यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi: किसी भी जनतंत्र देश में प्रधानमंत्री का विशेष महत्त्व होता है। मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री ही सबसे मुख्य होता है। उसकी दूरदर्शिता और कार्यकुशलता पर ही देश के भविष्य का आधार है। इसलिए यदि मैं अपने देश का प्रधानमंत्री होता तो अपने-आपको, सचमुच, बड़ा भाग्यशाली मानता, क्योंकि देशसेवा का ऐसा अवसर अन्यत्र दुर्लभ है।

यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता हिंदी निबंध Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

जनता की प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना

आज हमारे देश में लाखों करोड़ों लोगों को पेट भरने के लिए भोजन, पहनने के लिए कपड़ा और रहने के लिए घर नहीं मिलता। प्रधानमंत्री के नाते मैं सबसे पहले देश की जनता की इन प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए भरसक प्रयत्न करता। मजदूरों, कारीगरों आदि के कल्याण के लिए तथा निम्न वर्ग की दशा सुधारने के लिए मैं विशेष आयोजन करता। देश के सर्वांगीण विकास के लिए मैं हर संभव प्रयत्न करता।

राजनीतिक सुधार

हमारे देश में आज प्रांतवाद और जातिवाद पनप रहें है। राजनीतिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढ़ गया है। रिश्वतखोरी, कालाबाजारी, तस्करी और दंगे-फसादों की कोई सीमा ही नहीं रही। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो इन बुराइयों को दूर करने के लिए कड़े हाथों से काम लेता। किसी भी हालत में देश की एकता को बनाए रखता और देश की प्रगति के लिए जी-जान से प्रयत्न करता।

अन्य समस्याओं का हल

बेकारी और गरीबी जैसी समस्याओं को हल करने के लिए मैं छोटे-मोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देता। निरक्षरता दूर करने के उचित प्रबंध करता, भारतवासियों के स्वास्थ्यसुधार के लिए ठोस कदम उठाता, गाँवों की प्रगति के लिए पंचायतों को विशेष अधिकार देता, समाजसुधारकों और ग्रामसेवकों को भी प्रोत्साहित करता । इसके अतिरिक्त देश में वैज्ञानिक और तांत्रिक शिक्षण के लिए ठोस आयोजन करता।

मैं भारत का प्रधानमंत्री बनकर सभी देशों के साथ सहयोग और मित्रता का व्यवहार रखता और गुटबंदी से अलग रहता। परमाणु शस्त्रों पर विश्वव्यापी प्रतिबंध लगवाने का पूर्ण समर्थन करता । मैं विद्यालयों में फौजी तालीम अनिवार्य कराता और सुरक्षा की दृष्टि से देश को आत्मनिर्भर बनाता। जहाँ तक हो सके, युद्ध से दूर रहता, फिर भी अन्यायपूर्ण आक्रमणों का मुंहतोड़ जवाब देता।

मैं अपनी सेवा और कर्तव्यनिष्ठा से देशवासियों के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत करने का प्रयत्न करता। मैं विरोधी पक्षों के दृष्टिकोण को समझने की पूरी कोशिश करता और देश की समस्याओं को हल करने के लिए उनका भी सहयोग लेता । मेरे मंत्रिमंडल के सदस्यों को मैं उनकी योग्यता के अनुसार उचित जिम्मेदारी सौपता । उन सबके प्रति मेरा व्यवहार सहानुभूतिपूर्ण और निष्पक्ष होता, फिर भी किसी तरह का भ्रष्टाचार में बर्दाश्त न करता। प्रधानमंत्री के नाते मेरा लक्ष्य देश को हर तरह से सुखी, समृद्ध और शक्तिशाली बनाना होता।

काश ! मैं अपनी अभिलाषाओं को पूर्ण कर पाऊँ !

इस निबंध को भी पढ़िए:

Rakesh more.

इस ब्लॉग पर आपको निबंध, भाषण, अनमोल विचार, कहानी पढ़ने के लिए मिलेगी |अगर आपको भी कोई जानकारी लिखनी है तो आप हमारे ब्लॉग पर लिख सकते हो |

Nibandh

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध

ADVERTISEMENT

रूपरेखा : प्रस्तावना - पूर्व प्रधानमंत्रियों से प्रेरणा - प्रधानमंत्री बनना मेरा सौभाग्य - यदि मैं प्रधानमंत्री होता - उद्योग-धंधों और खेती को मजबूत बनाता - देश की कानून व्यवस्था - राजनीतिक सुधार - विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा दूंगा - शिक्षा, स्वास्थ्य का उचित प्रबंध - गरीबी की समस्या - जनसंख्या नियंत्रण रखता - अंत:।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो जवाहरलाल नेहरू के व्यापक दृष्टिकोण को स्वीकार करता, लालबहादुर शास्त्री की विजय-नीति पर चलता, इंदिरा जी की कूटनीति को अपनाता, मुरारजी भाई का अभयदान देश को देता, सर्वश्री चौधरी चरणसिंह, चन्द्रशेखर, वी.पी.सिंह, देवगौड़ा, गुजराल के अस्थायित्व से इस पद को बचाता तंथा राजीव गाँधी की भावना को समझ कर देश के प्रति देश का कार्य सफलता पूर्वक करना, यदि में प्रधानमंत्री होता तो ये सभी बातें को ध्यान में रखकर में अपने पूर्व प्रधानमंत्रियों से प्रेरणा लेता।

जनतंत्र देश में प्रधानमंत्री का विशेष महत्त्व होता है। प्रधानमंत्री ही सभी मंत्रिमंडल का नेता होता है। देश का भविष्य उन्ही के कार्यकुशलता पर ही निर्भर होता है। इसलिए यदि मैं अपने देश का प्रधानमंत्री होता तो मैं अपने आपको भाग्यशाली मानता, क्योंकि देश की सेवा करने का ऐसा अवसर किसीको भाग्य से ही मिलता है। इसीलिए अगर मुझे देश का प्रधानमंत्री बनने का सौभाग्य प्राप्त होता तो मैं उसे पूरी निष्ठा और लग्न के साथ अपना जीवन देश की विकास और उनत्ति करने मैं लगा देता।

आज हमारे देश में करोड़ों लोगों को पेट भरने के लिए भोजन, पहनने के लिए कपड़े और रहने के लिए घर नहीं मिलता। प्रधानमंत्री के नाते में सबसे पहले देश की जनता की इन प्राथमिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पूर्ण प्रयत्न करता। मजदूरों, कारीगरों आदि के कल्याण के लिए तथा निम्न वर्ग के लोगों की दशा सुधारने के लिए मैं विशेष कदम उठता। मैं हर संभव प्रयत्न करता जिससे देश की विकास हो। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो नेहरू जी की तरह राष्ट्रहित में स्वस्थ तटटस्थ विदेशनीति पर चलता । सर्वश्री लालबहादुर शास्त्री, इंदिरा गाँधी तथा अटल बिहारी बाजपेयी की तरह ध्मांध और उद्ंड राष्ट्रों को सबक सिखाता। इंदिरा जी की तरह निरपेक्ष राष्ट्रों का राष्ट्राध्यक्ष बनकर विश्व में भारत का नाम उन्‍नत की ओर लेकर जाता।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो देश को उद्योग-धंधों से समृद्ध कर स्वावलम्बी बनाता। लालबहादुर शास्त्री के जय जवान जय किसान के नारे से देश की खेती कर और अधिक उपजाऊ बनाता, ताकि देश की रीढ़ किसान भारत को शस्य-श्यामला रख सकें और अन्न का भण्डार भरपूर रहे। इंदिरा जी की तरह उद्योगों का जाल बिछाता तथा विदेशों में निर्यात को बढ़ावा देकर राष्ट्र की अर्थ नीति को मजबूत करता।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो कानून और व्यवस्था को मजबूत करना मेरा प्रथम कर्तव्य होता। आतंकवाद से जनता को मुक्त कराने के लिए निस्संकोच युद्ध-स्तर पर सैनिक कार्यवाही करता । पूर्व वित्तमंत्री श्री मनमोहनसिंह के फार्मूले को अपनाकर बहु- औद्योगिक कंपनियों का देश में जाल बिछाता ताकि देश औद्योगिक दृष्टि से समृद्ध हो और बेरोजगारी पर काबू पाया जा सके | उग्रवाद को सदा-सदा के लिए समाप्त करने के लिए "न होगा बाँस न बजेगी बाँसुरी" के अनुसार इसकी जड़ को ही नष्ट कर देता।

हमारे देश में आज प्रांतवाद और जातिवाद की घटना बढ़ रहे हैं। राजनीतिक क्षेत्र में भ्रष्टाचार बढ़ गया है तथा रिश्वतखोरी, कालाबाजारी, तस्करी और दंगे-फसादों की अब कोई सीमा ही नहीं है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो इन बुराइयों को दूर करने के लिए कड़ी से कड़ी नियम बनता। किसी भी हालत में देश की एकता को बनाए रखता और देश की प्रगति के लिए पूर्ण निष्ठा से काम करता।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता जो जवाहरलाल जी की तरह विज्ञान को प्रोत्साहन देता । इंदिरा जी की तरह प्रौद्योगिकी (टेक्नोलोजी) का विकास करता तथा अटल जी की तरह जय विज्ञान की घोषणा करता। विश्व के महान्‌ वैज्ञानिक राष्ट्रों की श्रेणी में अपने देश की गिनती करवाता। विज्ञान और टेक्नोलोजी के क्षेत्र में प्रोत्साहन देकर भारत को विश्व का समृद्ध देश बनाता। विज्ञान और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा देकर देश को उज्वल विकास और उनत्ति बनाने का कोई कसर नहीं छोड़ता।

भारत का प्रत्येक शिशु, युवक, नागरिक शिक्षित हो, कोई भारतीय अशिक्षित न रहे, इसकी व्यवस्था करता। स्कूल-कॉलिजों की पवित्र मंदिर का रूप देता। टेक्नीकल एजूकेशन शिक्षा का अनिवार्य अंग होता इसीलिए मै टेक्नीकल एजूकेशन को बढ़ावा देता। उच्च-शिक्षा का अवसर केवल योग्य और अधिकारी छात्रों को ही प्रदान करता। मैं विद्यालयों में फौजी तालीम अनिवार्य कराता और सुरक्षा की दृष्टि से देश को आत्मनिर्भर बनाता। जन-स्वास्थ्य की दृष्टि से देश में डिस्पेंसरी, अस्पताल और चिकित्सा केन्द्रों को प्रोत्साहन देता। प्रदूषण से देश के पर्यावरण को नुकसान पहुचंता है इसीलिए मैं प्रदूषण को रोकने के लिए कड़ा नियम बनता | विशेष और संक्रामक रोगों के लिए विशिष्ट अस्पताल खोलता। दूर-संचार माध्यमों द्वारा जनता को स्वस्थ रहने के गुर सिखाता जिससे मेरे देश का हर नागरिक स्वस्थ रहे। प्रकृति-प्रकोप की पूर्व जानकारी देकर तथा समुचित उपाय करके राष्ट्र की हानि कम से कम होने देता। सहकारिता, परिवहन, पर्यटन को बढ़ावा देता । संचार-व्यवस्था सस्ती और चुस्त करता। दूरदर्शन और रेडियो को मनोरंजन, शिक्षा, बहुमुखी जानकारी तथा समाचार का विश्वस्तनीय केन्द्र बनाता। मेरा हर कार्य देश की सुरक्षा, विकास और उनत्ति के लिए होता।

गरीबी और बेकारी जैसी समस्याओं को हल करने के लिए मैं छोटे-मोटे उद्योगों को प्रोत्साहन देता। निरक्षरता दूर करने के उचित प्रबंध करता तथा भारतवासियों के स्वास्थ्य सुधार के लिए कड़ा कदम उठाता। गाँवों की प्रगति के लिए पंचायतों को विशेष अधिकार देता तथा समाज सुधारकों और ग्रामसेवकों को भी प्रोत्साहित करता। मैं सरकारी खर्च को कम करने के उपाय करता जिससे देश की आर्थिक बिगड़े नहीं। ऐसा कोई कार्य पर ध्यान देता जिससे देश के गरीब भाइयो को दो वक़्त की रोटी उन्हें मिलता तथा बेरोजगारी भाइयों के लिए रोजगार देने का कार्य करता।

जनसंख्या वृद्धि को रोकने के सशक्त उपाय ढूंढ़ता और लोगों को जनसँख्या रोकने के लिए जागृत करता | समाचार-पत्रों की स्वतंत्रता को पूर्ण रखता। पंचायत से लेकर संसद्‌ तक की प्रत्येक सीट का चुनाव निश्चित और निर्धारित समय पर करवाकर लोकतंत्र को स्थायित्व देता। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो प्रादेशिक सरकारों से भेद-भाव नहीं करता । देश में समान कानून होता। किसी अल्पसंख्यक, विशेष प्रदेश या वर्ग-विशेष को विशेष छूट नहीं होती ।

मैं भारत का प्रधानमंत्री बनकर सभी देशों के साथ सहयोग और मित्रता का व्यवहार रखता और गुटबंदी से दूर रहता। परमाणु शस्त्रों पर विश्वव्यापी प्रतिबंध लगवाने का पूर्ण प्रयत्न करता। मैं अपनी सेवा और कर्तव्य निष्ठा से देशवासियों के समक्ष एक आदर्श प्रस्तुत करने का प्रयत्न करता। मैं विरोधी पक्षों के दृष्टिकोण को भी समझने की पूरी कोशिश करता और देश की समस्याओं को हल करने के लिए उनका सहयोग लेता। अपने मंत्रिमंडल के सदस्यों को मैं उनकी योग्यता के अनुसार उचित जिम्मेदारी सौंपता। सबके प्रति मेरा व्यवहार सहानुभूतिपूर्ण और निष्पक्ष होता। किसी तरह का भ्रष्टाचार मैं बर्दाश्त न करता। प्रधानमंत्री के नाते मेरा लक्ष्य देश को सुखी, समृद्ध और शक्तिशाली बनाना होता। मेरे निर्णय सदा देश के हित में मंत्रिमंडल की टीम स्थ्रिट से होते । विषम समस्या आने पर देश के पूर्व प्रधानमंत्रियों, राष्ट्रपतियों, विपक्ष तथा विद्टानों से विशेष-मंत्रणा करता। उनके सामूहिक निर्णय को कार्यान्वित करता। मैं देश का ईमानदार और सचाई के राह पर चलने के लिए हर संभव प्रत्यन करता।

Nibandh Category

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध

Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi: हम यहां पर यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में   अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेयर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

Essay-on-If-I-were-the-Prime-Minister-of-India-in-Hindi

Read Also:  हिंदी के महत्वपूर्ण निबंध

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध | Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध 200 शब्दों में (essay on if i were the prime minister of india in 200 words in hindi).

