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दयालुता पर निबंध | Essay on Kindness in Hindi

Essay on Kindness in Hindi : नमस्कार दोस्तों आपका स्वागत है आज हम दयालुता पर निबंध बता रहे हैं. दया को ईश्वरीय गुण माना गया हैं, वर्तमान जीवन में इसके दर्शन करना बेहद कठिन लगता हैं.

लोग अपने स्वार्थों को पूरा करने की होड़ में जीवन की दौड़ में लगे हैं. दयालुता के निबंध, भाषण, स्पीच, अनुच्छेद, लेख आर्टिकल में हम जानेगे कि दयालुता क्या है जीवन में इसका क्या महत्व हैं.

Essay on Kindness in Hindi

दयालुता पर निबंध (300 शब्द).

दयालुता का गुण बहुत ही कम व्यक्ति के पास होता है। सामान्य तौर पर दयालु लोगों को इस प्रकार से वर्णित किया जाता है कि वह अपने से बड़े और छोटे सभी लोगों का सम्मान करते हैं और सभी को सम्मान की निगाहों से देखते हैं। दयालु लोगों की भाषा बहुत ही मीठी होती है और यह स्वभाव से बहुत ही सरल होते हैं।

इन्हें ज्यादा तामझाम करना पसंद नहीं होता है। दयालु व्यक्ति सामने वाले व्यक्ति की बड़ी सी बड़ी गलतियों को भी बहुत ही सरलता के साथ माफ कर देते हैं और यह अपने मन में किसी भी व्यक्ति के खिलाफ कोई भी भेदभाव नहीं रखते हैं ना ही किसी भी व्यक्ति की चुगली करते हैं ना ही व्यक्ति के खिलाफ साजिश करते हैं।

जिन लोगों के स्वभाव में दयालुता होती है वह दुनिया के सबसे अच्छे लोगों में गिने जाते हैं। दयालु लोग हर व्यक्ति के प्रति दया का भाव रखते हैं और यह बदले में कुछ उम्मीद भी नहीं रखते हैं। 

दयालु लोग दुख भागने वाले लोगों की यथाशक्ति हर संभव सहायता भी करते हैं और उनके सुख-दुख में कंधे से कंधा मिलाकर के शामिल होते हैं।

जो व्यक्ति स्वभाव से दयालु होता है अक्सर ऐसे लोगों के चाहने वाले काफी अधिक होते हैं क्योंकि दयालु व्यक्ति मीठी भाषा का मालिक होता है और वह अपनी मीठी बोली से पराए लोगों को भी अपना बना लेता है।

दयालु व्यक्ति अपने पसंदीदा लोगों की हर गलती को माफ कर देता है। हालांकि कई बार अपने सरल स्वभाव की वजह से दयालु व्यक्ति को धोखे का शिकार भी होना पड़ता है.

परंतु फिर भी यह अपने आप को धोखा देने वाले व्यक्ति के लिए कुछ भी बुरा नहीं सोचते हैं और उसे माफ कर देते हैं। इसलिए अगर हमें कोई दयालु इंसान मिल जाए तो हमें उसका सम्मान करना चाहिए और उसके साथ प्रेम से व्यवहार करना चाहिए।

Essay on Kindness in Hindi In 500 words

जिस इन्सान के चरित्र में दयालुता का गुण होता है उसे सम्पूर्ण सह्रदय मानव कहा जाता हैं. प्रत्येक व्यक्ति में आंशिक रूप से दया के भाव विद्यमान होते हैं यदि वह उन्हें सिंचित करता है तो यह प्रफुल्लित होकर उसके स्वभाव का हिस्सा बन जाता हैं.

अन्यथा यह गुण लुप्त होने लगता हैं. अक्सर दयालुता या दया के भाव दीन, हीन, अक्षम, गरीब, मरीज या पीड़ित व्यक्ति के प्रति सहानुभूति के भावों को कहा जाता है, जिसमें वह पीड़ित व्यक्ति के दुःख को अपना बनाकर कम करना चाहता हैं.

महिलाओं, बच्चों एवं बुजुर्गों के प्रति भी दयालुता के भाव शीघ्र उत्पन्न हो जाते हैं. जिस व्यक्ति में दूसरे के दुःख पीड़ा का एहसास नहीं हो उसे मनुष्य कहना गलत हैं. वह व्यक्ति पशुओं से अधिक कुछ नहीं हैं जिसमें दूसरों के प्रति सहानुभूति के भाव न हो.

हमें जंगली जीवों एवं जानवरों के प्रति भी दयालुता के भाव रखकर उनकी सेवा करनी चाहिए, क्योंकि हमारा जीवन परोपकार आधारित हैं हम जिस तरह पेड़ पौधों एवं प्रकृति पर निर्भर है उसी भांति कई जीव हम पर निर्भर हैं.

सभी प्रमुख धर्मों में अहिंसा, प्रेम, त्याग, सहानुभूति और दयालुता की शिक्षा दी जाती हैं. धर्म व्यक्ति को वांछित गुणों से युक्त बनाने की जीवन पद्धति है जिसे अपनाकर वह अपने व्यक्तित्व का परिष्कार कर सके. हिन्दू धर्म ग्रंथों में महिलाओं, बच्चों, वृद्धों, पीड़ित, बीमार एवं शोषित लोगों के प्रति दया के भाव रखने की बात कही जाती हैं.

दयालुता के लिए जीवन में साधन सम्पन्न होने की आवश्यकता नहीं है अपने ह्रदय को उदार बनाकर इसे जीवन में अपनाया जा सकता हैं. यह कार्य उतना भी सरल नहीं हैं.

जीवन में व्यक्ति वही कार्य करता है जिसमें पारितोषिक रूप में उन्हें मान, सम्मान अथवा धन की प्राप्ति होती हैं जबकि दयालुता के बदले केवल दूसरों को सुख की अनुभूति कराने की संतुष्टि और पुण्य प्राप्त हो सकता है जिन्हें पाने की चाह बहुत कम लोग रखते हैं.

एक संस्कारी व्यक्ति हमेशा परपीड़ा में सहानुभूति का प्रदर्शन करता हैं. जब किसी की आवश्यकता हो तो उसकी मदद करता है वह अपनी मदद के जरिये हमेशा लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने का प्रयत्न करता हैं. अपने समय में से कुछ मिनट निकालकर पक्षियों को दाना डालकर भी अपनी सोई हुई दयालुता को जागृत किया जा सकता हैं.

जीवन में हम जो कुछ लोगों को देते है बदलें में हमें भी वही प्राप्त होता हैं. कई सारे लोग जीवन में जब कठिनाइयों से घिरते है तो अपनी बेचारी का राग अलापते है, जबकि कुछ लोग थोड़ी सी मुश्किल में आते है तो उनकी मदद करने वाले हाजिर हो जाते हैं.

जीवन में स्थितियां बस वैसी ही है चरित्र का फर्क है पहला इन्सान निर्दयी है जो किसी की मदद नहीं करता जबकि दूसरा सह्रदय व्यक्ति है सदैव औरों को अपने साथ लेकर चलता है.

आखिर में हम आपसे विनती करना चाहेगे जीवन में हमेशा एक दूसरे के साथ दयालुता के भाव रखिये जिससे सदैव एकजुटता का भाव जन्म लेगा.

अन्य लोगों के जीवन को भी समझने का प्रयास करे, किसी की मदद करते समय सदैव याद रखे कि एक दिन आपकों इस कार्य का फल कई गुणा लौटकर आएगा.

दयालुता पर निबंध (700 शब्द)

भारतीय समाज में व्यक्ति के विभिन्न प्रकार के गुणों का वर्णन किया गया है जिनमें से एक गुण दया का भी है और दया को सर्वोच्च धर्म के तहत बताया गया है।

अगर किसी व्यक्ति के स्वभाव में दया का भाव नहीं है तो वह व्यक्ति इंसान नहीं बल्कि जानवर के समान ही होता है। दूसरे लोगों के प्रति अच्छी भावना रखना ही दयालुता कहा जाता है।

दयालुता का यह अर्थ नहीं है कि एक इंसान दूसरे इंसान के प्रति ही सिर्फ दया का भाव रखे बल्कि दयालुता का अर्थ यह होता है कि व्यक्ति इंसानों के साथ ही साथ जानवरों के प्रति दया का भाव रखें क्योंकि जानवर भी एक जीवित प्राणी है और उन्हें भी कष्ट और तकलीफ होती है।

दयालु व्यक्ति हमेशा जरूरतमंद लोगों की सहायता करता है और वह दूसरे व्यक्ति और जानवरों के प्रति भी बहुत ही संवेदनशील होता है।

वर्तमान के स्वार्थ भरे जमाने में लोग अपने स्वार्थ के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार होते हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति अपने व्यस्त समय में से थोड़ा समय निकाल कर के किसी व्यक्ति की सहायता करता है.

या फिर किसी व्यक्ति के चेहरे पर खुशी लाने का प्रयास करता है तो इससे बड़ा पुण्य और कोई हो ही नहीं सकता क्योंकि आज हमारे आसपास के लोग अपने काम में इतना लिप्त हो चुके हैं कि उन्हें दूसरे के बारे में सोचने के लिए फुर्सत ही नहीं है।

परंतु जो व्यक्ति दयालु होता है वह अपने काम को करने के साथ ही साथ दूसरे लोगों के भी काम आता है। हालांकि एक विडंबना यह भी है कि आज के समय में दयालुपन लोगों के स्वभाव में काफी कम ही रह गया है बल्कि हर व्यक्ति सिर्फ अपने फायदे के लिए जी रहा है। उसके अंदर प्रेम और करुणा मात्र दिखाने के लिए ही होती है।

इंसानों के द्वारा लगातार अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए प्रकृति का विनाश किया जा रहा है और बेगुनाह तथा मासूम बच्ची पक्षियों को भोजन के लिए मारा जा रहा है जो कि इंसानों की क्रूरता की सबसे बड़ी पराकाष्ठा है।

यही वजह है कि कहीं ना कहीं प्रकृति भी इंसानों का दोहन कर रही है। हालांकि कुछ दयालु लोगों की वजह से इन सभी चीजों पर लगाम तो लगी है परंतु अभी भी इन सभी चीजों पर रोक लगाने के लिए काफी प्रयास करना बाकी है।

दयालु पन तभी तक व्यक्ति के लिए अच्छा होता है जब तक उसके अस्तित्व पर बात ना आए क्योंकि मोहम्मद गौरी को भी पृथ्वीराज चौहान ने 17 बार युद्ध में हराया था.

हर बार मोहम्मद गोरी के माफी मांगने पर पृथ्वीराज चौहान के द्वारा उसे दया दिखाते हुए माफ कर दिया गया था परंतु पृथ्वीराज चौहान ने यह नहीं सोचा कि जिसे वह बार-बार माफ कर रहे हैं वह बार-बार आकर उनसे युद्ध करने के लिए क्यों आ रहा है।

इस प्रकार से आखरी युद्ध में मोहम्मद गोरी के द्वारा पृथ्वीराज चौहान को बंदी बना लिया गया और उनकी दोनों आंखें फोड़ दी गई। इसलिए व्यक्ति को उसी सीमा तक दयालु रहना चाहिए जहां तक वह खुद सुरक्षित रह सके।

कहने का मतलब है कि व्यक्ति को बैलेंस बना कर चलना चाहिए और उसे जरूरतमंद लोगों के प्रति दया का भाव रखना चाहिए और नीच कपटी लोगों के प्रति उसे सख्त होना भी आना चाहिए।

  • दया पर सुविचार अनमोल
  • सुन्दरता पर अनमोल वचन
  • भिखारी पर निबंध

उम्मीद करता हूँ दोस्तों Essay on Kindness in Hindi का यह निबंध आपकों पसंद आया होगा. दयालुता पर निबंध में दी गई शोर्ट जानकारी आपकों पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरुर शेयर करे.

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दयालुता पर निबंध

Essay on Kindness in Hindi: हम यहां पर दयालुता पर निबंध शेयर कर रहे है। इस निबंध में दयालुता के संदर्भित सभी माहिति को आपके साथ शेअर किया गया है। यह निबंध सभी कक्षाओं के विद्यार्थियों के लिए मददगार है।

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दयालुता पर निबंध | Essay on Kindness in Hindi

दयालुता पर निबंध (250 शब्द).

प्रकृति का एक हिस्सा दयालुता है। यह गुण बेहद कम लोगों के पास होता है। आमतौर पर दयालु लोगों को ऐसे लोगों के रूप में वर्णित किया जाता है, जो अपने बड़ों और छोटे लोगों के प्रति सम्मान दिखाते हैं, जो मृदुभाषी होते हैं और जो बड़ी गलती करने पर भी लोगों को बहुत आसानी से माफ कर देते हैं।

जिन लोगों में दयालुता का गुण होता है, वे इस दुनिया में सबसे अच्छे व्यक्ति होते हैं। दयालु लोग बदले में कुछ भी उम्मीद किए बिना दया दिखाते हैं और विभिन्न तरीकों से आपकी मदद करते हैं। दया आपके लिए अच्छा स्वास्थ्य ला सकती है। क्योंकि डॉक्टरों ने साफ कर दिया है कि सभी के प्रति दया दिखाने से कोई व्यक्ति बिना किसी बीमारी के कई वर्षों तक जीवित रह सकता है। दयालुता किसी व्यक्ति के जीवन में सफलता के स्तर को तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

एक दयालु व्यक्ति अपने प्रिय व्यक्ति की हर गलती को क्षमा कर देता है, दयालु लोग आसानी से धोखे में आ सकते हैं। क्योंकि लोग जानते हैं कि वह केवल उनके प्रति दया दिखाएगा और वह किसी भी परिस्थिति में उनकी मदद करेगा। अगर किसी को नेकदिल इंसान मिल जाए तो उसे उसका सम्मान करना चाहिए जैसे वह अपने माता-पिता या अन्य प्रियजनों का सम्मान करता है।

दया महान गुण है और सभी को इसे प्राप्त करना चाहिए। हालाँकि कुछ लोग आपकी दयालुता से लाभान्वित हो सकते हैं और आपको विभिन्न तरीकों से गुमराह कर सकते हैं। इसलिए, भले ही आप बहुत दयालु हों, आपके पास चतुराई का गुण होना चाहिए ताकि कोई भी आपको मूर्ख न बना सके।

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दयालुता पर निबंध (500 शब्द)

दयालुता एक ऐसी आंतरिक विशेषता है, जो हर किसी के पास नहीं होती है। दुनिया की सबसे कीमती चीज़ भी इस गुण के आगे तुच्छ लगती है। सभी जीवित प्राणियों के साथ अच्छा व्यवहार करने के इस गुण को निर्देशित नहीं किया जा सकता। दयालुता हर जीव से प्रेम करना सिखाती है। दयालुता का गुण जीवित प्राणियों के प्रति नफरत को दूर करती है। दयालुता से हमें वो आंतरिक शांति मिलती है, जिसे दुनिया के सबसे महंगी चीज़ें भी प्रदान नहीं कर सकती। यह सच है कि दयालु कार्यों का प्रतिफल एक दिन अवश्य मिलेगा।

दयालुता का गुण भगवान ने हमें खुद सिखाया है। हमने अक्सर भगवान राम, कृष्ण, शिव आदि की पौराणिक कथाओं में सुना है कि दया उनका पहला गुण था। बड़े बड़े ऋषि मुनियों और संतों ने कर्म के नियम की व्याख्या करते हुए हमें हमेशा दयालु होने के लिए कहते हैं। क्योंकि हमारे कार्य हमें अच्छे या बुरे रूप में प्रतिबिंबित करेंगे। दयालुता के कार्य सभी के जीवन में सकारात्मक आशा की एक किरण लाते हैं।

निस्वार्थ भाव से और बदले में कुछ भी उम्मीद किए बिना दयालुता के कार्य करने चाहिए। जाति, धर्म, लिंग, नस्ल, राष्ट्रीयता, जातीयता की परवाह किए बिना सभी जीवित प्राणियों के लिए दया करनी चाहिए। हमें ना केवल मनुष्य लेकिन प्रकृति के हर घटक जैसे कि पेड़, पौधे, जानवर और छोटे से छोटे जीवों पर भी दया दिखानी चाहिए। दया करते हुए कुछ लोग किसी को या किसी संगठन को गुप्त दान देते हैं क्योंकि वे प्रसिद्धि अर्जित नहीं करना चाहते हैं, यह एक उत्तम प्रकार की सोच है।

दयालुता का असर सीधा स्वास्थ्य पर पड़ता है। दयालुता तनाव, अवसाद या किसी भी अन्य चिंता की समस्या को कम कर सकती है। दयालुता का गुण अपनाने के कारण व्यक्ति स्वतः खुश रहता है। इस गुण के कारण जीवन की अन्य कई समस्याएं कम हो जाती है। इस गुण के कारण कोई भी व्यक्ति बिना किसी बीमारी के कई वर्षों तक जीवित रह सकती है।

दयालु लोगों को कोई भी व्यक्ति आसानी से धोका दे सकता है। कुछ कपटी लोग दूसरों के दयालुता के गुण के कारण विभिन्न तरीकों से गुमराह कर सकते हैं, इसलिए दयालुता के साथ चतुराई का गुण भी होना चाहिए ताकि कोई भी मूर्ख ना बना सके।

आजकल लोगों के पास दूसरों पर दया करने का समय नहीं है। क्योंकि वे अपने काम में बहुत व्यस्त हैं। आज की दौड़धाम भरी ज़िंदगी में दयालुता का गुण दुनिया से नाबूद होता नजर आ रहा है। लोग स्वार्थी बन गए है और हमेशा अपने फ़ायदे ही देखते है।

हमें बच्चों के दिल में बचपन से ही इस गुण को विकसित करना चाहिए। देखभाल और चिंता के माहौल में रहने वाले परिवार के सदस्यों के साथ दयालुता घर से शुरू होती है।

जिनके पास दयालुता का गुण है, वे इस दुनिया में सबसे अच्छे इंसान माने जाते हैं। हमारे बुजुर्गों और पूर्वजों ने कहा है कि अगर हमने इंसान के रूप में जन्म लिया है तो हमें कुछ कर्तव्यों का पालन करना चाहिए और दयालुता एक ऐसा कर्तव्य है, जिसे हमें अपने जीवन में अवश्य करना चाहिए। दयालुता में व्यक्ति के साथ-साथ दुनिया को भी बदलने की शक्ति होती है।

दयालुता पर निबंध (800 शब्द)

भगवान ने मनुष्य को दिए सात गुणों में से एक गुण दयालुता है। दया को अनेक दृष्टियों से देखा जा सकता है। सभी प्रमुख धर्मों में अहिंसा, प्रेम, त्याग, सहानुभूति और दया की शिक्षा दी जाती है। दयालुता जीवन जीने का एक सकारात्मक तरीका है। दयालुता का दृष्टिकोण आसपास के मनुष्यों के अनुकूल और सहायक होना है। इस पृथ्वी पर दयालुता सबसे सुंदर गुण है।

दया एक दुर्लभ फूल की तरह है, जिसकी देखभाल अत्यंत सावधानी के साथ करनी चाहिए। इसके लिए प्रेम और समर्पण की आवश्यकता होती है। दयालुता का अर्थ यह हो सकता है कि बदले में अच्छी चीजों की अपेक्षा किए बिना अच्छी चीजें करना।

दयालुता का अर्थ

दयालुता को उचित शब्दों में परिभाषित नहीं किया जा सकता है लेकिन सरल शब्दों में दयालुता को दूसरों के प्रति देखभाल और करुणा के दृष्टिकोण के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। दयालुता परिभाषित करने के लिए जितना जटिल है लेकिन महसूस करने में उतना ही आसान है। संस्कृति और धर्मों के अनुसार दयालुता की परिभाषा अलग हो सकती है। हालाँकि, इन प्रकारों का सार एक ही है। दयालुता को मित्रवत, उदार और विचारशील होने के गुण के रूप में परिभाषित किया गया है।

सकारात्मक परिवेश बनाने में दयालुता मदद करती है। यह एक सार्वभौमिक भाषा है। यह एक ऐसी भाषा है, जिसे अंधा देख सकता है और बहरा सुन सकता है। दयालुता गुण साथ साथ व्यक्ति में मुस्कान, सौम्य स्वभाव, परोपकारी व्यवहार, कोमलता, सुखदता या चिंता और दूसरों के लिए करुणा जैसे भी गुण आते है।

दयालुता का महत्व

प्रत्येक व्यक्ति को उसके धर्म के माध्यम से दया का पाठ पढ़ाया जाता है। चाहे इस्लाम हो, ईसाई धर्म हो, सिख धर्म हो और हिंदू धर्म हो या कोई अन्य धर्म सभी दयालुता सिखाते हैं। सच्ची दयालुता को कभी भी मापा नहीं जा सकता। दयालुता लोगों की धारणा को बदलने की कुंजी है। 

सभी धर्मों और संस्कृति में सबसे अधिक महत्व दयालुता को ही दिया जाता है। पृथ्वी पर हमारे अस्तित्व के लिए हमें प्रकृति के सभी घटकों के साथ दया से पेश आना बेहद जरूरी है। दयालुता एक चेन रिएक्शन है। यह एक लहर है जो लुढ़कती रहती है और इसे शुरू करने के लिए केवल एक व्यक्ति की आवश्यकता होती है। एक छोटा सा कार्य एक लहर प्रभाव पैदा कर सकता है जो पूरे समुदाय को प्रभावित करता है।

बचपन से ही हमें बच्चों को यह गुण सीखना चाहिए, क्योंकि बचपन हमेशा मासूम होता है और बचपन में सिखाई बातें जीवन विकास के काफी काम आती है।

दयालुता के लाभ 

दूसरों के प्रति दया करने से हमारे शरीर और मन को कई अनगिनत लाभ मिलते है। दूसरों के प्रति करुणा दिखाने से उनका मूड अच्छा होता है और उनका दिन रोशन होता है। दयालुता हमारे लिए एक आशीर्वाद समान है। दयालुता एक ऐसा व्यवहार है जो आनंद फैलाता है, आनंद जिसकी कोई सीमा नहीं है, आनंद जो सार्वभौमिक है।

दयालुता तनाव, अवसाद या किसी भी अन्य चिंता की समस्या को कम कर सकती है, जो आपको हो सकती है क्योंकि दयालुता दिखाने से लोग खुश होंगे और उन्हें खुश देखकर आप अपने आप खुश हो जाएंगे। दयालुता  विश्व में शांति को बढ़ावा देता है। दीर्घकालिक संबंधों बनाए रखने के लिए यह गुण जरुरी है। दयालु होने के लिए बहादुरी और ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

व्यवहारिक जिंदगी के साथ साथ व्यावसायिक जिंदगी के लिए भी इस गुण का होना जरुरी है क्योंकि ये गुण आपके व्यवसाय को सफल होने में काफी मदद करेगा।

दयालुता के नुकसान

दयालुता के कुछ नुकसान भी है। एक दयालु व्यक्ति अपने प्रिय व्यक्ति की हर गलती को क्षमा कर देता है और इस तरह व्यक्ति हर बार ऐसी ही गलतियाँ करता रहेगा यदि उसे बहुत आसानी से माफ कर दिया जाए।

दयालु लोग आसानी से धोखे में आ सकते हैं क्योंकि लोग जानते हैं कि वह केवल उनके प्रति दया दिखाएगा और वह किसी भी परिस्थिति में उनकी मदद करेगा। कुछ लोग दयालु लोगों का उपयोग उनसे धन प्राप्त करने के लिए करते हैं, और फिर वे उस धन को कभी वापस नहीं करते हैं।

दयालु व्यक्ति हमेशा ऐसे लोगों से गुमराह होंगे जो आपसे ज्यादा स्मार्ट हैं। आप भले ही होशियार हों, लेकिन आपकी दयालुता आपके लिए अभिशाप का काम करती है और आप लोगों के बहकावे में आ जाते हैं।

प्रकृति और दयालुता

हमें केवल मनुष्य के प्रति दया नहीं दखनी चाहिए बल्कि प्रकृति के घटक के प्रति भी दया दिखानी चाहिए। जानवरों, पक्षियों और पेड़ पौधों भी दया की भाषा आसानी से समझते है। उनके साथ हमेशा अच्छे व्यवहार से पेश आना चाहिए। अपने आवास के आसपास घूमने वाली बिल्लियों, कुत्तों और गायों और पक्षियों के लिए खाने और पानी का प्रबंध करना चाहिए।

वर्तमान दुनिया में दूसरों के प्रति दयालु होना कठिन है। दयालुता एक ऐसी चीज है जो हर किसी को अपने आसपास के लोगों को देनी चाहिए। आप जहां भी जाएं एक सकारात्मक सामाजिक वातावरण बनाने के लिए अपने कार्यालय के सहयोगियों और पड़ोसियों के प्रति दयालु रहें।

कहा जाता है कि दया के बदले में हमें दया मिलती है। एक सुखी और सफल जीवन जीने के लिए हमें जीवन के हर क्षेत्र में दयालुता को समायोजित करना सीखना चाहिए। दया ही पूजा है, दया ही धर्म है।

दयालुता पर निबंध (1000 शब्द)

मदर टेरेसा ने कहा था कि “दया और प्रेम भरे शब्द भले ही सुनने में छोटे लगते हों। लेकिन उनकी गूंज अनंत होती है।” दया एक सार्वभौमिक भाषा है, जिसे दुनिया का कोई भी व्यक्ति बिना कुछ कहे आसानी से समझ लेता है। दयालुता मनुष्य का सबसे अनूठा गुण है, जिसके कारण वो दुसरे प्राणी से अलग पड़ता है।

दयालुता ईश्वर का मनुष्य को दिया हुआ सबसे बड़ा उपहार है। दयालुता व्यक्ति के चरित्र और करुणा को प्रदर्शित करता है। दयालुता की भाषा प्रत्येक जीवित प्राणी द्वारा समझी जाती है। दूसरों के प्रति दया दिखाने से खुशी और प्रसन्नता की अनुभूति होती है। दयालुता एक शुद्ध सफेद फूल है जो सबसे कठिन परिस्थितियों में खिल सकता है।

