हैं, हालांकि उन्हें यह नहीं पता होता है कि वह किस प्रकार के दलदल में धीरे-धीरे फंसते जा रहे हैं।
जो लोग नशे के आदी बन चुके हैं और बिना नशे के नहीं रह पाते हैं, उन्हीं लोगों को नशे से मुक्ति दिलाने के लिए गवर्नमेंट के द्वारा नशा मुक्ति भारत अभियान को चालू किया गया है। यह एक ऐसा अभियान है जो किसी एक ही राज्य में नहीं बल्कि पूरे भारत वर्ष में चलाया जा रहा है और इसका सर्वे सर्वा भारत की सेंट्रल गवर्नमेंट है।
कुछ लोग तो इसका सेवन शौकिया तौर पर करते हैं परंतु कुछ लोग इसका सेवन सिर्फ मजे के लिए करते हैं परंतु बाद में वह इसके आदी बन जाते हैं और इस प्रकार वह नशे में पड कर के अपनी जिंदगी खराब कर लेते हैं।
नशा मुक्त भारत अभियान का उद्देश्य क्या है?
सेंट्रल गवर्नमेंट के द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के लिए हर साल करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं, ताकि उन्हें नशा करने के नुकसान के बारे में जानकारी दी जा सके, ताकि वह इससे बचे रहें और इस दलदल में ना फंसे।
दरअसल दारु, शराब, बीड़ी, बियर, तंबाकू, गुटखा, सिगरेट यह कुछ ऐसे नशे है जिनका सेवन आज भारत में काफी बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। हालांकि यह चिंता और भी ज्यादा अब इसलिए बढ़ गई है, क्योंकि अब इंडिया की युवा पीढ़ी भी धीरे-धीरे नशे का सेवन करने लगी है।
नशा मुक्त भारत अभियान के फायदे क्या है?
इस अभियान के अंतर्गत लोगों से विभिन्न प्रकार से यह बताया जाता है कि जिस नशे का सेवन वह अपने मनोरंजन के लिए कर रहे हैं या फिर सिर्फ टाइमपास के लिए ही कर रहे हैं उस नशे के कारण उन्हें आगे चलकर के कितना ज्यादा नुकसान हो सकता है। यहां तक कि उनकी मृत्यु भी हो सकती है। और इसीलिए कई लोगों ने इस बात को समझा और उन्होंने नशा करना छोड़ दिया।
अभी तक ऐसे कई लोग सामने आ चुके हैं जिन्होंने नशा मुक्त भारत अभियान से प्रेरित होकर के किसी भी प्रकार के नशे को ना करने की कसम खाई और आज वह एक स्वस्थ जिंदगी जी रहे हैं, साथ ही समाज में उन्हें मान सम्मान भी प्राप्त हो रहा है।
नशा मुक्त भारत अभियान के तहत गवर्नमेंट के प्रयास क्या है?
गवर्नमेंट काफी बड़े पैमाने पर नशा मुक्त भारत अभियान को फंडिंग दे रही है। इसके अलावा वह समय-समय पर बड़े-बड़े स्कूल, कॉलेज और एजुकेशनल इंस्टिट्यूट में नशा मुक्त भारत अभियान से संबंधित सेमिनार भी आयोजित करवाती है और उसके जरिए लोगों को जागरूक करने का काम करती है ताकि लोग नशे से दूरी बनाकर रखें।
इस अभियान के लिए गवर्नमेंट का प्रयास सिर्फ यही तक ही सीमित नहीं है। गवर्नमेंट के द्वारा सामान्य लोगों को नशे से बचाने के लिए तहसील लेवल, ब्लॉक लेवल और जिला लेवल पर भी विभिन्न प्रकार के गवर्नमेंट कार्यक्रम समय-समय पर आयोजित करवाए जाते हैं और इसके साथ ही संगोष्ठी तथा मीटिंग का भी आयोजन करवाया जाता है।
गवर्नमेंट ने इस अभियान के अंतर्गत कुछ गवर्नमेंट एनजीओ और प्राइवेट एनजीओ के साथ भी साझेदारी की है और इस प्रकार यह सभी मिलकर के लोगों को नशे से बचाने के लिए प्रयास कर रहे हैं और लोगों को नशे के प्रति जागरुक कर रहे हैं।
नशा करने के नुकसान क्या है?