हमारा देश भारत आज के समय में प्रगति की रफ्तार में चल रहा है। लेकिन यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो मैं देश में कई प्रकार से नए विकास करने का प्रयास करता। देश के हर सिस्टम को डिजिटल पर ऑनलाइन ले जाने का पूरा प्रयास करता।

यदि मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो देश में महिला शिक्षा को बढ़ावा देता। महिलाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध करवाता। साथ ही साथ बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर उपलब्ध करवाने का प्रयास करता। भारत का प्रधानमंत्री होने के नाते में देश से भ्रष्टाचार और आतंकवाद को पूरी तरह से मिटाने का पूरा प्रयास करता। देश में आज भी कई जगहों पर भ्रूण हत्या हो रही है, उनको खत्म करने का प्रयास करता।

भारत का प्रधानमंत्री होने के नाते में देश में जनसंख्या वृद्धि दर को रोकने का पूरा प्रयास करता। जनसंख्या वृद्धि रोकने के प्रति लोगों में जागरूकता फैलाने का काम करता और जनसंख्या वृद्धि रोकने के लिए नेशनल पापुलेशन कंट्रोल जैसे नियम देशभर में लागू करता। प्रधानमंत्री पद पर रहते हुए मैं देश में शिक्षा दर और साक्षरता दर को बढ़ाने के लिए कई प्रकार की योजनाएं और अभियान चलाने का काम करता।

देश में खासतौर से गरीब और किसान वर्ग के लोगों के लिए नई योजनाएं चलाता और देश में भुखमरी दूर करने का प्रयास करता। इसके अलावा मैं देश में निशुल्क इलाज के लिए योजना चलाता और देश में सभी नागरिकों को निशुल्क इलाज की सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रयास करता।

Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध 250 शब्दों में (Yadi Main Pradhanmantri Hota Nibandh)

हमारे देश में प्रधानमंत्री का पद बहुत ही महत्वपूर्ण पद होता है, इसीलिए प्रधानमंत्री बनना देश के हर नागरिक के लिए बहुत गौरव की बात है। प्रधानमंत्री का पद बहुत ही जिम्मेदारी भरा होता है, इसीलिए प्रधानमंत्री बनना बहुत जिम्मेदारी का और महत्वपूर्ण काम है।

देश का हर नागरिक प्रधानमंत्री बनने का सपना देखता है कि अगर मैं भी अपने जीवन में कामयाबी की बुलंदियों पर रहा तो मेरे लिए यह बहुत ही गौरव की बात होगी। अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री बना तो मैं देश की उन्नति के लिए अपनी समस्त क्षमताओं का उपयोग करके उसका गौरव बढ़ाने का भरपूर प्रयास करता।

इसके अलावा मैं अपने देश में जो भी योजनाएं और जो भी प्रतिक्रिया हैं, उन सभी में परिवर्तन लाने की पूरी कोशिश करता। यह सब बातें सिर्फ कहने के लिए ही नहीं है मैं देश के हित के लिए सभी कार्यों को करता। देश में फैल रहे अत्याचार, महिलाओं पर बढ़ते हुए अत्याचार, गरीबों का शोषण, भ्रष्टाचार, गरीबी आदि सब पर बहुत ध्यान देने की जरूरत है।

अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो देश में सभी योजनाओं और कार्यक्रमों की सही ढंग से जांच करवाता। इससे जो भी जनता से जुड़े हुए काम है, वह जल्दी हो सके और उन्हें किसी भी प्रकार की कोई बेईमानी या भ्रष्टाचार ना हो। देश के हित के लिए लोगों की भलाई के लिए ऐसी योजनाओं का चयन करता, जो कि हमारे देश की जनता के लिए बहुत लाभदायक हैं।

देश में सही प्रकार की न्याय व्यवस्था, सुरक्षा और शिक्षा की व्यवस्था को बेहतर तरीके से करवाता। इसके साथ देश में गरीबी भ्रष्टाचार मिटाने का काम ही करता ताकि निम्न वर्ग के लोग और देश की आम जनता का शोषण ना हो।

Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध इन हिंदी 850 शब्दों में (Yadi Me Pradhanmantri Hota Essay in Hindi)

देश का प्रधानमंत्री बनना बहुत ही गौरव और हर्ष की बात है। देश के मंत्रिमंडल में प्रधानमंत्री का पद सबसे प्रमुख होता है क्योंकि जो दूर तक देखने की नजर रखता हो और उसके कार्य की कुशलता के आधार पर ही देश का भविष्य टिका होता है। इसलिए अगर मैं भी देश का प्रधानमंत्री होता तो अपने आप को बहुत ही किस्मत वाला समझता।

क्योंकि देश की सेवा करने का मौका हर किसी के नसीब में नहीं होता है। माना कि यह पद बहुत ही जिम्मेदारी भरा होता है लेकिन हर किसी की किस्मत में भी नहीं होता।

आम जनता की मूलभूत आवश्यकताओं का ध्यान

मनुष्य की जरूरी मूलभूत आवश्यकता रोटी कपड़ा मकान है, इनके बिना इंसान कुछ नहीं है। आज हमारे देश की दुर्दशा बहुत बुरी है क्योंकि यहां पर लाखों करोड़ों लोगों को पेट भरने के लिए भोजन, पहनने के लिए कपड़ा और रहने के लिए घर नहीं है। यह तीनों चीजें इंसान की सबसे जरूरी आवश्यकताओं में एक है।

आज मैं प्रधानमंत्री के पद पर होता तो सबसे पहले इन लोगों की इन जरूरी आवश्यकताओं को पूरा करने की पूरी कोशिश करता। मजदूर वर्ग के लोग, कारीगर आदि सभी के कल्याण के लिए विशेष प्रकार के रोजगारओं का आयोजन करता। देश के सर्वांगीण विकास के लिए हर संभव प्रयास करता, जो देश के लिए और देश की गरीब जनता के लिए बहुत जरूरी है।

भारत की विदेश नीति में सुधार

प्रधानमंत्री के पद पर होने के बाद में सभी देशों के साथ आपसी सहयोग और मित्रता का व्यवहार रखता। गुट-बंदी वाले देशों के साथ भी मित्रता का व्यवहार रखता। परमाणु शस्त्रों पर प्रतिबंध लगाने का पूरा समर्थन करता। मैं भारत के सभी विद्यालयों में सैनिकों की शिक्षा को अनिवार्य करता तथा देश के लोगों को सुरक्षा की दृष्टि से आत्मनिर्भर बनाता।

इसके अलावा जहां तक संभव हो सके देश को युद्ध से दूर रखता और अन्याय पूर्ण जो भी आक्रमण होते हैं, उनका मुंह तोड़ जवाब देता। आतंकवादी गतिविधियों पर भी विशेष टीमों का निर्माण कर उन पर प्रतिबंध लगाने की पूरी कोशिश करता। हमारा भारत एक शांति प्रिय देश है। मैं भारत की विदेश नीति को सही करने के लिए दुनिया भर में शांति को बढ़ाता और परस्पर आपसी सहयोग की सभी के अंदर भावना को जागृत करता।

शिक्षा पद्धति में सुधार

मैं अक्सर देखता हूं कि हमारे देश की शिक्षा पद्धति बिल्कुल सही नहीं है। मैं प्रधानमंत्री के पद पर होने के बाद इस पर विशेष ध्यान देता। हमारे देश के हर नागरिक को शिक्षित करने के पूरे प्रयास करता। इसके अलावा मैं शिक्षा के महत्व को बढ़ाने के लिए सभी विद्यालय महाविद्यालय में अच्छे से अच्छे प्रकार की शिक्षा तथा अच्छे शिक्षकों की नियुक्ति कर करता।

देश में बढ़ रही बुराइयों का अंत

सबसे पहले मैं देश के हर नागरिक का नैतिक स्तर को सुधारने की पूरी कोशिश करूंगा। इसके अलावा आतंकवाद, नशीली दवाओं का सेवन, भ्रष्टाचार, अशिक्षा, दहेज प्रथा, शराब का अधिक मात्रा में प्रयोग इन सभी बुराइयों को मिटाने की पूरी कोशिश करूंगा। इसके अलावा लोगों में देशभक्ति की भावना को जागृत करूंगा ताकि लोग देश के प्रति जिम्मेदार नागरिक बन सकें।

देश के बुजुर्गों का राष्ट्र के प्रति उद्देश्य

बुजुर्गों से ही हमें बहुत कुछ सीखने को मिलता है। अगर इन्हें बुजुर्ग व्यक्तियों के द्वारा हमें अपने जीवन को सुधारने के कुछ तरीके मिल जाए या फिर देश हित के लिए कुछ सही जानकारियां मिल जाए तो यह हम सभी के लिए बहुत बड़ी बात होगी। आज हमारे देश में बुजुर्गों को अपने जीवन मे बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है।

जिसकी वजह से हमारे देश के हजारों बुजुर्ग व्यक्ति ओल्ड ऐज होम और वृद्ध आश्रमों में अपना जीवन गुजार रहे हैं। इसके लिए उनकी स्वास्थ्य सेवा और पेंशन आदि की व्यवस्था करके, उनके जीवन को खुशहाल बनाने का पूरा प्रयास मैं प्रधानमंत्री बनने के बाद करूंगा।

लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर

हमारे देश में बढ़ रही बेरोजगारी को ध्यान में रखते हुए देश के लोगों के लिए लघु उद्योग और ग्रामीण उद्योगों को सबसे ज्यादा बढ़ावा देने की जरूरत है। इसके लिए एक ऐसे बजट को स्थापित करना होगा, जिससे ग्रामीण क्षेत्र के सभी लोगों के लिए रोजगार के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जा सके।

अच्छे मंत्रियों के द्वारा मंत्रिमंडल का गठन

मेरे प्रधानमंत्री के पद पर बैठने के बाद में मेरे कैबिनेट में अच्छे मंत्रियों का गठन में करूंगा। इसके लिए मैं देश के सुयोग्य और अनुभवी व्यक्तियों को इसमें शामिल करूंगा ताकि देश की भलाई के लिए उनकी काबिलियत ओर समझ काम आ सके।

देश की प्रगति के लिए हार वह कार्य करूंगा, जो प्रधानमंत्री के पद पर रहकर किए जाते हैं। वैसे तो प्रधानमंत्री बनने के लिए अभी मेरे अंदर इतनी काबिलियत और तजुर्बा नहीं है, फिर भी मैं प्रधानमंत्री अगर बना तो पूरी इमानदारी और कर्तव्य निष्ठा के साथ अपनी जिम्मेदारियों को बहुत अच्छे से निभाऊंगा।

देश की उन्नति और विकास के लिए जो भी सही कदम या फैसले लेने पड़े वह हर कार्य करूंगा। देश की उन्नति के लिए एक इमानदार समझदार और सही फैसले लेने वाले प्रधानमंत्री की इस देश को जरूरत है।

उम्मीद है कि आपको यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध इन हिंदी (Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi) अच्छा लगा होगा। अगर आपको यह पसंद आया तो आप इसको शेयर करें।

  • नरेंद्र मोदी पर निबंध
  • सुभाष चंद्र बोस पर निबंध
  • भारत की प्रमुख समस्याएं पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

Related Posts

Comment (1).

Ye bhut aacha essey tha me agar desh Ka prdhanmantri hora valee pr I hope mere is pr pure number milega

Leave a Comment जवाब रद्द करें

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध (If I Were A Prime Minister Essay In Hindi)

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध (If I Were A Prime Minister Of India Essay In Hindi)

आज हम यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध (Essay On If I Were A Prime Minister In Hindi) लिखेंगे। यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर लिखा यह निबंध बच्चो (kids) और class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए लिखा गया है।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो विषय पर लिखा हुआ यह निबंध (Essay On If I Were A Prime Minister In Hindi) आप अपने स्कूल या फिर कॉलेज प्रोजेक्ट के लिए इस्तेमाल कर सकते है। आपको हमारे इस वेबसाइट पर और भी कही विषयो पर हिंदी में निबंध मिलेंगे, जिन्हे आप पढ़ सकते है।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध (If I Were A Prime Minister Of India Essay In Hindi)

प्रधानमंत्री का पद अत्यंत महत्वपूर्ण होता है। देश की सम्पूर्ण बागडोर, अहम फैसलों का दायित्व और अनगिनत जिम्मेदारियों को प्रधानमंत्री हमेशा निभाता है। प्रधानमंत्री को बिना रूके देश के प्रति दैनिक जिम्मेदारी को निष्ठा के साथ निभाना पड़ता है।

हम सभी दैनिक जीवन में बहुत सारी कल्पनाएं करते है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो यह मेरा सौभाग्य होता कि मैं देश के प्रति अपने जिम्मेदारियों को निभा सकूँ। फिलहाल देश के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी है।

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो देश के कई सारे प्रक्रियाओं में परिवर्तन लाने की कोशिश करता। यह सिर्फ मैं कहने के लिए नहीं बोल रहा हूँ, मैं देश के हित में अनगिनत कार्य करता है।  देश में फैल रहे अत्याचार, महिलाओं पर बढ़ते जुल्म, गरीबो पर अत्याचार, शोषण,  भ्रष्टाचार इत्यादि अपराधों पर अंकुश लगाने का प्रयत्न करता।

गौरव की बाद

प्रधानमंत्री बनना किसी भी व्यक्ति और नागरिक के लिए गर्व की बात होती है। इस पद में जितना दायित्व होता है उतना सम्मान भी होता है। प्रधानमंत्री बनने के लिए देश – विदेश का ज्ञान, सरकार शासन चलाने का हुनर, राजनीतिक कार्यो को अच्छे से समझना आवश्यक होता है।

देश विदेश की सभी नीतियों का अच्छा ज्ञान होना आवश्यक है। लेकिन कभी – कभी मेरे मन में यह ख्याल आता है कि यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो मैं देश के लिए क्या करता।

जनहित संबंधित कार्य

यदि मैं प्रधानमंत्री होता, तो सभी योजनाओं, कार्यक्रमों की जांच करवाता। ताकि जनता के संबंधित कार्य जल्दी हो सके। मैं ऐसे योजनाओं का चयन करता जोकि जनता के लिए लाभप्रद हो। बेहतर न्याय व्यवस्था, सुरक्षा और शिक्षा व्यवस्था का प्रबंध करवाता। गरीबी को मिटाने का प्रयास करता ताकि कोई भी इंसान भूखे पेट ना सोये।

शासन कार्यो को सुचारु रूप से चलाता

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो सभी पहलुओं पर गौर करता। अपने निर्णय खुद लेता और शासन कार्यो में कभी ढील नहीं देता। अपने जिम्मेदारियों के प्रति सचेत रहता और हर मुश्किलों का सामना करता। देश की जनता की भलाई के लिए सारे उचित निर्णय लेने का प्रयास करता।

देश की विभिन्न समस्याएं

देश हमेशा से विभिन्न परेशानियों में घिरा रहता है। देश की सामाजिक, राजनीतिक, आर्थिक स्तर पर कई सारी समस्याएं है। उन्हें सोच समझकर अपने पार्टी के सदस्यों के साथ विचार विमर्श करता और सुलझाने की हर मुमकिन चेष्टा करता।

मैं जानता हूँ कि प्रधानमंत्री का पद जिम्मेदारियों से भरा हुआ होता है। जो समस्याएं हमारी देश की प्रगति में बाधक है उन्हें मिटाने की मैं जी तोड़ कोशिश करता।