दयालुता की परिभाषा

दया सात गुणों में से एक है। इसे दूसरे के देखभाल करने वाले रवैये के रूप में दयालुता को परिभाषित किया जा सकता है। दयालुता एक जटिल शब्द है। दयालुता की परिभाषा केवल दो शब्दों तक ही सीमित नहीं है। फिर भी दयालुता को समझना सबसे आसान है। एक व्यक्ति जो लगातार दूसरों के बारे में अच्छा सोचता है, उसे दयालु माना जाता है। क्योंकि वह हमेशा दूसरों के लिए जीने और दूसरों की सहायता करने की इच्छा रखता है।

दयालुता का अर्थ है हमारे आसपास के लोगों के लिए अच्छा होना करना। यह उनके साथ विनम्र रहकर, उन्हें भावनात्मक समर्थन प्रदान करके, उनकी आर्थिक मदद करके, उनका मनोबल बढ़ाकर या केवल उनका समर्थन करके किया जा सकता है।

दयालुता और धर्म

दुनिया के सभी धर्मों में भी दयालुता की ही हिमायत की गई है। विभिन्न धार्मिक पुस्तकों और साहित्य में दयालुता का अलग-अलग वर्णन किया गया है। हालाँकि वे सभी एक ही विचार को प्रतिध्वनित करते हैं। दयालुता हर धर्म द्वारा सिखाया जाता है। ईसाई धर्म हो, हिंदू धर्म हो, सिख धर्म हो या इस्लाम या नाम का कोई भी धर्म, सभी दूसरों के प्रति दया व्यक्त करना सिखाते हैं। सच्ची दया, सबसे बढ़कर, करुणा, समझ और सद्भावना के स्थान से आती है।

दयालुता और प्रकृति का सम्बन्ध

दयालुता प्रकृति की मूल प्रेरक शक्ति है। प्रकृति हम पर इतनी दयालु है कि यह हमें बिना किसी स्वार्थ के फलने-फूलने में मदद करती है। गूंगे जानवर भी अपनी दया दिखाने के लिए अपनी पूंछ लहराते हैं। इसी तरह की प्रतिक्रिया पौधों द्वारा दिखाई जाती है, वे बड़े हो जाते हैं और उनके देखभाल करने वाले के दयालु व्यवहार की प्रतिक्रिया के रूप में फल लगते हैं। कृतज्ञता और दया व्यक्त करने के प्रकृति के अपने तरीके हैं।

हमें वन्य जीवों और जानवरों के प्रति भी दया भाव से उनकी सेवा करनी चाहिए। क्योंकि हमारा जीवन परोपकार पर आधारित है। जैसे पेड़ पौधों और प्रकृति पर निर्भर करते हैं, वैसे ही कई जीव हमारी दयालुता पर निर्भर है। जिसमें दूसरों के प्रति सहानुभूति की भावना नहीं होती है, वह व्यक्ति जानवरों से ज्यादा कुछ नहीं है।

दयालुता और स्वास्थ्य का सीधा संभव

दुनिया भर के डॉक्टर और वैज्ञानिक ने भी यह साबित कर दिया है कि सभी दूसरे जीवों के प्रति दयालुता रखने से हमारे स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव पड़ता है। दूसरों की गलतियों को माफ़ कर देने से हमारे जीवन में तनाव का प्रमाण कम हो जाता है।

दयालुता का गुण आत्म-सम्मान, सहानुभूति और करुणा को बढ़ाने और मनोदशा में सुधार करने के लिए काफी  फायदेमंद होता है, जो हमें लम्बे समय तक जीवित रहने में मदद करता है। इस गुण के कारण चिंता कम होती है और व्यक्ति के सभी कामों में सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

दयालुता का समाज में स्थान

दयालु व्यक्तियों को हमेशा उनके साथियों के बीच सम्मान के साथ पहचाना जाता है और उनके साथ व्यवहार किया जाता है। दयालुता केवल एक धार्मिक गुण नहीं है। लेकिन इसे जीवन के सभी क्षेत्रों में बहुत अच्छी तरह से समायोजित किया जा सकता है। अपने भाई-बहनों या साथियों के प्रति दयालु होने से एक मजबूत पारिवारिक नींव बनाने में मदद मिलती है।

पड़ोसियों और सहकर्मियों के प्रति दया दिखाने से सकारात्मक सामाजिक वातावरण विकसित करने में मदद मिलती है। यहां तक ​​​​कि छोटे विचार और दयालुता के निस्वार्थ कार्य भी व्यापार को छलांग और सीमा में बढ़ाने में मदद कर सकते हैं। जिस व्यक्ति के चरित्र में दयालुता के गुण होते हैं, उसे एक पूर्ण हृदय वाला इंसान कहा जाता है। प्रत्येक व्यक्ति में दया के आंशिक भाव होते हैं, अगर वह उन्हें सींचता है तो वह उसके स्वभाव का हिस्सा बन जाता है अन्यथा यह गुण गायब होने लगता है।

दयालुता से होने वाले लाभ

दयालुता जीवन के सबसे सुखद अनुभवों में से एक है। आपकी परिस्थितियाँ कैसी भी हों, एक दयालु शब्द और एक उदार भाव किसी व्यक्ति के पूरे दृष्टिकोण को बदल सकता है। यह एक ऐसी चीज है जो उनकी आत्मा में प्रवेश करती है। अच्छे कामों को कभी-कभी कृतज्ञता के साथ पुरस्कृत नहीं किया जाता है क्योंकि उन्हें पहचाना नहीं जाता है।

दयालुता का कार्य कभी व्यर्थ नहीं जाता। यदि आप किसी के प्रति दयालु हैं तो यह आपके और उसके व्यवहार में परिलक्षित होगा। दूसरों के प्रति दयालु होना एक सकारात्मक भावना पैदा करता है और इस दुनिया को रहने के लिए एक बेहतर जगह बनाता है। दयालुता हमारे जीवन और हमारे आस-पास के लोगों के जीवन में शांति को बढ़ावा देती है। दयालुता से आत्मविश्वास और आशावाद को बढ़ावा मिलता है।

दयालुता से होने वाले  नुकसान

हमें बचपन से ही दयालु, करुणामय होना और दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना सिखाया जाता है जैसा हम चाहते हैं। लेकिन कई कई बार इस गुण के कारण हमें भारी नुकसान का सामना करना पड़ता है। समाज में ऐसे कई लोग है, जो दयालु व्यक्ति को मूर्ख मानते है और उनका फायदा उठाते है। ऐसे लोगों के लिए हमें अपने दयालुता के गुण के साथ साथ चालाकी के गुण को भी विक्सित करना चाहिए।

दया एक दुर्लभ गुण है। दयालुता एक निस्वार्थ कार्य है। दया दिल से आती है। दया एक ऐसी चीज है जिसका कभी अंत नहीं हो सकता। स्वयं के प्रति दयालु होना उतना ही महत्वपूर्ण है, जितना कि दूसरों के प्रति दयालु होना।

हमें अपने प्रति कभी कठोर नहीं बनना चाहिए और जीवन में छोटी छोटी गलतियों को भूल जाना। जैसे  हम गलतियाँ करके ही सीखते हैं। सभी जीवमात्र पर  दया रखें और सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ें।

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  • परोपकार पर निबंध
  • नैतिकता पर निबंध
  • ईमानदारी पर निबंध

Rahul Singh Tanwar

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Comment (1).

Its just speechless . it has helped me in my competition . thank you so much. My god bless you

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दया पर निबंध Essay on Kindness in Hindi

दया पर निबंध Essay on Kindness in Hindi

इस लेख में हमने दया पर निबंध (Essay on Kindness in Hindi) बेहद आकर्षक तरीके से लिखा है। निबंध में दया क्या है तथा दयालुता के लाभ साथ ही दयालुता पर एक छोटी सी कहानी तथा दया पर दस बेहतरीन पंक्तियां इस लेख को बेहद आकर्षक बनाते हैं।

Table of Contents

प्रस्तावना (दया पर निबंध Essay on Kindness in Hindi)

किसी भी धर्म में दया का सबसे ज्यादा महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि जिसके अंदर दया और करुणा की कमी होगी उसे इंसान की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता है।

हर धर्म की उपासना, दया को एक प्रखर गुण के रूप में इंगित करती है। बिना दया के कोई भी उपासना फलित नहीं हो सकती। दया की भावना से परोपकार की भावना जागृत होती है।

हमारे अगल-बगल की हुए सभी चीजें किसी न किसी माध्यम से हमारे ऊपर दया कर रही हैं। उदाहरण के तौर पर जल हमारे ऊपर नियमित रूप से दया कर रही है। वायु हमसे बिना कुछ लिए हमारे ऊपर सतत दया भावना बनाए हुए हैं।

आज लोगों में संवेदना का भाव समाप्त हो चुका है जिसके कारण भाई-भाई के बीच में हिंसक झड़प देखने को मिलती है। इंसान प्रकृति तथा वन्य पशुओं के तरफ भी क्रूरता की दृष्टि से ही देखने लगा है।

मानव अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए लगातार प्रकृति का दोहन कर रहा है। वह बेगुनाह पशुओं को अपने स्वाद के लिए इस्तेमाल कर रहा है, जिसे उसकी संवेदनहीनता का सूचक ही माना जा सकता है।

दयालुता का अर्थ Definition of Kindness in Hindi

दयालुता का अर्थ होता है किसी के ऊपर बिना किसी स्वार्थ के उपकार करना। दार्शनिक कन्फ्यूशियस के अनुसार जिस व्यक्ति के अंदर दया करुणा का भाव जागृत रहता है उसे समाज का सबसे कीमती प्राणी कहा जाता है।

एरिस्टोटल के अनुसार जब हम बिना किसी मांग के किसी की सहायता करते हैं तो वह दया कहलाता है। दया को एक विशेष गुण कहा गया है ऐसा माना जाता है कि हम अगर किसी के ऊपर दया करते हैं तो प्रकृति वह किसी न किसी माध्यम से हमारे पास वापस भेज देती है।

इतिहास में ऐसे न जाने कितने महापुरुष हुए हैं जिन्होंने राष्ट्र व समाज के लिए अपना सर्वस्व त्याग दिया। उनके जीवन को ध्यान से देखने पर एक चीज सामान्य दिखती है वह है दया तथा करुणा की भाव की अधिकता।

उदाहरण के तौर पर महात्मा गांधी , विवेकानंद तथा ऐसे अनेकों महापुरुष जिन्होंने गरीबों पिछड़ों की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। लोगों के प्रतिरोध के बावजूद भी उन्होंने अपना दया का धर्म कभी नहीं छोड़ा।

दयालुता पर कोई छोटी कहानी Story on Kindness in Hindi

हर धर्म के पवित्र ग्रंथों में ऐसी घटनाएं या कहानियां जरूर होती हैं जिनमें दया तथा करुणा की अधिकता का प्रचार-प्रसार हो। भगवान राम तथा भगवान कृष्ण भी समाज के पिछड़े वर्गों की सेवा सहायता को अपने जीवन में प्रथम स्थान दिया था।

कुछ दशक पहले तक जब समाज में छुआछूत एक बहुत बड़ी बीमारी थी तब एक  ब्राह्मण के घर जन्मे एक व्यक्ति ने लोगों की मानसिकता ओं पर कड़ा प्रहार किया।

वह व्यक्ति नियमित किसी काम से एक मार्ग से गुजरा करता था। ऐसे ही एक बार उसकी नजर एक झोपड़ी पर पड़ी जिसमें एक वृद्ध महिला दर्द के मारे कराह रही थी।

शुरुआत में उस व्यक्ति ने अपने दोस्तों से मदद मांगी ताकि उस वृद्ध महिला की मदद की जा सके लेकिन उसके दोस्तों ने अपने परिवार के ऊंचे होने का हवाला देकर उसकी मदद नहीं की।

उस व्यक्ति ने स्वयं यह ठान लिया कि वह अपने परिवार तथा समाज से अलग होकर उस वृद्धि तथा अछूत महिला की मदद करेगा। उसने पहले तो उस वृद्ध महिला का हाल देखा। उसे पता चला कि वृद्ध महिला को कुष्ठ रोग हुआ है। जिसमें उसके कई जगह गहरा घाव हो गया जिसमें कीड़े पड़ चुके हैं।

उस व्यक्ति ने बिना एक भी पल गवाए उसकी कुटिया में तमाम जरूरी दवाइयां लेकर दस्तक दी। पहले तो वह महिला घबराई और अपने अछूत होने की बात उनके सामने कहीं। लेकिन वह व्यक्ति बिना किसी संकोच के उस वृद्ध माता जी की सेवा में लग गया।

उसके रास्ते में गांव वालों ने रोड़ा डालने की कोशिश की लेकिन वह व्यक्ति अपने विचारों का पक्का था और उसने लगातार उस वृद्ध महिला की सेवा की तथा कुछ ही दिनों की मरहम पट्टी से वह वृद्ध महिला बेहद स्वस्थ हो गई।

यह बात जैसे ही उस ब्राह्मण व्यक्ति के घर वालों को पता चली तो वे बहुत ही नाराज हुए। लेकिन इसके बाद भी आजीवन वह व्यक्ति पिछड़े तथा अछूत लोगों के बीच जाकर उनके जीवन को सुधारने में लगा रहा। 

उस व्यक्ति का नाम पंडित श्रीराम शर्मा आचार्य है जिन्होंने अखिल विश्व गायत्री परिवार की रचना की थी। जिन्होंने अपने जीवन में तीन हजार से भी ज्यादा किताबें लिखी हैं।

उनके जीवन से हम सभी को अपने जीवन में दया, करुणा के भाव को ग्रहण करना चाहिए। क्योंकि दया ही एक ऐसा गुण है जिससे दुनिया बदली जा सकती है।

दया करने के लाभ Benefits of Kindness in Hindi

आध्यात्मिक तथा सामाजिक दृष्टि से दया के अनेकों लाभ हैं। आध्यात्मिक दृष्टि से दया का सबसे बड़े लाभ  के रूप में मानव के अंदर से अहंकार का विनाश करना है।

जहां दया तथा करुणा जैसे गुण होते हैं वहां पर कोई अन्य दुर्गुण निवास नहीं करते हैं। दया जैसे गुणों को धारण करने के बाद मनुष्य ईश्वर की श्रेणी में बैठने लगता है।

दया से समाज में सकारात्मकता का भाव जागृत होता है। दया तथा करुणा के माध्यम से ही परोपकार जैसे सद्गुण जन्म लेते हैं।

शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति औरों के हित के पूर्ति के लिए जीता है या औरों के हित की पूर्ति के लिए अपने प्राण न्योछावर करता है। उस व्यक्ति का हर एक आंसू रामायण के समान है तथा प्रत्येक कर्म श्रीमद्भगवद्गीता के समान है।

उपरोक्त पंक्तियों के अनुसार दया की गहनता को समझा जा सकता है। जिन धर्म के लोगों के बीच में दया भाव की अधिकता होगी। उनके बीच भाईचारा तथा सम्मान उतना ही ज्यादा होगा।

कहते हैं कि ईश्वर प्राप्ति का एकमात्र उपाय समाज के प्रति परोपकार की भावना है। जो समाज रूपी ईश्वर को दया का प्रसाद अर्पित करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

दया पर 10 लाइन 10 Lines on Kindness in Hindi

  • हर धर्म की उपासना, दया को एक प्रखर गुण के रूप में इंगित करती है। बिना दया के कोई भी उपासना फलित नहीं हो सकती।
  • हमारे अगल-बगल की हुए सभी चीजें किसी न किसी माध्यम से हमारे ऊपर दया कर रही हैं।
  • दार्शनिक कन्फ्यूशियस के अनुसार जिस व्यक्ति के अंदर दया करुणा का भाव जागृत रहता है उसे समाज का सबसे कीमती प्राणी कहा जाता है।
  • एरिस्टोटल के अनुसार जब हम बिना किसी मांग के किसी की सहायता करते हैं तो वह दया कहलाता है।
  • महात्मा गांधी, विवेकानंद तथा ऐसे अनेकों महापुरुष जिन्होंने गरीबों पिछड़ों की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।
  • भगवान राम तथा भगवान कृष्ण भी समाज के पिछड़े वर्गों की सेवा सहायता को अपने जीवन में प्रथम स्थान दिया था।
  • आध्यात्मिक दृष्टि से दया का सबसे बड़े लाभ  के रूप में मानव के अंदर से अहंकार का विनाश करना है।
  • जहां दया तथा करुणा जैसे गुण होते हैं वहां पर कोई अन्य दुर्गुण निवास नहीं करते हैं।
  •  दया जैसे गुणों को धारण करने के बाद मनुष्य ईश्वर की श्रेणी में बैठने लगता है।
  • जो समाज रूपी ईश्वर को दया का प्रसाद अर्पित करता है उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने दया पर निबंध (Essay on Kindness in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको सरल लगा हो। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो तो इसे शेयर जरुर करें।

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कर्म में करुणा ही दयालुता है पर निबंध हिंदी में

Photo of Sachin Sajwan

कर्म में करुणा ही दयालुता है पर निबंध : हम सभी मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और विभिन्न प्रकार की भावनाएं हमारे अंदर विकसित हुई है जैसे प्यार , ईशा, लालच, दया इत्यादि. इन सभी भावनाओं को समाज के प्रति प्रदर्शित करने का तरीका सभी का अलग-अलग होता है

कुछ लोग बहुत ज्यादा लालची होते हैं, तो कुछ लोग बहुत ज्यादा दयालु होते हैं. तो क्या आप दयालुता पर निबंध खोज रहे हैं तो आप एकदम सही जगह पर आए

आज मैं आपको बताऊंगा कि दया और करुणा पर निबंध कैसे आप लिख सकते हैं. दयालुता कहें या कर्म में कर्म ही दयालुता दोनों एक ही टॉपिक है इसलिए आपको कंफ्यूज होने की जरूरत नहीं है

इस पोस्ट में मैंने आपको दो निबंध बताएं हैं आपको जो पसंद आये, आप उसे Competition के लिए तैयार कर सकते हैं. तो आइए जीवन में दया का महत्व जानते हैं

दयालुता पर निबंध – Essay on Kindness in Hindi

दयालुता पर निबंध

“कर्म में करुणा ही दयालुता का अर्थ है बिन दयालुता के मनुष्य जीवन ही व्यर्थ है”

मनुष्य में दयालुता और करुणा जैसे भावों का होना मनुष्य जीवन की एक पहचान हैं. बिना इन भावों के मनुष्य का जीवन निरर्थक ही प्रतीत होता है. हम मनुष्य अपने कर्मों में करुणा को लाकर ही दयालुता का भाव जागृत कर सकते हैं और उसे प्रदर्शित कर सकते हैं

प्राणी जगत के प्रति दयालुता प्रदर्शित करना बेहद ही पुण्य वाला काम है जो आज के व्यस्त जीवन में बहुत ही कम नजर आता है. आजकल लोग खुद में ही इतने व्यस्त हैं कि वे अपनी जरूरतों और इच्छाओं के इर्द गिर्द ही घूमते रहते हैं और दूसरों की ओर उनका ध्यान ही नहीं जाता

दया किसी जरूरतमंद अथवा दीन-हीन के प्रति विनम्रता एवं विचारशीलता का होना है. यह गुण किसी-किसी के पास ही होता है. ईश्वर ने इस दुनिया में बहुत कम लोगों को ऐसे गुण प्रदान किए हैं और उनका होना उनके आस-पास के लोगों के लिए एक वरदान के समान है

ऐसे व्यक्ति एक सुखद स्वभाव वाले और दूसरों के हित के लिए चिंतित रहते हैं. वे दूसरों की मदद के लिए कुछ भी करने के लिए तैयार रहते हैं. दूसरों के लिए दया दिखाने के लिए हमें कुछ बड़ा करने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि छोटे से योगदान के रूप में हम सामने वाले को भावनात्मक समर्थन भी दे सकते हैं

मनुष्यों के साथ-साथ हम अन्य जीवों के प्रति भी करुणा से भरे कर्मों के द्वारा दयालुता को प्रदर्शित कर सकते हैं. जैसे की घर की छत पर आने वाली किसी चिड़िया को हम दाना डालकर दयालुता दिखा सकते हैं

करुणा और दया से भरे इस कृत्य में ना तो अधिक मेहनत लगती है, ना ही अधिक रुपये. अतः हमें मनुष्यों के साथ-साथ जानवरों पर भी दया दिखानी चाहिए. हमें आत्मरक्षा के अलावा अन्य किसी भी कारण से राह चलते जानवरों को डंडा या पत्थर नहीं मारना चाहिए

यदि किसी जानवर को खाने या इलाज की जरूरत हो, तो उसकी व्यवस्था करके आप दया दिखा सकते हैं. बहुत सी बार घरों में अथवा किसी समारोह आदि में अतिरिक्त भोजन बच जाता है

इस भोजन को फेंकने की बजाए यदि जरूरतमंद और भूखों में बांट दिया जाए तो किसी भूखे का पेट भी भर जाएगा और पुण्य की भी प्राप्ति होगी. ऐसे ही असंख्य कर्म हैं जिनमें आप करुणा लाकर इस सृष्टि के प्रति दयालुता दिखा सकते हैं

इन सभी कर्मों के द्वारा हम मनुष्य “कर्म में करुणा ही दयालुता है” पंक्ति को सार्थक सिद्ध कर सकते हैं. यदि हम धर्मार्थ कार्य करते हैं और अपने कर्मों से दूसरों को प्रसन्नता एवं संतोष का अनुभव कराते हैं, तो हमें इतनी अधिक प्रसन्नता की अनुभूति होगी जितनी शायद अपने लिए लाखों रुपये खर्च करके भी ना हो

“कर्म में रखें हमेशा करुणा का भाव, दयालुता दिखाने से कभी भी होता ना अभाव”

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कर्म में करुणा ही दयालुता है पर निबंध 500 शब्दों में

कर्म में करुणा ही दयालुता है पर निबंध 500 शब्दों में

“अच्छे कर्म कर जन-जन महकाए, दयालुता का सब मिलकर साथ निभाए”

मनुष्यता इस पूरे संसार में जीवित रहने और दूसरों पर विश्वास करने का एक मूल मंत्र है. जीवन जीने की शैली बहुत ही सुगम तब हो जाती है जब विश्वास और दया का यह मंत्र लोगों के हृदय में निवास करता है

मानवता सिर्फ लोगों की मदद करना ही नहीं होता बल्कि मानवता जीवों पर दया दिखाना भी होता है. पृथ्वी पर जीवित सभी जीवों में सबसे सर्वश्रेष्ठ और उत्तम प्रजाति मानव को ही माना जाता है

मनुष्य में विद्यमान सर्वश्रेष्ठ गुण दयालुता है. दयालुता एक ऐसी आंतरिक विशेषता है जो हर किसी के पास नहीं होती. दुनिया की सबसे कीमती वस्तु भी दयालुता के आगे फीकी पड़ जाती है

कर्म में करुणा ही दयालुता

हमने अक्सर सुना है कि ‘कर्मों का फल अवश्य मिलता है’ अर्थात यदि हम अच्छे कर्म करेंगे तो हमें अच्छा फल अवश्य मिलेगा. हर व्यक्ति के जीवन में करुणा व दयालुता विशेष महत्व रखती है

दूसरों के प्रति दया करने से हमारे शरीर और मन को आंतरिक शक्ति व अच्छे कर्मों का लाभ मिलता है. दूसरों के प्रति करुणा भाव रखने से स्वयं को प्रसंता व जरूरतमंद व्यक्ति को सुख की प्राप्ति होती है

दयालुता विश्व में शांति को बढ़ावा देती है. दीर्घकालिक संबंधों को बनाए रखने के लिए यह एक महत्वपूर्ण गुण है. दयालुता व करुणा का पाठ हर धर्म में सिखाया जाता है

जिस व्यक्ति के हृदय में दयालुता और करुणा विद्यमान नहीं रहती वह मनुष्य कहलाने योग्य नहीं है. एक बार मदर टेरेसा ने भी कहा था – ‘दया और प्रेम भरे शब्द भले ही सुनने में छोटे लगते हैं लेकिन उसकी गूंज अनंत होती है’

कर्मों में दयालुता का महत्व

दयालुता जीवन के सबसे सुखद अनुभवों में से एक है. हमारी परिस्थिति कैसी भी हो, दयालु शब्द और एक उदार भाव किसी भी व्यक्ति के पूरे दृष्टिकोण को बदल सकता है

आज विश्व में प्रेम, करुणा, और दयालुता का भाव घटता जा रहा है जिससे हर व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से ईर्ष्या, द्वेष रखने लगा है. दयालुता एक ऐसी चीज है जो दूसरे व्यक्ति की आत्मा में प्रवेश करती है और अच्छे कर्मों का एक उदाहरण प्रस्तुत करती है

इस प्रकार हम कह सकते हैं कि दयालुता मनुष्य के कर्मों का सबसे अनूठा गुण है. दयालुता ईश्वर का मनुष्य को दिया गया एक सबसे बड़ा उपहार है

दयालुता का गुण व्यक्ति के चरित्र और करुणा को प्रदर्शित करता है क्योंकि कहा भी जाता है कि – दया ही कर्म है और कर्म ही पूजा है

“अच्छे कर्मों का सबसे बेहतर गुण, दयालुता का भाव है सद्गुण”

FAQ’s – अक्सर पूछे जाने वाले सवाल

दयालुता क्या है .

किसी जरूरतमंद व्यक्ति अथवा पीड़ित व्यक्ति के प्रति विचारशीलता का भाव दयालुता है

किसी पर दया कैसे करें ?

किसी पर दया करना कोई कठिन काम नहीं है. दान, दया का एक रूप है हम अपनी इच्छा अनुसार जरूरतमंद लोगों को दान कर सकते हैं तथा दयालुता का पुण्य कमा सकते हैं

दयालुता के साथ अपनी दुनिया को रंग दें 👇

  • स्वच्छता पर निबंध
  • देशभक्ति पर निबन्ध
  • मेरा परिवार पर निबंध

संक्षेप में

अच्छा आज आपने जाना कि  दयालुता पर निबंध – Essay on Kindness in Hindi  कैसे लिखा जाता है. आपको यह निबंध कैसा लगा कमेंट बॉक्स में जरूर बताना. दयालुता के बारे में आपका क्या कहना है कमेंट बॉक्स में जरूर बताइएगा

अगर आपको ये निबंध अच्छा लगा तो इसे अपने दोस्तों के साथ भी शेयर कीजिएगा. MDS Blog पर इसी प्रकार के विभिन्न निबंध प्रकाशित होते रहते हैं जोकि विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी है. अगर आप इच्छुक हैं तो आप हमें सोशल मीडिया पर जरूर फॉलो कीजिएगा जिससे कि आपको सबसे पहले Update मिल सके

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रानी लक्ष्मी बाई पर निबंध

14 comments.