- अगर कोई व्यक्ति यह सोचता है कि नशा करने से सिर्फ उसकी बॉडी को ही नुकसान होता है तो ऐसा नहीं है। नशा करने से व्यक्ति अपनी जिंदगी तो तबाह करता ही है, साथ ही वह अपने साथ जुड़े हुए अन्य लोगों की भी जिंदगी तबाह करता है।
- नशा करने वाले व्यक्ति के घर में हमेशा लड़ाई झगड़े होते रहते हैं जिसके कारण उसका घर टूटने की कगार पर पहुंच जाता है, क्योंकि लड़ाई झगड़ा होने के कारण घर के लोगों में आपसी मनमुटाव अपने चरम सीमा पर पहुंच जाता है।
- इसके अलावा जो व्यक्ति नशा करता है उसकी पत्नी भी उसे छोड़कर चली जाती है क्योंकि कोई भी महिला किसी भी ऐसे व्यक्ति के साथ नहीं रह पाएगी, जो नशे का सेवन करता है, क्योंकि नशे का सेवन करने के बाद व्यक्ति को यह पता ही नहीं होता है कि वह क्या कर रहा है, वह नशे में अपने परिवार वालों के साथ मारपीट करता है, साथ ही गाली गलौज भी करता है। यहां तक कि कई लोग तो हिंसक मारपीट भी करने लगते हैं।
- नशा करने पर आदमी की बॉडी धीरे-धीरे खराब होने लगती है और उसे अनेक प्रकार की बीमारियां अपनी गिरफ्त में ले लेती है। इस प्रकार बीमारियों का इलाज करवाने में उसे पैसे खर्च करने पड़ते हैं। इस प्रकार अगर उसकी आर्थिक स्थिति खराब है तो उस पर आर्थिक बोझ भी धीरे-धीरे बढ़ता जाता है और वह कर्ज के दलदल में फंस जाता है।
- नशा करने पर आदमी को सामाजिक बेज्जती भी सहनी पड़ती है। लोग उसे इज्जत की निगाहों से नहीं देखते हैं। इस प्रकार समाज में उसकी इज्जत भी कम हो जाती है। नशा करने के कारण व्यक्ति की आर्थिक स्थिति डांवाडोल हो जाती है और हमेशा नशे में डूबे रहने के कारण उसे अपने काम धंधे से भी हाथ धोना पड़ता है।
- क्योंकि कोई भी व्यक्ति ऐसे आदमी को काम पर नहीं रखता है जिसे होश ही नहीं होता है। कुल मिलाकर देखा जाए तो नशा करने वाले व्यक्ति को लोग हीकारत भरी नजरों से देखते हैं और उसे हमेशा अपने आप से दूर ही भगाते रहते हैं, क्योंकि ऐसे व्यक्ति की समाज में कोई भी इज्जत नहीं होती है।
नशा करने से कैसे बचे?
देखिए यहां पर हम आपको बता दें कि, नशा करने की शुरुआत सिर्फ शौकिया तौर पर होती है। इसीलिए अगर आपको कभी शौकिया तौर पर भी किसी भी प्रकार का नशा करने के लिए कहा जाए तो आपको साफ तौर पर उसके लिए मना कर देना है।
क्योंकि अगर आपको एक बार नशे की लत लग जाएगी तो आपको इससे निकलने में काफी टाइम लग जाएगा और हो सकता है कि आप नशे के इस प्रकार आदी हो जाएं कि आप अपना सारा काम धंधा भूल करके हमेशा नशे में ही डूबे रहे।
नशा करने से बचने के लिए आपको ऐसे लोगों के साथ किसी भी प्रकार का मेल मिलाप नहीं रखना चाहिए जो किसी भी प्रकार का नशा करते हैं क्योंकि नशे की स्टार्टिंग संगत से ही होती है। अगर आपकी संगत खराब है तो आप जल्दी नशे की गिरफ्त में आ जाएंगे। इसलिए आपको ऐसे लोगों से दूर रहना चाहिए जो नशे का सेवन करते हैं।
आपको ना तो कभी शौकिया तौर पर नशे का सेवन करना चालू करना चाहिए, ना ही कभी कबार। संक्षेप में कहें तो आपको अपने मन में यह निश्चय लेना चाहिए कि आप कभी भी अपने जीवन में नशे का सेवन नहीं करेंगे, साथ ही अन्य लोगों को नशे से होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक करने का काम करेंगे और एक जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाएंगे।
Ans: नशा मुक्त भारत अभियान की शुरुआत देश में साल 2020 में 15 अगस्त के दिन की गई थी।
Ans: नशा मुक्त होने के लिए नशे से दूर रहें और ऐसे लोगों की संगत से भी दूर रहे जो नशे का सेवन करते हैं। इसके अलावा जब कभी नशा करने का मन करे तो अंगूर का जूस पी ले या फिर सेब खा ले।