पार्टी में योग्य व्यक्तियों का योगदान

यदि मैं प्रधानमंत्री होता, तो काबिल व्यक्तियों को पार्टी में शामिल करता जो योगदान दे पाते। जब पार्टी का गठन अच्छा और मज़बूत होगा, तो देश को अच्छे तरीके से चलाया जा सकता है। जो पार्टी मेंबर गलत कार्यो में लिप्त है, उन्हें पार्टी में शामिल नहीं होने देता। पूर्व प्रधानमंत्री के अच्छे आदतों और उन नीतियों को अपनाता जिससे देश उन्नति की राह पर चल सके।

अच्छे मंत्रियों को शामिल करना

प्रधानमंत्री बनने के बाद मेरा पहला काम मेरी कैबिनेट के लिए सबसे अच्छे मंत्रियों को चुनना होगा। मैं आगे यह सुनिश्चित करूंगा कि सुयोग्य युवा पुरुषों को भी कैबिनेट में जगह मिलनी चाहिए, ताकि उनके काबलियत का उपयोग देश की भलाई के लिए किया जाए।

फिर मैं देखूंगा कि सभी बड़ी मिलों का राष्ट्रीयकरण किया जाना चाहिए। ताकि मजदूरों की मेहनत से कमाया गया लाभ उन्हें भी प्राप्त हो। श्रमिकों को उनका उचित हिस्सा मिलना चाहिए। मैं यह सुनिश्चित करूंगा कि केवल विशेषज्ञ व्यक्ति ही उन उद्योगों का नेतृत्व करे।

देश की बढ़ती बेरोजगारी

देश में जनसंख्या बढ़ती चली जा रही है। इस पर अंकुश लगाने के लिए विभिन्न कार्यक्रमों से लोगो को जागरूक करने का प्रयास करता। देश में आबादी बढ़ने के कारण नौकरियां कम हो रही है और उम्मीदवार बढ़ रहे है। इस समस्या को सुलझाने की कोशिश करता। देश में पर्याप्त रोजगार के अवसरों को शुरू करवाता।

नयी योजनाओं का आरम्भ

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो देश में गरीबी को कम करने के लिए नयी योजनाओं का निर्माण करता। देश मे महंगाई, कालाबजारी, जमाखोरी जैसे समस्याओं को दूर करता। जो लोग कालाबाज़ारी और जमाखोरी जैसे अपराध करते उन्हें सख्त से सख्त सजा दिलवाता।

भ्रष्टाचार से निपटता

किसी भी रूप में भ्रष्टाचार से सख्ती से निपटा जाएगा और भ्रष्ट व्यक्तियों को कठोर सजा दी जाएगी। मैं जानता हूं कि किसी देश का शासन संभालना इतना आसान काम नहीं है। सभी लोगो का सक्रीय समर्थन ज़रूरी है। देश में कई स्तरों पर भ्रष्टाचार ने अपने शाखाएं फैलाई है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो भ्रष्टाचार जैसे दीमक को उखाड़कर फेंक देता।

कृषि और उद्योग क्षेत्रों को विशेष महत्व

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो कृषि और किसानो को विशेष महत्व देता। किसानो की हालत दयनीय हो गयी है। उन्हें और बेहतर सुख  – सुविधाएं प्रदान करता। किसानो को शिक्षित करने के प्रयास करता, ताकि वह योजनाओं को बेहतर तरीके से समझ सके और उनका लाभ उठा सके। मैं उद्योग क्षेत्रों के विकास में कई कार्य करता।

बंद कारखानों को खुलवाना

जो कारखाने बंद हो गए है, उन्हें फिर से खुलवाता ताकि लोगो को रोजगार मिल सके। जिन लोगो को कारखाने बंद होने के कारण पैसे नहीं मिल रहे है, ऐसे मामलो को सुलझाने की चेष्टा करता।

प्रकृति संरक्षण

दिन प्रतिदिन पृथ्वी पर प्रदूषण बढ़ रहा है और पेड़ काटे जा रहे है। इन सब पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून बनाता और लोगो को प्रेरित करता ताकि वह नियमो का पालन करे। हफ्ते में दो दिन लोग अपने गाड़ी में नहीं बल्कि सार्वजनिक बसों का इस्तेमाल करे। ऐसा करने से प्रदूषण कम होगा। पेड़ लगाना सिर्फ औपचारिकता मात्र नहीं है। लोगो को जागरूक करता कि वह वृक्षारोपण को गंभीरता से ले।

लघु और कुटीर उद्योग को महत्व

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो लघु और कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहन देता। वहाँ निवेश करवाता ताकि ज़रूरतमंद लोगो को रोजगार प्राप्त हो सके। हस्तशिल्प संबंधित कार्यो को विकसित करने में मदद करता। अगर कुटीर उद्योगों को विकसित किया गया तो उन्नति अवश्य होगी।

आधुनिक शिक्षा प्रणाली

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो शिक्षा प्रणाली में परिवर्तन करता। ऐसी शिक्षा प्रणाली का निर्माण करवाता, जिसमे विद्यार्थियों को रूचि प्राप्त हो और रटने की प्रवृति दूर हो जाए। शिक्षा प्रणाली में बलाव अच्छा है। इससे आने वाले पीढ़ी के बेहतरीन भविष्य का निर्माण होगा।

गाँवों का विकास

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो गाँवों का विकास करता। गाँवों में सभी लोगो को शिक्षित कराने का प्रयास करता। ताकि कोई उनके भोलेपन का फायदा ना उठा सके। सभी गाँव में बिजली का प्रबंध करवाता, ताकि किसानो को खेतो की सिंचाई करने में मुश्किलें ना हो।

दूसरे ऊर्जा स्रोतों के उपयोग पर ज़ोर देता

दुनिया में कई इंधनो की कमी हो रही है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो सौर ऊर्जा, गोबर गैस और हवा ऊर्जा के उपयोग पर ज़्यादा ज़ोर देता। यह बेहतरीन शक्ति स्रोत है, जिसकी सहायता से कई प्रकार के कार्य किये जा सकते है।

सुरक्षा बलों को और अधिक मज़बूत बनाऊंगा

हमारे देश की आतंरिक सुरक्षा अत्यंत अनिवार्य है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो सुरक्षा बलों को ज़रूरी सुविधाएं प्रदान करवाता और उन्हें अच्छा प्रशिक्षण देने की चेष्टा करता। सेनाओ को बेहतरीन प्रशिक्षण दिलवाता।

मैं यह कोशिश करता कि स्कूलों में भी विद्यार्थियों को अन्य विषयो के संग सैन्य सुरक्षा जैसी शिक्षा प्राप्त हो। उससे जुड़े गतिविधियों को शामिल करता, ताकि विद्यार्थियों को कम उम्र से ही अपने जिम्मेदारियों का अहसास हो और वे देश प्रेम जैसे भावनाओ को समझ सके।

समाज में बसी जातिगत समस्याओं को दूर करता

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हर जगह शान्ति, आस्था, विनम्रता और इन्सानियत इत्यादि जैसे गुणों को विकसित करने की भरपूर कोशिश करता। आये दिन देश के किसी हिस्से में जातिगत पिछड़ेपन के कारण लड़ाई, झगड़ा, दंगे इत्यादि होते है। मैं इनको रोकने की पूरी कोशिश करता।

सभी धर्म, जाति, वर्ग एक समान है। लोगो को नौकरी उसकी कार्यक्षमता के आधार पर मिलती नाकि धर्म और वर्ग के बुनियाद पर।

नशीले पदार्थो पर रोक

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो तम्बाकू, सिगरेट, शराब जैसे नशीले वस्तुओं पर रोक लगाता। यह आने वाले युवा पीढ़ी और उसके उज्जवल भविष्य को समाप्त कर देता है। यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो नशीले वस्तुओं के सेवन पर पाबंदी लगाता।

देश के हर स्तर पर प्रधानमंत्री नेतृत्व करता है। वैसे प्रधानमंत्री बनने के लिए अभी मेरे में इतनी काबलियत नहीं है। मगर यदि मैं प्रधानमंत्री बनता तो पूरे निष्ठा के साथ अपने जिम्मेदारियों को निभाता। देश की उन्नति के लिए ईमानदार, समझदार और सही फैसले लेने वाले प्रधानमंत्री की ज़रूरत है।

इन्हे भी पढ़े :-

  • यदि मैं डॉक्टर होता पर निबंध (If I Am A Doctor Essay In Hindi)
  • यदि मैं पक्षी होता पर निबंध (If I Am A Bird Essay In Hindi)
  • 10 Lines On Prime Minister Of India In Hindi Language
  • यदि मैं वैज्ञानिक होता तो पर निबंध (If I Were A Scientist Essay In Hindi)
  • यदि मैं शिक्षा मंत्री होता पर निबंध (If I Were A Education Minister Essay In Hindi)

तो यह था अगर मैं प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध, आशा करता हूं कि यदि मैं प्रधानमंत्री होता  पर हिंदी में लिखा निबंध (Hindi Essay On If I Were A Prime Minister Of India) आपको पसंद आया होगा। अगर आपको यह लेख अच्छा लगा है, तो इस लेख को सभी के साथ शेयर करे।

Sharing is caring!

Related Posts

इंद्रधनुष पर निबंध (Rainbow Essay In Hindi Language)

इंद्रधनुष पर निबंध (Rainbow Essay In Hindi)

ओणम त्यौहार पर निबंध (Onam Festival Essay In Hindi)

ओणम त्यौहार पर निबंध (Onam Festival Essay In Hindi)

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay In Hindi Language)

ध्वनि प्रदूषण पर निबंध (Noise Pollution Essay In Hindi)

HiHindi.Com

HiHindi Evolution of media

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता पर निबंध | Essay on If I were the Prime Minister in Hindi

Essay on If I were the Prime Minister in Hindi  प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत है आज हम आपके साथ यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता पर निबंध अर्थात देश का पीएम बनता तो क्या होता अथवा क्या करता.

इस विषय पर आपके साथ हिंदी एस्से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10 के बच्चों के लिए सरल भाषा में अगर / काश मैं प्रधानमंत्री होता का निबंध 100, 200, 250, 300, 400 और 500 शब्दों में साझा कर रहे हैं.

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध Essay on If I were Prime Minister in Hindi

यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध Essay on If I were Prime Minister in Hindi

भारत के लोकतांत्रिक देश है, जिसमें प्रधानमंत्री राष्ट्र का वास्तविक मुखिया होता है। प्रधानमंत्री का पद हमारे देश में एक सबसे महत्वपूर्ण पद होता है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 75 में प्रधानमंत्री का उल्लेख है। अगर भविष्य मैं मुझे भारत का प्रधानमंत्री बनने का शौभाग्य प्राप्त होता है, तो मेरे प्राथमिकता में निम्न कार्य रहेंगे –

  • भारत में एक मजबूत लोकतंत्र की स्थापना करना। भारत की समस्त सरकारी संस्थाओं के मजबूत बनाना।
  • भारत की राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देना और देश में से जाति, धर्म के आदर पर होने वाले भेदभाव को रोकना।
  • भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाना मेरी पहली प्राथमिकता रहेगी। भारत में उत्पादन को बढ़ावा देना।
  • भारत में एक सुशाशन की स्थापना करना।
  • देश में बेरोजगारी, गरीबी, महंगाई को न्यूनतम स्तर पर लाना। 
  • अमीरी और गरीबी के बीच की खाई को कम करना।
  • देश में भष्टाचार को बिलकुल समाप्त करना।
  • देश की सैन्य ताकत को मजबूत करना और देश बाहरी और आंतरिक सुरक्षा को अत्यधिक मजबूत बनाना।
  • देश में महिलाओं को सुरक्षा को पुरुषों के समान अवसर देना।
  • महिलाओं के साथ होने वाले अपराधो के लिए सख्त कानून बनाना और उनका क्रियान्वन करना।
  • देश में पुलिस सिस्टम को मजबूत बनना, पुलिस की कार्य शैली में सुधार लाना।
  • अगर मैं भारत का प्रधान मंत्री बनता हूं तो भारत की शिक्षा प्रणाली में व्यापक सुधार लाने का पूरा प्रयास करूंगा। उच्च शिक्षा को गरीब व्यक्ति की पहुंच में लाया जाएगा। 
  • देश में नवाचार और तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देना।
  • देश को शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में विकसित बनाना।
  • देश में हर व्यक्ति को आगे बढ़ने के अवसर उपलब्ध करवाना और कानूनी दांव पेज को सरल बनाना।
  • देश में न्याय व्यवस्था को मजबूत और तेज बनाना।
  • देश के युवाओं को रोजगार के भरपूर अवसर उपलब्ध करवाना।
  • भारत को खेल के क्षेत्र में विश्व में शिखर पर पहुंचना, खेलों को प्रोहत्सान देना।
  • देश में किसानों को मजबूत बनना।

600 शब्द : यदि मैं प्रधानमंत्री होता

प्रस्तावना- भारत में प्रधानमंत्री का पद अति महत्वपूर्ण हैं. इसलिए प्रधानमंत्री बनना किसी भी भारतीय नागरिक के लिए गौरव की बात हैं. प्रधानमंत्री का पद जितना महत्वपूर्ण हैं उतना ही अधिक जिम्मेदारी भरा भी,

इसके बावजूद लगभग हर भारतीय का सपना प्रधानमंत्री बनने का होता हैं. यदि मैं भी जीवन में किसी पद पर पहुचने में कामयाब रहा तो यह मेरे लिए गौरव की बात होगी, यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो अपनी समस्त क्षमताओं का उपयोग राष्ट्र की उन्नति के लिए करता.

राष्ट्र के प्रति कर्तव्य – भारत के प्रधानमंत्री के रूप में मेरी राष्ट्र के प्रति कर्तव्यों में निम्नलिखित प्राथमिकताएं होती-

शिक्षा का उचित प्रसार- देश के प्रधानमंत्री के रूप में सबसे पहले मैं भारत में शिक्षा के उचित प्रसार पर ध्यान देता. किसी भी देश का आर्थिक विकास इस बात पर निर्भर करता हैं कि उसके नागरिक कितने शिक्षित हैं.

मैं शिक्षा द्वारा उत्पादकता बढ़ाने के लिए विज्ञान की शिक्षा, कार्यानुभव एवं व्यवसायिक शिक्षा पर जोर देता.

आंतरिक सुरक्षा सुद्रढ़ करना- एक देश तब ही प्रगति की राह पर अग्रसर रह सकता हैं, जब उसके नागरिक अपने देश में सुरक्षित हो. असुरक्षा की भावना न केवल नागरिकों का जीना दूभर कर देती हैं. बल्कि इससे देश की शांति एवं सुव्यवस्था के साथ साथ इसकी प्रगति पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ता हैं.

साम्प्रदायिकता, क्षेत्रवाद, आतंकवाद, अलगाववाद, भाषावाद, नक्सलवाद इत्यादि भारत की आंतरिक सुरक्षा को सुद्रढ़ करने का प्रयास करता और देश की अखंडता सुरक्षित रखता.

राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा- राष्ट्र की आंतरिक शांति तथा सुव्यवस्था और बाहरी दुश्मनों से रक्षा के लिए राष्ट्रीय एकता परम आवश्यक हैं.