Hii sir iam proud fuul

जी बिल्कुल, कोई शंका नहीं

Vvvvvvv good

हमें यह निबंध बहुत ही अच्छा लगा यह निबंध गूगल पर अपडेट करने के लिए धन्यवाद

MDS Blog पर यह निबंध पढ़ने के लिए आपका भी धन्यवाद सर

Karem me hi keruneta ha

मुझको, मेरे दोस्तों को यह निबंध बहुत अच्छा लगा आपका बहुत बहुत धन्यवाद

आपका यह कमेंट पढ़कर काफी अच्छा लगा और मैं भरोसे से कह सकता हूं कि इस आर्टिकल ने आपके दिल को छुआ है. इस आर्टिकल को पढ़ने के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद

खुप छान आहे निबंध

तुमच्या विचारांसाठी खूप खूप धन्यवाद 😀

Very nice good Mujhe aacha lagha ye topik

अपना फीडबैक देने के लिए धन्यवाद

Mujko sbhi essay writing dikhaye

दोस्त आप MDS के हिंदी निबंध लेखन पेज पर जाइए वहां आपको MDS पर उपलब्ध सभी निबंधों की सूची मिलेगी

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दयालुता पर निबंध Essay on Kindness in Hindi

दयालुता पर निबंध Essay on Kindness in Hindi

इस लेख में हिंदी में (कोमलता) दयालुता पर निबंध (Essay on Kindness in Hindi) स्कूल और कॉलेज के छात्रों के लिए लिखा गया है।

Table of Content

दया पर इस निबंध से छात्र अपनी परीक्षा व विभिन्न प्रकार के प्रतियोगिताओं में भाग लेने के लिए मदद भी ले सकते हैं। यह निबंध कक्षा 6-10 के छात्रों के लिए बेस्ट है।

दयालुता का अर्थ Meaning of kindness in Hindi

भारतीय संस्कृति में व्यक्ति के कई गुण बताए गए हैं, जिनमें से एक है दया। दया को सर्वोच्च धर्म माना गया है। यदि व्यक्ति के जीवन चरित्र में इंसानियत अथवा दया भाव नहीं है, तो वह एक जानवर से अधिक और कुछ भी नहीं है।

दूसरों के लिए अच्छी भावना रखना और चिंता करने के गुण को ही दयालुता कहा जाता है। दयालु व्यक्ति हमेशा समाज के लोगों की सहायता करते हैं और दूसरे मनुष्यों के प्रति बहुत ही संवेदनशील होते हैं।

दया अर्थात पुण्य जो आजकल के स्वार्थ पूर्ण जीवन में एक सवाल बन चुका है, जहां पर अपने स्वार्थ के अलावा लोगों को कुछ भी दिखाई नहीं देता वहां अपने जीवन में कुछ समय निकालकर किसी की मदद करना, किसी के चेहरे पर खुशी लाना और किसी को भोजन देना एक बहुत ही मुश्किल प्रश्न बन चुका है।

आज के समय में लोग अपने में ही इतना लिप्त हो गए हैं, कि वह कभी किसी और के बारे में नहीं सोच सकते है। दया दूसरों के लिए विनम्र और विचारशील होने का एक गुण है, जो आजकल बहुत कम लोगों में देखने को मिलता है।

मानव अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए निरंतर प्रकृति का दोहन कर रहा है तथा मासूम और बेगुनाह पशु पक्षियों का भोजन के लिए इस्तेमाल कर रहा है, जोकि मानव की क्रूरता की चरम सीमा कहा जाएं तो इसमें कोई संदेह नहीं है।

दयालुता का गुण सैकड़ों में से केवल कुछ व्यक्तियों में पाया जाता है और यह व्यक्ति जिसके आसपास भी रहते हैं, उनके लिए वरदान सिद्ध होते हैं।

जिस तरह मोमबत्ती स्वयं जलकर संसार को रोशन करती है, उसी तरह ऐसे विचार वाले व्यक्ति भी अपनी परवाह किए बिना दूसरों के लिए कुछ अच्छा करने से नहीं कतराते हैं। दूसरे शब्दों में दयालुता का अर्थ है, कि किसी के ऊपर बिना किसी निजी स्वार्थ के उपकार करना।

कुछ दार्शनिकों ने दयावान व्यक्ति को राष्ट्र की सबसे कीमती संपत्ति बताया है। एरिस्टोटल नामक दार्शनिक ने कहा है, कि यदि हम बिना किसी मांग के किसी की मदद करते हैं, तो वह दया कहलाता है।

हमने पौराणिक कथाओं में सुना है, कि महावीर और बुद्ध भगवान जैसे अनेकों महापुरुषों ने भी अपने प्रवचनों में दया का बहुत विस्तार रूप से वर्णन किया है।

स्वामी महावीर द्वारा कुख्यात अंगुलिमाल डाकू के ऊपर दया की बरसात से हम भली-भांति अवगत हैं, जो कि क्रूरता पूर्वक रास्ते में मिलने वाले आगंतुकों की उंगलियां काट लेता था और उसे इस काम में कोई भी झिझक या दर्द नहीं महसूस होता था।

महावीर स्वामी के संगति और ज्ञान के प्रकाश से ही अंगुलीमाल डाकू दूसरों पर अत्याचार करना छोड़कर एक महान साधु बना।

उसी तरह सिद्धार्थ अर्थात गौतम बुद्ध के जीवन में भी एक घटना घटी जिसमें एक शिकारी हंस का शिकार करना चाहता था और जब सिद्धार्थ द्वारा इसका विरोध किया गया तथा उस हंस को बचाया गया तब यह बात राजा के पास पहुंची और यह तय हुआ कि हंस जिसके पास में चल कर जाएगा उसी का होगा।

भगवान बुद्ध ने कहा कि मारने वाले से बचाने वाला बड़ा होता है, क्षमा दयालुता का ही एक अंग है। आज जिस तरह इंसान पशु-पक्षियों के मांस को खाने के लिए एक बार भी नहीं सोचते हैं, कि उस पर कितनी तकलीफ गुजरी होगी वहां पर सिद्धार्थ द्वारा कहां गया यह कथन झूठा साबित होता दिखाई देता है।

किसी के लिए दया का भाव रखने के लिए बहुत ज्यादा पैसे कमाने की अथवा अमीर बनने की कोई जरूरत नहीं पड़ती, केवल मन अच्छा होना चाहिए और वह किसी की सहायता करने के लिए तत्पर होना चाहिए।

दया या दूसरों की मदद करने के लाभ Kindness or benefits of helping others in Hindi

दया अथवा करुणा सर्वोच्च गुण माना गया है। जब कभी भी हम किसी जरूरतमंद की मदद करते हैं तो सहायता करने के बाद जो अनुभव हमें प्रतीत होता है वह अद्वितीय है।

किसी ने कहा है, कि यदि आप जीवन में कम से कम एक बार भी दया दिखाते हैं, तो आपका दिन बुरा नहीं जाएगा। दूसरों के लिए दया करने से हमारी आंतरिक शक्तियां जागृत होती है, जो हमें प्रगति के पथ पर अग्रसर होने में सहायता करती हैं।

एक कहावत है कि हम जैसा कर्म करेंगे वैसा ही फल मिलेगा। इसी प्रकार यदि आप किसी के लिए दया और धर्म की भावना रखते हैं, तो आप कभी भी मजबूर नहीं होंगे, कहीं ना कहीं से ईश्वर आपकी मदद जरूर करेगा।

महाभारत काल की एक कथा बहुत प्रचलित है, कि श्री कृष्ण भगवान के जब हाथ में चोट लगी थी, तब द्रोपदी ने अपना आंचल फाड़ कर उनका हाथ बांधा था, वही वस्त्र ब्याज के साथ द्रोपदी के चिर हरण के वक्त उनको दिया गया था, जिसकी वजह से वह इतना लंबा हो गया था। इसका सीधा सा अर्थ है, कि आप जैसा कर्म करेंगे वैसा ही फल मिलेगा चाहे वह दया हो या क्रूरता।

दयालुता का अर्थ सिर्फ मनुष्य से ही नहीं बल्कि जानवरों के प्रति भी है। कुछ लोग कुत्ते, गाय, और अन्य जानवरों पर पत्थर मारते हैं, ताकि वे उन्हें डरा सके यह तब तक सही है जब तक आत्मरक्षा के लिए किया गया हो। अपने शौक के लिए जानवरों को सताया जाने वाले कर्मों को कुकर्म ही कहेंगे।

कहते हैं कि दयालुता का घड़ा जितना अधिक भरता है, आपकी प्रगति उतनी ही बढ़ती है। अतः दयालु व्यक्ति हमेशा कामयाबी के पथ पर आगे बढ़ता जाता है।

क्या दयालु लोग ज़्यादा वक़्त तक जीते हैं? Do kind people live longer in Hindi?

जो लोग दया और धर्म का काम करते हैं, वह गरीब होकर भी गरीब नहीं मारे जाते, क्योंकि उनके पास इंसानियत रूपी बड़ा खजाना होता है।

सामान्य लोगों की अपेक्षा वह स्वस्थ और अधिक खुश रहते हैं। जाहिर सी बात है, जब स्वास्थ्य अच्छा रहेगा तो जीवन काल भी अच्छा रहेगा और ऐसे व्यक्ति लंबे समय तक जीते हैं।

दया और दुआ एक समान जैसे शब्द हैं पर इनका अर्थ है कि जितनी दया आप दान करेंगे इतनी दुआ आपको वापस मिलेगी, जो किसी संपत्ति से कम नहीं है।

आपने बहुत बार लोगों को यह कहते सुना होगा, कि इसकी दुआ ने मुझे बचा लिया, तो वह किसी के द्वारा किया गया दया ही है जो उनके लिए रक्षक का काम करता है।

दयालु कैसे बनें? How to be kind in Hindi?

दयालुता किसी भी शैक्षणिक संस्थानों के पाठ्यक्रम में नहीं सिखाया जाता, कि कोई इसे देख कर सीख सके। बल्कि यह एक ऐसा गुण है, जो संस्कारों से उत्पन्न होता है, लेकिन सबसे अच्छी बात यह है कि इसे सीखा जा सकता है।

अगर आप के आस पास कोई व्यक्ति किसी परेशानि या तकलीफ में है, तो आप उसकी परेशानि दूर करने की कोशिश करें, वह आपको बहुत दुआ देगा और लोगों की मदद करते हुए धीरे-धीरे आप में यह गुण विकसित हो जाएगा।

इंसानों के अलावा जानवरों के लिए भी स्नेह की भावना रखें और उन पर किसी भी तरह का अत्याचार ना करें। उदाहरण के लिए घर के बचे हुए खाने को किसी गरीब व्यक्ति अथवा जानवर को डाल दे, जिससे उसका पेट भर जाएगा।

अगर आप सक्षम है, तो गरीबों के लिए भोजन की व्यवस्था करवा दे, या उन्हें किसी भी तरह का रोजगार उपलब्ध करवा दें, जिससे उनका जीवन यापन होता रहेगा और वह फिर से भीख नहीं मांगेंगे इस तरह आप न केवल एक अच्छे इंसान बनेंगे बल्कि अपने देश की तरक्की में भी योगदान दे सकेंगे।

रास्ते में किसी दीन दुखियों अथवा मुक जानवरों को देखकर उन्हें दुत्कारें अथवा डांटे नहीं, बल्कि उनके लिए दया की भावना रखें। चाहे कोई इंसान आपसे छोटा हो या बड़ा, अमीर हो या गरीब सबके लिए अच्छी भावना रखें, यह आपके जीवन में आने वाले नकारात्मक बाधाओं को खत्म करेगा।

दया एक महान गुण है, जो सभी को प्राप्त करना चाहिए। यदि आपने किसी भी गरीब व्यक्ति के जीवन में थोड़ा सा भी बदलाव लाया है, तो आप महान व्यक्तियों में से एक हैं। सभी धर्मों में अहिंसा, प्रेम, दया और करुणा की शिक्षा दी जाती है, अतः यह जीवन जीने की एक उत्तम कला है।

पृथ्वीराज चौहान और मोहम्मद गोरी की कहानी तो हम सब ने सुनी है, जिन्होंने मोहम्मद गौरी को 16 बार युद्ध में हरा कर उसे क्षमा कर दिया था पर 17 हवें बार मोहम्मद गोरी ने फिर से आक्रमण किया और उनकी हत्या कर दी।

इसलिए दया तब तक सही है, जब तक वह आप के अस्तित्व को बनाए रखता है, स्वरक्षा में किया जाने वाला आक्रमण क्रूरता की निशानी नहीं है।

बच्चों को बचपन से ही दया के गुण का अभ्यास करवाना चाहिए, ताकि वह बड़े होकर अपने आसपास के लोगों के साथ उचित व्यवहार करें। लेकिन यदि हम इस भावना से किसी की मदद करते हैं, कि बदले में हमें कुछ मिलेगा, तो यह दया दयालुता में नहीं गिना जाएगा, यह एक स्वार्थ मात्र है।

दयालुता पर 10 लाइन 10 line on kindness in Hindi

  • दयालुता एक ऐसा शस्त्र है, जिसके प्रयोग से जनसेवा के साथ स्वयं का उद्धार भी किया जा सकता है।
  • दुनिया के सभी धर्म अथवा मजहब में व्यक्ति को दयालु होने का संदेश दिया जाता है।
  • दुनिया में कहीं भी स्वार्थी लोगों को पसंद नहीं किया जाता, लेकिन किसी दयालु व्यक्ति को हर कोई सम्मान देता है।
  • दयालु होना इंसानियत की निशानी होती है।
  • कोई भी इंसान जन्मजात दयालु नहीं होता बल्कि अच्छाई के मार्ग पर आगे बढ़ने के लिए इसका अभ्यास करना पड़ता है।
  • बच्चे भगवान का स्वरूप इसीलिए कहे जाते हैं क्योंकि उनके अंदर छल कपट की भावना नहीं रहती।
  • हमे सदैव दीन दुखीयारों के प्रति दयावान रहना चाहिए।
  • एक स्वार्थी मनुष्य के अंदर कभी भी दया की भावना नहीं होती है।
  • पूरी दुनिया में 13 नवंबर के दिन ‘विश्व दया दिवस’ के रूप में मनाया जाता है।
  • विश्व में विचार चक्र के माध्यम से हमारे पास वही परिस्थितियां पुनः लौटकर आएंगी, जिन्हें हम दूसरों के लिए प्रकट करेंगे।

निष्कर्ष Conclusion

इस लेख में आपने दयालुता पर निबंध (Essay on Kindness in Hindi) पढ़ा। आशा है यह लेख आपको अच्छा लगा होगा। अगर यह लेख आपको पसंद आया हो और जानकारी से भरपूर लगा हो तो इसे शेयर जरूर करें।

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kindness essay 500 words in hindi

दा इंडियन वायर

दयालुता पर निबंध

kindness essay 500 words in hindi

By विकास सिंह

essay on kindness in hindi

दयालुता एक ऐसा गुण है जो इन दिनों बहुत कम पाया जाता है। इन दिनों लोग अपनी जरूरतों और इच्छाओं को पूरा करने में इतने व्यस्त हैं कि वे दूसरों की अनदेखी करते हैं।

दूसरों के प्रति दयालु होना अधिकांश के लिए प्रश्न से बाहर है। दयालुता विनम्र होने और दूसरों के प्रति विचार करने का गुण है। यह एक ऐसा गुण है जो हर किसी के पास नहीं है। इस दुनिया में बहुत कम लोग इस गुण से धन्य हैं और उनकी उपस्थिति उनके आसपास के लोगों के लिए एक आशीर्वाद है।

दयालुता पर निबंध, 200 शब्द:

दयालुता का अर्थ है हमारे आस-पास के लोगों के लिए अच्छा होना। यह उनके प्रति विनम्र होकर, उन्हें भावनात्मक समर्थन प्रदान करने, उन्हें आर्थिक रूप से मदद करने, उनका मनोबल बढ़ाने या बस उनका समर्थन करने के द्वारा किया जा सकता है।

हमारे द्वारा किए गए दयालु कार्य न केवल प्राप्तकर्ता के लिए एक वरदान हैं, बल्कि हमारे लिए एक आशीर्वाद भी हैं। जब हम दूसरों को उनके कार्यों में मदद करते हैं, तो उनके प्रति विनम्र होते हैं और दयालुता के ऐसे अन्य कार्य करते हैं जो हमें उपलब्धि और आनंद की अनुभूति कराते हैं।

अतीत में विभिन्न धार्मिक पुस्तकों और साहित्य में दयालुता का अलग-अलग तरीके से वर्णन किया गया है। हालांकि, वे सभी एक ही विचार को प्रतिध्वनित करते हैं। ये सभी इस बात की वकालत करते हैं कि इंसान को इंसानों के साथ-साथ दूसरे जीवों पर भी दया दिखानी चाहिए। हमें विनम्र, मित्रवत और मददगार होना चाहिए। जबकि हमें दयालुता प्रदर्शित करनी चाहिए, बदले में कुछ भी पाने के उद्देश्य से हमें ऐसा नहीं करना चाहिए। दयालुता एक निस्वार्थ कार्य है।

अगर ईश्वर हमें दयालु बनाने के लिए पर्याप्त है, तो हमें अपनी ज़रूरतों के लिए दूसरों के प्रति दयालु होना चाहिए और जो कुछ भी हो सकता है, उसकी मदद करना चाहिए। जैसा कि भगवान बुद्ध ने कहा, “एक उदार हृदय, दयालु भाषण और सेवा और करुणा का जीवन मानवता को नवीनीकृत करने वाली चीजें हैं”।

दयालुता पर निबंध, 300 शब्द:

प्रस्तावना:.

सुखद स्वभाव वाला व्यक्ति और दूसरों के लिए चिंता का विषय दयालु होता है। ऐसे लोग दूसरों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। जब भी कोई आवश्यकता हो, वे अपने आस-पास के लोगों की मदद करते हैं और दूसरे लोगों के चेहरे पर मुस्कान लाने के लिए अपने रास्ते से हटने में कभी नहीं हिचकिचाते हैं।

दयालुता के छोटे कार्य बड़े अंतर ला सकते हैं:

दूसरों के प्रति दया दिखाना जरूरी नहीं कि उनके लिए कुछ बड़ा करना है। यह विनम्र होने और किसी को भावनात्मक समर्थन देने के रूप में छोटा हो सकता है। यह उस बूढ़ी औरत के लिए एक मुस्कुराहट है, जो अपनी बालकनी में अकेले बैठी लोगों को देखकर या अपनी रोजी रोटी का एक छोटा-सा दाना देकर उस छत पर अपनी छत पर चहकने वाली चीटियों को दे सकती है। दयालुता के ऐसे कार्य बहुत अधिक नहीं हैं, लेकिन दूसरे व्यक्ति के जीवन में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं।

आपको मदद की पेशकश करने के लिए एक करोड़पति होना चाहिए और आसपास के लोगों के लिए अच्छा होना चाहिए। आपको बस एक अच्छा दिल रखने की जरूरत है। हममें से हरेक के पास दुनिया को देने के लिए कुछ है। हमें बस यह पहचानने की जरूरत है कि यह क्या है।

इसके अलावा, हमें अपने आसपास के लोगों के प्रति दयालु होने की आवश्यकता को समझने की जरूरत है। हमें यह समझने की जरूरत है कि अगर लोग एक-दूसरे के प्रति दयालु होंगे तो दुनिया बहुत बेहतर जगह बन जाएगी।

दूसरे लोगों के प्रति दयालु होने से हम न केवल उनकी मदद करते हैं और उनके चेहरे पर मुस्कान लाते हैं बल्कि गहरे स्तर पर अच्छा भी महसूस करते हैं। इससे संतुष्टि का अहसास होता है।

निष्कर्ष:

हम शायद ही कभी आसपास के लोगों को खोज सकें। वास्तव में, यदि हम इसे देखें, तो क्या हम स्वयं दयालु हैं? हम अपने आस-पास के लोगों के दर्द को महसूस कर सकते हैं लेकिन हमने कितनी बार उनकी ओर मदद का हाथ रखा है? यदि हम दूसरों से हमारे प्रति दयालु होने की अपेक्षा करते हैं, तो हमें पहले इस आदत को स्वयं में विकसित करना होगा।

दयालुता पर निबंध, essay on kindness in hindi (400 शब्द)

यह सही कहा जाता है, “यदि आपके पास कम से कम एक बार दया दिखती है तो आपके पास कभी भी एक बुरा दिन नहीं होगा”। दूसरों के प्रति दयालु और दयालु होने से असीम आनंद मिलता है। देने की खुशी प्राप्त करने की तुलना में बहुत अधिक है। दया हमें ईश्वर के करीब ले जाती है और आंतरिक शांति प्रदान करती है।

दयालुता के कार्य कभी भी ध्यान नहीं दिए जाते हैं:

जबकि हमें बदले में बिना किसी अपेक्षा के निस्वार्थ रूप से दयालुता के कामों में लिप्त होना चाहिए, हालांकि यह कहा जाता है कि दयालुता का कोई भी कार्य, यहां तक ​​कि सबसे छोटा भी किसी का ध्यान नहीं जाता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि भगवान हर समय हमें देख रहा है। और वह अपने तरीकों से निष्पक्ष होने के लिए जाना जाता है।

आम तौर पर दूसरों के साथ विनम्र रहकर हम तर्क-वितर्क में पड़ने वाले समय की तुलना में एक अच्छे मूड में रहते हैं, या दूसरों का न्याय करते हैं या अपनी आवाज उठाते हैं। इसी तरह, किसी को छोटी-सी मदद देने से भी हमें अपने बारे में अच्छा महसूस होता है। दूसरों की मदद करना और उनके प्रति दयालु होने से हमें तुरंत संतुष्टि मिलती है। और जो कुछ हम देते हैं वह बहुतायत में हमारे पास वापस आता है। इसे कर्म के नियम के रूप में भी जाना जाता है।

हालांकि, अगर हम दूसरों को दया दिखाते हुए उम्मीद करते हैं कि हमें बदले में कुछ मिलेगा तो इसे दयालुता का कार्य नहीं माना जाएगा। बल्कि यह स्वार्थ का कार्य है।

जानवरों के प्रति दयालुता:

सिर्फ इंसानों के साथ नहीं, हमें जानवरों के प्रति भी दयालु होना चाहिए। कई लोग डराने के लिए सड़क के कुत्तों और गायों पर पत्थर फेंकते हैं। यह ठीक है अगर स्व घने के कार्य के रूप में किया जाता है, लेकिन बहुत से लोग इसे सिर्फ मनोरंजन के लिए करते हैं।

हमें उनके प्रति दयालु होना चाहिए। जानवरों के साथ उचित व्यवहार करना और उन्हें खिलाना उनके प्रति दया दिखाने के दो तरीके हैं। हम अब बहुत सारा भोजन बर्बाद करते हैं। हम अपना बचा हुआ खाना कूड़ेदान में फेंक देते हैं। इसे दूर फेंकने के बजाय, हमें अपने घर के पास घूमने वाली बिल्लियों, कुत्तों और गायों को खिलाने के लिए कुछ समय निकालना चाहिए।

हम उन्हें अपनाकर उनके प्रति दया भी दिखा सकते हैं। इसी तरह, हम अपने लॉन या बालकनी में बर्ड फीडरों को लटकाकर पक्षियों को खिला सकते हैं। दयालुता के ये छोटे और यादृच्छिक कार्य न केवल इन पक्षियों और जानवरों के लिए अच्छा करेंगे, बल्कि आपको अपने बारे में बेहतर महसूस कराएंगे।

जो लोग दान के काम में लिप्त होते हैं और अन्य लोगों को विभिन्न बड़े और छोटे कार्यों में मदद करते हैं वे उन लोगों की तुलना में अधिक खुश होते हैं जो केवल अपने लिए काम करते हैं।

दयालुता पर निबंध, 500 शब्द:

कई संस्कृतियों में दयालुता को एक आवश्यक गुण माना जाता है। कहा जाता है कि यह सात आवश्यक गुणों में से एक है जिसमें नैतिक बुद्धि शामिल है। अन्य गुणों में विवेक, सम्मान, सहिष्णुता, आत्म-नियंत्रण, निष्पक्षता और सहानुभूति शामिल हैं। दयालु होने का मतलब विनम्र और मैत्रीपूर्ण होना और हमारे आसपास के लोगों की मदद करना है।

दयालुता एक असामान्य लक्षण है:

हालांकि आवश्यक, दयालुता एक विशेषता नहीं है जो इन दिनों लोगों में आमतौर पर पाई जाती है। आज के समय में लोग बेहद आत्म-अवशोषित हो गए हैं। वे सब के बारे में सोच सकते हैं खुद है। हमारे जीवन में विभिन्न चरणों में बढ़ती प्रतिस्पर्धा एक प्रमुख कारण है कि लोग इस तरह से बदल रहे हैं।

चारों ओर हर कोई अपने आप को बेहतर बनाने और दुनिया को यह दिखाने में व्यस्त है कि उनका जीवन दूसरों की तुलना में कितना बेहतर है। वे अपने तरीके से उन लोगों को चोट पहुंचाने में संकोच नहीं करते हैं जो वे चाहते हैं। जबकि अपने आप को सुधारने में कुछ भी गलत नहीं है लेकिन किसी को यह समझना चाहिए कि जीवन में बहुत कुछ है और यह हमेशा उनके बारे में नहीं है।

लोग कृतघ्न हो गए हैं और यह नहीं समझते कि भगवान उनके प्रति पर्याप्त दयालु हैं और उन्हें दूसरों के प्रति दयालु होना चाहिए। अब, जबकि अधिकांश लोगों के पास दयालुता का गुण नहीं है, यह थोड़े से प्रयास के साथ उनमें अंतर्निहित हो सकता है। यह शुरुआत से ही इसके महत्व को सिखाकर किया जा सकता है। स्कूल में दया का महत्व सिखाया जाना चाहिए।