Ans: नशा मुक्ति दिवस की शुरुआत साल 1987 में की गई थी और हर साल यह 26 जून के दिन मनाया जाता है।
Ans: “नशा मुक्त भारत सशक्त भारत’
Ans: भारत के वर्तमान के प्राइम मिनिस्टर नरेंद्र मोदी जी ने नशा मुक्ति अभियान चलाया था।
Other Links-
- सुगम्य भारत अभियान योजना
- जन आरोग्य योजना अभियान
- स्वच्छ भारत अभियान
- ग्रामीण डिजिटल साक्षरता अभियान
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नशा पर निबंध – Nasha Mukt Bharat in Hindi
Nasha Essay In Hindi – नशा एक अभिशाप है । यह एक ऐसे मादक और उत्तेजक पदार्थ है, जिनका प्रयोग करने से व्यक्ति अपनी स्मृति और संवेदनशीलता अस्थाई रूप से खो देता है। वैसे तो नशे का चलन समाज में आदि काल से रहा है। भारत में मादक द्रव्यों के उपयोग का पहला सन्दर्भ ऋग्वेद में मिलता है। लगभग 2000 ईसा पूर्व व्यक्ति विभिन्न उत्सवों पर सोमरस का पान करते थे। जोकि एक प्रकार का मधुरस (नशा) था। लेकिन आधुनिक युग में पाश्चात्य संस्कृति से नशे को नए रूप मिले हैं। इसमें विशेष रूप से चरस, गांजा, भांग, अफीम, स्मैक, हेरोइन जैसी ड्रग्स उल्लेखनीय हैं। शराब भी इसी प्रकार का एक नशा है।
अपने देश का दुर्भाग्य है कि लोग पाश्चात्य संस्कृति से इस नए रूप को ग्रहण तो कर रहे हैं, पर उनका अनमोल जीवन समय से पहले ही मौत का शिकार हो जाता है। आज अकेले भारत में बड़ी संख्या में लोग नशीले पदार्थों के सेवन से जान गवा रहे हैं। सोचने की बात तो यह है कि भारत में नशाखोरी अब किसी एक राज्य की समस्या भर नहीं रह गई है, अपितु देश के लगभग सभी राज्य इस समस्या से जूझ रहे हैं।
बेहद अफसोसनाक तो ये है कि समाज में बढ़ते नशे के इस नए रूप से पीड़ित आज का अधिकांश मासूम किशोर व युवा पीढ़ी है। हालाँकि अपनी सरकार इन पीड़ित मासूम किशोरों एवं युवाओं को नशे के चुंगल से छुड़ाने के लिए नशा मुक्ति अभियान जैसे अनेक मुहीम चला रही हैं, ताकि जल्द से जल्द नशीले पदार्थों जैसे शराब तम्बाकू और गुटखे पर रोक लगा सके।
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी अनेक प्रयास किए जा रहे हैं। जिसमें अंतरराष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस नशीली दवाओं की रोकथाम की दिशा में एक बड़ा आयोजन है जो वैश्विक स्तर पर मुहीम चलाकर काम करता है। संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से इस दिवस की स्थापना वर्ष 1987 में हुई थी। लोगों को नशे से मुक्त कराने और उन्हें जागरुक करने के उद्देश्य से यह दिवस मनाया जाता है। इस अवसर पर संयुक्त राष्ट्र संघ तथा समाजसेवी संगठनों द्वारा नशीले पदार्थों के खिलाफ जनजागरूकता अभियान चलाया जाता हैं। इस साल अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस का थीम बेहतर देखभाल के लिए बेहतर ज्ञान जरूरी है (Better Knowledge For Better Care) है।
नशे पर कविता Click Here
विश्व साक्षरता अभियान स्लोगन Click Here
नश मुक्ति पर नारा Click Here
नशा शायरी Clicke Here
पर नशे के जाल और दुष्परिणाम को समझना भी बेहद जरुरी हैं। क्योंकि इसने बहुतों मासूम किशोरों को अपने चंगुल में कर लिया है। आँकड़ो की आइने में देखें तो मासूम किशोरों में नशे के बढ़ते चलन के पीछे बदलती जीवन शैली, परिवार का दबाव, परिवार के झगड़े, इन्टरनेट का अत्यधिक उपयोग, एकाकी जीवन, परिवार से दूर रहने, पारिवारिक कलह जैसे अनेक कारण हैं। बरहाल कारण जो भी हो पर इसके दुष्प्रभाव और दुष्परिणाम, दोनों ही खतरनाक हैं।
नशे के नुकसान या दुष्परिणाम