यदि हम भारतवासी आपसी मतभेदों में ही उलझे रहे तो अन्य देश हमारी स्वतंत्रता को हड़पने का प्रयास करेगे इसलिए मैं भारत की सबसे बड़ी विशेषता विविधता में एकता को महत्व देते हुए भारत की राष्ट्रीय एकता को बढ़ाने का प्रयास करता.

आर्थिक चुनौतियों का समाधान – जनसंख्या वृद्धि, आर्थिक विषमता, भ्रष्टाचार, गरीबी, सामाजिक शोषण, बेरोजगारी अशिक्षा, औद्योगिकीकरण की मंद प्रक्रिया इत्यादि भारत की आर्थिक विकास की कुछ महत्वपूर्ण चुनौतियां हैं.

प्रधानमंत्री के रूप में मैं इन आर्थिक चुनौतियों का समाधान करने की कोशिश करता.

भारतीय विदेश नीति में सुधार – अंतर्राष्ट्रीय राजनीति के क्षेत्र में किसी भी देश की स्थिति तभी सुद्रढ़ हो सकती हैं, जब उसकी विदेश नीति सही हो.

भारत एक शांतिप्रिय देश हैं. दुनियाभर में शांति को बढ़ावा देने एवं परस्पर सहयोग के लिए मैं भारतीय विदेश नीति में सुधार करता.

युवा पीढ़ी के प्रति कर्तव्य- किसी भी देश की शक्ति उसकी युवा पीढ़ी ही होती हैं. आज भारत की युवा पीढ़ी को बेरोजगारी का दंश बहुत बुरी तरह से झेलना पड़ रहा हैं.

जिसके कारण युवा वर्ग हताशा से भरकर नशा, चोरी तथा आपराधिक कृत्यों को करने लगा हैं. मैं प्रधानमंत्री के रूप में रोजगार के अनेकों अवसर पैदा करता. जिससे युवा शक्ति का सुनियोजन भली प्रकार हो पाता.

बुजुर्गों के प्रति कर्तव्य – बुजुर्ग राष्ट्र का अनुभव होते हैं. उनके अनुभवों का लाभ देश को मिलता रहे, ऐसी व्यवस्था करता. साथ ही वृद्धावस्था की कुछ चुनौतियों जैसे स्वास्थ्य, सुरक्षा, पेंशन आदि की भली प्रकार व्यवस्था करके बुजुर्गों के जीवन को खुशहाल बनाने का प्रयास करता.

उपसंहार – स्पष्ट है कि यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो देश एवं देश की जनता को सामाजिक, राजनीतिक आर्थिक एवं शैक्षिक स्तर पर सुद्रढ़ कर भारत को पुर्णतः विकसित ही नहीं खुशहाल देश बनाने का अपना सपना साकार करता.

अगर मैं प्रधानमंत्री होता essay in hindi

व्यक्ति कल्पनाशील प्राणी है – व्यक्ति कल्पनाशील प्राणी हैं. वह प्रत्येक व्यक्ति मन में अपने सुनहरे भविष्य की कल्पना करता हैं. वर्तमान में स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद हमारे देश में लोकसभा के चुनावों में सत्तापक्ष के नेताओं में प्रधानमंत्री बनने की स्पर्धा दिखाई देती हैं.

यदि मैं भी चुनाव में जीत कर लोकसभा का सदस्य बन जाता और सभी प्रतिनिधि मुझे देश का प्रधानमंत्री चुन लेते, तो कितना अच्छा होता, मैं प्रायः इसी प्रकार की कल्पनाएँ करता रहता हूँ.

देश का प्रधानमंत्री बनना – यदि मैं देश का प्रधानमंत्री होता तो यह मेरे लिए सौभाग्य का विषय होता. मैं अपने पक्ष के सदस्यों का पूरा समर्थन प्राप्त कर प्रधानमंत्री का पद स्वीकार करता.

मैं योग्य व्यक्तियों को अपने मंत्रीमंडल में उचित पद देकर देश का शासन सही ढंग से चलाने की चेष्टा करता. प्रधानमंत्री बनने पर मैं ऐसे लोगों को शासन का कार्यभार सौपता,

जो जनता की सम स्याओं और आकांक्षाओं को समझते हो तथा उन्हें दूर करने में निष्पक्षता से कार्य करने में रूचि रखते हो.

प्रधानमंत्री बनने पर मेरे कर्तव्य – यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो निम्न कर्तव्यों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा करने की चेष्टा करता.

  • मैं देश की विदेश नीति को प्रभावशाली बनाता तथा रक्षा सेनाओं पर अधिक धन व्यय करता
  • मैं देश की आर्थिक उन्नति के लिए अनेक प्रयास करता, इसके लिए विदेशों से ऋण लेने की अपेक्षा स्वावलम्बी भारत का निर्माण करता
  • मैं लघु उद्योगों तथा ग्रामीण उद्योग धंधों को बढ़ावा देने की नीति बनवाता तथा इस निमित्त एक ऐसा कोष स्थापित करता, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में स्वरोजगार के लिए आर्थिक सहायता उपलब्ध हो सके.
  • मैं देश में शिक्षा के स्तर में सुधार करता, रोजगारपरक तथा तकनीकी शिक्षा पर अधिक जोर देता ताकि नवयुवक पढ़ लिखकर स्वरोजगार चला सकें.
  • मैं आवागमन के साधनों का विकास करता, कृषि उत्पादन पर अधिक बल देता और सिंचाई साधनों को सुव्यवस्थित बनाये रखने का प्रयास करता.
  • देश में साम्प्रदायिकता और जातिवाद की जो समस्या विद्यमान है मैं उसे समाप्त करने की चेष्टा करता. इस प्रकार मैं धर्मनिरपेक्ष संविधान का पालन करता.
  • इसी प्रकार देश में व्याप्त भ्रष्टाचार कुशासन गरीबी आर्थिक पिछडापन शोषण आदि सभी बुराइयों को जड़ से समाप्त करने की चेष्टा करता.

देश की उन्नति के लिए प्रयास – इस प्रकार मैं अनेक उपायों एवं विकासोन्मुख विविध योजनाओं को प्रारम्भ कर देश के शासन तंत्र को सुव्यवस्थित एवं गतिशील बनाता

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो देश को इतना शक्तिशाली बनाता कि उसकी गणना विश्व के सम्रद्ध एवं शक्तिशाली देशों में हो सके. मैं अपने देश को भौतिक प्रगति के साथ खगोलीय और नाभिकीय प्रगति पर भी विशेष ध्यान देता

तथा ऐसे आविष्कारों को प्रधानता देता जिनसे देश का चहुंमुखी विकास हो सके. मैं आणविक आयुधों तथा विशाल बिजलीघरों का निर्माण करवाता, परन्तु पर्यावरण में संतुलन बनाये रखने की चेष्टा करता.

उपसंहार – इस प्रकार यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो स्वतंत्र भारत के अभ्युदय में अपना तन, मन और जीवन समर्पित करता. परंतु मेरे सपने और प्रधानमंत्री बनने की कल्पनाएँ कब पूरी होगी यह कहा नहीं जा सकता.

ईश्वर से प्रार्थना है   वह मेरी इस कल्पना को भविष्य में अवश्य ही साकार करे.

  • यदि मैं डॉक्टर होता निबंध
  • यदि मैं गांव का सरपंच होता निबंध
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता
  • यदि मैं रोबोट होता तो

आशा करता हूँ दोस्तों आपकों यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता पर निबंध Essay on If I were the Prime Minister in Hindi  का यह लेख अच्छा लगा होगा.

यदि आपकों यहाँ दिया गया यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता का निबंध अच्छा लगा हो तो अपने दोस्तों के साथ भी शेयर करे तथा इस लेख से जुड़ा आपका कोई सवाल या सुझाव हो तो हमें कमेंट कर जरुर बताएं.

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Question and Answer forum for K12 Students

If I were the Prime Minister Essay in Hindi

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – If I were the Prime Minister Essay in Hindi

यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – essay on if i were the prime minister in hindi.

  • प्रस्तावना,
  • देश के शासन में प्रधानमन्त्री का महत्त्व,
  • प्रधानमन्त्री के रूप में मैं क्या करता–
  • (क) राजनैतिक स्थिरता,
  • (ख) अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के क्षेत्र में,
  • (ग) राष्ट्रीय सुरक्षा और मेरी नीति,
  • (घ) देश के लिए उचित शिक्षा–नीति,
  • (ङ) आर्थिक सुधार और मेरी नीतियाँ,
  • (च) बेरोजगारी की समस्या का समाधान,
  • (छ) खाद्य समस्या का निदान,
  • (ज) सामाजिक सुधार,

साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

प्रस्तावना– मैं स्वतन्त्र भारत का नागरिक हूँ और मेरे देश की शासन–व्यवस्था का स्वरूप जनतन्त्रीय है। यहाँ का प्रत्येक नागरिक, संविधान के नियमों के अनुसार, देश की सर्वोच्च सत्ता को सँभालने का अधिकारी है। मानव–मन स्वभाव से ही महत्त्वाकांक्षी है। मेरे मन में भी एक महत्त्वाकांक्षा है और उसकी पूर्ति के लिए मैं निरन्तर प्रयासरत भी हूँ। मेरी इच्छा है कि मैं भारतीय गणराज्य का प्रधानमन्त्री बनें।

देश के शासन में प्रधानमन्त्री का महत्त्व– मैं इस बात को भली प्रकार जानता हूँ कि संसदात्मक शासन–व्यवस्था में, जहाँ वास्तविक कार्यकारी शक्ति मन्त्रिपरिषद् में निहित होती है, देश के शासन का सम्पूर्ण उत्तरदायित्व प्रधानमन्त्री पर ही होता है। वह केन्द्रीय मन्त्रिपरिषद् का अध्यक्ष और नेता होता है। वह मा परिषद् की बैठकों की अध्यक्षता तथा उसकी कार्यवाही का संचालन करता है। मन्त्रिपरिषद् के सभी निर्णय उसको इच्छा से प्रभावित होते हैं। अन्य मन्त्रियों की नियुक्ति तथा उनके विभागों का वितरण प्रधानमन्त्री की इच्छा के अनुसार ही किया जाता है। मन्त्रिपरिषद् यदि देश की नौका है तो प्रधानमन्त्री इसका नाविक।

प्रधानमन्त्री के रूप में मैं क्या करता?– आप मुझसे पूछ सकते हैं कि प्रधानमन्त्री बनने के बाद तुम क्या करोगे? मैं यही कहना चाहूँगा कि प्रधानमन्त्री बनने के बाद मैं राष्ट्र के विकास के लिए निम्नलिखित महत्त्वपूर्ण कार्य करूँगा-

(क) राजनैतिक स्थिरता–आज सारा देश विभिन्न आन्दोलनों से घिरा है। जिधर देखिए, उधर आन्दोलन हो रहे हैं। कभी असम का आन्दोलन तो कभी पंजाब में अकालियों का आन्दोलन। कभी हिन्दी–विरोधी आन्दोलन तो कभी वेतन–वृद्धि के लिए आन्दोलन। ऐसा लगता है कि अपने राजनैतिक स्वार्थों की पूर्ति के लिए प्रत्येक दल और प्रत्येक वर्ग आन्दोलन का मार्ग अपनाए हुए है।

विरोधी दल सत्तारूढ़ दल पर पक्षपात का आरोप लगाता है तो सत्तारूढ़ दल विरोधी दलों पर तोड़–फोड़ का आरोप लगाता रहता है। मैं विरोधी दलों के महत्त्वपूर्ण नेताओं से बातचीत करके उनकी उचित माँगों को मानकर देश में राजनैतिक स्थिरता स्थापित करने का प्रयास करूँगा। मैं प्रेम और नैतिकता पर आधारित आचरण करते हुए राजनीति.को स्थिर बनाऊँगा।

(ख) अन्तर्राष्ट्रीय राजनीति के क्षेत्र में हमारा देश शान्तिप्रिय देश है–हमने कभी किसी देश पर आक्रमण नहीं किया पर किसी भी आक्रमण का मुँहतोड़ जवाब अवश्य दिया है। चीन और पाकिस्तान हमारे पड़ोसी देश हैं। दुर्भाग्य से ये दोनों ही देश पारस्परिक सम्बन्धों में निरन्तर विष घोलते रहते हैं। अपनी परराष्ट्र नीति की प्राचीन परम्परा को निभाते हुए मैं इस बात का प्रयास करूँगा कि पड़ोसी देशों से हमारे सम्बन्ध निरन्तर मधुर बने रहें।

हम पूज्य महात्मा गांधी और पं० जवाहरलाल नेहरू के बताए मार्ग पर चलते रहेंगे, किन्तु यदि किसी देश ने हमें अहिंसक समझकर हम पर आक्रमण किया तो हम उसका मुँहतोड़ जवाब देंगे। ‘गीता’ ने भी हमें यही शिक्षा दी है–’हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गम्।’

(ग) राष्ट्रीय सुरक्षा और मेरी नीति–देश की सुरक्षा दो स्तरों पर करनी पड़ती है–देश की सीमाओं की सुरक्षा; अर्थात् बाह्य आक्रमण से सुरक्षा तथा आन्तरिक सुरक्षा। प्रत्येक राष्ट्र अपनी सार्वभौमिकता की रक्षा के लिए प्रत्येक स्तर पर आवश्यक प्रबन्ध करता है। प्रधानमन्त्री के महत्त्वपूर्ण पद पर रहते हुए मैं राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सदैव प्रयत्नशील रहूँगा और देश पर किसी भी प्रकार की आँच न आने दूंगा।

बाह्य सुरक्षा के लिए मैं अपने देश की सैनिक– शक्ति को सुदृढ़ बनाने का पूरा प्रयत्न करूँगा तथा आन्तरिक सुरक्षा के लिए पुलिस एवं गुप्तचर विभाग को प्रभावशाली बनाऊँगा। राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम का कड़ाई से पालन किया जाएगा और ऐसे व्यक्तियों को कड़ी सजा दी जाएगी, जो राष्ट्रीय एकता और सुरक्षा को खण्डित करने का दुष्प्रयास करेंगे।

(घ) देश के लिए उचित शिक्षा–नीति–मैं इस बात को अच्छी तरह जानता हूँ कि शिक्षा ही हमारे उत्थान का सही मार्ग बता सकती है। दुर्भाग्य से हमारे राष्ट्रीय–नेताओं ने इस ओर विशेष ध्यान नहीं दिया। मैं इस प्रकार की शिक्षा–नीति बनाऊँगा; जो विद्यार्थियों को चरित्रवान्, कर्त्तव्यनिष्ठ और कुशल नागरिक बनाने में सहायता प्रदान करे तथा उन्हें श्रम की महत्ता का बोध कराए। इस प्रकार हमारे देश में देशभक्त नागरिकों का निर्माण होगा और देश से बेरोजगारी के अभिशाप को भी मिटाया जा सकेगा। मैं शिक्षा का राष्ट्रीयकरण करके गुरु–शिष्य–परम्परा की प्राचीन परिपाटी को पुनः प्रारम्भ करूँगा।

(ङ) आर्थिक सुधार और मेरी नीतियाँ–हमारे देश में अथाह प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं। दुर्भाग्य से हम इनका भरपूर उपयोग नहीं कर पा रहे हैं। इसीलिए सम्पन्न देशों की तुलना में हम एक निर्धन देश के वासी कहलाते हैं। मैं इस प्रकार का प्रयास करूंगा कि हमारे देश की प्राकृतिक सम्पदा का अधिक–से–अधिक और सही उपयोग किया जा सके।