कार्यशालाएं आयोजित की जानी चाहिए और बच्चों को यह बताने के लिए व्याख्यान दिए जाने चाहिए कि लोगों के प्रति दयालु होना क्यों आवश्यक है। इस विषय को स्कूलों में पाठ्यक्रम का एक अनिवार्य हिस्सा बनाना चाहिए। लोगों को इसे समझने और विकसित करने के लिए शुरुआत से ही इसके महत्व पर बार-बार जोर देना आवश्यक है।

रिश्तों में दया जरूरी है:

सबसे आम लक्षण क्या है जो लोग किसी रिश्ते में तलाशते हैं? यह दया के अलावा और कुछ नहीं है। किसी को ऐसे लोगों से दोस्ती करना पसंद नहीं है जो असभ्य, घमंडी, स्वार्थी और घृणित हैं। हर कोई उन लोगों को पसंद करता है जो विनम्र, नरम दिल, दयालु और उदार हैं। हमें आस-पास के लोगों के प्रति दयालु होना चाहिए लेकिन जैसा कि कहा जाता है कि दान घर पर शुरू होता है इसलिए हमें अपने निकट और प्रियजनों के साथ शुरू करना चाहिए।

कई लोग अपने पड़ोसियों, दोस्तों और सहकर्मियों के प्रति दयालु और विनम्र होते हैं लेकिन अपने परिवार के सदस्यों जैसे कि उनकी पत्नी, माता-पिता, बच्चों और भाई-बहनों के साथ असभ्य होते हैं। वे उन्हें डांटते हैं, उनकी ओर ज्यादा ध्यान नहीं देते हैं और अक्सर उनके साथ बहस करते हैं।

ऐसे लोगों को दयालु नहीं कहा जा सकता है, चाहे वे बाहर के लोगों के साथ कितने भी अच्छे हों या उनके द्वारा की गई दान की राशि से हों। यदि वे घर में दयालु नहीं हैं, तो वे बाहर अच्छी छवि बनाए रखने के लिए केवल एक मुखौटा दान कर रहे हैं। वास्तव में, वे अंदर से निराश हैं और उनकी सारी निराशा घर पर है।

यदि कोई व्यक्ति वास्तव में दयालु है, तो वह घर के साथ-साथ बाहर भी उतना ही दयालु होगा। बदले में कुछ भी उम्मीद किए बिना लोगों के प्रति दयालु होने से आंतरिक शांति और खुशी मिलती है। यह जीवन को मधुर बनाता है।

दयालुता का अभ्यास करना मुश्किल नहीं है। हमारे आस-पास के लोगों पर कृपा बरसाना हममें से हर एक का अंतिम लक्ष्य होना चाहिए। इसे आज़माएँ और देखें कि यह जीवन का सबसे आनंददायक अनुभव कैसे हो सकता है।

दयालुता पर निबंध, essay on kindness in hindi (600 शब्द)

एक व्यक्ति जो दयालु होता है उसे एक अच्छा नैतिक चरित्रवान कहा जाता है। वह आसपास के लोगों से बहुत प्यार करता है और उसके बारे में बात करता है। हालांकि, यह दया के कृत्यों में लिप्त होने का कारण नहीं होना चाहिए। दया एक ऐसी चीज है जो निस्वार्थ भाव से की जानी चाहिए। अगर हम लोगों से उम्मीद करते हैं कि वे हमारी सराहना करेंगे या एहसान वापस करेंगे तो यह दया नहीं है, यह स्वार्थ है। यह स्पष्ट रूप से इंगित करता है कि हम एक स्वार्थी भाव के साथ कर रहे हैं।

दयालुता की विभिन्न परिभाषाएँ:

विभिन्न विद्वानों और धार्मिक शास्त्रों ने अतीत में दयालुता को अलग तरह से परिभाषित किया है। चीनी शिक्षक और दार्शनिक, कन्फ्यूशियस के अनुसार, “पड़ोस में, दयालु सबसे सुंदर है। उस आदमी को बुद्धिमान कैसे माना जा सकता है जब उसके पास विकल्प था कि वह दया में नहीं बसता ”। वह “दया के साथ पुनर्मिलन” का आग्रह करता है।

प्राचीन यूनानी दार्शनिक और वैज्ञानिक, अरस्तू के अनुसार, दयालुता का अर्थ है “किसी की ज़रूरत में मदद करना, न किसी चीज़ के बदले में, न ही स्वयं सहायक के लाभ के लिए, बल्कि उस व्यक्ति की मदद के लिए”। अमेरिकी लेखक और हास्य लेखक, मार्क ट्वेन के अनुसार, “दयालुता वह भाषा है जिसे गूंगा बोल सकता है, जिसे बहरे सुन सकते हैं और अंधे देख सकते हैं।”

दयालुता की परिभाषा अलग हो सकती है लेकिन इन सभी का सार एक ही है। दयालुता को एक आवश्यक गुण के रूप में जाना जाता है। ईश्वर आपके प्रति दयालु रहा है; आप दूसरों के लिए दयालु होना चाहिए

यदि परमेश्वर आपको एक अच्छा जीवन देने के लिए काफी दयालु है, तो आपको इतना दयालु होना चाहिए कि आप अपने आस-पास के लोगों को भी एक अच्छा जीवन बनाने में मदद कर सकें। यह कहना है कि यदि आप अच्छी कमाई करते हैं तो अपनी कमाई का थोड़ा सा हिस्सा दान में दें।

यदि आप पढ़ाई में अच्छे हैं तो अपने साथी छात्रों की किसी भी प्रकार की सहायता के लिए आपके पास आने में संकोच न करें। यदि भगवान ने आपको शारीरिक रूप से परेशान कर दिया है, तो जो लोग नहीं हैं उनकी मदद करें। उदाहरण के लिए, आप किसी अंधे व्यक्ति को सड़क पार करने में या अपने पड़ोस में रहने वाली बूढ़ी महिला के लिए किराने का सामान घर ले जाने में मदद कर सकते हैं।

यदि आपकी बालकनी या बगीचे में पर्याप्त जगह है तो बर्ड फीडर लटकाएं और पक्षियों के लिए पानी से भरा कटोरा रखें। अपने पुराने कपड़े और जूते गरीबों और जरूरतमंदों को दान करें। बहुत सारे गरीब बच्चे हैं जो बिना जूते और कपड़ों के घूमते हैं।

कई एनजीओ लोगों से अनुरोध करते हैं कि वे ऐसे लोगों की सेवा करें। यहां तक ​​कि आपकी ओर से एक छोटा सा योगदान भी फर्क कर सकता है। इसी तरह खाना बर्बाद न करें। बचे हुए भोजन को उन लोगों को दें जिन्हें इसे कूड़ेदान दिखाने के बजाय इसकी आवश्यकता है।

अगर आप अपने शेड्यूल से थोड़ा समय निकाल सकते हैं तो समाज सेवा में जुट जाएं। आप अपने घर के आसपास गरीब छोटे बच्चों को बुनियादी शिक्षा प्रदान करके शुरू कर सकते हैं जो स्कूल में पढ़ने का जोखिम नहीं उठा सकते।

ये छोटे उदाहरण हैं कि आप दयालुता कैसे फैला सकते हैं। सोचिए अगर हममें से हर कोई इस गुण को उकेरता है और आस-पास सभी के लिए दयालु है, तो यह दुनिया जीने के लिए एक बेहतर जगह बन जाएगी।

लोगों को अपने आस-पास के लोगों के प्रति दयालु होना चाहिए और देखना चाहिए कि अच्छे के लिए चीजें कैसे बदलती हैं। दूसरों के प्रति दयालु होने के नाते, उनकी मदद करना और मुस्कुराहट फैलाने से न केवल प्राप्तकर्ताओं का भला होता है, बल्कि जो कार्य में लिप्त हो जाता है, उसे संतुष्टि की गहरी अनुभूति होती है।

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विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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Kindness Quotes in Hindi: जानिए हिंदी में कुछ इंट्रस्टिंग काइंडनेस कोट्स के बारे में

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  • Updated on  
  • जुलाई 19, 2023

Kindness Quotes in Hindi

दया एक भाव है जो मानव को मानवता सिखाता है, इसी दया भाव के चलते मानव महामानव बन जाता है। दया की भावना एक ऐसी भावना है जो इंसान को जीवन जीना सिखाती है। ज़िंदगी में सबसे सरल काम अगर कोई है तो वो है लोगों से रूठ जाना या क्रूर बन जाना, पर सबसे कठिन काम अगर कोई है तो वो है मन में दया भाव का होना। Kindness Quotes in Hindi के इस ब्लॉग में आपको दया भावना पर आधारित कुछ इंट्रस्टिंग कोट्स पढ़ने को मिलेंगे। काइंडनेस पर आधारित कोट्स पढ़ने के लिए पोस्ट को अंत तक पढ़ें। 

This Blog Includes:

Kindness quotes in hindi, टॉप 10 kindness quotes in hindi, लोकप्रिय 20 kindness quotes in hindi, महान व्यक्तियों द्वारा कहे गए kindness quotes in hindi, कुछ अन्य kindness quotes in hindi, world kindness quotes in hindi.

Kindness Quotes in Hindi में आपको कुछ ऐसे इंट्रस्टिंग कोट्स पढ़ने को मिलेंगे, जो आपको जीने का एक मकसद देंगे। ऐसे कोट्स कुछ इस प्रकार हैं-

“दया ही मानव को सुखी और समृद्ध बनाती है, दया ही जीवन को सुखद बनाता है।”

Kindness Quotes in Hindi

“दया के कारण ही मिलता सृष्टि का ज्ञान है, सादगी से जो जिए वही तो दयावान है।”

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“जीवन का मोल समझना हो तो हर जीव को अपना समझें और मन में करुणा का भाव रखें।”

Kindness Quotes in Hindi

“दया जैसे है नव-जीवन, जीवन को सफल बनाने के लिए परमात्मा से मिले वरदान की तरह।”

Kindness Quotes in Hindi

“दया भाव ही विश्व को प्रेम करना सिखाता है, दयावान व्यक्ति ही जग में खूब कीर्ति कमाता है।”

Kindness Quotes in Hindi

“ईश्वर ने जीवन दिया ये ही सृष्टि का सबसे बड़ा उपहार है, दया मार्ग पर चलकर विश्व का केवल होता कल्याण है।”

Kindness Quotes in Hindi

“दया केवल मनुष्य के प्रति नहीं अपितु प्रकृति से जुड़े हर जीव के प्रति होनी चाहिए।”

Kindness Quotes in Hindi

“जीवन में यह न सोचें कि आप क्रूरता के कर्मों से यश कमा सकते हैं, क्योंकि क्रूरता मन को दूषित करती है और इस से पीड़ित मन सही निर्णय लेने में असमर्थ होता है।”
“कौन है इस काया की रखवाली करने वाला, केवल दया ही मन को मोह बंधनों से मुक्त करती है।”

Kindness Quotes in Hindi

“ऐसा कहना उचित नहीं कि दया से मनुष्य कायरता को अपनाता है, वास्तविकता यही है कि दया के बिना मनुष्य का अस्तित्व अधूरा और खोखला है।”

Kindness Quotes in Hindi में आपको Top 10 Kindness Quotes के बारे में जानने के मिलेगा।

“दूसरे पर दया करना एक सुखद एहसास है, जिसकी कीमत किसी भी मूल्यवान मणि से कम नहीं।”

Kindness Quotes in Hindi

“आत्मिक विश्वास का विकास तभी संभव है, जब आप हर जीव को एक समान रख कर दयावान बन जाते हैं।”

“आशाओं के संचार के लिए दया का मार्ग अपनाना इसीलिए भी आवश्यक हो जाता है, क्योंकि क्रूरता निराशा को जन्म देती है।

“संगीतों के सुरो में भी दया की भावनाओं को विशेष स्थान दिया जाता है, क्योंकि संगीत में केवल करुणा निहित होती है।”

“समय अच्छा हो या बुरा, इंसान को कभी भी अपने मन से दया भाव को नहीं छोड़ना चाहिए।”

“आँखों में भरी आशाएं और दया की भावना ही, मनुष्य को सफलता के शीर्ष तक पहुँचाती हैं।”

Kindness Quotes in Hindi

“खुशियों के रहस्य केवल उन आँखों को पता होते हैं, जिनमें दया का स्थान होता है।”

“समय का संकल्प होता है दया की भावना को सिर माथे रखने का, परिवर्तन की दिशा में आगे बढ़ने का।”

“करुणा और विनम्रता ही जीवन का सार होना चाहिए, न कि पल दो पल का अहंकार।”

“दयालुता ही मनुष्य का परम धन होता है, जिसके लिए आपका धनी होना आवश्यक है।”

Kindness Quotes in Hindi के माध्यम से आप Top 20 Kindness Quotes के बारे में जान पाएंगे, जो कि निम्नलिखित है-

“दया तो दानव को भी मानव बना देती है, दया से ही जीवन का कल्याण होता है।”

“इंसानियत की बातें करना‌ आसान है पर दया के मार्ग पर चलना बहुत कठिन, कठिन है पर नामुमकिन नहीं।”

Kindness Quotes in Hindi

“दया एक ऐसा अमृत है जो अहंकार के विष का जड़ से विनाश करता है।”

“दया की नैय्या पर सवार होकर ही जीवन का समस्या रूपी सागर पार लगता है।”

“ऐसा नहीं है कि मानव में केवल क्रूरता ही होती है, ढूंढा जाए जो दिल से तो दिल में दया भाव ही छुपा मिलेगा।”

“दया भाव के दिव्य ज्ञान से ही निश्चल मन को मुक्ति मिलती है।”

“ज़िंदगी भर जिस अज्ञानता के अंधकार में अंहकार पनपता रहा, दया का बोध हुआ तो पता लगा ज़िंदगी का सही मतलब क्या था।”

“जिस मार्ग पर जीवन भर चलते रहे कदम, अचानक पता लगा कि वो मार्ग क्रूरता के कारण कुमार्ग बन चुका था,  जिसको दया की भावना ने सद्मार्ग में बदल डाला।”

“प्रकृति के प्रति प्रेम तभी किया जा सकता है, जब आप में कहीं दया की भावना जीवित हो।”

“मुख से निकलता हर शब्द स्वयं में एक क्रांति होता है, यदि उस शब्द में समझदारी और दया का भाव समाहित हो।”

“दयालुता एक ऐसी भाषा है जो व्यक्ति के व्यवहार से झलकती है।”

“इंसान कर्मों के आधार पर जाना जाता है और कर्मों की पहचान दयालुता से होती है।”

“प्रेम की पहचान दयालुता से होती है, दया ही मानव में प्रेम के बीज बोता हूँ।”

“दयालुता ही सदा इंसान को कामयाब बनाती है, दयालुता ही इंसान को जीना सिखाती है।”

“दयालुता के प्रकाश से ही अज्ञान के अंधेरे को मिटाया जा सकता है।”

“जीवन में खुश रहने का एक ही मंत्र है, व्यवहार में दयालुता का होना।”

Kindness Quotes in Hindi

“यदि आप अपनी जीवन गाथा का साहस से श्रृंगार करना चाहते हैं तो आपको दयालुता के अलंकार का ज्ञान होना चाहिए।”

“एक संपन्न व्यक्ति वही है जिसमें दया, करुणा और प्रेम का समागम होता है।”

“जीवन की पथरीली राहों पर भी यदि चलते-चलते आप सुख का अनुभव कर रहे हैं तो यकीन मानिए आप दयालुता का सही अर्थ समझ सकते हैं।”

“दयालुता एक ऐसा खजाना है, जिसको जितना लुटाओ ये उतना ही और बड़ता है।”

Kindness Quotes in Hindi के माध्यम से आप महान व्यक्तियों द्वारा कहे गए Kindness Quotes in Hindi के बारे में पढ़ पाएंगे, जो कि निम्नलिखित है-

जब शब्द सच्चे और दयालु दोनों हों, तो वे दुनिया को बदल सकते हैं।  भगवान बुद्ध

Kindness Quotes in Hindi

दया और प्रेम के लिए, जिन चीज़ों की हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत है।  ग्रिंच
कभी-कभी किसी व्यक्ति के जीवन को बदलने के लिए दयालुता और देखभाल में से केवल एक कार्य की आवश्यकता होती है। जैकी चैन
दयालुता का अंतिम परिणाम यह है कि यह लोगों को आपकी ओर खींचता है। अनीता रोडिक
दयालुता और विनम्रता बिल्कुल भी अधिक नहीं है। उनका कम उपयोग किया जाता है।  टॉमी ली जोन्स
एक महान व्यक्ति छोटे पुरुषों के साथ व्यवहार करने के तरीके से अपनी महानता दिखाता है। थॉमस कार्ली
ज़रा सोचिए कि अगर हम सभी ने सम्मान और दया के साथ बात की तो दुनिया कितनी अलग हो सकती है। होली ब्रैनसन
अपने आप में दयालुता वह शहद है जो दूसरे में मानवता का डंक मारता है। वाल्टर सैवेज लैंडर
दयालुता के कई कारण हैं, और धर्म उनमें से एक है। फ्रैंस डी वाल
मैं खुद को ठीक करने के तरीकों की खोज कर रहा हूं, और मैंने पाया है कि दयालुता सबसे अच्छा तरीका है। लेडी गागा

Kindness Quotes in Hindi के माध्यम से आप कुछ अन्य Kindness Quotes in Hindi के बारे में पढ़ पाएंगे, जो कि निम्नलिखित है-

“जो लोगों के प्रति दयालु हो सकता है, वह किसी भी विषम परिस्थितयों का सामना कर सकता है।”

“दयालुता समाज को बाँधने और सशक्त करने का काम करती है।”

“दया के शब्द कभी दूसरों को हानि नहीं पहुंचाते, बल्कि लोगों को रास्ता दिखाने का काम करते हैं।”

“दया से बड़ा कोई धर्म नहीं होता, यह मनुष्य में स्वाभाविक रूप से पाई जाती है।”

“जिस मानव के ह्रदय में दया का भाव नही है, वह इंसान पृथ्वी पर पशु के समान है।”

“दया की भाषा में शब्दों का होना आवश्यक नहीं, यह आपके व्यवहार में झलकती है।”

“दयालुता एक महान व्यक्तित्व की निशानी हैं, जो मानव को हमेशा जीवों के प्रति प्रेम करना सिखाती है।”

“न्याय का कार्य तो स्वयं नारायण करते हैं, नर का धर्म तो जीवों पर दया करना होता है।”

“ईश्वर विश्व का कल्याण करें और जीवों को दया के मार्ग पर चलने की शक्ति प्रदान करें मानव का कल्याण हो सके।”

“दया का गुण तो मानव के चरित्र को निखारने का होता है।”

Kindness Quotes in Hindi के माध्यम से आप कुछ अन्य World Kindness Quotes in Hindi के बारे में पढ़ पाएंगे, जो कि निम्नलिखित है-

  • “दया के मार्ग पर चलकर ही मनुष्य श्रेष्ठता के हर आयाम को प्राप्त करता है।”
  • “दयालुता ही मानव जीवन का कल्याण करती है, दया की भावना से ही मनुष्य का हृदय पवित्र होता है और यही से मानव कीर्ति कमाने लगता है।”
  • “दया के माध्यम से ही दुखी जन के दुखों को हरा जा सकते हैं, जिसके अलावा कोई और श्रेष्ठ कार्य इस सृष्टि पर नहीं हो सकता है।”
  • “मनुष्य को दया की भावना की कहीं से क्लास नहीं लेनी पड़ती है, बल्कि यह तो मानव के व्यवहार में हर पल झलकती है।”
  • “दया आंतरिक सुख की अनुभूति है, जिसका एहसास आप बाहरी दुनिया में नहीं कर सकते हैं।”
  • “समय-समय पर अनेकों महान लोगों ने जन्म लिया और दयालुता के मार्ग से विश्व में ख्याति पाई और अमर हो गए।”
  • “यह कहना अनुचित नहीं होगा कि मानव धर्म का मूल तत्व दया में निहित है, अर्थात दया ही धर्म का एक स्वरुप है।”
  • “जीवन चक्र हमेशा मनुष्यों को उनके द्वारा किए गए कर्मों का याद दिलाता है, इसीलिए मानव को अत्याचार और क्रूरता का नहीं बल्कि दया का मार्ग चुनना चाहिए।”
  • “दया एक ऐसा माध्यम है जो बेसहारा लोगों की सहायता करने के लिए इंसानों को प्रेरित करता है।”
  • “वही मनुष्य इस जग में बुद्धिमान है, जो क्रूर नहीं बल्कि सही मायनों में दयावान है।”

Kindness Quotes in Hindi

आशा है कि आपको Kindness Quotes in Hindi पर लिखा यह ब्लॉग पसंद आया होगा और इस ब्लॉग में लिखे कोट्स ने आपको प्रेरित किया होगा। इसी प्रकार के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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मयंक विश्नोई

जन्मभूमि: देवभूमि उत्तराखंड। पहचान: भारतीय लेखक । प्रकाश परिवर्तन का, संस्कार समर्पण का। -✍🏻मयंक विश्नोई

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Essay in Hindi Language – निबंध

December 12, 2017 by essaykiduniya

Essay in Hindi –   These Hindi essays are for Nursery Class, Class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12. We provide various types of essay in Hindi such as education, speech, science and technology, India, festival, national day, environmental issues, social issues, social awareness, ethical values, nature and health etc in 100, 200, 300, 400, 500, 600, 700, 800, 900, 1000, 1100, 1200, 1300, 1400, 1500 and 1600 words.

ये हिंदी निबंध नर्सरी कक्षा से कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11, 12 के लिए हैं। हम शिक्षा, भाषण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, एनीमा, भारत, त्योहार, राष्ट्रीय दिवस, पर्यावरण मुद्दों, सामाजिक मुद्दे, सामाजिक जागरूकता, नैतिक मूल्यों, प्रकृति और स्वास्थ्य आदि जैसे विभिन्न प्रकार के निबंधों को हिंदी में प्रदान करते हैं।

हर कोई इन निबंध को आसानी से समझ सकता है क्योंकि हमने  इनमें बहुत सरल और आसान शब्दों का इस्तेमाल किया है। । ये किसी छात्र द्वारा आसानी से समझे जा सकते है| ऐसे निबंध छात्रों को भारतीय संस्कृति, विरासत, स्मारकों, प्रसिद्ध स्थानों, शिक्षकों, माताओं, पशुओं, पारंपरिक त्योहारों, घटनाओं, अवसरों, प्रसिद्ध व्यक्तित्वों, किंवदंतियों, सामाजिक मुद्दों और इतने सारे अन्य विषयों के बारे में जानने में मदद और प्रेरित कर सकते हैं। हमने बहुत विशिष्ट और सामान्य विषय निबंध प्रदान किए हैं। 

ESSAY IN HINDI – निबंध

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निबंध – Essay in Hindi

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जानवर पर निबंध – Essay on Animals

हिंदी निबंध – Hindi Essay

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kindness essay 500 words in hindi

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Essay on Kindness 500+ Words

Kindness is a simple yet powerful virtue that has the potential to make the world a better place. It is the act of being caring, considerate, and compassionate toward others. In this essay, we will explore the profound importance of kindness, its impact on individuals and society, and why it should be cherished and practiced by all.

Defining Kindness

Kindness is the quality of being friendly, generous, and helpful to others without expecting anything in return. It’s about extending a helping hand, offering a comforting word, or simply being there for someone in need. Kindness can be shown through small acts of courtesy or grand gestures of benevolence.

Dr. Jane Stevens, a renowned psychologist, suggests that kindness is an innate human quality that can be cultivated and nurtured. It’s a fundamental part of our social nature, and when practiced regularly, it can lead to a more harmonious and caring society.

The Impact on Individuals

Kindness has a remarkable impact on the well-being of individuals. Studies have shown that acts of kindness can reduce stress, increase happiness, and improve overall mental health. When we are kind to others, it not only benefits them but also lifts our own spirits.

For example, research by the National Institute of Mental Health found that individuals who regularly engage in acts of kindness report lower levels of anxiety and depression. Kindness creates a positive feedback loop, benefiting both the giver and the recipient.

Building Stronger Relationships

Kindness is a vital ingredient in building and maintaining strong relationships. Whether it’s within families, friendships, or communities, acts of kindness create bonds of trust and mutual support. Kindness fosters a sense of connection and belonging.

Dr. Mark Williams, a relationship expert, emphasizes that kind gestures, such as listening with empathy or offering help in times of need, strengthen the foundations of relationships. It’s these small acts of kindness that build trust and intimacy.

The Ripple Effect

Kindness has a ripple effect that extends beyond the immediate act. When we are kind to someone, they are more likely to pass on that kindness to others, creating a chain reaction of positive behavior. This ripple effect can lead to a more compassionate and caring society.

A study by the Random Acts of Kindness Foundation found that one act of kindness often inspires three more acts of kindness. This demonstrates the potential for kindness to create a domino effect of goodwill in our communities.

Kindness in Society

Kindness is not just a personal virtue; it is also a cornerstone of a harmonious society. When communities are filled with kind and compassionate individuals, they tend to be more inclusive, supportive, and resilient.

According to the World Happiness Report, countries with a strong sense of community and social support tend to rank higher in overall happiness. This suggests that kindness plays a pivotal role in creating happier and more harmonious societies.

Conclusion of Essay on Kindness

In conclusion, kindness is a precious and transformative virtue that has the power to improve our lives and the world around us. It benefits individuals by promoting well-being, strengthening relationships, and creates a positive ripple effect in society. Kindness is not a scarce resource; it is something that each of us can cultivate and share with others.

As we navigate through life, let us remember the importance of kindness and strive to incorporate it into our daily interactions. Kindness is not just a choice; it is a responsibility that we owe to ourselves and to humanity. By practicing kindness, we contribute to a world that is more compassionate, caring, and full of positive possibilities.

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Hindi Essay on “Kindness to Animals” , ”जानवरों के प्रति दया” Complete Hindi Essay for Class 10, Class 12 and Graduation and other classes.