नशाखोरी किसी भी समाज में विलासिता और अकर्मण्यता पैदा करने का सबसे सरल उपाय है। यदि किसी व्यक्ति को इसकी आदत हो जाती है तो वह कई प्रकार की बीमारियों का शिकार हो जाता है । नशे में डूबा इंसान अपने अच्छे बुरे की पहचान भी खो देता है । एक जानकारी के अनुसार नशे के सेवन से दिमाग की कोशिकाओं पर बहुत बुरा असर पड़ता है जो एक बार क्षतिग्रस्त होने पर दुबारा नहीं बन पाती है। इस विश्वव्यापी नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ लगभग सभी देशों में रोक है और रोकथाम के कड़े कानून भी बने हैं।
नशे की रोकथाम के उपाय –
अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस समस्या पर काबू पाने के लिए अस्सी साल पहले से ही प्रयास किया जा रहा है जब अफीम को अंतर्राष्ट्रीय न्याय सीमा के भीतर लाया गया था। इस मामले में नवीनतम प्रयासों को देखा जाए तो संयुक्त राष्ट्र संघ की जनरल असेम्बली ने 90 के दशक को ‘नशीली दवाओं के दुरुपयोग के खिलाफ दशक’ घोषित कर दिया है।
नशीली वस्तुओं का धन्धा करने वालों को क ठोरता से दबाने के लिये भारत सरकार भी कठोर दण्ड देने पर विचार कर रही है जिससे नशे का बढ़ता हुआ जाल रोका जा सके। सरकार नशीली वस्तुओं की तस्करी और अवैध धन्धा करने वालों को मृत्युदंड देने तक के लिए संसद के मानसून अधिवेशन 1988 में एक विधेयक पारित किया, जोकि 29 मई 1989 से ही प्रभावी भी हो गया। सरकार ने इसके लिए मादक द्रव्य नियन्त्र ब्यूरो की भी स्थापना की।
अन्य उपायों में पंजाब और राजस्थान से लगी हुई भारत – पाक सीमा पर 3000 किमी. तक कंटीले तार लगाए जाने की योजना है। इतना ही नहीं, भारत सरकार ने मादक द्रव्यों के खिलाफ लड़ाई के लिए गैर सरकारी संगठनों को सहयोग देने का भी फैसला लिया है। लेकिन अफसोसजनक यह है कि आज समाज में धन के साथ – साथ इन्हीं चीजों को प्रतिष्ठा मिल रही है, इनकी गति भी इतनी तीव्रतर एवं तीव्रतम है कि नशाबन्दी की दिशा में इतने शख्त कानून बनने के बावजूद भी कोई लाभ होता न दिखाई पड़ रहा है। सच तो यह है कि समस्या के विकराल रूप को देखते हुए ये सभी कानून और अन्य उपाय नाकाफी हैं । नशा जैसी सामाजिक बुराई को केवल कानून और दण्ड के बल पर दूर नहीं किया जा सकता।
जिंदगी तबाह करने वाली इस सर्वनाशी नशा से मुक्ति हेतु सामाजिक चेतना, जागृति और एक जुट होकर मजबूत प्रयास करने की जरुरत है। यदि जाग्रति की यह प्रक्रिया सामाजिक अभियान बनाकर छेड़ी जाए तो कोई कारण नहीं कि इन अवांछित मूल्यों से निजात नहीं पाई जा सकती, परन्तु यह मात्र कहने एवं व्याख्यान, प्रवचन से संभव नहीं हो सकता। दृढ़ इच्छाशक्ति एवं संकल्पशक्ति के द्वारा सतत भागीरथप्रयास से इसे किया जाना संभव है और यदि ऐसा होता है तो समाज से नशा का तीव्र प्रभाव घटेगा। इसके घटते ही अन्य सामाजिक बुराइयाँ भी घटने लगेंगी। क्योंकि सारी बुराईयों की यही तो जड़ है।
अत: सभ्य एवं श्रेष्ठ समाज गढ़ने के लिए निर्विरोध रूप से सरकार और जनता दोनों का सक्रिय सहयोग ही सफल हो सकता है। सरकार और जब सारा समाज एक जुट होकर नशे के खिलाफ कब्र खोदने के लिए कमर कस लेगा, यह बुराई तभी समाप्त होगी। और हानि केवल एक होगी और वह है आर्थिक। सरकार को करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा क्योंकि सबसे अधिक राजस्व सरकार को एक्साइज से मिलता है। आज भी शराब का एक ठेका लाखों में उठता है।
दोस्तों यहां उपलब्ध “नशा मुक्ति पर निबंध और भाषण” केवल साधन नहीं है, बल्कि जनजागरूकता फैलाकर नशा मुक्ति भारत अभियान को तेज करने का हमारा एक छोटा प्रयास है। आशा करती हूँ यह जानकारी आपके द्वारा अवश्य सराही जायेगी। धन्यवाद !