कृषि के क्षेत्र में अधिक उत्पादन हेतु वैज्ञानिक तकनीकें प्रयुक्त की जाएंगी। मैं किसानों को पर्याप्त आर्थिक सुविधाएँ प्रदान करूँगा तथा उत्पादन, उपभोग और विनिमय में सन्तुलन स्थापित करूँगा। बैंकिंग प्रणाली को अधिक उदार और सक्षम बनाने का प्रयास करूँगा, जिससे जरूरतमन्द लोगों को समय पर आर्थिक सहायता प्राप्त हो सके।

कृषि के विकास के साथ– साथ मैं देश के औद्योगीकरण का भी पूरा प्रयास करूँगा, जिससे प्रगति की दौड़ में मेर देश किसी से भी पीछे न रह जाए। नए–नए उद्योग स्थापित करके देश की अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाना भी मे : आर्थिक नीति का प्रमुख उद्देश्य होगा।

(च) बेरोजगारी की समस्या का समाधान देश की बढ़ती हुई जनसंख्या के साथ हमारे देश में बेरोजगारी की समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया है। सर्वप्रथम मैं लोगों को जनसंख्या नियोजन के लिए प्रेरित करूँगा।

मेरे शासन में देश का कोई नवयुवक बेरोजगार नहीं घूमेगा। शिक्षित युवकों को उनकी योग्यता के अनुरूप कार्य दिलाना मेरी सरकार का दायित्व होगा। साथ–साथ नवयुवकों को स्व–रोजगार के लिए पर्याप्त आर्थिक सहायता भी प्रदान की जाएगी। भिक्षावृत्ति पर पूरी तरह रोक लगा दी जाएगी।

(छ) खाद्य–समस्या का निदान–हमारा देश कृषिप्रधान है। इस देश की लगभग 80 प्रतिशत जनसंख्या कृषि–कार्य पर निर्भर है; फिर भी यहाँ खाद्य–समस्या निरन्तर अपना मुँह खोले खड़ी रहती है और हमें विदेशों से खाद्य–सामग्री मँगानी पड़ती है। इस समस्या के निदान के लिए मैं वैज्ञानिक खेती की ओर विशेष ध्यान दूँगा।

नवीन कृषि–यन्त्रों और रासायनिक खादों का प्रयोग किया जाएगा तथा सिंचाई के आधुनिक साधनों का जाल बिछा दिया जाएगा, जिससे देश की थोड़ी–सी भूमि भी बंजर या सूखी न पड़ी रहे। किसानों के लिए उत्तम और अधिक उपज देने वाले बीजों की व्यवस्था की जाएगी। सबसे महत्त्वपूर्ण बात होगी–कृषि–उत्पादन का सही वितरण और संचयन। इसके लिए सहकारी संस्थाएँ और समितियाँ किसानों की भरपूर सहायता करेंगी।

(ज) सामाजिक सुधार–किसी भी देश की वास्तविक प्रगति उस समय तक नहीं हो सकती, जब तक उसके नागरिक चरित्रवान्, ईमानदार और राष्ट्रभक्त न हों। हमारा देश इस समय सामाजिक, आर्थिक, राजनैतिक, शैक्षिक आदि विभिन्न प्रकार की समस्याओं से ग्रस्त है। यहाँ मुनाफाखोरी, रिश्वतखोरी, जमाखोरी तथा भ्रष्टाचार की जड़ें बहुत गहरी जम चुकी हैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए मैं स्वयं को पूर्णतः समर्पित कर दूंगा।

मेरे शासन में प्रत्येक वस्तु का मूल्य निर्धारित कर दिया जाएगा। सहकारी बाजारों की स्थापना की जाएगी, जिससे जमाखोरी और मुनाफाखोरी की समस्या दूर हो सके। मुनाफाखोर बिचौलियों को पूरी तरह समाप्त कर दिया जाएगा।

रिश्वत का कीड़ा हमारे देश की नींव को निरन्तर खोखला कर रहा है। रिश्वतखोरों को इतनी कड़ी सजा दी जाएगी कि वे भविष्य में इस विषय में सोच भी न सकेंगे। इसके लिए न्याय और दण्ड–प्रक्रिया में भी महत्त्वपूर्ण परिवर्तन किए जाएंगे।

उपसंहार– मैं केवल स्वप्न ही नहीं देखता, वरन् संकल्प और विश्वास के बल पर अपने देश को पूर्ण कल्याणकारी गणराज्य बनाने की योग्यता भी रखता हूँ। मैं चाहता हूँ कि मेरे देश के कमजोर, निर्धन, पीड़ित, शोषित और असहाय वर्ग के लोग चैन की साँस ले सकें और सुख की नींद सो सकें।

मेरे शासन में प्रत्येक व्यक्ति के पास रहने को मकान, करने को काम, पेट के लिए रोटी और पहनने के लिए वस्त्रों की व्यवस्था होगी। इस रूप में हमारा देश सही अर्थों में महान् और विकसित बन सकेगा।

1Hindi

अगर में देश का प्रधानमंत्री होता – निबंध Essay If I were the Prime Minister in Hindi

अगर में देश का प्रधानमंत्री होता - निबंध Essay If I were the Prime Minister in Hindi

क्या आपके दिमाग में यह प्रश्न कभी आया कि मैं अगर देश का प्रधानमंत्री होता ? ये प्रश्न हर किसी व्यक्ति के दिमाग में आ सकता है। अगर वाकई आप देश के प्रधानमंत्री होते तो क्या करते ?

इस परिस्थिति में आप जरूर देश के हित के लिए सोचते। कुछ ऐसे ही विचार मेरे मन में उत्पन्न हो रहे हैं अगर मुझे ये अवसर प्राप्त होता तो मैं जरूर ही अपने देश के कुछ क्षेत्रों में लम्बे समय तक सुधार करता और बदलाव लाता जो इस प्रकार हैं –

  • सबसे पहले मैं अकुशल व्यक्तियों की क्षमता वृद्धि करता, उन्हें सशक्त बनाता, लोगों को बताता कि वे अपनी कुशलताओं का प्रयोग कैसे कर सकते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में साक्षरता अभियान चलाता, जिससे ग्रामीण साक्षर हो सके। ख़ास तौर पर महिलाओं के लिए अलग से अभियान शुरू करता। क्योंकि सही शिक्षा और सही मार्गदर्शन के जरिये ही हम अपने देश के लोगों को जागरूक बना सकते हैं। ग्रामीण लोगों को जागरूक बनाने के साथ ही साथ हमे आवश्यकता है कि हम आज की युवा पीढ़ी को भी जागरूक बनाये कि वे ज्यादा से ज्यादा अनुसंधान करे, तकनीकियों में आविष्कार करे और अपने ही देश में लागू करें। इसके अलावा युवाओं को समझाने की जरुरत है कि वे नौकरी के लिए विदेश न जाये बल्कि अपने देश में ही रहकर उन्नति करें। मैं रोजगार के बहुत से अवसर शुरू करता जिससे बेरोजगार लोग रोजगार हो सकें।
  • दूसरी समस्या कुपोषण की है। भारत के कई क्षेत्र में कई लोग कुपोषण के शिकार हैं जिनमें बच्चों की संख्या ज्यादा है। इस स्थिति में आवश्यकता है कि इस तरह के क्षेत्रों में खाद्यान समस्या का हल किया जाये और इसके लिए अभियान चलाया जाए और पौष्टिक भोजन प्रदान किया जाये।
  • आज भी कुछ क्षेत्रों में बालिकाओं की स्थिति अच्छी नहीं है। इसके लिए मैं कुछ ऐसी योजनाएं लाता जिससे बालिकाएं आत्म – निर्भर बन सकें। इसके लिए मैं आर्थिक मदद करता और घर – घर तक सन्देश पहुंचाता कि अगर बेटियां हैं तो हमारे समाज का विकास संभव है क्योंकि बेटियां भी बराबर से देश के विकास में सहयोग प्रदान करती हैं व पुरुषों से ज्यादा कर्मठ होती हैं। जो स्त्रियां अपना व्यवसाय स्थापित करना चाहती हैं उनके लिए ऋण प्रदान करवाता।
  • इसके अलावा मैं बेटियों की सुरक्षा के लिए कुछ ख़ास कदम उठाता जिस तरह से आप देख रहे होंगे कि आज के युग में भी हमारी बेटियां सुरक्षित नहीं हैं, आये दिन लड़कियों के साथ कुछ न कुछ घटना घटित होती है।
  • आज के तकनीकि के दौर में हमारे देश के सभी व्यक्तियों को तकनीकियों का ज्ञान होना जरुरी है जिससे वे डिजिटल इंडिया को समझे और हमारा देश किसी भी क्षेत्र में पीछे न रहे और हम वस्तुओं के लिए विदेश पर निर्भर न हो। इसीलिए मैं अच्छी से अच्छी तकनीकियों को देश में लागु करवाता।
  • आज भी हमारे देश में काफी गरीबी है जिसके चलते कुछ लोग दवाइयां लेने और अपना इलाज करने में असक्षम हैं। ऐसी स्थिति में मैं कम पैसों में उनका इलाज करवाता या चिकित्सा फ्री करवाता।
  • जिन क्षेत्रों में अभी भी एलपीजी गैस नहीं पहुंची, उन क्षेत्रों तक एलपीजी गैस पहुंचाता जिससे गृहिणियों को खाना बनाने में कोई परेशानी न हो।  इसी के साथ अगर देखा जाये तो आज भी कुछ लोग कच्चे घरों में रह रहे हैं उनके लिए स्कीम के तहत अच्छे आवास की व्यवस्था करवाता और घर – घर तक बिजली पहुंचवाता।
  • शहरों के विकास के लिए और भी नई तकनीकियों को लागू करता जिससे वे स्मार्ट सिटी बन सके। कई तरह के प्रोजेक्ट कार्य को करवाता।
  • लोगों के जीवकोपार्जन के लिए उनके कौशल में विकास करवाता जिससे वे अपने कार्य में कुशल होकर अच्छा रोजगार प्राप्त कर सकें।  
  • ग्रामीण क्षेत्रों में विकास हो इसके लिए उनमें सेल्फ हेल्प ग्रुप बनवाता और उनको कोई व्यवसाय अगर स्थापित करना चाहते हैं तो ट्रेनिंग दिलवाता और अच्छे ऋण की भी व्यवस्था करवाता।
  • ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यालयों में अच्छी से अच्छी शिक्षा की पद्धतियों का प्रयोग करवाता और दूसरी तरफ बालक और बालिकाओं के लिए पौष्टिक भोजन की भी व्यवस्था करवाता जिससे बच्चे का सर्वांगीण विकास हो सके।  
  • स्त्रियों के हेल्थ इश्यूज को देखते हुए समय – समय पर फ्री चेक – अप कैंप लगवाता जिससे कि कोई बीमारी ग्रसित न हो। इसके साथ ही कम पैसों में लोगों का हेल्थ इन्शुरन्स भी करवाता।
  • किसानों को कम पैसों में उत्तम बीजों की व्यवस्था करवाता और ऋण की व्यवस्था करवाता। इसके अलावा कृषि से जुडी अच्छी से अच्छी तकनीकियों को किसानों तक पहुंचवाता।
  • गांव को शहरों से जोड़ने के लिए पक्की सड़कों का निर्माण करवाता, नहरों का निर्माण करवाता जिससे पूरे देश में जल पहुँचाया जा सके।
  • बुजुर्गों के लिए पेंशन की भी व्यवस्था करवाता जिससे वे अपनी वृद्धावस्था में आराम से रह सकें।
  • देश में स्तिथ सभी तरह के धार्मिक स्थलों, ऐतिहासिक इमारतों का जीर्णोंद्धार करवाता। इसके साथ ही शहरों में हो रहे प्रदूषणों को कम करने व स्वच्छता के लिए जागरूकता अभियान चलवाता। नदियों, तलवों की साफ़-सफाई करवाता।
  • बच्चों के उत्साह को बढ़ाने के लिए स्कालरशिप की व्यवस्था करवाता। इसके अलावा बच्चों की पढ़ाई – लिखाई से जुड़े सारे खर्चे फ्री करवाता अगर वे वहन  न कर पाते। विदेश से उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए बच्चों की आर्थिक मदद करवाता। डॉक्टरेट या किसी तरह के अनुसंधान में अगर विद्यार्थी आगे बढ़ना चाहता है तो उसकी हर तरह से मदद करवाता।
  • अच्छे से अच्छे आवासीय विद्यालयों को स्थापित करवाता जिससे कोई बच्चा शिक्षा से वंचित न रह जाये।
  • शहरों के विकास के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत करता और गुणवत्ता लाता।
  • हर साल अच्छे ईलाज के आभाव में न जाने कितनी गर्भवती महिलाओं की मृत्यु हो जाती है। इस बात को ध्यान में रखते हुए गर्भवती महिलाओं को हर तरह की सुविधाएं मुहैया करवाता।
  • जीवकोपार्जन के लिए और सामाजिक जीवन में सुधार के लिए व्यक्ति को हर तरह की ऋण की व्यवस्था करवाता।

इसके अलावा भी लोगों के व्यक्तित्व में सुधार हो, इसके लिए कई तरह की ट्रेनिंग की व्यवस्था करवाता। ख़ास – तौर पर लोगों को सशक्त बनाने, उनका हौसला बढ़ाने आदि में मदद करवाता।

अशांति पूर्ण जीवन में सुधार के लिए जरुरत है एक अच्छे मानव बनने की, साथ ही साथ अध्यात्म की और शांति की। जो अराजकताएँ हमारे देश में फ़ैल रही हैं पहले उनको नष्ट करना आवश्यक है।

इन उदेश्यों की पूर्ती के लिए मैं समय – समय पर जागरूकता प्रोग्राम करवाता और  इसे हर तरह के क्षेत्र में जरुरी कर देता। जिससे लोगों को अपने मानवीय गुणों का पता चले और मानवता पूर्ण आचरण करें।

अगर वास्तव में मुझे प्रधानमंत्री बनने का अवसर मिले तो मैं कुछ इस तरह के कार्य करूँगा।

Leave a Comment Cancel reply

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed .

if i were a prime minister essay in hindi

essayonhindi

100- 200 Words Hindi Essays 2024, Notes, Articles, Debates, Paragraphs Speech Short Nibandh Wikipedia Pdf Download, 10 line

  • राज्य
  • महान व्यक्तित्व
  • इतिहास
  • आंदोलन
  • हिंदी निबंध

विशिष्ट पोस्ट

श्रीमद् भागवत गीता पर निबंध | essay on geeta in hindi, यदि मैं प्रधानमंत्री होती होता निबंध yadi main pradhanmantri hoti essay in hindi [if i were prime minister], मैं प्रधानमंत्री होती yadi main pradhanmantri hoti essay in hindi, yadi main pradhanmantri hoti .

' height=

हिन्दीकुंज,Hindi Website/Literary Web Patrika

  • मुख्यपृष्ठ
  • हिन्दी व्याकरण
  • रचनाकारों की सूची
  • साहित्यिक लेख
  • अपनी रचना प्रकाशित करें
  • संपर्क करें

Header$type=social_icons

यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता.