जानवरों के प्रति दया

Kindness to Animals

इसानों की तरह जानवर भी ईश्वर के बनाए हुए जीव हैं। जानवरों का इंसान की भांति प्राकृतिक संसाधनों पर एक जितना अधिकार है। किन्तु यह बहुत दुःख की बात है कि इंसान जानवरा के साथ निर्दयता पर्ण व्यवहार करता है। वे जानवरों को मार कर अपने लिए मीट बना लेता है। इंसान जानवरों को मार कर वैज्ञानिक प्रयोग करता है। वे गधे, घोड़े तथा बैल को भर ढाने के लिए प्रयोग करता है। वे कई जानवरों तथा पक्षियों को खुद के मनोरंजन के लिए पिंजरे में बन्द कर के रखता है।

लोगों का यह समझना चाहिए कि जानवरों में भी जीवन होता है। वे भी इंसानों की तरह महसूर करता है। उन्हें भी आज़ादी से रहने तथा जीने का अधिकार है। जब इंसान उन पर अत्याचार करते हैं तो वे उस प्रकार से प्रतिक्रिया देते हैं जैसे मनुष्य। उनकी भी कुछ शारीरिक जरूरतें होती हैं जिसको वह पूर्ण करना चाहता है। इंसान को जानवरों का धन्यवाद करना चाहिए कि जो उसके लिए इतना कुछ करता है।

लोगों को सभी जानवरों के प्रति दया रखनी चाहिए। वैसे ही जैसे वे अपने पार जानवरों के प्रति रखते हैं। लोग अपने कुत्ते, गाय तथा बिल्लियों को बहुत प्यार करते हैं उनको नहलाते हैं। सही समय पर खाना खिलाते हैं। वे उनके रहने की जगह को साफ कर हैं। वे उनको आराम प्रदान करने का प्रयास करते हैं। जब कभी उनके पालतू बिमार पडते है तो उन्हें जानवरों के अस्पताल लेकर जाया जाता है। लोगों को दूसरे जानवरों के प्रति भी ऐसा व्यवहार करना चाहिए। लोगों को मांस नहीं खाना चाहिए। लोगों को अपने मजे तथा मनोरंजन के लिए जानवरों का शिकार नहीं करना चाहिए।

कुछ लोगों का कहना है कि यदि वे जानवरों को नहीं मारेंगे तो जानवर उन पर हमला कर सकते हैं। किन्तु उन लोगों की यह सोच सही नहीं है। सभी जानवर खतरनाक नहीं होते। न ही सभी जानवर इंसानों को मारते हैं। जानवरों के बिना जीवन ही असंभव हो जाएगा। हमें हर कीमत पर उनकी रक्षा करनी चाहिए। पक्षियों को सुरक्षा के लिए अभ्यारण्यों में रखना चाहिए। जानवरों को मारना तथा शिकार करने पर रोक लगनी चाहिए।

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दयालुता पर निबंध

Essay on Kindness in Hindi

दयालुता पर निबंध : Essay on Kindness in Hindi :- आज के इस लेख में हमनें ‘दयालुता पर निबंध’ से सम्बंधित जानकारी प्रदान की है।

यदि आप दयालुता पर निबंध से सम्बंधित जानकारी खोज रहे है? तो इस लेख को शुरुआत से अंत तक अवश्य पढ़े। तो चलिए शुरू करते है:-

दयालुता पर निबंध : Essay on Kindness in Hindi

प्रस्तावना :-

दयालुता एक भाव है। दूसरों के प्रति दया भाव दिखाने को ही दयालुता कहते है। दयालुता एक गुण है, जो दिया नहीं जाता है बल्कि यह गुण मनुष्य में होता है।

दयालुता रखने वाले व्यक्ति का ह्रदय काफी निर्मल होता है। नि:स्वार्थ भाव से किसी व्यक्ति की सहायता करना भी दयालुता होता है। यह गुण दूसरों को माफ करने का गुण सिखाता है।

दया एक महान गुण है, जो मनुष्य की एक आंतरिक भावना होती है। यह मनुष्य का पहला गुण होता है, जो उसे मानवता सिखाती है। एक मनुष्य में दयालुता का होना काफी आवश्यक है।

दया भाव ही एक मनुष्य को मनुष्य बनाता है। दया भाव रखने वाला व्यक्ति कभी भी किसी व्यक्ति को धोखा नही दे सकता है, क्योंकि उसके मन में इतनी दयालुता होती है कि वह जान-बुझकर किसी को दुख नही दे सकता है।

दयालुता मनुष्य में प्रेमभाव बनाये रखती है। दयालुता मनुष्य को संवेदनशील बनाती है। दयालु मनुष्य कभी किसी व्यक्ति की सहायता करने से पहले झिझकता नहीं है।

दया दिखाने के लिए हमें काफी अधिक धन की आवश्यकता नहीं होती है। :-

वर्तमान समय में लोग दयालुता को छोड़कर स्वार्थ और लालच में आ गए है और दयालुता को भुल गए है। आज कोई चंद पैसों के लिए किसी की हत्या करने को भी तैयार हो जाता है।

बाजार में लूटपाट तो आम बात हो गई है। लोग किसी को दुःख पहुंचाने से पहले एक बार भी नहीं सोचते है। कितनी बार सड़क पर हादसे हो जाते है, लेकिन कईं बार ऐसा होता है कि कोई व्यक्ति उसकी मदद के लिए आगे नहीं आता है।

लोगों में दया भाव काफी कम हो गया है। बहुत कम लोग ऐसे है, जिनमें यह भाव है। दूसरे लोगों के प्रति दयालुता दिखाकर हम न सिर्फ उनकी मदद करते है, बल्कि उनके चेहरे पर मुस्कुराहट भी लाते है।

वर्तमान समय में दयालु लोगों का मिलना काफी मुश्किल हो गया है। मनुष्य इस प्रकृति को लागातार खत्म करता जा रहा है। आज मनुष्य की क्रूरता इतनी अधिक बढ़ गई है कि वह प्रकृति में भी दयालुता नहीं दिखा रहा है।

दयालुता तब मानी जाती है, जब हम उसके बदले कुछ पाने की चाह न रखें। यदि हम अपनी मदद के बदले कुछ चाह रखते है, तो हम उसे दयालुता नहीं कहेंगे।

हमें मनुष्यों के साथ जीव-जन्तुओं पर भी दया दिखानी चाहिए। न जाने कितने ही लोग कुत्ते, बिल्ली व गायों को मारते रहते है। पक्षियों को पिंजरे मे बंद कर दिया जाता है।

हमें इन बेजुबान जीवों पर दया दिखानी चाहिए। इन्हें भी हमारी तरह जीवन जीने का पूरा अधिकार है। दयालुता दिखाना कोई मुश्किल कार्य नहीं है। हमें स्वयं में यह भावना हमेशा रखनी चाहिए और दूसरों को भी इस भावना के लिए प्रेरित करना चाहिए।

भगवान ने यदि आपको एक अच्छा जीवन व परिवार देकर दयालुता दिखाई है, तो आपका भी यह फर्ज है कि आप उसके बनाये जीवों पर दया दिखाएं।

अंत में आशा करता हूँ कि यह लेख आपको पसंद आया होगा और आपको हमारे द्वारा इस लेख में प्रदान की गई अमूल्य जानकारी फायदेमंद साबित हुई होगी।

अगर इस लेख के द्वारा आपको किसी भी प्रकार की जानकारी पसंद आई हो तो, इस लेख को अपने मित्रों व परिजनों के साथ  फेसबुक  पर साझा अवश्य करें और हमारे  वेबसाइट  को सबस्क्राइब कर ले।

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नमस्कार, मेरा नाम सूरज सिंह रावत है। मैं जयपुर, राजस्थान में रहता हूँ। मैंने बी.ए. में स्न्नातक की डिग्री प्राप्त की है। इसके अलावा मैं एक सर्वर विशेषज्ञ हूँ। मुझे लिखने का बहुत शौक है। इसलिए, मैंने सोचदुनिया पर लिखना शुरू किया। आशा करता हूँ कि आपको भी मेरे लेख जरुर पसंद आएंगे।

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कृतज्ञता पर निबंध (Gratitude Essay in Hindi)

कृतज्ञता वह भावना है जो आपको एक एहसान वापस करने और आभार व्यक्त करने के लिए मजबूर कर देती है। यह किसी के लिए भी हो सकता है – भगवान, समाज, व्यक्ति, जानवर आदि। कृतज्ञता के बारे में बेहतर समझने के लिए हमने नीचे दिए गए निबंधों में कई विषय को शामिल किया है। आप अपनी आवश्यकता के अनुसार किसी का भी चयन कर सकते हैं।

कृतज्ञता पर लघु और दीर्घ निबंध (Short and Long Essays on Gratitude in Hindi, Kritagyata par Nibandh Hindi mein)

कृतज्ञता पर निबंध 1 (250 शब्द) – कृतज्ञता का अर्थ और महत्त्व.

हम अक्सर ही अपनी सामान्य बातचीत के दौरान ‘कृतज्ञता’ शब्द को कई बार सुनते हैं या अक्सर ही कोई किताब पढ़ते वक़्त, आदि। इन निबंध में, हम कृतज्ञता की परिभाषा और इसके महत्त्व के बारे में चर्चा करेंगे।

कृतज्ञता क्या है ?

एक नौसिखिये के तौर पर, कृतज्ञता किसी के प्रति आभार प्रकट करने को कहा जाता है जब आप पर किसी ने कोई दया दिखाई हो या आपकी मदद की हो। यह वही गुण है जो आपके लिए किसी के द्वारा की गई दयालुता को याद कराता है और आपसे उस एहसान को वापस करने का आग्रह करता है।

यदि आप किसी ऐसे व्यक्ति की मदद करने का आग्रह करते हैं जिसने आपकी मदद की है; यह भावना या लालसा कुछ और नहीं बल्कि कृतज्ञता है। यह केवल आभार है जो आपको धन्यवाद कहने के लिए मजबूर करता है या आपके शिक्षक को धन्यवाद सन्देश भेजता है।

जीवों के साथ-साथ ईश्वर और प्रकृति के प्रति भी कृतज्ञता व्यक्त की जा सकती है। हम प्रकृति के प्रति अपनी कृतज्ञता भी व्यक्त कर सकते हैं ताकि हमें बहुत सारी आवश्यक चीजें उपलब्ध कराई जा सकें जैसे जल, वायु, भोजन, आदि।

कृतज्ञता का महत्त्व

कृतज्ञता जीवन की एक बहुत ही महत्वपुर्ण विशेषता है, हमारे अस्तित्व को और भी ज्यादा प्रत्यक्ष बनाने के लिए। ये एक सामाजिक सद्भाव स्थापित करता है और एक वातावरण बनाता है जहाँ हर कोई एक दूसरे को बढ़ावा दे और मदद प्रदान करे।

यह हमारे व्यक्तिगत जीवन की गुणवत्ता में भी सुधार करता है और परिवार तथा दोस्तों के साथ हमारे बंधन को और भी मजबूत बनाता है। जिस परिवार में हर कोई हर किसी का आभारी होता है, वहां काफी गहरा भावनात्मक लगाव होता है।

कृतज्ञता समाज, प्रकृति, ईश्वर, दोस्तों, रिश्तेदारों और हजारों अच्छे कामों के लिए एहसान वापस करने का सबसे बेहतर तरीका है।

कृतज्ञता पर निबंध 2 (400 शब्द) – कृतज्ञता के फायदे और कैसे इसका अभ्यास करें

कृतज्ञता, उस व्यक्ति का आभार प्रकट करने का वह तरीका है जिसने कभी किसी मौके पर आपकी मदद की हो। आभारी होने का अर्थ है की चाहे किसी भी संभव तरीके से आपको उसके अहसानों को चुकाने के लिए तैयार रहना चाहिये।

कृतज्ञता प्रकट करने के लाभ

कृतज्ञता प्रकट करने से ना सिर्फ व्यक्तिगत बल्कि सामाजिक जीवन पर भी कई लाभ होते हैं। आज मैं आपके ज्ञान के लिए कृतज्ञता के कुछ महत्वपूर्ण लाभों को नीचे सूचीबद्ध कर रहा हूँ:

1) रिश्ते को मजबूत करता है

कृतज्ञता प्रकट करने से दूसरों के साथ आपका रिश्ता और भी मजबूत होता है। आभारी होना एक अद्भुत भावना और एक अनुभव है जो दोनों पक्षों के बीच के बंधन को और भी मजबूत करता है।

2) आपको खुश करता है

कृतज्ञता का गुण आपको प्रसन्नता का अनुभव भी कराता है। जब आप आभार व्यक्त करते हैं या किसी से प्राप्त करते हैं, तो दोनों ही मामलों में आप कुछ अच्छा करने के लिए खुश होते हैं या आपके लिए कुछ अच्छा किया जाता है। कृतज्ञता वाले व्यक्तियों को कम तनाव रखने के लिए जाना जाता है।

3) समाज को संवेदनशील बनाता है

एक समाज जो एक दूसरे के लिए आभार व्यक्त करता है वह सबसे खुशहाल और समझदार समाज है। लोग विचारशील होते हैं और एक-दूसरे का आभारी होने का मौका कभी नहीं छोड़ते।

कृतज्ञता का अभ्यास कैसे करें

यहाँ पर कुछ प्रभावशाली तरीके हैं जो आपको कृतज्ञता का अभ्यास कराते हैं, जिन्हें मैंने यहाँ नीचे प्रस्तुत किया है-

  • हर अच्छी चीजों को एक जगह नोट करें जो पुरे दिनभर में आपके साथ हुई हैं और यह भी कि उसके लिए कौन जिम्मेदार हैं।
  • योजना बनाइये की किस निश्चित समय पर आप उनका अहसान चुकायेंगे।
  • सभी चीजों को स्वीकारें – प्रकृति, जानवर, पौधे और इन सभी के महत्त्व को समझें।
  • जब भी संभव हो, समाज के तमाम काम करने वालों को धन्यवाद दें – सफाईकर्मी, माली, पुलिसमैन, स्वीपर, आदि।
  • हर दिन उठने के बाद भगवान को इस खूबसूरत दिन के लिए धन्यवाद करें।
  • किसी की बात या किसी की शिकायत करने से बचें।

कृतज्ञता एक बहुत ही शानदार और खूबसूरत एहसास है जो मानव मनोविज्ञान और समाज को मजबूत करता है। एक ऐसा समाज जहां हर कोई कृतज्ञ है वह सबसे खुशहाल प्यारा होता है।

कृतज्ञता पर निबंध 3 (600 शब्द) – कृतज्ञता के प्रकार और उसका इस्तेमाल

कृतज्ञता आपके अन्दर की वह खासियत है जो आपको किसी की मदद के लिए आभारी होने देता है। कृतज्ञता दिखाना यानी उस व्यक्ति की प्रशंसा करना जिसने आपकी मदद की है और बदले में विनम्र भी है। यह मनुष्य की सबसे बड़ी खासियत है और यह जरूरी भी है तब जब बात सामाजिक मान्यता और सद्भाव की आती है।

कृतज्ञता के प्रकार

यह किसके द्वारा और किसके लिए व्यक्त किया गया है, इसके आधार पर विभिन्न प्रकार के आभार हो सकते हैं; हालाँकि, आभार के पीछे मूल भावना ज्यादातर मामलों में एक ही है और यह आभारी होना है। नीचे मैंने आपकी सर्वश्रेष्ठ समझ के लिए कुछ प्रकार के कृतज्ञता का उल्लेख किया है।

1) एक व्यक्ति के प्रति कृतज्ञता

यह वह कृतज्ञता है जो आप दूसरों के साथ अपनी रोजमर्रा की बातचीत में व्यक्त करते हैं। हम हर दिन तमाम तरह की गतिविधियां करते हैं और कई लोगों के साथ बातचीत करते हैं – सहकर्मी, सह-यात्री, सामुदायिक सहायक, आदि। हम एक दिन में कई साधू-संतों के साथ बातचीत करते हैं और कभी-कभी उनके व्यवहार को याद भी नहीं रखते। बहुत से लोग हमारे ऊपर दयालुता का आसन कार्य करते हैं, जिसके लिए हमें आभारी होना चाहिए।

हमें अपने सह-यात्री के प्रति आभारी होना चाहिए जिसने हमें अपनी सीट में थोड़ी सी जगह दी ताकि हम भी बैठ सकें या उस सब्जी विक्रेता का जिसने आपको थोड़ी अतिरिक्त सब्जी दी हो; या फिर एक सहयोगी की जिसने एक महत्वपूर्ण बैठक में आपकी मदद की हो। ये सभी दयालुता के सरल कृत्यों के उदाहरण हैं जिनके लिए हमें आभारी होना चाहिए। बदले में एक सरल धन्यवाद, जो सबसे अधिक महत्वपुर्ण है वो है उनकी दया को याद रखना चाहिए और इसे फैलाना भी चाहिए।

2) भगवान के प्रति कृतज्ञता

आपके जीवन में होने वाली सभी अच्छी चीजों और आपके आस-पास के तत्वों को प्रदान करने वाले जीवन की प्रचुरता के लिए भगवान को इस तरह की कृतज्ञता व्यक्त की जाती है। हमें उस सर्वशक्तिमान का हर उस चीज के लिए आभारी होना चाहिए, जो उन्होंने हमें दी है – भोजन, पानी, हवा, मिट्टी, पहाड़, फूल, जानवर, झरने, बादल, आदि।

हमें ईश्वर का आभारी इसलिए भी होना चाहिए क्योंकि उन्होंने हमें एक ऐसा सुंदर ग्रह दिया है जहाँ प्रचुर मात्रा में भोजन और सुंदरता मौजूद है। हम हर बार भोजन से पहले हाथ जोड़कर ईश्वर के प्रति आभार व्यक्त कर सकते हैं कि इस सुंदर पृथ्वी को नुकसान पहुंचाने की कोशिश नहीं करेंगे और न ही किसी भी प्राणी को नुकसान पहुंचाए। हमें यह समझने की आवश्यकता है कि जितना अधिक हम प्रकृति और ईश्वर के प्रति आभारी होंगे, उतना ही वे हमें प्रचुरता से चीजें प्रदान करेंगे।

3) दोस्तों तथा परिवार के प्रति कृतज्ञता

इस तरह की कृतज्ञता हमारे सबसे करीबियों के प्रति व्यक्त की जाती है – परिवार, दोस्त, आदि। वे हमारे जीवन में अपना प्यार और सहारा देकर काफी अहम किरदार निभाते हैं। यह संभव नहीं है कि आप अपने जीवन के उतार-चढ़ाव को बिना परिवार या दोस्तों के सहायता के पार कर लें। इस बात को हमें हमेशा अपने दिमाग में बिठा कर रखना चाहिए, और अपने करीबियों का हमेशा कृतज्ञ बने रहना चाहिए।

हालांकि वे हर दिन हमारी मदद नहीं कर सकते हैं, लेकिन वे निश्चित रूप से तब हमारी मदद करते हैं जब हमें सबसे ज्यादा मदद की जरूरत होती है। हमें हमेशा इस बात को ध्यान में रखना चाहिए और समय की मांग के अनुसार हमें उनके लिए आभार वापस करने के लिए तैयार रहना चाहिए। कभी-कभी, हमारी भौतिक उपस्थिति और मार्गदर्शन, सुझाव, आदि ही एहसान वापस करने के लिए काफी होता हैं। परिवार और दोस्तों के प्रति आभारी होना एक ऐसा कार्य है जो न केवल आपके व्यक्तिगत संबंधों को मजबूत करता है, बल्कि एक खुशहाल और संतुष्ट समाज भी बनता है।

कृतज्ञता सबसे महत्वपूर्ण मानवीय अभिव्यक्ति है जो यह साबित करता है कि मनुष्य समझदार है और उसके अन्दर भावनाएं भी हैं। न सिर्फ मनुष्य बल्कि कभी-कभी जानवरों को भी कृतज्ञता व्यक्त करने और एहसान लौटाते देखा जाता है, जो ना सिर्फ एक खूबसूरत एहसास होता है बल्कि बेहद आश्चर्यजनक भी होता है। जब भी आवश्यकता हो हमें सदैव आभार व्यक्त करना चाहिए।

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Essay on Kindness

500 words essay on kindness.

The world we live in today has been through a lot of things from world wars to epidemics, but one thing which remained constant throughout was resilience and kindness. Moreover, it was the spirit to fight back and help out each other. Kindness must be an essential and universal quality to make the world a better place. Through an essay on kindness, we will go through it in detail.

essay on kindness

Importance of Kindness

Kindness towards nature, animals and other people has the ability to transform the world and make it a beautiful place for living. But, it is also important to remember that kindness towards you is also essential for personal growth.

Kindness is basically being polite, compassionate and thoughtful. Every religion and faith teaches its followers to be kind. Most importantly, kindness must not limit to humans but also to every living creature.

Even nature has its own way of showing kindness. For instance, the trees grow fruits for us and provide us with shade. One must not see kindness as a core value but as a fundamental behavioural element. When you are kind to your loved ones, you create a stable base.

As people are becoming more self-centred today, we must learn kindness. We must try to integrate it into ourselves. You might not know how a small act of kindness can bring about a change in someone’s life. So, be kind always.

Kindness Always Wins

There is no doubt that kindness always wins and it has been proven time and again by people. Sid is a greedy man who does not share his wealth with anyone, not even his family members.

He also does not pay his workers well. One day, he loses his bag of gold coins and loses his temper. Everyone helps him out to search for it but no one finds it. Finally, his worker’s little son finds the bag.

Upon checking the bag, he sees all the coins are there. But, his greed makes him play a trick on the poor worker. He claims that there were more coins in the bag and the worker stole them.

The issue goes to the court and the judge confirms from Sid whether his bag had more coins to which he agrees. So, the judge rules out that as Sid’s bag had more coins , the bag which the worker’s son found is not his.

Therefore, the bag gets handed to the worker as no one else claims it. Consequently, you see how the worker’s son act of kindness won and paid him well. On the other hand, how Sid’s greediness resulted in his loss only.

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Conclusion of the Essay on Kindness

It is essential for all of us to understand the value of kindness. Always remember, it does not cost anything to be kind. It may be a little compliment or it can be a grand gesture, no matter how big or small, kindness always matters. Therefore, try your best to be kind to everyone around you.

FAQ of Essay on Kindness

Question 1: Why is it important to be kind?

Answer 1: It is important to be kind because it makes one feel good about oneself. When you do things for other people and help them with anything, it makes you feel warm and that you have accomplished something. Moreover, you also get respect in return.

Question 2: Why is kindness so powerful?

Answer 2: Kindness has a lot of benefits which includes increased happiness and a healthy heart . It slows down the ageing process and also enhances relationships and connections, which will indirectly boost your health.

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  • Essay on My Favourite Season
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Question and Answer forum for K12 Students

Hindi Essay (Hindi Nibandh) 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन

Hindi Essay (Hindi Nibandh) | 100 विषयों पर हिंदी निबंध लेखन – Essays in Hindi on 100 Topics

हिंदी निबंध: हिंदी हमारी राष्ट्रीय भाषा है। हमारे हिंदी भाषा कौशल को सीखना और सुधारना भारत के अधिकांश स्थानों में सेवा करने के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। स्कूली दिनों से ही हम हिंदी भाषा सीखते थे। कुछ स्कूल और कॉलेज हिंदी के अतिरिक्त बोर्ड और निबंध बोर्ड में निबंध लेखन का आयोजन करते हैं, छात्रों को बोर्ड परीक्षा में हिंदी निबंध लिखने की आवश्यकता होती है।