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प्रमुख बिंदु: नशा मुक्त भारत अभियान वर्ष 2020-21 के लिये देश के 272 ज़िलों में शुरू किया गया है।. यह अभियान न केवल संस्थागत सहयोग पर, बल्कि ...
एक व्यक्ति जब नशा करना शुरू कर देता है तो उसका घर परिवार का जीवन में अंधेरा छा जाता है। दुख तो इस बात का है कि यह सब जानने के बावजूद भी युवा पीढ़ी नशे का ...
मुख्यपृष्ठ Nasha Mukti Par Nibandh नशा मुक्ति पर निबंध 500 शब्दों में | Nasha Mukti Par Nibandh 100-500 Words जून 11, 2023 कक्षा 1 से कक्षा 10 के लिए निबंध / essay for class 1 to class 10
Short Essay on Nasha Mukti in Hindi Language - नशा मुक्ति पर निबंध ( 200 words ) आज के युवाओं में नशे के सेवन का प्रचलन बहुत ज्यादा देखने को मिलता है। वह शराब, गुटखा ...
श्रीगंगानगर के डाबला में समाज के खुले मंच से नशा मुक्ति पर एक ...
नशा मुक्ति पर निबंध हिंदी में - Nasha Mukti Par Nibandh . नशा मुक्ति पर निबंध : नशा स्वास्थ के लिये हानिकारक होता है यह हमारे शरीर को धीरे-धीरे करके मारता है यह कैंसर ...
नशा मुक्ति पर निबंध- Essay on Nasha Mukti in Hindi. भूमिका- किसी भी राष्ट्र की जनता ही वहाँ की सबसे बड़ा धन और ताकत होती है और यदि जनता का भविष्य ही अंधकार में चला जाए तो वह ...
The Minister for Social Justice & Empowerment Shri Thawaarchand Gehlot launched the website for the Nasha Mukt Bharat Abhiyaan (NMBA) on the occasion of International Day Against Drug Abuse and Illicit Trafficking on 26 June 2021, which is observed worldwide to strengthen action and cooperation in achieving the goal of a sustainable world free of substance abuse.
नशाबंदी Nasha Bandi. नशा अर्थात् मादक पदार्थों के सेवन से प्रत्येक वर्ग का व्यक्ति ग्रसित है। यहाँ तक कि अब महिलाओं में भी यह प्रवृत्ति घर करती जा रही है। वैसे ...
Amar Ujala Kavya brings you a collection of news related to poetry and literary world with hindi poems, hindi shayari, urdu poetry. Read shayari and one line shayari in hindi of different flavors like love shayari, sad shayari, romantic shayari, life shayari and masterpieces of great poets
Independence Day Short Speech in Hindi: गुरुवार, 15 अगस्त, 2024 को भारत अपना 78वां स्वतंत्रता दिवस मनाने ...
मद्य निषेध या नशाबंदी पर निबंध - Nasha Bandi Par Nibandh. मदिरापान या अन्य नशीले पदार्थों का सेवन हानिकारक होता है। आज के मद्य निषेध पर Long तथा Short ...
नशा मुक्ति पर निबंध | Essay on Nasha Mukti In Hindi नशाखोरी भारतीय समाज में बड़ी समस्या बन चुकी हैं. अक्सर लोग जीवन के तनाव तथा विफलताओं
नशा मुक्ति पर निबंध | Essay On Nasha Mukti In Hindi | नशा मुक्ति पर निबंध 150 शब्दों में👉 Your Queries ...
Nasha Mukt Bharat Abhiyaan is a national initiative focused on achieving a Drug-Free India. It actively involves youth, women, and community members, with particular emphasis on higher education institutions, youth clubs, and women's groups. The campaign aims to spread awareness about the dangers of substance abuse, reaching out to every citizen.
Rakhi Par Nibandh, Raksha Bandhan 2024 Essay In Hindi 2024: रक्षाबंधन का त्योहार आने वाला है। भाई-बहनों ने इसके लिए तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। रंग-बिरंगी राखी से बाजार सज गए हैं ...
Additionally, Google Search in India is now equipped with text-to-speech meaning that users will be able to listen to the information they google. The controversy around AI Overviews. AI Overviews got off to a bumpy start when it was first rolled out in the US in May 2024.
NEW DELHI Prime Minister Narendra Modi delivered his longest Independence Day speech on Thursday, lasting 98 minutes. This surpassed his previous record of 96 minutes set in 2016. PM Modi's ...