Twitter

अगर मैं प्रधानमंत्री होता essay in hindi यदि मै प्रधानमंत्री होता पर निबंध अगर मैं प्रधानमंत्री होती पर निबंध अगर मैं प्रधानमंत्री होता essay in english यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध हिंदी यदि मै भारत का प्रधान मंत्री होता अगर आप प्रधानमंत्री होते तो आप क्या करते यदि मैं प्रधानमंत्री होता par nibandh यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध हिंदी अगर मैं प्रधानमंत्री होता essay in english यदि मैं प्रधानमंत्री होता इन हिंदी अगर आप प्रधानमंत्री होते तो आप क्या करते प्रधानमंत्री पर निबंध

यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता  Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi

लोकहित के काम -, देश की रक्षा शक्ति को मजबूत करना - , योजनाओं को शीघ्र लागू करवाना - , हिंदी भाषा की उन्नति - , बेरोजगारी को दूर करना व शिक्षा की उन्नति - , सबको आगे बढ़ने का अवसर - , वन सम्पदा का संरक्षण - , सबकी सेवा करना - .

if i were a prime minister essay in hindi

Very helpful

if i were a prime minister essay in hindi

Ye bahot acha tha muje bahut Accha idea mil gaya

Thank-you so much Bahot help ho gaya

Thank you help karne ke liye

जय हिंद जय भीम सैन

Perfect and best analysis

Please subscribe our Youtube Hindikunj Channel and press the notification icon !

हिंदीकुंज में अपनी रचना प्रकाशित करें

कॉपीराइट copyright, guest post & advertisement with us.

[email protected]

हिंदी निबंध_$type=list-tab$c=5$meta=0$source=random$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0$meta=0

  • hindi essay

उपयोगी लेख_$type=list-tab$meta=0$source=random$c=5$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0

  • शैक्षणिक लेख

उर्दू साहित्य_$type=list-tab$c=5$meta=0$author=hide$comment=hide$rm=hide$va=0

  • उर्दू साहित्‍य

' height=

Most Helpful for Students

  • हिंदी व्याकरण Hindi Grammer
  • हिंदी पत्र लेखन
  • हिंदी निबंध Hindi Essay
  • ICSE Class 10 साहित्य सागर
  • ICSE Class 10 एकांकी संचय Ekanki Sanchay
  • नया रास्ता उपन्यास ICSE Naya Raasta
  • गद्य संकलन ISC Hindi Gadya Sankalan
  • काव्य मंजरी ISC Kavya Manjari
  • सारा आकाश उपन्यास Sara Akash
  • आषाढ़ का एक दिन नाटक Ashadh ka ek din
  • CBSE Vitan Bhag 2
  • बच्चों के लिए उपयोगी कविता

Subscribe to Hindikunj

if i were a prime minister essay in hindi

Footer Social$type=social_icons

यदि मैं प्रधानमंत्री होता | Essay on If I were the Prime Minister in Hindi

if i were a prime minister essay in hindi

यदि मैं प्रधानमंत्री होता | Essay on If I were the Prime Minister in Hindi!

हमारे देश की गणतंत्रात्मक शासन व्यवस्था में कोई भी नागरिक प्रधानमंत्री बन सकता है । प्रधानमंत्री वही बनता है, जो आम चुनाव के फलस्वरूप लोकसभा में बहुमत प्राप्त दल का नेता होता है ।

राष्ट्रपति उसे ही प्रधानमंत्री पद के लिए आमंत्रित करते हैं और उससे अपनी सरकार बनाने का आग्रह करते हैं । इससे स्पष्ट है कि प्रधानमंत्री बनना आसान काम नहीं है । उस जिम्मेदारी का सफलतापूर्वक निर्वाह करने का दृढ़ संकल्प करते हुए यदि मैं प्रधानमंत्री होना स्वीकार कर लेता हूँ तो मैं अपने अधिकारों का उपयोग किस प्रकार करूँगा, यह मैं बता देना चाहता हूँ ।

प्रधानमंत्री बनने पर मेरे सामने जो प्रथम कार्य है, वह है मंत्रिपरिषद् का गठन । मैं अपनी मंत्रिपरिषद् का गठन करने में बहुत सावधानी बरतूँगा । मैं उसमें ऐसे व्यक्तियों को स्थान दूँगा, जो व्यक्तिगत और दलीय स्वार्थों से ऊपर हों, निष्पक्ष हों, न्यायप्रिय हों, सच्चे जनसेवी हों, कार्य-कुशल हों, अपने देश की ज्वलंत ममस्याओं से भली-भाँति परिचित हों और जातीय, प्रांतीय तथा सांप्रदायिक भावनाओं के शिकार न हों ।

मैं अपनी मंत्रिपरिषद् के प्रत्येक मंत्री की कार्य-प्रणाली पर पैनी दृष्टि रखूँगा और यदि कोई अपने कर्तव्यों के पालन में ढिलार्ड करता हुआ पाया जाएगा तो मैं उसे अपनी मंत्रिपरिषद् से हटाने में संकोच नही करूँगा । इस प्रकार का कड़ा रुख अख्तियार करने से ही मैं जनता का विश्वासपात्र वन सकूँगा और घूसखोरी, चोरबाजारी आदि से जनता की रक्षा कर सकूँगा ।

मेरा दूसरा काम होगा- देश की सैनिक शक्ति में वृद्धि करना और उसे युद्ध के आधुनिकतम अस्त्र-शस्त्रों से सुसज्जित करना । अहिंसा में विश्वास करते हुए भी मैं अपने देश को निर्बल बनाने की नीति का समर्थक नहीं हूँ । अपनी सैनिक शक्ति बढ़ाने और हर तरह के अस्त्र-शस्त्रों का संग्रह करने का अर्थ यह नहीं है कि मैं चीन अथवा पाकिस्तान से युद्ध के नारे लगाता रहूँगा ।

ADVERTISEMENTS:

मैं किसी देश पर आक्रमण नहीं करूँगा; किंतु यदि कोई देश मुझे ललकारेगा और मेरे देश पर आक्रमण करेगा तो मैं अहिंसा की आड़ लेकर चुपचाप नही बैठूँगा । मैं उसे ऐसी शिकस्त दूँगा कि फिर कभी मेरे राष्ट्र की ओर कुदृष्टि रखने का दुःसाहस न कर सके ।

प्रधानमंत्री होने पर मेरा तीसरा काम होगा अपने देश को स्वावलंबी, आत्मनिर्भर और धन-धान्य से संपन्न बनाना । इस उद्‌देश्य की पूर्ति के लिए मैं सबसे पहले कृषि की उन्नति पर ध्यान दूँगा । खेती की सर्वागीण उन्नति के लिए मैं किसानों की भरपूर सहायता करूँगा । मैं उन्हें वैज्ञानिक ढंग से खेती के लिए शिक्षा दिलाऊँगा । उनके खेतों की सिंचाई के लिए समुचित प्रबंध करूँगा ।

उनके लिए उत्तमोत्तम खाद और बीजों की व्यवस्था करूंगा । लोभी शासकों से उनकी रक्षा करूँगा । उनके पशुओं की नस्ल सुधारने में उनकी सहायता करूँगा और उन्हें अपने खेतों से अधिक-से-अधिक फसल उपजाने का प्रेरणा दूँगा । इस प्रकार मैं अपने देश की खाद्य-समस्या को सुलझाने की पूरी कोशिश करूँगा । खाद्य-समस्या सुलझ जाने से हमोर देश का जो धन अन्न क्रय करने में विदेश चला जाता है, वह बच जाएगा और हमारी आर्थिक स्थिति सुधर जाएगी ।

हमारे देश की आर्थिक स्थिति अत्यंत भयावह है । हम राजनीतिक दृष्टि से स्वतंत्र अवश्य हैं, पर आर्थिक दृष्टि से धनी राष्ट्रों के गुलाम बने हुए हैं । अपनी पंचवर्षीय योजनाओं को हठपूर्वक चलाने के लिए हमारे पूर्व प्रधानमंत्रियों ने विदेशी राष्ट्रों के दरवाजे खटखटाए और उनसे ऋण लेकर देश को भिखारी बना दिया । मैं अपनी साधन-शक्ति का उचित उपयोग कर अपने देश की आर्थिक उन्नति करना चाहता हूँ ।

वर्तमान परिस्थितियों में पंचवर्षीय योजना से हम अधिक लाभ नहीं उठा सकते । इस योजना में यांत्रिक उद्योग को भी अधिक महत्त्व दिया गया है । मैं कुटीर उद्योगों का प्रबल समर्थक हूँ । मैं भारत के प्रत्येक घर को कुटीर उद्योग का कारखाना बनाना चाहता हूँ ।

इससे बेकारी की समस्या का निराकरण होगा, सबको काम मिलेगा, सब परिश्रम का महत्त्व समझेंगे, सब में आत्मनिर्भरता, स्वावलंबन व आत्मविश्वास की भावना आएगी और उद्योग के लिए बड़ी-बड़ी मशीनों के क्रय करने में हमारे देश का जो धन विदेश चला जाता है, वह नहीं जा सकेगा ।

प्रधानमंत्री की हैसियत से मेरा पाँचवाँ उद्‌देश्य होगा भ्रष्टाचार का उन्मूलन करना । देश में नियंत्रण विभाग, आपूर्ति विभाग, राशनिंग व्यवहार, सहकारिता विभाग आदि भ्रष्टाचार के अड्डे हैं । इसलिए मैं इन विभागों को समाप्त कर दूँगा । इन विभागों ने चोरबाजारी को बढ़ावा दिया है और शासकों को घूसखोर बनाया है । ऐसा आभूषण पहनने से कोई लाभ नहीं, जो शरीर को ही विकृत कर दे । इसलिए ऐसे विभागों का उन्मूलन ही श्रेयस्कर है ।

हमारे देश की शिक्षा-पद्धति बेरोजगारी बढ़ानेवाली है । मैं अपने देश के विद्यार्थियों के लिए रोजगारपरक शिक्षा की व्यवस्था करूँगा । किसी भी स्तर पर दिए जानेवाले सारे आरक्षणों को पूरी तरह से समाप्त कर दूँगा । देश से अल्पसंख्यक- बहुसंख्यक,  सवर्ण-असवर्ण, पिछड़े-इन सारे शब्दों को मिटा दूँगा ।

जो वास्तव में दलित-पतित, अभावग्रस्त हैं उनके बच्चों को अलग से पढ़ाई-लिखाई के सर्वसाधन उपलब्ध कराऊँगा । महिलाओं को साक्षर बनाने के लिए हर संभव प्रयास करूँगा और प्रत्येक योजना में इसे प्राथमिकता के साथ प्रोत्साहन दूँगा ।

मैं किसी भी धर्म से संबंधित मूर्ति-प्रतिमा, मंदिर-मसजिद, गिरजाघर आदि पूजा-स्थलों को सार्वजनिक स्थानों पर निर्माण करने की स्वतंत्रता नहीं दूँगा । जिसे इन सबके प्रति मोह हो, वे अपने घर के अंदर बना सकते हैं, कारण कि धार्मिक कर्मकांडों के चलते आज हमारे देश का मानव-समाज बिखर गया है । किसी भी कोटि के अपराधी को दंडित करने में मेरा प्रशामन कोई कोताही नहीं

करेगा । पुलिस-तंत्र भी किसी भी राजनेता के नियंत्रण में नही रहेगा । किसी की भी मृत्यु पर देश में किसी प्रकार का अवकाश नहीं रहेगा । मात्र दो मिनट का मौन धारण करने के पश्चात् सभी अपने कार्य में पूर्ववत् संलग्न हो जाएँगे ।

अंत में, मैं यह निवेदन कर दूँ कि मैं किसी राज्य को स्वेच्छाचरि नहीं बनने दूँगा । मैं प्रत्येक राज्य को केंद्रीय अनुशासन में रखूँगा । यदि कोई राजनीतिक दल अनुशासन-विहीन होकर देश के किसी कोने में उपद्रव खड़ा करेगा तो मैं अपनी संवैधानिक शक्ति के दायरे में अच्छा सबक सिखाऊँगा । स्वस्थ विरोध का मैं स्वागत करता हूँ; पर ऐसा विरोध, जो देश को पतन के गर्त की ओर ले जानेवाला है मैं सहन नहीं कर सकूँगा ।

हमारे देश की जनता कर-भार से दबी हुई है और संत्रस्त हे । इसका मुख्य कारण है हमारे सिर पर लदा हुआ विदेशी ऋण । कर-भार के साथ-साथ देश में जो महँगाई है, उसका भी मूल कारण यही है । फिर भी, मैं यथाशक्ति जनता को कर-भार से मुक्त करने की चेष्टा करूँगा । इन शब्दों के साथ मुझे विश्वास है कि मेरे उद्‌देश्यों की पूर्ति में जनता मुझे अपना पूरा सहयोग देगी ।

Related Articles:

  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता (निबंध) | If I Were the Prime Minister in Hindi
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर अनुच्छेद | Paragraph on If I Were the Prime Minister in Hindi
  • यदि मैं शिक्षामंत्री होता (निबंध ) | Essay on If I were the Education Minister in Hindi
  • यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता (निबंध)

SILENT COURSE

Essay Writing, Letter Writing, Notice Writing, Report Writing, Speech, Interview Questions and answers, government exam, school speeches, 10 lines essay, 10 lines speech

  • Hindi Essay
  • Eng. Speech
  • Hindi Speech
  • Notice Writing
  • Report Writing

Thursday, July 30, 2020

निबंध: अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता | if i were the prime minister of india essay in hindi, if i were the prime minister of india essay in hindi निबंध : अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता.

if i were a prime minister essay in hindi

No comments:

Post a comment, 28 फरवरी ➤ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस - national science day.