निबंध – Nibandh In Hindi – Hindi Essay Topics

  • सच्चा धर्म पर निबंध – (True Religion Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में युवाओं का योगदान निबंध – (Role Of Youth In Nation Building Essay)
  • अतिवृष्टि पर निबंध – (Flood Essay)
  • राष्ट्र निर्माण में शिक्षक की भूमिका पर निबंध – (Role Of Teacher In Nation Building Essay)
  • नक्सलवाद पर निबंध – (Naxalism In India Essay)
  • साहित्य समाज का दर्पण है हिंदी निबंध – (Literature And Society Essay)
  • नशे की दुष्प्रवृत्ति निबंध – (Drug Abuse Essay)
  • मन के हारे हार है मन के जीते जीत पर निबंध – (It is the Mind which Wins and Defeats Essay)
  • एक राष्ट्र एक कर : जी०एस०टी० ”जी० एस०टी० निबंध – (Gst One Nation One Tax Essay)
  • युवा पर निबंध – (Youth Essay)
  • अक्षय ऊर्जा : सम्भावनाएँ और नीतियाँ निबंध – (Renewable Sources Of Energy Essay)
  • मूल्य-वृदधि की समस्या निबंध – (Price Rise Essay)
  • परहित सरिस धर्म नहिं भाई निबंध – (Philanthropy Essay)
  • पर्वतीय यात्रा पर निबंध – (Parvatiya Yatra Essay)
  • असंतुलित लिंगानुपात निबंध – (Sex Ratio Essay)
  • मनोरंजन के आधुनिक साधन पर निबंध – (Means Of Entertainment Essay)
  • मेट्रो रेल पर निबंध – (Metro Rail Essay)
  • दूरदर्शन पर निबंध – (Importance Of Doordarshan Essay)
  • दूरदर्शन और युवावर्ग पर निबंध – (Doordarshan Essay)
  • बस्ते का बढ़ता बोझ पर निबंध – (Baste Ka Badhta Bojh Essay)
  • महानगरीय जीवन पर निबंध – (Metropolitan Life Essay)
  • दहेज नारी शक्ति का अपमान है पे निबंध – (Dowry Problem Essay)
  • सुरीला राजस्थान निबंध – (Folklore Of Rajasthan Essay)
  • राजस्थान में जल संकट पर निबंध – (Water Scarcity In Rajasthan Essay)
  • खुला शौच मुक्त गाँव पर निबंध – (Khule Me Soch Mukt Gaon Par Essay)
  • रंगीला राजस्थान पर निबंध – (Rangila Rajasthan Essay)
  • राजस्थान के लोकगीत पर निबंध – (Competition Of Rajasthani Folk Essay)
  • मानसिक सुख और सन्तोष निबंध – (Happiness Essay)
  • मेरे जीवन का लक्ष्य पर निबंध नंबर – (My Aim In Life Essay)
  • राजस्थान में पर्यटन पर निबंध – (Tourist Places Of Rajasthan Essay)
  • नर हो न निराश करो मन को पर निबंध – (Nar Ho Na Nirash Karo Man Ko Essay)
  • राजस्थान के प्रमुख लोक देवता पर निबंध – (The Major Folk Deities Of Rajasthan Essay)
  • देशप्रेम पर निबंध – (Patriotism Essay)
  • पढ़ें बेटियाँ, बढ़ें बेटियाँ योजना यूपी में लागू निबंध – (Read Daughters, Grow Daughters Essay)
  • सत्संगति का महत्व पर निबंध – (Satsangati Ka Mahatva Nibandh)
  • सिनेमा और समाज पर निबंध – (Cinema And Society Essay)
  • विपत्ति कसौटी जे कसे ते ही साँचे मीत पर निबंध – (Vipatti Kasauti Je Kase Soi Sache Meet Essay)
  • लड़का लड़की एक समान पर निबंध – (Ladka Ladki Ek Saman Essay)
  • विज्ञापन के प्रभाव – (Paragraph Speech On Vigyapan Ke Prabhav Essay)
  • रेलवे प्लेटफार्म का दृश्य पर निबंध – (Railway Platform Ka Drishya Essay)
  • समाचार-पत्र का महत्त्व पर निबंध – (Importance Of Newspaper Essay)
  • समाचार-पत्रों से लाभ पर निबंध – (Samachar Patr Ke Labh Essay)
  • समाचार पत्र पर निबंध (Newspaper Essay in Hindi)
  • व्यायाम का महत्व निबंध – (Importance Of Exercise Essay)
  • विद्यार्थी जीवन पर निबंध – (Student Life Essay)
  • विद्यार्थी और राजनीति पर निबंध – (Students And Politics Essay)
  • विद्यार्थी और अनुशासन पर निबंध – (Vidyarthi Aur Anushasan Essay)
  • मेरा प्रिय त्यौहार निबंध – (My Favorite Festival Essay)
  • मेरा प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favourite Book Essay)
  • पुस्तक मेला पर निबंध – (Book Fair Essay)
  • मेरा प्रिय खिलाड़ी निबंध हिंदी में – (My Favorite Player Essay)
  • सर्वधर्म समभाव निबंध – (All Religions Are Equal Essay)
  • शिक्षा में खेलकूद का स्थान निबंध – (Shiksha Mein Khel Ka Mahatva Essay)a
  • खेल का महत्व पर निबंध – (Importance Of Sports Essay)
  • क्रिकेट पर निबंध – (Cricket Essay)
  • ट्वेन्टी-20 क्रिकेट पर निबंध – (T20 Cricket Essay)
  • मेरा प्रिय खेल-क्रिकेट पर निबंध – (My Favorite Game Cricket Essay)
  • पुस्तकालय पर निबंध – (Library Essay)
  • सूचना प्रौद्योगिकी और मानव कल्याण निबंध – (Information Technology Essay)
  • कंप्यूटर और टी.वी. का प्रभाव निबंध – (Computer Aur Tv Essay)
  • कंप्यूटर की उपयोगिता पर निबंध – (Computer Ki Upyogita Essay)
  • कंप्यूटर शिक्षा पर निबंध – (Computer Education Essay)
  • कंप्यूटर के लाभ पर निबंध – (Computer Ke Labh Essay)
  • इंटरनेट पर निबंध – (Internet Essay)
  • विज्ञान: वरदान या अभिशाप पर निबंध – (Science Essay)
  • शिक्षा का गिरता स्तर पर निबंध – (Falling Price Level Of Education Essay)
  • विज्ञान के गुण और दोष पर निबंध – (Advantages And Disadvantages Of Science Essay)
  • विद्यालय में स्वास्थ्य शिक्षा निबंध – (Health Education Essay)
  • विद्यालय का वार्षिकोत्सव पर निबंध – (Anniversary Of The School Essay)
  • विज्ञान के वरदान पर निबंध – (The Gift Of Science Essays)
  • विज्ञान के चमत्कार पर निबंध (Wonder Of Science Essay in Hindi)
  • विकास पथ पर भारत निबंध – (Development Of India Essay)
  • कम्प्यूटर : आधुनिक यन्त्र–पुरुष – (Computer Essay)
  • मोबाइल फोन पर निबंध (Mobile Phone Essay)
  • मेरी अविस्मरणीय यात्रा पर निबंध – (My Unforgettable Trip Essay)
  • मंगल मिशन (मॉम) पर निबंध – (Mars Mission Essay)
  • विज्ञान की अद्भुत खोज कंप्यूटर पर निबंध – (Vigyan Ki Khoj Kampyootar Essay)
  • भारत का उज्जवल भविष्य पर निबंध – (Freedom Is Our Birthright Essay)
  • सारे जहाँ से अच्छा हिंदुस्तान हमारा निबंध इन हिंदी – (Sare Jahan Se Achha Hindustan Hamara Essay)
  • डिजिटल इंडिया पर निबंध (Essay on Digital India)
  • भारतीय संस्कृति पर निबंध – (India Culture Essay)
  • राष्ट्रभाषा हिन्दी निबंध – (National Language Hindi Essay)
  • भारत में जल संकट निबंध – (Water Crisis In India Essay)
  • कौशल विकास योजना पर निबंध – (Skill India Essay)
  • हमारा प्यारा भारत वर्ष पर निबंध – (Mera Pyara Bharat Varsh Essay)
  • अनेकता में एकता : भारत की विशेषता – (Unity In Diversity Essay)
  • महंगाई की समस्या पर निबन्ध – (Problem Of Inflation Essay)
  • महंगाई पर निबंध – (Mehangai Par Nibandh)
  • आरक्षण : देश के लिए वरदान या अभिशाप निबंध – (Reservation System Essay)
  • मेक इन इंडिया पर निबंध (Make In India Essay In Hindi)
  • ग्रामीण समाज की समस्याएं पर निबंध – (Problems Of Rural Society Essay)
  • मेरे सपनों का भारत पर निबंध – (India Of My Dreams Essay)
  • भारतीय राजनीति में जातिवाद पर निबंध – (Caste And Politics In India Essay)
  • भारतीय नारी पर निबंध – (Indian Woman Essay)
  • आधुनिक नारी पर निबंध – (Modern Women Essay)
  • भारतीय समाज में नारी का स्थान निबंध – (Women’s Role In Modern Society Essay)
  • चुनाव पर निबंध – (Election Essay)
  • चुनाव स्थल के दृश्य का वर्णन निबन्ध – (An Election Booth Essay)
  • पराधीन सपनेहुँ सुख नाहीं पर निबंध – (Dependence Essay)
  • परमाणु शक्ति और भारत हिंदी निंबध – (Nuclear Energy Essay)
  • यदि मैं प्रधानमंत्री होता तो हिंदी निबंध – (If I were the Prime Minister Essay)
  • आजादी के 70 साल निबंध – (India ofter 70 Years Of Independence Essay)
  • भारतीय कृषि पर निबंध – (Indian Farmer Essay)
  • संचार के साधन पर निबंध – (Means Of Communication Essay)
  • भारत में दूरसंचार क्रांति हिंदी में निबंध – (Telecom Revolution In India Essay)
  • दूरसंचार में क्रांति निबंध – (Revolution In Telecommunication Essay)
  • राष्ट्रीय एकता का महत्व पर निबंध (Importance Of National Integration)
  • भारत की ऋतुएँ पर निबंध – (Seasons In India Essay)
  • भारत में खेलों का भविष्य पर निबंध – (Future Of Sports Essay)
  • किसी खेल (मैच) का आँखों देखा वर्णन पर निबंध – (Kisi Match Ka Aankhon Dekha Varnan Essay)
  • राजनीति में अपराधीकरण पर निबंध – (Criminalization Of Indian Politics Essay)
  • प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर हिन्दी निबंध – (Narendra Modi Essay)
  • बाल मजदूरी पर निबंध – (Child Labour Essay)
  • भ्रष्टाचार पर निबंध (Corruption Essay in Hindi)
  • महिला सशक्तिकरण पर निबंध – (Women Empowerment Essay)
  • बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (Beti Bachao Beti Padhao)
  • गरीबी पर निबंध (Poverty Essay in Hindi)
  • स्वच्छ भारत अभियान पर निबंध (Swachh Bharat Abhiyan Essay)
  • बाल विवाह एक अभिशाप पर निबंध – (Child Marriage Essay)
  • राष्ट्रीय एकीकरण पर निबंध – (Importance of National Integration Essay)
  • आतंकवाद पर निबंध (Terrorism Essay in hindi)
  • सड़क सुरक्षा पर निबंध (Road Safety Essay in Hindi)
  • बढ़ती भौतिकता घटते मानवीय मूल्य पर निबंध – (Increasing Materialism Reducing Human Values Essay)
  • गंगा की सफाई देश की भलाई पर निबंध – (The Good Of The Country: Cleaning The Ganges Essay)
  • सत्संगति पर निबंध – (Satsangati Essay)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध – (Women’s Role In Society Today Essay)
  • यातायात के नियम पर निबंध – (Traffic Safety Essay)
  • बेटी बचाओ पर निबंध – (Beti Bachao Essay)
  • सिनेमा या चलचित्र पर निबंध – (Cinema Essay In Hindi)
  • परहित सरिस धरम नहिं भाई पर निबंध – (Parhit Saris Dharam Nahi Bhai Essay)
  • पेड़-पौधे का महत्व निबंध – (The Importance Of Trees Essay)
  • वर्तमान शिक्षा प्रणाली – (Modern Education System Essay)
  • महिला शिक्षा पर निबंध (Women Education Essay In Hindi)
  • महिलाओं की समाज में भूमिका पर निबंध (Women’s Role In Society Essay In Hindi)
  • यदि मैं प्रधानाचार्य होता पर निबंध – (If I Was The Principal Essay)
  • बेरोजगारी पर निबंध (Unemployment Essay)
  • शिक्षित बेरोजगारी की समस्या निबंध – (Problem Of Educated Unemployment Essay)
  • बेरोजगारी समस्या और समाधान पर निबंध – (Unemployment Problem And Solution Essay)
  • दहेज़ प्रथा पर निबंध (Dowry System Essay in Hindi)
  • जनसँख्या पर निबंध – (Population Essay)
  • श्रम का महत्त्व निबंध – (Importance Of Labour Essay)
  • जनसंख्या वृद्धि के दुष्परिणाम पर निबंध – (Problem Of Increasing Population Essay)
  • भ्रष्टाचार : समस्या और निवारण निबंध – (Corruption Problem And Solution Essay)
  • मीडिया और सामाजिक उत्तरदायित्व निबंध – (Social Responsibility Of Media Essay)
  • हमारे जीवन में मोबाइल फोन का महत्व पर निबंध – (Importance Of Mobile Phones Essay In Our Life)
  • विश्व में अत्याधिक जनसंख्या पर निबंध – (Overpopulation in World Essay)
  • भारत में बेरोजगारी की समस्या पर निबंध – (Problem Of Unemployment In India Essay)
  • गणतंत्र दिवस पर निबंध – (Republic Day Essay)
  • भारत के गाँव पर निबंध – (Indian Village Essay)
  • गणतंत्र दिवस परेड पर निबंध – (Republic Day of India Essay)
  • गणतंत्र दिवस के महत्व पर निबंध – (2020 – Republic Day Essay)
  • महात्मा गांधी पर निबंध (Mahatma Gandhi Essay)
  • ए.पी.जे. अब्दुल कलाम पर निबंध – (Dr. A.P.J. Abdul Kalam Essay)
  • परिवार नियोजन पर निबंध – (Family Planning In India Essay)
  • मेरा सच्चा मित्र पर निबंध – (My Best Friend Essay)
  • अनुशासन पर निबंध (Discipline Essay)
  • देश के प्रति मेरे कर्त्तव्य पर निबंध – (My Duty Towards My Country Essay)
  • समय का सदुपयोग पर निबंध – (Samay Ka Sadupyog Essay)
  • नागरिकों के अधिकारों और कर्तव्यों पर निबंध (Rights And Responsibilities Of Citizens Essay In Hindi)
  • ग्लोबल वार्मिंग पर निबंध – (Global Warming Essay)
  • जल जीवन का आधार निबंध – (Jal Jeevan Ka Aadhar Essay)
  • जल ही जीवन है निबंध – (Water Is Life Essay)
  • प्रदूषण की समस्या और समाधान पर लघु निबंध – (Pollution Problem And Solution Essay)
  • प्रकृति संरक्षण पर निबंध (Conservation of Nature Essay In Hindi)
  • वन जीवन का आधार निबंध – (Forest Essay)
  • पर्यावरण बचाओ पर निबंध (Environment Essay)
  • पर्यावरण प्रदूषण पर निबंध (Environmental Pollution Essay in Hindi)
  • पर्यावरण सुरक्षा पर निबंध (Environment Protection Essay In Hindi)
  • बढ़ते वाहन घटता जीवन पर निबंध – (Vehicle Pollution Essay)
  • योग पर निबंध (Yoga Essay)
  • मिलावटी खाद्य पदार्थ और स्वास्थ्य पर निबंध – (Adulterated Foods And Health Essay)
  • प्रकृति निबंध – (Nature Essay In Hindi)
  • वर्षा ऋतु पर निबंध – (Rainy Season Essay)
  • वसंत ऋतु पर निबंध – (Spring Season Essay)
  • बरसात का एक दिन पर निबंध – (Barsat Ka Din Essay)
  • अभ्यास का महत्व पर निबंध – (Importance Of Practice Essay)
  • स्वास्थ्य ही धन है पर निबंध – (Health Is Wealth Essay)
  • महाकवि तुलसीदास का जीवन परिचय निबंध – (Tulsidas Essay)
  • मेरा प्रिय कवि निबंध – (My Favourite Poet Essay)
  • मेरी प्रिय पुस्तक पर निबंध – (My Favorite Book Essay)
  • कबीरदास पर निबन्ध – (Kabirdas Essay)

इसलिए, यह जानना और समझना बहुत महत्वपूर्ण है कि विषय के बारे में संक्षिप्त और कुरकुरा लाइनों के साथ एक आदर्श हिंदी निबन्ध कैसे लिखें। साथ ही, कक्षा 1 से 10 तक के छात्र उदाहरणों के साथ इस पृष्ठ से विभिन्न हिंदी निबंध विषय पा सकते हैं। तो, छात्र आसानी से स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें, इसकी तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा, आप हिंदी निबंध लेखन की संरचना, हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखने के लिए टिप्स आदि के बारे में कुछ विस्तृत जानकारी भी प्राप्त कर सकते हैं। ठीक है, आइए हिंदी निबन्ध के विवरण में गोता लगाएँ।

हिंदी निबंध लेखन – स्कूल और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए हिंदी में निबन्ध कैसे लिखें?

प्रभावी निबंध लिखने के लिए उस विषय के बारे में बहुत अभ्यास और गहन ज्ञान की आवश्यकता होती है जिसे आपने निबंध लेखन प्रतियोगिता या बोर्ड परीक्षा के लिए चुना है। छात्रों को वर्तमान में हो रही स्थितियों और हिंदी में निबंध लिखने से पहले विषय के बारे में कुछ महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में जानना चाहिए। हिंदी में पावरफुल निबन्ध लिखने के लिए सभी को कुछ प्रमुख नियमों और युक्तियों का पालन करना होगा।

हिंदी निबन्ध लिखने के लिए आप सभी को जो प्राथमिक कदम उठाने चाहिए उनमें से एक सही विषय का चयन करना है। इस स्थिति में आपकी सहायता करने के लिए, हमने सभी प्रकार के हिंदी निबंध विषयों पर शोध किया है और नीचे सूचीबद्ध किया है। एक बार जब हम सही विषय चुन लेते हैं तो विषय के बारे में सभी सामान्य और तथ्यों को एकत्र करते हैं और अपने पाठकों को संलग्न करने के लिए उन्हें अपने निबंध में लिखते हैं।

तथ्य आपके पाठकों को अंत तक आपके निबंध से चिपके रहेंगे। इसलिए, हिंदी में एक निबंध लिखते समय मुख्य बिंदुओं पर ध्यान केंद्रित करें और किसी प्रतियोगिता या बोर्ड या प्रतिस्पर्धी जैसी परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करें। ये हिंदी निबंध विषय पहली कक्षा से 10 वीं कक्षा तक के सभी कक्षा के छात्रों के लिए उपयोगी हैं। तो, उनका सही ढंग से उपयोग करें और हिंदी भाषा में एक परिपूर्ण निबंध बनाएं।

हिंदी भाषा में दीर्घ और लघु निबंध विषयों की सूची

हिंदी निबन्ध विषयों और उदाहरणों की निम्न सूची को विभिन्न श्रेणियों में विभाजित किया गया है जैसे कि प्रौद्योगिकी, पर्यावरण, सामान्य चीजें, अवसर, खेल, खेल, स्कूली शिक्षा, और बहुत कुछ। बस अपने पसंदीदा हिंदी निबंध विषयों पर क्लिक करें और विषय पर निबंध के लघु और लंबे रूपों के साथ विषय के बारे में पूरी जानकारी आसानी से प्राप्त करें।

विषय के बारे में समग्र जानकारी एकत्रित करने के बाद, अपनी लाइनें लागू करने का समय और हिंदी में एक प्रभावी निबन्ध लिखने के लिए। यहाँ प्रचलित सभी विषयों की जाँच करें और किसी भी प्रकार की प्रतियोगिताओं या परीक्षाओं का प्रयास करने से पहले जितना संभव हो उतना अभ्यास करें।

हिंदी निबंधों की संरचना

Hindi Essay Parts

उपरोक्त छवि आपको हिंदी निबन्ध की संरचना के बारे में प्रदर्शित करती है और आपको निबन्ध को हिन्दी में प्रभावी ढंग से रचने के बारे में कुछ विचार देती है। यदि आप स्कूल या कॉलेजों में निबंध लेखन प्रतियोगिता में किसी भी विषय को लिखते समय निबंध के इन हिस्सों का पालन करते हैं तो आप निश्चित रूप से इसमें पुरस्कार जीतेंगे।

इस संरचना को बनाए रखने से निबंध विषयों का अभ्यास करने से छात्रों को विषय पर ध्यान केंद्रित करने और विषय के बारे में छोटी और कुरकुरी लाइनें लिखने में मदद मिलती है। इसलिए, यहां संकलित सूची में से अपने पसंदीदा या दिलचस्प निबंध विषय को हिंदी में चुनें और निबंध की इस मूल संरचना का अनुसरण करके एक निबंध लिखें।

हिंदी में एक सही निबंध लिखने के लिए याद रखने वाले मुख्य बिंदु

अपने पाठकों को अपने हिंदी निबंधों के साथ संलग्न करने के लिए, आपको हिंदी में एक प्रभावी निबंध लिखते समय कुछ सामान्य नियमों का पालन करना चाहिए। कुछ युक्तियाँ और नियम इस प्रकार हैं:

  • अपना हिंदी निबंध विषय / विषय दिए गए विकल्पों में से समझदारी से चुनें।
  • अब उन सभी बिंदुओं को याद करें, जो निबंध लिखने शुरू करने से पहले विषय के बारे में एक विचार रखते हैं।
  • पहला भाग: परिचय
  • दूसरा भाग: विषय का शारीरिक / विस्तार विवरण
  • तीसरा भाग: निष्कर्ष / अंतिम शब्द
  • एक निबंध लिखते समय सुनिश्चित करें कि आप एक सरल भाषा और शब्दों का उपयोग करते हैं जो विषय के अनुकूल हैं और एक बात याद रखें, वाक्यों को जटिल न बनाएं,
  • जानकारी के हर नए टुकड़े के लिए निबंध लेखन के दौरान एक नए पैराग्राफ के साथ इसे शुरू करें।
  • अपने पाठकों को आकर्षित करने या उत्साहित करने के लिए जहाँ कहीं भी संभव हो, कुछ मुहावरे या कविताएँ जोड़ें और अपने हिंदी निबंध के साथ संलग्न रहें।
  • विषय या विषय को बीच में या निबंध में जारी रखने से न चूकें।
  • यदि आप संक्षेप में हिंदी निबंध लिख रहे हैं तो इसे 200-250 शब्दों में समाप्त किया जाना चाहिए। यदि यह लंबा है, तो इसे 400-500 शब्दों में समाप्त करें।
  • महत्वपूर्ण हिंदी निबंध विषयों का अभ्यास करते समय इन सभी युक्तियों और बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए, आप निश्चित रूप से किसी भी प्रतियोगी परीक्षाओं में कुरकुरा और सही निबंध लिख सकते हैं या फिर सीबीएसई, आईसीएसई जैसी बोर्ड परीक्षाओं में।

हिंदी निबंध लेखन पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

1. मैं अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार कैसे कर सकता हूं? अपने हिंदी निबंध लेखन कौशल में सुधार करने के सर्वोत्तम तरीकों में से एक किताबों और समाचार पत्रों को पढ़ना और हिंदी में कुछ जानकारीपूर्ण श्रृंखलाओं को देखना है। ये चीजें आपकी हिंदी शब्दावली में वृद्धि करेंगी और आपको हिंदी में एक प्रेरक निबंध लिखने में मदद करेंगी।

2. CBSE, ICSE बोर्ड परीक्षा के लिए हिंदी निबंध लिखने में कितना समय देना चाहिए? हिंदी बोर्ड परीक्षा में एक प्रभावी निबंध लिखने पर 20-30 का खर्च पर्याप्त है। क्योंकि परीक्षा हॉल में हर मिनट बहुत महत्वपूर्ण है। इसलिए, सभी वर्गों के लिए समय बनाए रखना महत्वपूर्ण है। परीक्षा से पहले सभी हिंदी निबन्ध विषयों से पहले अभ्यास करें और परीक्षा में निबंध लेखन पर खर्च करने का समय निर्धारित करें।

3. हिंदी में निबंध के लिए 200-250 शब्द पर्याप्त हैं? 200-250 शब्दों वाले हिंदी निबंध किसी भी स्थिति के लिए बहुत अधिक हैं। इसके अलावा, पाठक केवल आसानी से पढ़ने और उनसे जुड़ने के लिए लघु निबंधों में अधिक रुचि दिखाते हैं।

4. मुझे छात्रों के लिए सर्वश्रेष्ठ औपचारिक और अनौपचारिक हिंदी निबंध विषय कहां मिल सकते हैं? आप हमारे पेज से कक्षा 1 से 10 तक के छात्रों के लिए हिंदी में विभिन्न सामान्य और विशिष्ट प्रकार के निबंध विषय प्राप्त कर सकते हैं। आप स्कूलों और कॉलेजों में प्रतियोगिताओं, परीक्षाओं और भाषणों के लिए हिंदी में इन छोटे और लंबे निबंधों का उपयोग कर सकते हैं।

5. हिंदी परीक्षाओं में प्रभावशाली निबंध लिखने के कुछ तरीके क्या हैं? हिंदी में प्रभावी और प्रभावशाली निबंध लिखने के लिए, किसी को इसमें शानदार तरीके से काम करना चाहिए। उसके लिए, आपको इन बिंदुओं का पालन करना चाहिए और सभी प्रकार की परीक्षाओं में एक परिपूर्ण हिंदी निबंध की रचना करनी चाहिए:

  • एक पंच-लाइन की शुरुआत।
  • बहुत सारे विशेषणों का उपयोग करें।
  • रचनात्मक सोचें।
  • कठिन शब्दों के प्रयोग से बचें।
  • आंकड़े, वास्तविक समय के उदाहरण, प्रलेखित जानकारी दें।
  • सिफारिशों के साथ निष्कर्ष निकालें।
  • निष्कर्ष के साथ पंचलाइन को जोड़ना।

निष्कर्ष हमने एक टीम के रूप में हिंदी निबन्ध विषय पर पूरी तरह से शोध किया और इस पृष्ठ पर कुछ मुख्य महत्वपूर्ण विषयों को सूचीबद्ध किया। हमने इन हिंदी निबंध लेखन विषयों को उन छात्रों के लिए एकत्र किया है जो निबंध प्रतियोगिता या प्रतियोगी या बोर्ड परीक्षाओं में भाग ले रहे हैं। तो, हम आशा करते हैं कि आपको यहाँ पर सूची से हिंदी में अपना आवश्यक निबंध विषय मिल गया होगा।

यदि आपको हिंदी भाषा पर निबंध के बारे में अधिक जानकारी की आवश्यकता है, तो संरचना, हिंदी में निबन्ध लेखन के लिए टिप्स, हमारी साइट LearnCram.com पर जाएँ। इसके अलावा, आप हमारी वेबसाइट से अंग्रेजी में एक प्रभावी निबंध लेखन विषय प्राप्त कर सकते हैं, इसलिए इसे अंग्रेजी और हिंदी निबंध विषयों पर अपडेट प्राप्त करने के लिए बुकमार्क करें।

भारत पर निबंध (Essay On India in Hindi) 10 lines 100, 150, 200, 250, 300, 500, शब्दों मे

kindness essay 500 words in hindi

Essay On India in Hindi – भारत क्षेत्रफल के हिसाब से सातवां सबसे बड़ा देश है और एशिया में स्थित दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। भारत के तीन किनारे दक्षिण में हिंद महासागर, दक्षिण पश्चिम में अरब सागर और दक्षिण पूर्व में बंगाल की खाड़ी से घिरे हुए हैं, यह उत्तर में पाकिस्तान, चीन, नेपाल और भूटान के साथ भूमि सीमा साझा करता है; और बांग्लादेश, और म्यांमार पूर्व में। भारत का राष्ट्रीय पशु रॉयल बंगाल टाइगर है, भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है, भारत का राष्ट्रीय फल आम है, भारत का राष्ट्रीय फूल कमल है, और भारत का राष्ट्रीय गान जन गण मन है।

छात्रों और बच्चों के लिए भारत पर लघु निबंध (Short Essay on India for Students and Kids in Hindi)

एशिया महाद्वीप में स्थित भारत देश क्षेत्रफल के हिसाब से सातवां सबसे बड़ा देश है और दुनिया का दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। 15 अगस्त 1947 को भारत को आजादी मिली। भारत में 29 राज्य और 7 केंद्र शासित प्रदेश हैं। भारत के राष्ट्रीय ध्वज का आकार क्षैतिज है, और यह शीर्ष पर गहरा केसरिया रंग, बीच में सफेद रंग और सबसे नीचे कठोर हरा रंग और सफेद रंग के बीच में एक अशोक चक्र के साथ तिरंगा है।

भारत की राजधानी नई दिल्ली है। भारत का राष्ट्रीय पशु रॉयल बंगाल टाइगर है, भारत का राष्ट्रीय पक्षी मोर है, भारत का राष्ट्रीय फल आम है, भारत का राष्ट्रीय फूल कमल है। भारत का राष्ट्रगान रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा लिखित जन गण मन है, और राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” है और राष्ट्रीय खेल हॉकी है। हम भारत में भाषाओं, भोजन, संस्कृतियों, भूमि, तापमान की किस्मों को देख सकते हैं। भारत में इतनी विविधता होने के बावजूद भी भारत के लोग आपस में मिलजुल कर रहते हैं।

भारत पर निबंध 10 लाइन (Essay on India 10 lines in Hindi)

  • 1) भारत या ‘भारत गणराज्य’ एशिया का एक प्रायद्वीपीय देश है अर्थात् यह तीन ओर से जल से घिरा हुआ है।
  • 2) 7 पड़ोसी देशों के साथ भारत दुनिया का सातवाँ सबसे बड़ा देश है।
  • 3) चीन के बाद 1.3 अरब लोगों के साथ भारत दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी वाला देश है।
  • 4) पश्चिमी भाग में ‘अरब सागर’, दक्षिणी भाग में ‘हिंद महासागर’ और पूर्व में ‘बंगाल की खाड़ी’ है।
  • 5) भारत का उत्तरी भाग पहाड़ों से ढका हुआ है और प्रसिद्ध पर्वत श्रृंखलाओं में से एक ‘हिमालय’ है।
  • 6) भारत में बहने वाली कई छोटी और बड़ी नदियाँ हैं, जैसे गंगा, यमुना, ब्रह्मपुत्र, नर्मदा, गोदावरी, कावेरी आदि।
  • 7) भारत का राष्ट्रीय ध्वज एक आयताकार तिरंगा झंडा है जिसमें सबसे ऊपर केसरिया, बीच में सफेद और नीचे हरे रंग में बीच में ‘अशोक चक्र’ है।
  • 8) भारत का राष्ट्रीय प्रतीक ‘सारनाथ’ में ‘अशोक की शेर की राजधानी’ है और इसके नीचे “सत्यमेव जयते” लिखा है, जिसका अर्थ है सत्य की ही जीत होती है।
  • 9) भारत का राष्ट्रगान “जन गण मन” है जिसकी रचना रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी।
  • 10) भारत का राष्ट्रीय गीत “वंदे मातरम” है जिसे बंकिम चंद्र चटर्जी ने लिखा था।

भारत पर निबंध 20 लाइन (Essay on India 20 lines in Hindi)

  • 1) भारत विशाल सांस्कृतिक और धार्मिक विविधता वाला विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है।
  • 2) भारत 29 राज्यों और सात केंद्र शासित प्रदेशों के संघ के साथ एक एकल एकात्मक देश है।
  • 3) भारत में विशाल भौगोलिक विविधताएँ भी हैं – पर्वत श्रृंखलाएँ से लेकर शुष्क रेगिस्तान और सदाबहार वन।
  • 4) वन्यजीवों से समृद्ध भारत एशियाई शेरों, बंगाल के बाघों, हाथियों और विभिन्न अन्य प्रजातियों का घर है।
  • 5) मेघालय के उत्तर पूर्वी राज्य चेरापूंजी में भारत में सबसे अधिक वार्षिक वर्षा होती है।
  • 6) राजस्थान के उत्तर पश्चिमी राज्य में जैसलमेर के रेगिस्तान में बहुत कम या बिल्कुल भी वर्षा नहीं होती है।
  • 7) भारत में हर राज्य की अपनी जातीयता के साथ-साथ सांस्कृतिक और भाषाई विरासत है।
  • 8) सदियों से आक्रमणों को देखने के बावजूद, भारत ने अपनी संस्कृति और मूल्यों को नहीं खोया है।
  • 9) मुंबई में बांद्रा-वर्ली सी लिंक में स्टील के तार हैं जो पृथ्वी की परिधि तक मापते हैं।
  • 10) भारत दुनिया की सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक, सिंधु घाटी सभ्यता का घर रहा है।
  • 11) देश का नाम ‘इंडिया’ अति प्राचीन सिंधु नदी से लिया गया है।
  • 12) भारत गाँवों की भूमि है जहाँ 60 प्रतिशत से अधिक जनसंख्या ग्रामीण क्षेत्र में रहती है।
  • 13) संयुक्त राज्य अमेरिका के बाद भारत में दूसरी सबसे बड़ी कृषि भूमि है और अधिकांश लोग कृषि में कार्यरत हैं।
  • 14) यह वह देश है जहाँ महान वैज्ञानिक, आध्यात्मिक गुरु, गणितज्ञों ने जन्म लिया और महान कार्य किया।
  • 15) भारत विविध संस्कृतियों, रीति-रिवाजों, परंपराओं और भाषाओं का देश है।
  • 16) भारत वह देश है जिसने पूरी दुनिया को सनातन धर्म के नाम से लोकप्रिय जीवन दर्शन के बारे में सिखाया।
  • 17) भारत का ISRO अमेरिका, रूस, चीन और यूरोप के अंतरिक्ष संगठन के बाद पांचवां सबसे बड़ा अंतरिक्ष संगठन है।
  • 18) संयुक्त राज्य अमेरिका और चीन के बाद भारत के पास तीसरी सबसे बड़ी सेना है।
  • 19) इसमें लगभग 600 वन्य जीवन अभयारण्य हैं और पक्षियों की 1400 प्रजातियों का घर है।
  • 20) भारत में कई प्रसिद्ध और प्राचीन ऐतिहासिक इमारतें, विरासत और स्मारक हैं जो दुनिया भर के लाखों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।

इनके बारे मे जाने

भारत पर निबंध 100 शब्द (Essay on India 100 words in Hindi)

भारत पूरे विश्व में प्रसिद्ध देश है। भौगोलिक दृष्टि से हमारा देश एशिया महाद्वीप के दक्षिण में स्थित है। भारत एक अत्यधिक आबादी वाला देश है और स्वाभाविक रूप से सभी दिशाओं से सुरक्षित भी है। यह अपनी महान संस्कृति और पारंपरिक मूल्यों के लिए पूरे विश्व में प्रसिद्ध देश है। इसमें हिमालय नाम का एक पर्वत है जो दुनिया में सबसे ऊंचा है। यह तीन तरफ से तीन महासागरों से घिरा हुआ है, जैसे दक्षिण में हिंद महासागर, पूर्व में बंगाल की खाड़ी और पश्चिम में अरेबिका सागर। भारत एक लोकतांत्रिक देश है, जो जनसंख्या के मामले में दूसरे नंबर पर है। भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी है, यद्यपि यहाँ लगभग 14 राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त भाषाएँ बोली जाती हैं।

भारत पर निबंध 150 शब्द (Essay on India 150 words in Hindi)

भारत एक खूबसूरत देश है जो अपनी अलग संस्कृति और परंपरा के लिए जाना जाता है। यह अपनी ऐतिहासिक विरासत और स्मारकों के लिए प्रसिद्ध है। यहां के नागरिक स्वभाव से बेहद विनम्र और चकाचौंध वाले हैं। ब्रिटिश शासन के तहत, यह 1947 से पहले एक गुलाम देश था। हालाँकि, हमारे महान स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष और समर्पण के कारण, भारत को 1947 में अंग्रेजों से आज़ादी मिली। जब भारत को आज़ादी मिली, तो पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत के पहले प्रधान मंत्री बने और भारतीय ध्वज फहराया और कहा “जब दुनिया सोती है, भारत जीवन और स्वतंत्रता के लिए जागेगा”।

भारत एक लोकतांत्रिक और लोकतांत्रिक देश है जहां देश के लोगों को देश की भलाई के लिए निर्णय लेने का अधिकार है। भारत इस कथन “विविधता में एकता” के लिए प्रसिद्ध देश है क्योंकि विभिन्न जाति, धर्म, संस्कृति और परंपरा के लोग एक साथ एकता में रहते हैं। अधिकांश भारतीय स्मारक और विरासत स्थल विश्व धरोहर स्थल से जुड़े हुए हैं।

भारत पर निबंध 200 शब्द (Essay on India 200 words in Hindi)

भारत एक धर्मनिरपेक्ष लोकतंत्र है। इसका अर्थ है कि सभी धर्मों का समान रूप से सम्मान किया जाता है, और प्रत्येक व्यक्ति किसी भी धर्म का पालन करने के लिए स्वतंत्र है। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। यहां के लोगों के पास सभी बुनियादी मानवाधिकार हैं। भारत का राष्ट्रीय विरासत पशु भारतीय हाथी है। भारत की राष्ट्रीय नदी गंगा है। गंगा एक पवित्र हिंदू नदी है, जो इतनी पवित्र है कि ऐसा माना जाता है कि यह लोगों के पापों को धो देती है। भारत में सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार भारत रत्न है, जिसका अर्थ है ‘भारत का गहना’।

भारत की सबसे प्रमुख हस्तियां जो उत्कृष्टता के साथ सेवा करती हैं, उनका कार्यक्षेत्र समर्पण के साथ है, और कड़ी मेहनत इस पुरस्कार को अर्जित करती है। परमवीर चक्र बहादुरी प्रदर्शित करने के लिए दिया जाने वाला भारत का सर्वोच्च सैन्य सम्मान है। नागरिकों की रक्षा के लिए अपना जीवन ऑनलाइन करने वाले सैनिक भारत के नायक हैं। भारत के पहले प्रधान मंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू थे, जिन्हें पंडित नेहरू या चाचा नेहरू भी कहा जाता है।

संविधान सभा द्वारा भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। वह आईएनसी (भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस) के सदस्य थे, और वह एक विद्वान थे। मोहनदास करमचंद गांधी, जिन्हें प्यार से बापूजी या महात्मा गांधी के नाम से जाना जाता है, हमारे राष्ट्रपिता हैं। वह दुनिया भर में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त व्यक्ति हैं, जो अहिंसा द्वारा देश की स्वतंत्रता में उनके योगदान के लिए जाने जाते हैं। रवींद्रनाथ टैगोर ने वर्ष 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार जीता था, और वे भारत के सबसे प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों में से एक हैं।

भारत पर निबंध 250 शब्द (Essay on India 250 words in Hindi)

भारत में राजनीतिक परिदृश्य एक बहुदलीय चुनावी प्रणाली है। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस (INC) भारत की पहली राजनीतिक पार्टी थी। भारत वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) द्वारा शासित है। भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र दामोदरदास मोदी हैं, जबकि देश के राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद हैं। गृह मंत्रालय का ध्यान अमित शाह द्वारा रखा जाता है, और विदेश मंत्रालय या विदेश मामलों के मंत्री सुब्रह्मण्यम जयशंकर हैं।

भारत को एक विकासशील देश माना जाता है और इसके वर्ष 2033 में महाशक्तियों की सूची में आने की उम्मीद है। चीन के बाद भारत भारत में दूसरा सबसे अधिक आबादी वाला देश है। जुलाई 2019 तक भारत की अनुमानित जनसंख्या 1,296,834,042 है। भारत की उत्तरी सीमा पर हिमालय और देश में बहने वाली गंगा के साथ आश्चर्यजनक विशेषताएं हैं। नई दिल्ली भारत की राष्ट्रीय राजधानी है।

भारत में वर्तमान में 28 राज्य और 8 केंद्र शासित प्रदेश, 2 प्रमुख भाषाएँ और 22 आधिकारिक रूप से मान्यता प्राप्त राज्य आधारित भाषाएँ हैं। भारत को एक उपमहाद्वीप कहा जाता है और तीन प्रमुख जल निकायों के साथ इसे तीन तरफ से कवर किया जाता है, अर्थात् बंगाल की खाड़ी, अरब सागर और महान हिंद महासागर। ब्रिटिश भारत के औपनिवेशिक शासक थे और उन्होंने 200 वर्षों तक देश पर शासन किया। इसकी शुरुआत ईस्ट इंडिया कंपनी के भारत में व्यापार करने और अधिक लाभ कमाने के लिए सत्ता पर कब्जा करने के लिए कलकत्ता पर कब्जा करने के साथ हुई। यह धीरे-धीरे फैल गया, और भारत वर्ष 1858 में ब्रिटिश महारानी के नियंत्रण में आ गया। भारत दुनिया की सबसे बड़ी सेना रखने में चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। इसकी FPF रैंक गिरकर चौथे स्थान पर आ गई है क्योंकि इस मामले में अमेरिका और रूस चीन और भारत से आगे हैं।

भारत पर निबंध 300 शब्द (Essay on India 300 words in Hindi)

भारत मेरी मातृभूमि है जहां मैंने जन्म लिया है। मैं भारत से प्यार करता हूं और मुझे इस पर गर्व है। भारत एक बड़ा लोकतांत्रिक देश है, जो जनसंख्या के बाद चीन के बाद दूसरे स्थान पर है। इसका समृद्ध और गौरवशाली इतिहास रहा है। इसे विश्व की पुरानी सभ्यता के देश के रूप में देखा जाता है। यह सीखने की भूमि है जहां दुनिया के कोने-कोने से छात्र यहां के विश्वविद्यालयों में पढ़ने आते हैं।

यह देश अपनी अनूठी और विविध संस्कृति और कई धर्मों के लोगों की परंपरा के लिए प्रसिद्ध है। प्रकृति से आकर्षित होने के कारण विदेशों में रहने वाले लोग भी यहां की संस्कृति और परंपरा का पालन करते हैं। कई हमलावर यहां आए और यहां की खूबसूरती और बेशकीमती चीजें चुरा लीं। कुछ ने इसे अपना गुलाम मान लिया, देश के कई महान नेताओं के संघर्ष और बलिदान के कारण 1947 में हमारी मातृभूमि अंग्रेजों की गुलामी से मुक्त हो गई।

उसी दिन से हमारी मातृभूमि हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के रूप में आजाद हुई। पंडित नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। प्राकृतिक संसाधनों से परिपूर्ण भूमि होते हुए भी यहां के निवासी गरीब हैं। रवींद्रनाथ टैगोर, सर जगदीश चंद्र बोस, सर सीवी रमन, श्री एचएन भाभा आदि जैसे उत्कृष्ट लोगों के कारण यह प्रौद्योगिकी, विज्ञान और साहित्य के क्षेत्र में लगातार बढ़ रहा है।

यह एक शांतिपूर्ण देश है जहां लोग बिना किसी हस्तक्षेप के अपने त्योहार मनाते हैं और विभिन्न धर्मों के लोग अपनी संस्कृति और परंपरा का पालन करते हैं। यहां कई बेहतरीन ऐतिहासिक इमारतें, विरासत, स्मारक और खूबसूरत नजारे हैं जो हर साल अलग-अलग देशों का मन मोह लेते हैं। भारत में, ताजमहल एक महान स्मारक और प्रेम का प्रतीक है और कश्मीर पृथ्वी के स्वर्ग के रूप में है।

भारत पर निबंध 500 शब्द (Essay on India 500 words in Hindi)

भारत हमारा देश ‘अनेकता में एकता’ का बेहतरीन उदाहरण है। विभिन्न पृष्ठभूमि और धर्मों के लोग यहां शांति और सद्भाव से रहते हैं। इसके अलावा, हमारा देश विभिन्न भाषाओं के लिए जाना जाता है। यहां तक ​​कि आपको हमारे देश में हर 100 किलोमीटर पर एक अलग भाषा मिल जाएगी। हमारे देश पर निबंध के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि भारत क्या है।

अनेकता में एकता- हमारा देश निबंध

भारत एक अनूठा देश है जो विभिन्न प्रकार के लोगों को आश्रय देता है जो विभिन्न भाषाएं बोलते हैं, विभिन्न खाद्य पदार्थ खाते हैं और विभिन्न प्रकार के कपड़े पहनते हैं। हमारे देश को जो खास बनाता है वह यह है कि इतने सारे मतभेदों के बावजूद लोग हमेशा शांति से एक साथ रहते हैं।

हमारा देश भारत दक्षिण एशिया में स्थित है। यह एक बड़ा देश है जो लगभग 139 करोड़ लोगों का घर है। इसके अलावा, भारत पूरी दुनिया में सबसे बड़ा लोकतंत्र भी है। सबसे पुरानी सभ्यताओं में से एक होने के कारण, यह एक बहुत समृद्ध देश है।

हमारे देश में उपजाऊ मिट्टी है जो इसे पूरी दुनिया में सबसे बड़ा गेहूं उत्पादक बनाती है। भारत ने साहित्य और विज्ञान के क्षेत्र में प्रसिद्ध हस्तियों को जन्म दिया है। उदाहरण के लिए, रवींद्रनाथ टैगोर, सीवी रमन, डॉ अब्दुल कलाम और अन्य भारतीय हैं।

यह एक ऐसा देश है जो हजारों गांवों का घर है। इसी प्रकार, भारत के खेतों को शक्तिशाली नदियों द्वारा सिंचित किया जाता है। उदाहरण के लिए, गंगा, कावेरी, यमुना, नर्मदा और अन्य भारत की नदियाँ हैं।

सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमारे देश के तटों की रक्षा गहरे महासागर करते हैं और शक्तिशाली हिमालय हमारी प्राकृतिक सीमाएँ हैं। एक धर्मनिरपेक्ष राज्य होने के नाते, भारत में विभिन्न प्रकार के धर्म हैं जो एक साथ खुशी से फलते-फूलते हैं।

हमारे देश की प्रसिद्ध चीजें निबंध

हमारे देश की संस्कृति दुनिया भर में बेहद समृद्ध और प्रसिद्ध है। हम जो अलग-अलग भाषाएं बोलते हैं और जिन अलग-अलग देवताओं की हम पूजा करते हैं, वे हमारे बीच मतभेद पैदा नहीं करते हैं। हम सभी एक ही भावना साझा करते हैं।

भारत की आत्मा पूरे देश में चलती है। इसके अलावा, भारत बहुत सारे पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है। उदाहरण के लिए, ताजमहल, कुतुब मीनार, गेटवे ऑफ इंडिया, हवा महल, चारमीनार और बहुत कुछ काफी लोकप्रिय हैं।

ये आकर्षण दुनिया भर के लोगों को एक साथ लाते हैं। इसी तरह, हमारे पास कश्मीर है जिसे धरती पर स्वर्ग के रूप में जाना जाता है। कश्मीर की प्राकृतिक सुंदरता, शक्तिशाली नदियाँ और भव्य घाटियाँ वास्तव में इसे स्वर्ग बनाती हैं।

इसके अलावा, भारत एक बहुत समृद्ध खाद्य संस्कृति होने के लिए प्रसिद्ध है। हमारे देश में इतने सारे व्यंजन पाए जाते हैं कि एक बार में सब कुछ खाना संभव नहीं है। समृद्धि के कारण हमें सब कुछ सर्वोत्तम मिलता है।

हमारे देश निबंध का निष्कर्ष

कुल मिलाकर हमारे देश की एक हजार साल पुरानी संस्कृति है। इसे दुनिया ने योग और आयुर्वेद की देन भी दी है। इसके अलावा, भारत ने विज्ञान, संगीत, गणित, दर्शन और अन्य क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। यह विश्व स्तर पर लगभग हर क्षेत्र में एक आवश्यक देश है।

भारत पर अनुच्छेद पर अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

भारत में घूमने के लिए सबसे अच्छी जगह कौन सी है.

भारत में देखने लायक कई जगहें हैं, यह ध्यान में रखते हुए कि देश कितना खूबसूरत है। दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और बैंगलोर यात्रा करने के लिए सबसे अच्छे भारतीय शहरों में से कुछ हैं। भारत में सबसे अच्छे समुद्र तट पुरी, ओडिशा और गोवा में वागा बीच हैं।

भारत में सबसे अधिक साक्षर राज्य कौन सा है?

केरल, प्रायद्वीप के दक्षिणी किनारे पर स्थित एक राज्य, भारत में सबसे अधिक साक्षरता दर वाला राज्य है। इसकी साक्षरता दर 91.58% है।

भारत का सबसे बड़ा राज्य कौन सा है?

उत्तर प्रदेश या यूपी भारत का सबसे बड़ा राज्य है, इसके क्षेत्रफल को देखते हुए।

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Essay On Diwali In Hindi (100, 200, 300, 500, 700, 1000 Words)

दीपावली निबंध 1 (100 शब्द) :.

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अपने सौंदर्य और त्यौहारों की वजह से जाना जाता है इन्हीं में से एक त्यौहार दीपावली होता है। इस दिन को भगवान राम की रावण पर अथार्त ज्ञान की अज्ञान पर जीत के रूप में मनाया जाता है। दीपावली को सर्दियों के समय अक्तूबर या नवंबर में कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन बहुत ही धूम-धाम से मनाया जाता है।

इस दिन भगवान श्री राम राक्षस रावण का वध करके और 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस आये थे जिसकी खुशी में अयोध्यावासियों ने घी के दीप जलाए थे। दीपावली के आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने-अपने घरों की साफ-सफाई करने लगते हैं और अपने घर को पूरी तरह से पवित्र कर देते हैं।

इस दिन सभी लोग नए-नए कपड़े पहनकर घरों में लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग मिठाईयां बांटते हैं और पटाखे जलाते हैं। हर घर में अलग-अलग तरह के व्यंजन और पकवान बनाए जाते हैं। इस दिन बहुत से लोग शराब पीते हैं, जुआ खेलते हैं, लड़ाई-झगड़ा करते हैं जिसकी वजह से पर्यावरण भी दूषित होने लगता है जो अच्छी बात नहीं है।

दीपावली निबंध 2 (200 शब्द) :

हम भारत देश में रहते हैं जिसे अलग-अलग धर्मों में एकता, संस्कृति, रीति-रिवाजों और अलग-अलग उत्सवों की वजह से जाना जाता है। भारत देश में सभी धर्मों के त्यौहारों को महत्व दिया जाता है जिस प्रकार हिंदुओं के पर्व दीपावली को महत्व दिया जाता है। दीपावली त्यौहार को कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अपने देश अयोध्या लौटे थे।

श्री राम के आने की खुशी में लोगों ने दिए जलाकर पूरी अयोध्या नगरी को जगमगा दिया था। दीपावली का अर्थ होता है दीपों की पंक्ति जिसमें दीयों को एक पंक्ति में जलाया जाता है। इस दिन के महत्व के रूप में लोग यह कहते हैं कि अगर इस दिन घरों, दुकानों और कार्यालयों की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जाए तो लक्ष्मी जी का प्रवेश होता है।

इस दिन को बेहतर बनाने के लिए लोग नए कपड़े, पटाखे, बर्तन, साज-सज्जा के सामान खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग नए कपड़े पहनकर सबसे पहले लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद सभी लोग आपस में गले मिलते हैं और मिठाईयां बांटते हैं। बच्चे पटाखे जलाकर अपनी खुशी व्यक्त करते हैं। इस तरह से ओग भगवान श्री राम के प्रति अपनी खुशी और प्रसन्नता प्रकट करते हैं।

दीपावली निबंध 3 (300 शब्द) :

भूमिका : भारत में सभी धर्मों का बहुत महत्व है लेकिन हिन्दू धर्म की दीपावली को सभी धर्मों में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है। दीपावली को सिर्फ भारत देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी बहुत ही उत्साह और महत्व के साथ मनाया जाता है।

इस दिन को इतना महत्व भगवान श्री राम की रावण पर और अच्छाई की बुराई पर जीत की वजह से मिला है। जिस दिन भगवान श्री राम 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या वापस लौटे थे तो अयोध्यावासियों ने रात को दिन में बदलने के लिए दिए जलाए थे जिसकी वजह से पूरी अयोध्या जगमगाने लगी थी इसलिए इस दिन को सभी लोग दीपावली के रूप में मनाते हैं।

लक्ष्मी पूजन : दीपावली आने की खुशी में लोग अपने घरों, कार्यालयों, दुकानों और कारखानों में अच्छी तरह से साफ-सफाई करते हैं जिससे उनके जीवन के हर अँधेरे को दूर करने के लिए लक्ष्मी जी उनके जीवन में प्रवेश करें। रात के समय लोग नहा-धोकर नए कपड़े पहनते हैं जिसके बाद समय के साथ लक्ष्मी पूजन करके गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी को याद किया जाता है।

दीपावली के दिन सभी लोग बहुत से मजेदार खेल खेलते हैं, स्वादिष्ट व्यंजन खाते हैं और पटाखे जलाकर इस दिन को बहुत ही खास बना देते हैं। इस दिन सभी जगहों चाहे वह सरकारी कार्यालय हो या सडक सभी को साफ करके अच्छी तरह से सजाया जाता है। इस दिन सभी लोग दिए, मोमबत्ती, लड़ी लगाकर अपने घरों को सजाते हैं। इस दिन लोग एक-दूसरे को उपहार देते हैं, मिठाईयां खिलाते हैं और दीपावली की बधाई देते हैं।

उपसंहार : कोई भी त्यौहार उस देश का इतिहास होता है ठीक उसी तरह से भारत का एक इतिहास को दीपावली त्यौहार के रूप में हर साल याद किया जाता है। इसे भारत में एकता के रूप में देखा जाता है। दीपों के त्यौहार को दीपावली को अलग-अलग नामों से जाना जाता है जो बहुत ही आनंद और उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह त्यौहार इतना पवित्र और महत्व वाला होता है कि किसी भी व्यक्ति को न्य जीवन जीने के लिए उत्साह प्रदान करता है।

दीपावली निबंध 4 (400 शब्द) :

भूमिका : दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसे भारत के साथ-साथ बहुत से अन्य देशों में भी मनाया जाता है जहाँ पर भी भारतीय लोग रहते हैं। जब कोई व्यक्ति अपने अज्ञान रूपी अंधकार को हटाकर उसपर ज्ञान रूपी उजाले को प्रज्ज्वलित करता है तो उसे एक बहुत ही असीम और आलौकिक आनंद का अनुभव होता है।

दीपावली भी इसी तरह का त्यौहार है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम अथार्त ज्ञान ने रावण रूपी अज्ञान को पराजित किया था। राम जी के वनवास से वापसी के लिए लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को फूलों, दीपों और रंगों से बहुत ही अच्छी तरह से सजाया था। जिसकी वजह से इसे दीपावली नाम दे दिया गया और हर साल मनाया जाने लगा।