  • ➤ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर निबंध
  • ➤ सी.वी रमन जी पर निबंध
  • ➤ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर 10 वाक्य
  • ➤ Essay on National Science Day In English
  • ➤ Essay on C.V. Raman In English
  • ➤ 10 Lines on National Science Day
  • ➤ 10 Lines on National Science Day In English

एक देश, एक चुनाव / One Nation One Election

  • - एक देश एक चुनाव पर निबंध
  • - एक देश, एक चुनाव पर 10 वाक्य
  • - Essay on One Nation, One Election In English
  • - 10 Lines on One Nation, One Election In English

आदित्य एल1 मिशन / Aditya-L1 Mission

  • - आदित्य एल1 मिशन पर निबंध
  • - आदित्य एल1 मिशन पर 10 पंक्ति
  • - Essay on Aditya-L1 Mission In English
  • - 10 Lines on Aditya-L1 Mission In English

चंद्रयान 3 / Chandrayaan-3

  • - चंद्रयान 3 पर निबंध
  • - चंद्रयान 3 पर 10 पंक्ति
  • - Essay on Chandrayaan 3
  • - 10 Lines on Chandryaan-3

Popular Posts

  • Write A Letter To Your Friend Congratulating Him On His Success In The Examination Q. Write A Letter To Your Friend Congratulating Him On His Success In The Examination. Ans : RZH-333, Street-9  Bangalore Road  Mysore - 570...
  • Write An Application To The Principal For Fee Concession Q. Write An Application To The Principal For Fee Concession. Ans :  Letter Writing To  The Principal  Adarsh School  Dwarka Sec - 7  Delhi :...
  • Write A Letter To Your Friend Inviting Him To Spend Summer Vacation With You Q. Write A Letter To Your Friend Inviting Him To Spend Summer Vacation With You. Examination Hall Palika Road, Delhi 17th May...
  • अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध - Essay on International Yoga Day In Hindi - 21st June Essay on International Yoga Day In Hindi (300 Words) अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर निबंध अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस हर साल 21 जून को पुरे विश्व मे...
  • Essay on Dr. APJ Abdul Kalam In 300 Words Essay on Dr. APJ Abdul Kalam In English | 300 Words Father of India Missile Programmed Dr. A.P.J Abdul Kalam is the 11 th president of...
  • How To Write An Application to The Principal For Sick Leave  (How To Write An Application To The Principal For Sick Leave) To  The Principal  Delhi Convent School  Subject : Application...
  • दो दिन की छुट्टी / अवकाश के लिए प्रधानाचार्य जी को आवेदन पत्र या प्रार्थना पत्र - Write An Application To The Principal For Leave Two Days Question :  Write An Application To The Principal For Leave Two Days दो दिन की छुट्टी / अवकाश के लिए प्रधानाचार्य जी को आवेदन पत्र या ...
  • स्कूल छोड़ने के लिए प्रधानाचार्य जी को प्रार्थनापत्र - Write An Application To The Principal For School Leaving Certificate In Hindi Question :   Write An Application To The Principal For School Leaving Certificate प्रश्न :   स्कूल छोड़ने के लिए प्रधानाचार्य जी को प्रार्थ...
  • Fee Installment के लिए आवेदन - Application For Fee Installment In School In Hindi Fee Installment के लिए आवेदन |  Application For Fee Installment In School In Hindi दिनांक :- सेवा में प्रधानाचार्य / प्रधानाचा...
  • Write An Application To The Principal For A School Picnic Q. Write An Application To The Principal For A Picnic Q. Application to the principal to arrange for school picnic Q. Application for Per...
  • - Road Accident Report Writing
  • - Fire Accident Report Writing
  • - Kerala Flood Report Writing
  • - Pulwama Attack Report Writing
  • - Blood Donation Camp Report Writing
  • - Lost Wrist Watch Notice Writing
  • - Lost Water Bottle Notice Writing
  • - Lost Pencil Box Notice Writing
  • - Fancy Dress Competition Notice Writing
  • - Sick Leave Application
  • - School Leaving Certificate
  • - For Scholarship
  • - Fee Concession
  • - Congratulation Letter (Exam)
  • - Application for Picnic
  • English-Essay (120)
  • Hindi-Essay (120)
  • 10-Lines-English (31)
  • 10-Lines-Hindi (31)
  • English-Festival-Essay (25)
  • Hindi-Festival-Essay (25)
  • Hindi-Speech (19)
  • Hindi-Letter (18)
  • 10-Lines-Speech (15)
  • English-Speech (14)
  • English-Letter (13)
  • Freedom-Fighter-Hindi-Essay (13)
  • Freedom-Fighter-Essay (12)
  • 10-Lines-Hindi-Speech (8)
  • 10-lines-hindi-essay (8)
  • 10-Lines-Essay (5)
  • English-Notice (5)
  • English-Report (5)
  • 10-Lines-Domestic-Animal (4)
  • 10-Lines-Historical-Monuments (2)
  • 10-Lines-Wild-Animal (2)
  • Freshers-Interview (2)
  • Experienced-Interview (1)

Site Information

  • Privacy Policy

Contact Form

Total pageviews.

Home

  • Website Inauguration Function.
  • Vocational Placement Cell Inauguration
  • Media Coverage.
  • Certificate & Recommendations
  • Privacy Policy
  • Science Project Metric
  • Social Studies 8 Class
  • Computer Fundamentals
  • Introduction to C++
  • Programming Methodology
  • Programming in C++
  • Data structures
  • Boolean Algebra
  • Object Oriented Concepts
  • Database Management Systems
  • Open Source Software
  • Operating System
  • PHP Tutorials
  • Earth Science
  • Physical Science
  • Sets & Functions
  • Coordinate Geometry
  • Mathematical Reasoning
  • Statics and Probability
  • Accountancy
  • Business Studies
  • Political Science
  • English (Sr. Secondary)

Hindi (Sr. Secondary)

  • Punjab (Sr. Secondary)
  • Accountancy and Auditing
  • Air Conditioning and Refrigeration Technology
  • Automobile Technology
  • Electrical Technology
  • Electronics Technology
  • Hotel Management and Catering Technology
  • IT Application
  • Marketing and Salesmanship
  • Office Secretaryship
  • Stenography
  • Hindi Essays
  • English Essays

Letter Writing

  • Shorthand Dictation

Hindi Essay on “If I Were The Prime Minister of India” , ”यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता

If I Were The Prime Minister of India

भारत एक गणतंत्र राष्ट्र है। यहां हर कोई अपने मौलिक अधिकारों से जीता है। हर किसी के पास जीवन में ऊँचा उठने के बराबर मौके होते हैं। कोई भी भारत का प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति बनना चाहेगा। किंतु वह व्यक्ति इस पद के लायक भी होना चाहिए। भारत का प्रधानमंत्री बनना मेरे लिए दिन में सपने लेने जैसा है। पर यदि मैं कभी भारत का प्रधानमंत्री बन जाऊँ तो मैं कई काम करना चाहूंगा।

सबसे पहले तो मैं भ्रष्टाचार को खत्म करने का प्रयास करूंगा। भ्रष्टाचार आज हर तरफ फैला हुआ है। एक छोटे चपड़ासी से लेकर ऊँचे-ऊँचे पदों पर बैठे व्यक्ति भी भ्रष्ट हैं। बिना रिश्वत दिए किसी भी जगह काम करवाना संभव नहीं है। मैं भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ सख्त कानून बनाता। दोषियों को सीधा जेल भिजवाता। उनकी सारी जायदाद जब्त करवा देता। ईमानदार तथा कर्त्तव्यनिष्ठ अधिकारियों को ईनाम दिलवाता।

मैं बढ़ रहे दामों को रोकने की कोशिश करता। गरीब लोगों के लिए इस महंगाई में गजारा करना बहुत मुश्किल हो रहा है। दामों को संभालने के लिए मैं उत्पादन में वृद्धि का प्रयास करता। मैं कम कीमत वाली दुकानें खुलवाता। काली कमाई करने वालों को सख्त सजा दी जाती।

मैं बेरोज़गारी को दूर करने का पूरा प्रयास करता। मैं अधिक से अधिक रोजगार के अवसर पैदा करवाता। मैं नए-नए उद्योगों का निर्माण करवाता। मैं देश के डिफैंस को और मज़बूत करवाता। मैं शिक्षा को मुफ्त तथा परिमाण देने वाली बनाता। मैं दहेज प्रथा जैसी कुरीतियों को मिटाने के लिए कड़ी मेहनत करता। इस प्रकार मैं भारत को दुनिया का सर्वश्रेष्ठ राष्ट्र बनाने का प्रयास करता।

About evirtualguru_ajaygour

if i were a prime minister essay in hindi

Leave a Reply Cancel reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Quick Links

if i were a prime minister essay in hindi

Popular Tags

Visitors question & answer.

  • Bhavika on Essay on “A Model Village” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • slide on 10 Comprehension Passages Practice examples with Question and Answers for Class 9, 10, 12 and Bachelors Classes
  • अभिषेक राय on Hindi Essay on “Yadi mein Shikshak Hota” , ”यदि मैं शिक्षक होता” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.
  • Gangadhar Singh on Essay on “A Journey in a Crowded Train” Complete Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

Download Our Educational Android Apps

Get it on Google Play

Latest Desk

  • Television – Shiksha aur Manoranjan ke Sadhan ke roop mein “टेलीविजन – शिक्षा और मनोरंजन के साधन के रूप में” Hindi Essay 600 Words for Class 10, 12.
  • Vigyan evm Nishastrikaran “विज्ञान एवं नीतिशास्त्र” Hindi Essay 1000 Words for Class 10, 12 and Higher Classes Students.
  • Vigyan Ek Accha Sewak Ya Krur Swami “विज्ञान एक अच्छा सेवक या क्रूर स्वामी” Hindi Essay 1000 Words.
  • Dainik Jeevan mein Vigyan “दैनिक जीवन में विज्ञान” Hindi Essay 800 Words for Class 10, 12 and Higher Classes Students.
  • Example Letter regarding election victory.
  • Example Letter regarding the award of a Ph.D.
  • Example Letter regarding the birth of a child.
  • Example Letter regarding going abroad.
  • Letter regarding the publishing of a Novel.

Vocational Edu.

  • English Shorthand Dictation “East and Dwellings” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines.
  • English Shorthand Dictation “Haryana General Sales Tax Act” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Deal with Export of Goods” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • English Shorthand Dictation “Interpreting a State Law” 80 and 100 wpm Legal Matters Dictation 500 Words with Outlines meaning.
  • Privacy Policy

Hindi Gatha

Hindi Essays, English Essays, Hindi Articles, Hindi Jokes, Hindi News, Hindi Nibandh, Hindi Letter Writing, Hindi Quotes, Hindi Biographies
  • हिंदी निबंध
  • English Essays
  • व्रत और कथाएं
  • संस्कृत निबंध
  • रोचक तथ्य
  • जीवनियां
  • हिंदी भाषण
  • मराठी निबंध
  • हिंदी पत्र

Essay on " If I Were The Prime Minister of India" in English, full Essay, Paragraph, Speech for Class 7, 8, 9, 10, and 12 Kids, Students for Examination.

 if i were the prime minister of india.

"Greatness is measured by goodness". I am an Indian. There is democracy in my country. Everyone can become Prime Minister. India needs a strong and dynamic Prime Minister. There are many problems India faces today. There is the problem of food shortage, the problem of education, unemployment, foreign exchange, law, and order problem. There is a further problem that the situation is going from bad to worse. The seat of a Prime Minister is not a bed of roses. It is full of difficulties. As a Prime Minister, I would make a number of changes.

In India, poverty is sticking to the countrymen like an ugly disease. My head hangs in shame when I see my countrymen leading their lives at a sub-human level. The first thing I would do be to provide them work and suitable accommodation so that they may live like human beings. They are the citizens of this country. They have a right to lead a normal life. A person at such a level never thinks properly. He is always at the mercy of others. His nature becomes like that of a slave. This needs to be looked into and modified.

The second revolutionary reform would be in the sphere of education. Today, there are two types of schools-schools for the rich and schools for the poor. I would convert all the schools into one category, i.e. all the schools would be good schools where a high standard would be maintained. The medium of instruction would be English and the pattern of education would be on the N.C.E.R.T. pattern. Thus every child whether rich or poor would receive the same education.

The next reform I intend to make would be to remove corruption. Corruption is eating the moral values of our life. Society is full of corrupt people. This needs some thought as to why a man becomes corrupt. I would try to fulfill the basic needs of the citizens. I would make them equal partners in the business they are doing. They would have a sense of participation and feel responsible. The rules of proper evaluation and assets etc. would be regulated properly. The defaulters would be dealt with severally.

Next comes the status of women. I would stop the dowry practice women's education would be compulsory. Vocational education would be introduced. When they complete their education, they would be given jobs in social security. I would make the agriculture industry on modern lines. Defense of the country would be strengthened. Relations with neighboring countries would be friendly. All efforts would be to see economic prosperity of the country and self-sufficiency in every field.

if i were a prime minister essay in hindi

Posted by: Hindi Gatha

Post a comment, hindi gatha.com हिंदी गाथा.

Hindi Gatha.Com हिंदी गाथा

यहाँ पर खोंजे

श्रेणियां.

if i were a prime minister essay in hindi

हिंदी गाथा

हिंदी निबंध | हिंदी अनुछेद | हिंदी पत्र लेखन | हिंदी साहित्य | हिंदी भाषण | हिंदी समाचार | हिंदी व्याकरण | हिंदी चुट्कुले | हिंदी जीवनियाँ | हिंदी कवितायेँ | हिंदी भाषण | हिंदी लेख | रोचक तथ्य |

महत्वपूर्ण लिंक्स

  • About - Hindi Gatha
  • Hindi Essays
  • हिन्दी पत्र
  • English Essay
  • सामाजिक मुद्दों पर निबंध

संपादक संदेश

हिन्दी गाथा एप इंस्टॉल करें.

Google Play पर पाएं

यहाँ खोजें

Menu footer widget.

Essay on “If I were the Prime Minister of India” for School, College Students, Long and Short English Essay, Speech for Class 10, Class 12, College and Competitive Exams.

If I were the Prime Minister of India

Total 4 Essays 

Essay No. 01

I wish I were the Prime Minister of India so that I might serve my country in a most humble manner The Prime Minister enjoys the highest place in the Government of India, next to the President. However, in reality, it is the Prime Minister who has the real power invested in him by the people of the country. He is the captain of the team of ministers who head various departments of the country. A Prime Minister should be a person with all the qualities of head, heart, and soul. He should be the benefactor of the masses. Any selfish motive on behalf of the Prime Minister can put the country into irreparable losses.

As a Prime Minister of India, I would see that poverty has vanished from this land forever and people get at least two square meals a day.

As a Prime Minister, I would work to bring about communal harmony in the country. People would not fight in the name of religion, caste, or language. I would take effective steps to check communal riots. My next step would be to fight corruption which is rampant these days throughout the country.

My next priority as a Prime Minister would be that India continues to acquire strength so that she can face internal disturbances and external aggressions from any quarters. I would not allow any complacence in this regard, because a weak nation always invites invaders. Armed forces of the country would be well-provided in all respects so that no enemy dares have evil designs against our sovereignty.

However, I would continue to follow the policy of peaceful co-existence and maintain friendly relations with our neighboring countries like China, Pakistan, Srilanka, and Bangladesh. India would not join any power blocs but she would always take a keen interest in the non-aligned movement. She would work for the welfare of mankind and endeavor to bring about a new economic order so that the developed countries of the world may not exploit the developing countries.

India is a country with a glorious past and it should be our effort to preserve our cherished culture and safeguard our independence and integrity through all possible efforts. The spirit of true nationalism needs to be improved in the people to work for its progress by leaps and bounds and fulfill the dreams of our great leaders who sacrificed their lives for her freedom.

Essay No. 02

If I were the Prime Minister of India, I would first dismiss all the corrupt ministers from my cabinet. After adding good, sincere and honest men and women to the cabinet, I would go in for a ‘clean up’ operation. I would deal harshly with all those people who have been cheating the citizens of our country and filling their own pockets with money.

Next, I would ensure that every single man, woman, and child became literate, and attained at least a basic education so that each could become a self-respecting individual, able to support himself and his family in an honorable way. I would create job opportunities for everybody and try to help make them grow into good citizens who value the dignity of labor. No beggar would then be seen on the streets of India. With honesty and education, progress, and quality of life would follow naturally.