दीपावली का इतिहास : दीपावली त्यौहार को अक्तूबर या नवंबर के महीने में कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इस दिन का हमारे भगवान श्री राम से बहुत ही गहरा संबंध है। इस दिन भगवान श्री राम ने लंकापति रावण को मारकर सीता माता को पुनः प्राप्त किया था।

सीता माता के साथ वनवास काटकर वापस लौटने की खुशी में उनकी प्रजा ने घी के दीए जलाकर अमावस्या की रात को पूर्णिमा में बदल दिया था। इस दिन लोगों ने पूरी अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया था और वहां के बाजारों में बहुत ही भीड़ थी क्योंकि श्री राम के वापस आने की खुशी में लोग मिठाईयां, कपड़े, खिलौने, पटाखे और उपहार खरीद रहे थे।

दीपावली का दिन : दीपावली का त्यौहार आने से कुछ दिनों पहले से ही लोग उत्साहित होने लगते हैं और अपने घरों और आसपास की साफ-सफाई करें ताकि उनके घर में किसी तरह की अशुद्धि न रह सके। इस दिन लोग बहुत ही खुश रहते हैं और एक-दूसरे को बधाई देते हैं।

इस दिन लोग अपने बच्चों के लिए खिलौने, मिठाईयां, बर्तन, कपड़े और पटाखे खरीदते हैं। इस दिन लोग अपने-अपने घरों और काम की जगहों को सजाते हैं। रात के समय लोग अपने-अपने घर में लक्ष्मी पूजन करते हैं जिसके बाद वे अपनी कला का भी प्रदर्शन करते हैं। इस दिन सभी लोग अपने आपसी द्वेष और क्लेश मिटाकर एक-दूसरे को गले लगाते हैं और मिठाईयां खिलाते हैं।

उपसंहार : दीपावली भारत में सभी धर्मों के द्वारा मनाया जाने वाला एक त्यौहार है क्योंकि यह सभी के लिए खुशी और आशीर्वाद लेकर आता है। इस त्यौहार की वजह से हर साल लोगों को बुराई पर अच्छाई की जीत का एक नया सत्र सीखने को मिलता है।

किसी भी तरह का पर्व हमें उसके भूत में ले जाता है और हम फिर से एक बार उसके पीछे के कारणों को याद कर पाते हैं। यह एक बहुत ही अच्छा तरीका होता है अपने पुराने समय या अपने देश के अतीत को स्मरण करने का।

दीपावली निबंध 5 (500 शब्द) :

भूमिका : भारत एक त्यौहारों का देश है जिसमें हर महीने कोई-न-कोई त्यौहार या जयंती मनायी जाती है लेकिन इन्हीं में से एक त्यौहार दीपावली होता है जो एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है। दीपावली त्यौहार के पीछे बहुत सी धार्मिक और सांस्कृतिक मान्यताएं हैं। इस त्यौहार को मनाने के पीछे एक बहुत ही खास कारण है जो भगवान श्री राम से संबंधित है।

इस दिन भगवान श्री राम ने असुर रावण का वध किया था और अपनी पत्नी सीता को रावण की कैद अथार्त लंका से आजाद कराया था। यह पर्व वर्षा ऋतू के जाने के बाद शीत ऋतू के शुरू होने की ओर संकेत करता है। इस त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें धनतेरस, छोटी दीपावली, बड़ी दीपावली, गौधन, भाई दूज आदि त्यौहार एक के बाद एक मनाए जाते हैं।

दीपावली का अर्थ : दीपावली दो शब्दों से मिलकर बना है जो संस्कृत से लिया गया है जिसका अर्थ होता है दीपों की पंक्ति या दीपों से सजी हुई पंक्ति। इस दिन बहुत सारे दीप और मोमबत्तियां जलाई जाती हैं जिसकी वजह से इस दिन को रौशनी का त्यौहार और दीपोत्सव भी कहा जाता है।

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इस दिन को मनाने के पीछे वैसे तो बहुत सारी कथाएं होती हैं लेकिन सबसे प्रमुख श्री राम चंद्र जी की असुर रावण पर जीत की कथा है। अमावस्या के दिन बहुत अधिक अँधेरा होता है जिसे दूर करने के लिए दीपों से घरों को सजाया जाता है और अँधेरे को दूर भगाया जाता है। दीपावली के दिन गणेश और लक्ष्मी पूजन किया जाता है जिससे घर में सुख-शांति का प्रवेश हो सके। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने महारस लीला का आयोजन किया था जिसकी वजह से भी इस दिन का महत्व और भी बढ़ गया था।

दीपावली का महत्व : दीपावली को पूरे भारत में बहुत ही खुशी और धूम-धाम से मनाया जाता है। इस दिन को अंधकार पर प्रकाश, बुराई पर अच्छाई, अज्ञान पर ज्ञान की जीत के रूप में मनाया जाता है।

इस दिन को सभी लोगों के द्वारा बहुत ही सुंदर और पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है जिसका भारत की आर्थिक दृष्टि से बहुत महत्व होता है क्योंकि दीपावली के त्यौहार पर लोग खिलौने, बर्तन, सोना, आभूषण, मिठाईयां, कपड़े आदि की खरीददारी करते हैं और पैसा खर्च करते हैं जिसकी वजह से भारत को भी बहुत लाभ होता है।

इस दिन का महत्व राम, पांडव आदि की वजह से बढ़ जाता है। आज के दिन गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है क्योंकि आज के ही दिन समुद्र मंथन हुआ था जिसमें लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से आज के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।

बच्चों की दीपावली : दीपावली त्यौहार का नाम सुनते ही बच्चों के चेहरे खुशी से झूमने लगते हैं। सभी बच्चे इस त्यौहार में होने वाली सभी गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में बढ़ चढ़कर भाग लेते हैं। दीपावली के दिन स्कूलों में अध्यापकों के द्वारा बच्चों के लिए सजावट, रंगोली प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता आयोजित की जाती हैं जिसमें बच्चे बहुत ही उत्साह के साथ भाग लेते हैं।

स्कूलों में दीपावली त्यौहार के कार्यक्रम बहुत दिनों पहले से ही शुरू होने लगते हैं। दीपावली के दिन का बच्चों के लिए बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इस दिन घर के बड़े बच्चों के लिए मिठाईयां, खिलौने, पटाखे, कपड़े और उपहार खरीदते हैं जिसकी वजह से बच्चों को बहुत अधिक प्रसन्नता होती है।

उपसंहार : दीपावली के दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से बहुत महत्व होता है क्योंकि हमारे इतिहास की वजह से आज हम खुश और संपन्न रहते हैं। इस दिन को और अधिक उत्साहित और सुरक्षित बनाने के लिए जितना हो सके बच्चों को ऐसी चीजों से दूर रखना चाहिए जो प्रदूषण या स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाती हों।

आजकल हम देखते हैं कि लोग पटाखे छोड़कर प्रदूषण फैलाते हैं और कभी-कभी तो बड़े-बड़े पटाखों को छोड़ते समय बच्चों को चोट लग जाती है। कभी-कभी तो बच्चे जल भी जाते हैं और बच्चों की मृत्यु भी हो जाती है। हम सभी को अधिक-से-अधिक कोशिश करनी चाहिए कि हम कम शोर, प्रदूषण और जोखिम लेकर इस दिन को और अधिक महत्व दें।

दीपावली निबंध 6 (600 शब्द) :

भूमिका : भारत देश में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं जो अलग-अलग धर्मों द्वारा मनाए जाते हैं। इन सभी त्यौहारों में से सबसे महत्वपूर्ण त्यौहार होता है दीपावली जिसे प्रकाश का पर्व, जश्न-ए-चिराग, रौशनी का पर्व आदि नामों से जाना जाता है। इस त्यौहार को दीपों या रौशनी के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है क्योंकि यह पर्व सभी के लिए भरोसा और उन्नति लेकर आता है।

दीपावली के त्यौहार को बहुत अधिक महत्व इसलिए दिया जाता है क्योंकि इस त्यौहार को श्री राम चंद्र जी के घर लौटने की खुशी में लोगों ने तरह-तरह की मिठाईयां बांटी और आतिशबाजी करके अपनी खुशी को प्रकट किया था जिसके बाद इस दिन को दीपावली त्यौहार के नाम से प्रति वर्ष मनाया जाने लगा।

दीपावली की परंपरा : दीपावली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई और अंधकार पर प्रकाश की विजय का प्रतीक मन जाता है क्योंकि यह पर्व लोगों में प्रेम और एक-दूसरे के लिए स्नेह की भावना का विकास करता है। दीपावली के त्यौहार को व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों रूप से बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।

दीपावली के त्यौहार को भारत के साथ-साथ अन्य देशों में भी अलग-अलग परंपराओं और रीति-रिवाजों के साथ मनाया जाता है। सभी लोगों में दीपावली की बहुत ही उमंग होती है क्योंकि इसमें वे अपने मन की चीजें जैसे – खाना, मिठाईयां, कपड़े, खिलौने, आदि सभी खरीदते हैं। इस दिन सभी लोग अपने घर के साथ-साथ अपने मनों की भी सफाई करते हैं ताकि उनके घर के साथ-साथ उनके मन में किसी भी तरह की कोई गंदगी या हीन भावना न रह सके।

दीपावली का वर्णन : दीपावली के त्यौहार को अक्तूबर या नवंबर यानि कार्तिक मांस की अमावस्या के दिन मनाया जाता है क्योंकि इस दिन भगवान श्री राम चंद्र 14 वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या नगरी वापस लौटे थे। दीपावली के त्यौहार को पांच दिनों तक मनाया जाता है जिसमें पहले दिन को धनतेरस कहते हैं जिसमें धन के देव कुबेर जी की और अहोई माता की पूजा की जाती है।

धनतेरस के दिन सभी जगह पर बर्तनों की दुकानों को देखा जा सकता है क्योंकि लोग अपने घर में नए बर्तनों को खरीदकर उनकी पूजा करते हैं। दूसरे दिन को छोटी दीपावली कहते हैं क्योंकि इस दिन लोग अपने घर की सारी गंदगी को बाहर निकालकर उसे पवित्र करते हैं।

तीसरे दिन को दीपावली कहा जाता है जिसे लोग बड़े ही उत्साह और धूम-धाम से मनाते हैं। चौथे दिन को गोवर्धन के नाम से जाना जाता है जिसमें भगवान कृष्ण और गोबर की पूजा की जाती है। पांचवे दिन को भाई दूज कहते हैं जिसमें बहनें अपने भाईयों की आरती करती हैं और मिठाईयां खिलाती हैं।

दीपावली की बुराईयाँ : किसी अच्छे और खास उद्देश्य को लेकर बने त्यौहार में भी कालांतर में विकार पैदा हो जाते हैं। जो लोग लक्ष्मी जी की पूजा धन की प्राप्ति करने के लिए करते हैं वहीं पर कुछ लोग इनकी पूजा जूआ खेलकर भी करते हैं। जूआ खेलना एक प्रथा मानी जाती है जिसे पुराने समय से ही खेला जाता रहा है।

इससे समाज व पावन पर्वों के लिए एक कलंक के समान होता है। आज के समय में लोग बहुत अधिक बंब और पटाखे फोड़ते हैं जिसकी वजह से वायु प्रदूषण, भूमि प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण बहुत अधिक मात्रा में बढ़ जाता है। प्रदूषण होने की वजह से व्यक्ति को जीवन जीने में बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ता है।

लक्ष्मी पूजा का इतिहास : रामायण से पहले इस पर्व या त्यौहार को महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था क्योंकि इस दिन जब समुद्र मंथन हुआ था तो देवी लक्ष्मी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से इस दिन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से मनाया जाता था।

इस दिन जो भी व्यक्ति अपने घर की साफ-सफाई रखते हैं और मन से देवी लक्ष्मी जी की आराधना करते हैं तो देवी लक्ष्मी उससे प्रसन्न होकर उस पर अपनी कृपा बरसाती हैं इसलिए इस दिन घर को साफ व स्वच्छ किया जाता है।

इस दिन लोग लक्ष्मी जी के गीत, आरती, मंत्र उच्चारण करते हैं जिससे वे लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर सकें। लक्ष्मी जी धन की अधिष्ठात्री देवी होती हैं जिसकी वजह से उन्हें धन का प्रतिक माना जाता है।

उपसंहार : दीपावली के दिन भगवान गणेश, लक्ष्मी और सरस्वती जी की पूजा की जाती है क्योंकि कोई भी शुभ कार्य या त्यौहार मनाने में सबसे पहले गणेश जी की पूजा की जाती है क्योंकि उन्हें शुभ शुरुआत के देवता, लक्ष्मी जी को धन की देवी और सरस्वती जी को ज्ञान की देवी माना जाता है। दीपावली की रात के समय सभी लोग अपने घरों के दरवाजे खोलकर सोते हैं क्योंकि उन्हें यह उम्मीद रहती है कि आज के दिन उनके घर में लक्ष्मी जी का वास होगा।

दीपावली निबंध 7 (700 शब्द) :

भूमिका : भारत एक ऐसा देश है जहाँ पर अलग-अलग धर्मों को मानने वाले लोग रहते हैं जिसकी वजह से उनमें अनेकता में भी एकता दिखाई देती है। भारत में चाहे कितने भी धर्म हों या त्यौहार हों उन्हें पूरा भारत मिलकर मनाता है उसी तरह से हिंदुओं का त्यौहार दीपावली भी बहुत ही महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे सभी जगह पर अलग-अलग त्रिकोण से मनाया जाता है क्योंकि सभी लोगों के नजरिए अलग-अलग होते हैं वे अपने नजरिए के हिसाब से ही अपने पर्व को मनाने में खुशी महसूस करते हैं।

दीपावली क्यों मनायी जाती है : दीपावली एक ऐसा त्यौहार है जिसका नाम सुनते ही लोगों में खुशी और उत्साह का संचार होता है क्योंकि इसे एक ऐसा त्यौहार माना जाता है जो हर व्यक्ति को एक शुद्ध और नया जीवन जीने के लिए प्रेरित करता है।

दीपावली पर्व को कार्तिक मांस की अमावस्या को मनाया जाता है क्योंकि इस दिन को भगवान श्री राम के वनवास से वापस आने की खुशी में उनकी प्रजा ने अमावस्या के दिन को पूर्णिमा में बदल दिया था इसी वजह से इस दिन को याद रखने के लिए इसे हर साल दीपावली के नाम से मनाया जाने लगा।

स्वच्छता का प्रतीक : जहाँ पर दीपावली के त्यौहार को खुशी और उत्साह का त्यौहार माना जाता है वहीं पर इसे रौनक, ज्ञान, अंतःकरण के साथ-साथ स्वच्छता का भी प्रतीक माना जाता है।

जब घर की सफाई अच्छी तरह से नहीं की जाती है तब घरों में मच्छर, खटमल, पिस्सू, कीड़े, आदि अपना घर बना लेते हैं लेकिन दीपावली के दिन सभी लोग अपने-अपने घरों में साफ-सफाई करके अपनी घर को पूरी तरह से पवित्र कर लेते हैं जिसकी वजह से इस त्यौहार पर चारों तरफ स्वच्छता दिखाई देती है इसीलिए इसे स्वच्छता का प्रतीक माना जाता है।

दीपावली की तैयारी : दीपावली त्यौहार की तैयारियां बहुत से लोग दीपावली से नौ या दस दिन पहले ही करना शुरू कर देते हैं। दीपावली से पहले लोग अपने घरों की साफ-सफाई के साथ-साथ अपने घरों की लिपाई-पुताई करवाते हैं।

लोग अपने घर की साज सज्जा के लिए सभी प्रकार के सामान खरीदते हैं। दीपावली के त्यौहार पर लोग नए बर्तन, कपड़े, खिलौने, मिठाईयां, पटाखे, रंगोली के रंग आदि खरीदते हैं। दीपावली के दिन लोग अलग-अलग तरह की मिठाईयां और पकवान बनाते हैं, अपने घरों पर दीए और मोमबत्ती लगाकर घर को सजाते हैं।

महापुरुषों का निर्वास दिवस : दीपावली के त्यौहार को मनाने के पीछे बहुत सी पौराणिक कथाएं हैं। दीपावली के दिन जैनियों के तीर्थकर महावीर स्वामी जी ने निर्वाण प्राप्त किया था जिसकी वजह से जैनों के लिए इस दिन का बहुत अधिक महत्व है।

स्वामी दयानंद और स्वामी रामतीर्थ जी भी आज के ही दिन निर्वाह को प्राप्त हुए थे। आज का दिन आर्य समाज और सिक्खों के लिए बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है। हिंदुओं के लिए दीपावली का बहुत अधिक महत्व होता है क्योंकि इसी दिन श्री राम चंद्र जी अपना 14 वर्ष का वनवास काटकर वापस आए थे।

पूजा की विधि : दीपावली के दिन लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है क्योंकि आज के दिन लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था इसलिए अगर कोई लक्ष्मी जी को प्रसन्न कर देता है तो उस पर उम्र भर लक्ष्मी देवी की कृपा बरसती है। आज के दिन पूजा के लिए लक्ष्मी माँ की तस्वीर बनाई जाती है जिसपर चांदी का या किसी भी तरह का सिक्का लगाया या चिपकाया जाता है।

आरती की थाली में कुछ पैसे, सोने, रोली, चावल, हल्दी, घी, प्रसाद, शक्कर, मोली, खील, बतासे, आदि रखे जाते हैं जिसके बाद पूरी विधि के साथ लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है जिसमें लोग मुख्य रूप से गीत, आरती, भजन आदि गाते हैं। पूजा के बाद सभी लोगों को प्रसाद बांटा जाता है और एक-दूसरे को दीपावली की बधाई दी जाती है।

उपसंहार : आप सभी लोग दीपावली तो मनाते हैं लेकिन उसके अंदर जो अर्थ छुपा होता है उस अर्थ को समझना भूल जाते हैं। दीपावली पर्व के अंदर एक अर्थ छिपा हुआ है जो हमें अपने अंदर के अंधकार को मिटाकर उसकी जगह पर प्रकाश करना होता है।

दीपावली के त्यौहार पर कभी-कभी ऐसा होता है कि लोग अपने आपसी लड़ाई-झगड़े की वजह से अपने बच्चों को दूसरे बच्चों के साथ खेलने और बधाई देने से रोकते हैं जिसकी वजह से रिश्तों में और इंसानियत में भी कोसों की दूरी हो जाती हिया जिसके बाद किसी को कुछ भी प्राप्त नहीं होता है।

दीपावली निबंध 10 (1000 शब्द) :

भूमिका : हम सभी लोग भारत के वासी है जिसने अनेक महापुरुषों को जन्म दिया है। भारत के अतीत ने बहुत से त्यौहारों और धर्मों में एकता का रूप स्पष्ट किया है। भारत में बहुत से त्यौहार मनाए जाते हैं लेकिन हिंदुओं का पर्व दीपावली बहुत अधिक महत्वपूर्ण होता है क्योंकि यह पर्व हमें उसके आदिकाल में ले जाता है।

इस पर्व को मनाने के पीछे बहुत से धार्मिक और आर्थिक महत्व छुपे हुए हैं। दीपावली त्यौहार को मनाने के पीछे का उद्देश्य है भारत में सामाजिक एकता को बढ़ावा देना क्योंकि इसमें सभी लोग आपसी भेदभाव भूलकर एक-दूसरे के गले लगकर दीपावली की बधाई देते हैं।

दीपावली का अर्थ : प्राचीन काल में संस्कृत भाषा अधिक बोली जाती थी जिसकी वजह से उस समय इस दिन को संस्कृत भाषा में दीपावली का नाम दिया गया था क्योंकि इसका अर्थ दीपों की पंक्ति है जो अयोध्यावासियों ने दीपों को पंक्तियों में जलाकर सिद्ध किया था इसी वजह से इस दिन को दीपावली के नाम से जाना जाता है।

इस शब्द के पीछे एक अर्थ छुपा हुआ है जो हमें बुराई पर अच्छाई की, अज्ञान पर ज्ञान की, अस्वच्छता पर स्वच्छता की, अंधकार पर प्रकाश की विजय का संदेश देता है। इस दिन लोग दीपों को पंक्ति में जलाकर अँधेरे को मिटाने की कोशिश करते हैं क्योंकि वे अँधेरे को चीरकर सभी को प्रकाशमय बनने के लिए प्रेरित करते हैं।

दीपावली का इतिहास : लंकापति रावण एक असुर था जिसने सीता माता का अपहरण किया था। श्री राम ने उस लंकापति रावण को मारकर सीता माता को पुनः प्राप्त किया था जिसे दशहरे के नाम से मनाया जाता है जो दीपावली से 21 दिन पहले आता है।

दशहरे के अगले दिन श्री राम ने अपने भाई भरत से मिल्न किया था और उसे गले लगाया था जिसकी वजह से इस दिन को भरत मिलाव का नाम दिया गया था। इसके बाद दीपावली के दिन भगवान श्री राम, सीता माता और भाई लक्षमण अपना चौदह वर्ष का वनवास काटकर अयोध्या लौटे थे जिसकी खुशी में लोगों ने घी के दीपक जलाकर उनका स्वागत किया था।

दीपावली पर साफ-सफाई : दीपावली के दिन से कुछ दिनों पहले से ही लोग साफ-सफाई करने लगते हैं लेकिन बहुत से लोग तो ऐसे होते हैं कि वे दशहरा आने के पश्चात घर की साफ-सफाई, लिपाई पुताई करवाने लग जाते हैं ताकि उनका घर साफ और स्वच्छ दिखे।

ठीक प्रकार और अधिक दिनों में सफाई करने की वजह से घर में कई तरह के कीट, मच्छर, पक्षी अपना स्थान बना लेते हैं जिन्हें दूर करने के लिए ठीक प्रकार से साफ-सफाई की जरुरत होती है। इस दिन लोग अपने घर की साफ-सफाई करने के साथ-साथ अपने घर की साज-सज्जा की भी अच्छी तरह से व्यवस्था करते हैं।

दीपावली की तैयारियां : दीपावली के दिन से पहले लोग अपने घर की साफ-सफाई करके उसे स्वच्छ और पवित्र कर लेते हैं ताकि उनके घर में शं की देवी लक्ष्मी जी का वास हो सके। दीपावली के दिन के उपलक्ष में बाजारों में बहुत भीड़ पाई जाती है क्योंकि ऐसे समय में लोग नए कपड़े, मोमबत्तियां, खिलौने, पटाखे, बम्ब, मिठाईयां, रंगोली बनाने के रंग, बर्तन और घर को सजाने के लिए बहुत से सामान खरीदते हैं जिसकी वजह से लोगों को बहुत से लाभ होते हैं। दीपावली के दिन लोग अपने घर पर लक्ष्मी पूजन, मिस्ठानों, व्यंजनों आदि की संपूर्ण रूप से तैयारियां करते हैं।

बच्चों की दीपावली : दीपावली का त्यौहार बच्चों के लिए अधिक महत्व रखता है क्योंकि दीपावली का नाम सुनते ही बच्चों के मन में मिठाई, खिलौने, कपड़े, पटाखे आदि के बारे में विचार आने शुरू हो जाते हैं।

दीपावली के लिए स्कूलों में बच्चों के लिए बहुत सी प्रतियोगिताएं जैसे – दौड़, साज-सजावट की प्रतियोगिता, रंगोली प्रतियोगिता, खेल प्रतियोगिता, कहानी प्रतियोगिता आदि की व्यवस्था की जाती है जिसमें बच्चे बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं और विजेता को बहुत ही सम्मान के साथ उपहार दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त बच्चों के लिए आतिशबाजी और पटाखों को लेकर उन्हें सावधानी बरतनी भी बताई जाती है।

दीपावली का आर्थिक महत्व : दीपावली के त्यौहार का जितना धार्मिक महत्व होता है उतना ही इसका आर्थिक महत्व भी होता है क्योंकि दीपावली के त्यौहार पर लोग बहुत सी चीजें खरीदते हैं जिससे बाजारों में बहुत अधिक भीड़ होती है।

दीपावली के दिन लोग नए कपड़े, घर का सामान, उपहार, आभूषण आदि खरीदते हैं क्योंकि आज के दिन खरीददारी और खर्च करने को बहुत अधिक शुभ माना जाता है जो धन और समृद्धि की देवी लक्ष्मी जी के आगमन का संकेत होता है। इस दिन को भारत में सोना और आभूषण खरीदने का दिन माना जाता है क्योंकि आज के ही दिन सभी लोग अपने खर्च की चरम सीमा पर होते हैं।

लक्ष्मी पूजन : आज के दिन जब देवों और राक्षसों के द्वारा समुद्र मंथन किया गया था तो उस समुद्र मंथन के दौरान देवी लक्ष्मी जी का जन्म हुआ था जिसकी वजह से आज के दिन को महालक्ष्मी पूजा के नाम से जाना जाता था और इसी वजह से आज के दिन धन की देवी लक्ष्मी जी की भी पूजा की जाती है।

कार्तिक मांस की अमावस्या को रात के समय देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है उनकी आरती, गीत और भजन गाकर उन्हें प्रसन्न किया जाता है। पूजा होने के बाद सभी लोगों में प्रसाद बांटा जाता है और एक-दूसरे को दीपावली के पर्व की शुभकामनाएं और बधाईयाँ दी जाती हैं।

दीपावली की बुराईयाँ : दीपावली के त्यौहार का एक दूसरा पहलू भी होता है जिसे हम जाने-अनजाने हर साल बढ़ावा देते रहते हैं। इस दूसरे पहलू में आतिशबाजी और पटाखे फोड़ना आता है। इन सभी चीजों का दीपावली के त्यौहार से कोई लेना देना नहीं है लेकिन फिर भी लोग इसे बढ़-चढकर प्रयोग करते हैं।

इन सभी का कोई ऐतिहासिक या पौराणिक वर्णन नहीं है कि प्राचीन काल में भी पटाखे और आतिशबाजी की जाती थी लेकिन इन सभी की वजह से हर साल प्रदूषण में बढ़ोतरी होती है। इस दिन लोग पैसे को धूल समझकर उससे जूआ खेलते हैं जो ठीक नहीं होता है। आज के लोग अपने कुछ क्षणों के मजे के लिए पर्यावरण के साथ खिलवाड़ करने से पीछे नहीं हटते हैं और अपने जीवन को भी खतरे में डाल लेते हैं।

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