Lastly, I would try to put India on top of the world by giving a boost to the tourist industry, doing away with terrorism, and reviving some of our lost culture and traditions. At the same time, I would make sure that our science and technology progresses so that my country too can find its place among the developed countries of the world.

Essay No. 03

If I Were the Prime Minister!

If wishes were granted, I would definitely wish to become a Prime Minister. But the office of Prime Minister seems so distant from the reach of an ordinary student like me. Still, I have my own views about how a Prime Minister should be like. Should a fairy godmother ever smile on me, I have my own agenda which I would try to implement in our current political system for the betterment of the nation and people.

In the first place, I shall try to change the educational system of the country. The politicians would not be given any say in the educational system, as is the case these days. They seek votes in the name of caste, religion, and community. Since religion is the personal affair of every individual, I would not allow it to be played upon by the politicians. I shall sincerely try to keep violence away from the youth who are mostly infected by it.

Youths will be given jobs according to their qualifications. In my Prime Ministership, I would make education compulsory for both boys and girls up to the age of 18 yrs. I would also ban child labor and those who will still make them work will be punished heavily.

I would also implement vocational courses apart from studies in the school so that after schooling they can make careers of their own choice in life.

I shall also try to promote friendship with other countries in the world. I will invite the teams from other countries to play in India and all teams abroad.

The money spent on the purchases and ammunition would be spent on other projects from which India can truly gain.

Essay No. 04

If I Were The Prime Minister

If someday a fairy godmother asks me my wish, I would wish to become a Prime Minister.

The office of the Prime Minister seems so distant that it is beyond the reach of a person like me. But, still, I have my own ideas which I would like to implement if I were the Prime Minister.

I would definitely change the present educational system of the country and see that the politicians do not have any say in the education system as it is happening these days. Moreover, I would not allow seeking a vote in the name of caste, religion, and community because they are an emotional part of the personal affairs of each individual and the political parties should not be allowed to play with these.

Instead, the youths should be given jobs according to their qualifications and talent. In my tenure, I would make education compulsory for both boys and girls till the age of 18. I would also ban child labor and those who take work from children will be heavily fined.

I shall also promote friendship with other countries and will insist on the teams from other countries to play in India. Most importantly the money spent on the purchase of arms and ammunition would be spent on some useful projects from which my country will gain. And I would also make sure that no arms and ammunition are given in the hands of today’s youth, as it destroys their future.

To conclude, I would make India a corruption-free country.

Related Posts

if i were a prime minister essay in hindi

Absolute-Study

Hindi Essay, English Essay, Punjabi Essay, Biography, General Knowledge, Ielts Essay, Social Issues Essay, Letter Writing in Hindi, English and Punjabi, Moral Stories in Hindi, English and Punjabi.

One Response

' src=

This is amazing essay i also write essay on if I were the prime minister of my country.

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

HindiEnglishessay

Essay on if I were a Prime Minister in English

if i were a prime minister essay in hindi

The post of Prime Minister of any country is the most important, because all the important information of the country is with them. The future of the people of the country depends on the actions of the Prime Minister.

It is a matter of good luck for everyone to get a chance to serve the country. It is a matter of pride for us to be a citizen of India. Only a responsible person can handle the post of Prime Minister properly.

Despite all this, everyone dreams of getting the post of Prime Minister one day. If May had become the Prime Minister, he would have first taken inspiration from all the former Prime Ministers before him from their experience.

Duty towards the nation – Being a Prime Minister reflects the duties of a responsible person towards the nation.

Solution to Public Problems

First of all it comes that man needs something to live his life, then that thing is bread, cloth and house. Most of the common people have shortage regarding all these things.

After becoming the Prime Minister, if we provide facilities to their needy things in the right way, then this works itself will feel like a pride.

If we provide facilities to the common people such as a house to live, good education to study and comfortable employment, then it will be a good initiative in the eyes of the people.

For the poor people of the country, according to their convenience, a special type of scheme should be run, so that welfare of all working class people can be done.

If we really want to improve the life of the poverty level people then first of all we should develop in the villages. So that people have the facility of electricity, water, etc.

Emphasis on Industry and Agriculture

If I become the Prime Minister, first of all my work will be focused in the agriculture sector. All the fields in the villages will have to be made fertile and facilities of fertilizer, ration and water will have to be made available.

Only then all the business related to agriculture will improve and a ray of hope will wake up for our farmer brothers. We have to develop whatever small industries we have by helping humanity.

That’s why the former Prime Minister of our country, Honorable Lal Bahadur Shastri had given this slogan “Jai Jawan Jai Kisan”. Everyone knows this thing that the backbone of the country is the farmer of our country India. Because it is the farmer who feeds the whole country.

Reforming the Education System

I myself have experienced that since the inception of our country India, not much work has been done in the field of education, therefore poverty and unemployment are increasing in our country.

If I become the Prime Minister, I will first focus on the education system so that every citizen of our country can get good education and become an educated and responsible person.

By doing this, if all the citizens of our country remain educated, then they will not have to wander door to door for livelihood, bread and employment. If you have education, then by working hard you can make yourself self-employed, so that you can earn a living for your family.

If I get the post of Prime Minister, I will insist on building many new schools and colleges and appoint high education and good teachers in all old and new schools, colleges and universities.

Improving the Law and Order of the Country

If I become the Prime Minister, then strengthening the law and order of our country will be the first task. I will take care of the safety and honor of all the citizens of the country.

Another major problem seen nowadays is terrorism which is slowly spreading its foot. Therefore, if I become the Prime Minister, I will stop all the activities of this terrorism and try to root it out and free the people from it.

Change in Politics

These days many incidents are happening due to casteism. The political field is witnessing more of its side effects. Due to all this, corruption, bribery, black marketing, smuggling and riots are taking place in the country.

If I become the Prime Minister, first of all I will try to remove all these evils from the society, for this strict law will be made, so that fear and anti-social activities do not enter their mind.

Strengthen Internal Security

Our country can progress only when our internal security is strong, so if I get the post of Prime Minister, first of all the security of all the citizens of our country will be our priority.

This is possible only when the internal strength of our country is strong. That’s why we will try to root out all the illegal things happening in our country. Like communalism, regionalism, terrorism, separatism, racism etc. can be protected only after ending all of them.

If my dream of Prime Minister comes true, I will work for the betterment of the country and the society. Will promote national unity of the country. I will discharge all my duties like a best citizen.

After becoming the Prime Minister, I will do all the work which is for the benefit and safety of all the citizens of the country. If difficult decisions have to be taken for the progress and development of the country, then I will fulfill my responsibility.

Related Posts

समय का महत्व पर निबंध हिंदी में l value of time essay, अनुशासन का महत्व पर निबंध i essay on discipline in hindi, प्रदूषण की समस्या पर निबंध l essay on problem of pollution in hindi, विज्ञान का महत्व पर निबंध l essay on importance of science, essay on christmas day in english for students, essay on raksha bandhan in english for all classes, बढती सभ्यता सिकुड़ते वन पर निबंध l hindi essay on shrinking forest, essay on water conservation for all classes students & children’s, बाल श्रम पर निबंध । child labour essay in hindi, स्वामी दयानंद सरस्वती पर निबंध । essay on swami dayanand saraswati, 3 thoughts on “essay on if i were a prime minister in english”.

Pingback: Children's Day Essay in English for All Classes Students

Pingback: Swachh Bharat Abhiyan in English, Mission, Main Points

Pingback: Lal Bahadur Shastri Essay in English for Students & Childrens

Leave a Comment Cancel Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Save my name, email, and website in this browser for the next time I comment.

  • Skip to main content

India’s Largest Career Transformation Portal

Essay on If I Were The Prime Minister!

August 10, 2021 by Sandeep

If I were the Prime Minister! Essay: The famous quote by John Quincy Adams, “If your actions inspire others to dream more, do more and become more, you are a leader,” encouraged me to have a strong desire to become a Prime Minister of India so that my actions not only inspires people but creates a progressive change.

Essay on If I were the Prime Minister

Below we have provided If I were the Prime Minister Essay in English, written in easy and simple words for class 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, and 10. This article is helpful for school students who are participating in essay or speech writing competitions.

I have the most magnificent dream that could make me forget my ordinary life. I would love to become the Prime Minister of our country to alter and modify things that need urgent attention and improvement.

Holding the position of India’s Prime Minister brings with it great power and even greater responsibilities. Though it is a distant dream beyond my reach, expressing my ideas won’t cause any harm. If ever my fortune smiles on me, then I could acquire the position of Prime Minister. I have my ideal of what a Prime Minister should possess.

My first target will be to appoint qualified and non-corrupt ministers who would work honestly like me for the nation’s growth and development. Heavy taxes will be charged on the rich and middle class, and the poor will be exempted from taxes. Furthermore, I would eliminate black money circulation in the market by strictly monitoring people who stack money in secret places and do not pay taxes.

The entire education system needs refinement because we create young minds for whom we cannot arrange jobs. Moreover, rote learning will be eliminated, and a practical approach will be adopted. Vocational skills will be introduced to productively utilize their time and produce useful things in school and college workshops. I would maintain a friendly relationship with the neighbouring countries and other nations to receive the necessary help at the time of emergency or crisis.

IMAGES

  1. यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध

    if i were a prime minister essay in hindi

  2. Essay ON If I Were The Prime Minister Of India

    if i were a prime minister essay in hindi

  3. essay on If I were the prime minister

    if i were a prime minister essay in hindi

  4. If I Were the Prime Minister of My Country-Essay writing/If I were the PM of India/Best Handwriting

    if i were a prime minister essay in hindi

  5. Essay on IF I WERE THE PRIME MINISTER OF INDIA/ Paragraph on IF I WERE THE PRIME MINISTER OF INDIA

    if i were a prime minister essay in hindi

  6. प्रधानमंत्री पर निबंध

    if i were a prime minister essay in hindi

VIDEO

  1. ESSAY ON IF I WERE THE PRIME MINISTER OF INDIA

  2. If I Become a Prime Minister

  3. HINDI ESSAY ON IF I WERE A TEACHER

  4. If I were Prime Minister Hindi elocution

  5. 10 Lines Essay On Narendra Modi In Englis

  6. If Raffi were Prime Minister

COMMENTS

  1. यदि मैं प्रधानमंत्री होता (निबंध)

    यदि मैं प्रधानमंत्री होता (निबंध) | If I Were the Prime Minister in Hindi! हमारा राष्ट्र ...

  2. यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता (निबंध)

    Article shared by: यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता (निबंध) | Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi! कल्पना करना कोई नयी बात नहीं है। सभी कल्पना करते हैं, करना भी ...

  3. यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता हिंदी निबंध

    Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi: किसी भी जनतंत्र देश में प्रधानमंत्री का ...

  4. यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध

    Essay In Hindi कक्षा 1 से 4 के लिए निबंध कक्षा 5 से 9 के लिए निबंध कक्षा 10 से 12 के लिए निबंध प्रतियोगी परीक्षा के लिए निबंध ऋतुओं पर निबंध त्योहारों ...

  5. यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता तो पर निबंध

    Essay on If I were the Prime Minister of India in Hindi : हम यहां पर अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री ...

  6. यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध (If I Were A Prime Minister Essay In

    यदि मैं पक्षी होता पर निबंध (If I Am A Bird Essay In Hindi) 10 Lines On Prime Minister Of India In Hindi Language; यदि मैं वैज्ञानिक होता तो पर निबंध (If I Were A Scientist Essay In Hindi)

  7. यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर निबंध Essay If I were Prime Minister Hindi

    Essay on If I were the Prime Minister in Hindi प्रिय विद्यार्थियों आपका स्वागत है आज हम ...

  8. यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध

    पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध - Read Daughters, Grow Daughters Essay In Hindi पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध - Dependence Essay In Hindi

  9. अगर में देश का प्रधानमंत्री होता निबंध Essay If I were the Prime

    अगर में देश का प्रधानमंत्री होता - निबंध Essay If I were the Prime Minister in Hindi

  10. If I Were Prime Minister Essay In Hindi

    कल्पना करना; भारत की समस्याएँ; समस्याओं का समाधान; साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं।

  11. यदि मैं प्रधानमंत्री होती होता निबंध Yadi Main Pradhanmantri Hoti Essay

    यदि मैं प्रधानमंत्री होती होता निबंध Yadi Main Pradhanmantri Hoti Essay In Hindi [If i were prime ...

  12. यदि मैं प्रधानमंत्री होता

    Essay on If I was the Prime Minister of India in Hindi (यदि मैं प्रधानमंत्री होता). हम ...

  13. यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर अनुच्छेद

    यदि मैं प्रधानमंत्री होता पर अनुच्छेद | Paragraph on If I Were the Prime Minister in Hindi यदि ...

  14. Essay on If I Were The Prime Minister of India In Hindi

    👉 Visit Website To Read : https://www.silentcourse.com/2020/07/if-i-were-prime-minister-of-india-essay-in-hindi.html👉Playlist : If I Were (English Essay)...

  15. यदि मैं भारत का प्रधान मंत्री होता

    अगर मैं प्रधानमंत्री होता essay in hindi यदि मै प्रधानमंत्री होता पर ...

  16. यदि मैं प्रधानमंत्री होता

    यदि मैं प्रधानमंत्री होता | Essay on If I were the Prime Minister in Hindi

  17. निबंध: अगर मैं भारत का प्रधानमंत्री होता

    हेल्लो दोस्तों इसमें हम लिखने वालें हैं : निबंध: अगर मैं अपनें स्कूल का प्रिंसिपल होता | If I Were The Prime Minister of India Essay In Hindi.

  18. Hindi Essay on "If I Were The Prime Minister of India ...

    Hindi Essay on "If I Were The Prime Minister of India" , "यदि मैं भारत का प्रधानमंत्री होता" Complete ...

  19. If I Were The Prime Minister of India

    If I Were The Prime Minister of India "Greatness is measured by goodness". I am an Indian. There is democracy in my country. Everyone can become Prime Minister. India needs a strong and dynamic Prime Minister. There are many problems India faces today.

  20. Essay on "If I were the Prime Minister of India" for School, College

    Essay No. 04. If I Were The Prime Minister. If someday a fairy godmother asks me my wish, I would wish to become a Prime Minister. The office of the Prime Minister seems so distant that it is beyond the reach of a person like me. But, still, I have my own ideas which I would like to implement if I were the Prime Minister.

  21. Essay on if I were a Prime Minister in English

    Conclusion. If my dream of Prime Minister comes true, I will work for the betterment of the country and the society. Will promote national unity of the country. I will discharge all my duties like a best citizen. After becoming the Prime Minister, I will do all the work which is for the benefit and safety of all the citizens of the country.

  22. यदि मैं प्रधानमंत्री होता निबंध, If I Were Prime Minister Essay in Hindi

    If I were prime minister essay in Hindi, मानवता पर निबंध हिंदी: नमस्कार दोस्तों, आज हम आपके लिए लेके आये है मानवता पर निबंध हिंदी लेख। यह मानवता पर निबंध ...

  23. If I Were The Prime Minister Essay for Students in English

    August 10, 2021 by Sandeep. If I were the Prime Minister! Essay: The famous quote by John Quincy Adams, "If your actions inspire others to dream more, do more and become more, you are a leader," encouraged me to have a strong desire to become a Prime Minister of India so that my actions not only inspires people but creates a progressive change.